भउजी हो !
अँजोरिया पर अँजोर भइल देवर भउजाई के बातचीत के शुरुआती 123 कड़ी आजु एहिजा दे रहल बानी. एह बातचीत का बीच रउरा हर तरह के सवाद मिल जाई. बरिसन के घटना क्रम आँखिन का सोझा आ जाई. हर कड़ी अलगा अलगा दिने, अलगा अलगा मौका पर लिखाइल रहुवे. बाकिर जब दुनिया में भोजपुरी में शुरु भइल पहिलका वेबसाइट बन्द करे के समय आ गइल त हर कड़ी के अलगा अलगा दीहल संभव नइखे. जरुरी नइखे कि एके दिने पढ़ ली.
हँ बाकिर पढ़ला का बाद आपन टिप्पणी दीहल मत भुलाएब.
(123)
भउजी हो !
के हऽ ?
का भउजी ? आजु चिन्हतो नइखू ?
अरे रउरा हईं ! अतना पोता गइल बानी कि चिन्हाते नइखीं.
हँ भउजी. महँगाई के मार में बाकी सब त भुला गइल बाकिर कादों पाँकी ना भुलाइल. एहमें दाम नइखे नू लागे के. सोचनी कि चलीं तोहरो के रंग डालीं बाकिर इहाँ त तुहूँ भोरही पोता गइल बाड़ू.
घड़ी देखनी ह ? कव बजत बा ?
फगुआ के घड़ी से का मतलब ?
कवना दुनिया में रहीलें ? मालूम नइखे सरकार तय कर दिहले बिया कि एक बजे दिन का बाद होली ना खेले दिहल जाई.
सरकार के बाप के राज बा का ? हमार मन जव बजे मन करे तव बजे खेलीं. सामने वाला से पुछ के रंग डालल जाले का ? कि घड़ी देख के ? अबे आठ बजत बा. अबही गोबर पानी चली. अब दस बज गइल बा अब रंग से खेलीं. अब एक बज गइल बा अब अबीर से खेलीं. आ अबीरे में लोग रंग मिला दी त सरकार का करी ? फाँसी चढ़ा दी का ?
ए बबुआ जानत नइखीं. सरकार हिन्दूवन का पर्व त्योहार पर जवन चाहे तवन पाबन्दी लगा सकेले. दोसरा का पर्व पर ना. एकरे नाम सेकूलरिज्म ह.
हँ भउजी, हमनी का अपने में मारे काटे में लागल रही ला से जवने पार्टी का मन करेला हमनी के भिड़ा के आपन मतलब साध लेले. बाकिर ई त हद हो गइल!
ना बबुआ. हद अबही नइखे भइल. आगा होखी अगर इहे रवैया बनल रह गइल त.
(122)
भउजी हो
आईं ए हमार वेलेन्टाइन !
का भउजी ? आजु उलटबाँसी काहे ?
भोजपुरिया लोग माडर्न हो गइल बा एह चलते सोचनी कि हमहूँ तनी स्मार्ट हो जाईं.
अइसन काहे कहत बाड़ू ?
महाशिवरात्रि भुला जात बा लोग बाकिर वेलेन्टाइन डे याद रहत बा.
केकरा भउजी ?
नाच के लड़ाई लड़े वाला लोग के.
बाकिर ओहमें भोजपुरी कहाँ बा भउजी ?
एंकर का भाषा में, गीत गवनई में, आ अहम का टकराव में.
अहम के टकराव पर भोजपुरिये लोग के बपौती ह का ?
सुनले नइखीं ? गठरिया तोर कि मोर ? अगर कहलस गठरिया मोर, त पहिले कपरवा फोड़ फेर गठरिया छोड़.
जाये द भउजी, भूल चूक होत रहेला. सावन का पहिलका बरखा का बाद जब बेंग टर्राले सँ त ओहमें संगीत ना खोजल जाला. ढेर दिन ले शीत निद्रा में सूतल बेंग बरखा का बाद जागे लें त खुशी में टर्राये लागेलें. भोजपुरी आजु ओहि दौर से गुजरत बिया. सभे आपन आवाज निकालल चाहत बा त थोड़ बहुत उपर नीचे होइये सकेला. हमनी का खुश होखे के चाहीं कि आजु भोजपुरी के ताकत अतना बढ़ रहल बा.
चलीं त अब फगुआ गावल जाव !
अब कइसे जियबू भउजइयो, भईया गइले नयपाल ?
पिया परदेस देवर घरे लड़िका सूतल भसुर के जगाईं कइसे लागल फुफुति में आग बुताईं कइसे ?
जियऽ हो भउजी.
(121)
भउजी हो
ए बबुआ !
अरे भउजी, तूँ कइसे ?
ढेर दिन से ना लउकनी हँ त हम सोचनी कि हमहीं देखत चलीं कि देवर जी काहे नइखन आवत.
बस भउजी. कवनो कारण नइखे. काम के बोझा अतना हो गइल बा कि टाइमे नइखे मिल पावत.
बाकिर पहिले त अइसन ना होत रहे.
सब समय के फेर हवे भउजी. बड़ा मौज था जब कुँवारे थे हम तुम !
हमरा बात के हवा में जन उड़ाईं.
भउजी कुछ घाव अइसन होलीं सँ कि ना बतावल बनेला ना देखावल. एहसे बात के गड़ले रहे दऽ.
अरे अइसन का हो गइल जे दार्शनिक बन गइनीं ?
सुनले नइखू ? वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान.
विडम्बक वहीं पास में खड़ा छेड़ता होगा उल्टी तान. इहो त कहल बा. एहसे जिनगी के दुख दर्द भुला के अपना काम में लागल रहे के चाहीं. जंगल में केहू देखे वाला ना होला त मोर नाचल त ना छोड़ देव !
से त ठीक कहत बाड़ू भउजी !
कबो गलतो कहले बानी का ?
छोड़ऽ ई सब. चलऽ बइठऽ आजु हम चाय बनावत बानी, तू पीयऽ.
काहे ? कनिया केने बाड़ी ? नइहर गइली का ?
ना भउजी. हम कुछ काम में अझूराइल रहलीं हँ त उहे बाजारे गइल बाड़ी सब्जी ओब्जी ले आवे.
(120)
भउजी हो
ए बबुआ !
अरे भउजी, तूँ कइसे ?
ढेर दिन से ना लउकनी हँ त हम सोचनी कि हमहीं देखत चलीं कि देवर जी काहे नइखन आवत.
बस भउजी. कवनो कारण नइखे. काम के बोझा अतना हो गइल बा कि टाइमे नइखे मिल पावत.
बाकिर पहिले त अइसन ना होत रहे.
सब समय के फेर हवे भउजी. बड़ा मौज था जब कुँवारे थे हम तुम !
हमरा बात के हवा में जन उड़ाईं.
भउजी कुछ घाव अइसन होलीं सँ कि ना बतावल बनेला ना देखावल. एहसे बात के गड़ले रहे दऽ.
अरे अइसन का हो गइल जे दार्शनिक बन गइनीं ?
सुनले नइखू ? वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान.
विडम्बक वहीं पास में खड़ा छेड़ता होगा उल्टी तान. इहो त कहल बा. एहसे जिनगी के दुख दर्द भुला के अपना काम में लागल रहे के चाहीं. जंगल में केहू देखे वाला ना होला त मोर नाचल त ना छोड़ देव !
से त ठीक कहत बाड़ू भउजी !
कबो गलतो कहले बानी का ?
छोड़ऽ ई सब. चलऽ बइठऽ आजु हम चाय बनावत बानी, तू पीयऽ.
काहे ? कनिया केने बाड़ी ? नइहर गइली का ?
ना भउजी. हम कुछ काम में अझूराइल रहलीं हँ त उहे बाजारे गइल बाड़ी सब्जी ओब्जी ले आवे.
(119)
भउजी हो
भउजी हो!
आई, आजु त बड़ा दिन प आइल बानीं.
हँ भउजी, आजु बड़े दिन प आइल बानीं.
बात जिन बदलीं. हम बड़ा दिन बाद कहत बानी आ रउरा बड़ा दिन के बात करे लगनी.
त तूहूं भउजी, खरकोचऽ जिन. मिजाज असहीं लहकल रहऽता, तू अनेरे फेंटा जइबू.
बाप रे, एहिजा त मामिला बहुते बड़बड़ लागऽता. चलीं हम कुछ ना पुछब. आईं, बइठीं. केक बनवले बानी खा के देखीं कइसन बनल बा.
ई सब त चलत रही भउजी बाकिर बाकी काम कइसे चली?
वइसहीं जइसे चलत आइल बा.
खैर छोड़ऽ. बात त ठेरे बतियावे के रहल हा. हरियाणा के डीजीपी राठौर से लेके तेलंगाना मुद्दा तक. बाकिर चुल्हा का आग में सब जर बुता गइल.
कई बेर समुझा चुकल बानी. फेर समुझावत बानी दुनिया के चिंता में आपन जिनिगि मत खराब करीं. वइसहीं सुनत बानी कि दू साल बाद दुनिया खतम होखे वाला बा.
हँ भउजी. एक बेर साल साठो में खतम भइल रहे. ओकरा बाद स्काईओलैब से खतम होखे के हल्ला भइल रहे. एक बात जान लऽ. दुनिया कबो खतम ना होखी. असहीं चलत रही आ हमनी का बेमतलब बतकुच्चन करत रहब जा.
(118)
भउजी हो!
कइसे कइसे? अबकी त दिवालिओ का दिने भउजी याद ना अइली.
माफ कर दऽ ए भउजी. तोहरा से झूठ बोल ना सकीं आ साँच बता ना सकीं. बस अतने बुझ जा कि मौका ना मिलल हा.
चलीं कवनो बात ना. देवर भुला जाव त भुला जाव भउजी ना भुलइहें. अब बताईं कवन बात मथले बा?
बुझात नइखे कि पुछीं कि ना पुछीं.
अइसन कवन बात हो सकेला जवने देवर अपना भउजाई से ना पुछ सके?
त चलऽ बता दऽ कि भईया जब तोहरा के बिआह के ले आइल रहलें तब तू कुँआर रहलू कि ना?
अधिकतर लड़की त बिआह का बेरा कुँआरे रहेली सन अब रउरा गाँव के बात दोसर होखो त अलग बात बा.
तहरा त मौका मिले के चाहीं उलटा बोले के. बाकि जबसे हम सुरसंग्राम में यूपी के फाइनलिस्ट मोहन राठौर के गाना भईया ले अइलें कुँआर भउजाई सुनलीं तबे से अझुराइल बानी.
जाये दीं, शायद ओह देवर के नवचाँस भउजाई के जरुरत होखी.
हो सकेला. सवाल पचीस लाख के बा त सड़क छाप गाना गावही के पड़ी, काहे कि अब फैसला न्याय मंडल का हाथ में नइखे, एसएमएस वालन का हाथ में बा.
ए बबुआ, भाषा पर से राउर पकड़ छूटल जात बा. न्याय मण्डल ना निर्णायक मण्डल कहीं.
भउजी जमाना अब अद्भुतास हो गइला के बा! बड़ा अद्भुत अद्भुत खेला हो रहल बा अब सुरसंग्राम में!
(117)
भउजी हो!
का बबुआ?
दिन से एगो सवाल मथले बा.
का?
औरतन के का चाहीं?
एक लाइन में बता दीं?
बतावऽ?
अपना मर्जी के जिनिगी.
आ मरद के का करे के चाहीं?
ओकरा मर्जी से जिये देव.
ना त?
घर में बरतन फूटी, जाड़ा में पसीना छूटी.
(116)
भउजी हो!
का बबुआ?
दिन से एगो सवाल मथले बा.
का?
औरतन के का चाहीं?
एक लाइन में बता दीं?
बतावऽ?
अपना मर्जी के जिनिगी.
आ मरद के का करे के चाहीं?
ओकरा मर्जी से जिये देव.
ना त?
घर में बरतन फूटी, जाड़ा में पसीना छूटी.
(116)
भउजी हो!
का हऽ?
काहे झनकल बाड़ू?
रउरा जवन ना करा दीं. कहले गइल बा सराहल बिटिउवा डूबल घर जाली.
का हो गइल? बोलबो करबू.
सब गुड़ गोबर हो गइल! आइये गइल लोग नू अपना सुभाव पर.
आज त तू गजब कर रहल बाड़ू. बतावत नइखू आ बोलले चलल जात बाड़ू. कवन बिटिउवा डूबल घरे चल गइल? कवन गुड़ जे बा से कि गोबर हो गइल?
रउरे नू महुआ टीवी के सुरसंग्राम के प्रशंसा के पुल बान्हत रहीं. कि भोजपुरी संगीत के नया ऊँचाई पर ले जा रहल बा महुआ टीवी के सुरसंग्राम. अब परिवार संगे बइठ के भोजपुरी गीत गवनई सुनल जा सकेला. आजु का हो गइल? गुड्डू रंगीला के एह मंच दिहला के जरुरत का रहल हा?
हो सकेला कि लोग महुआ टीवी के कहले होखे कि गूड्डूओ के गवावल जाव. हो सकेला कि अगिला एपिसोड में कल्लूओ आ जाव गाना गावे खातिर.
ए बबुआ, मानत बानी कि भोजपुरी के गीत गवनई में शृंगार रस बहुते होला. बाकि दुअर्थी गावे के टाइम बनावल गइल बा. बसन्त पंचमी से फगुआ ले जवन उल जलूल गावे के होखे गा लऽ. बाकि नवरात का बेरा? राम राम! का क दिहलस महुआ टीवी? देखनी कि ना? मालिनी जी कइसे कसमसा के रह गइली.
कल्पनो जी त रहली मंच पर. उनुका त शायद ठीके लागल ऊ गाना.
ए बबुआ, भउजाई आ साली में फरक होला. साली आन घरे जइहें भउजाई अपना घरे रहीहें. भउजाई के त धेयान राखही के होखी घर परिवार के!
से त ठीक कहलू ए भउजी. चलऽ खीस थूक दऽ आ एगो ...
भागेम कि ना एहिजा से!
(115)
भउजी हो
का बबुआ?
एगो दुविधा में पड़ गइल बानी
कवना दुविधा में
साँच के साँच कहीं कि झूठ?
साँच के त साँचे कहे के चाहीं.
आ अगर साँच कहला से अपना कवनो करीबी के दुख लागत होखे तब?
अब ई त रउरा पर बा. अगर साँच ओह करीबी से बेसी करीबी होखो त साँच के साथ दीहिं. आ अगर करीबी बेसी करीबी होखो त चुप लगा जाईं.
बाकि दुविधा त तबो बनल रह गइल कि केकरा के बेसी करीबी मानीं? साँच के कि करीबी के?
देखीं, दुनिया के ठीक करे के जिम्मेदारी रउरे पर त नइखे. जे जइसन करी से तइसन भुगती. हमार सलाह मान लीं दोसरा के फटला में आपन टँगड़ी मत फँसाई.कहीं त निमन कहीं ना त चुप लगा जाईं. शायदे केहू भेंटाई जेकरा में कवनो दाग ना होखो. दुनिया में जे भी आइल बा कुछ ना कुछ गलत ओकरा से होखले बा. दूध के धोवल एहिजा त भगवान रामो ना रहलं, आ रावण अस विद्वान कहल जाला कि आजु ले ना भइल. एहसे रउरा आपन माथा मत कुँचवाई. लोग रउरा के निमन कहो भा खराब एकर परवाह मत करीं. कांदो कीचड़ से हटिये के रहीं. ना त राउरे कपड़ा गन्दा होई.
भउजी पता ना काहे लागऽता कि आजु तोहरा के नइखीं कह सकत कि ठीक कहत बाड़ू. तबो हमरो बुझात बा कि चुपे लगावल ठीक रही. आजु से ना त केहू का झगड़ा में पड़ब ना पंचइती में. लोग हमरा दुअरा आवे भा मत आवे.
चलीं, रउरा भलही मत कहीं, हम कह देत बानी कि रउरा ठीके कहत बानी. जहाँ तक हो सके अपना के ठीक राख लीं घर परिवार समाज देश दुनिया सबका खातिर इहे बढ़िया रही कि लोग दोसरा के सुधारल छोड़ अपने के सुधारे में लागे. ना त केहू प्यार से गिड़गिड़ा के कही त केहू धमका के. मकसद दुनू के एके रही कि तू चुप रहऽ. हमनी का पचड़ा में मत पड़ऽ.
ठीक कहत बाड़ू भउजी.
चलीं हमरो खुशी बा कि रउरो लाइन पर आ गइनी.
(114)
भउजी हो
जानत रहलीं कि काल्हु ना अइनी त ना अइनी, आजु जरुरे आयब.
मानत बानी तू हमरा सुभाव के बहुते बढ़िया से जानेलू.
आजु से नइखीं नू देखत रउरा के. वइसे काल्हु कनिया आइल रहुवे.
त लगवलू कि बुतवलू?.
लगावल बुतावल हमार काम ना हऽ. हम त बस उहे कहेनी जवन सही होखेला.
से त हमहूं जानीलें. खैर बताव का शिकायत ले के आइल रहली?
बतावत रहली कि रउरा दोसर बिआह कर ले ले बानी. कहत रहे कि पुरान प्रेमिका रहुवे राउर बाकिर मौका ना मिलत रहे..
त तूं का कहलू?
हम कहनी कि ए कनिया, ऊ त एके बिआह खातिर बड़ा मुश्किल से तईयार भइल रहलें. दोसर कइला के उनका हिम्मते ना होखी. बाकिर तू कहतारू त झूठ थोड़े बोलत होखबू. बतावऽ केकरा से कइले बाड़े?
बिया एगो करियठ, छोट मोट दुबर पातर. जब देखीं ओकरे संगे रहेलें. सूतल बईठल सब दुलुम कर दियले बिया कलमुँही!
कहनी कि अरे कनिया, का कहतारू? त जवाब दिहलसि कि एगो लैपटाप से बिआह कर लिहले बाड़न. हमरा त हँसते हँसते पेटबथी हो गइल. बाकिर एगो बात कहीं देवर जी, खराब ना नू मानब?
सवाले नइखे उठत कि तोहार बात हमरा खराब लाग जाव.
हम इहे कहब कि अति कवनो बात के खराब होखेला. जतन लपर-टपर करे के होखे करत रहीं बाकिर घरो परिवार पर ओतने धैयान दिहल करीं जतना अपना काम के दीहिला.
ठीक बा भउजी हम कोशिश करब.
(113)
भउजी हो
मानसून आ गइल का? कनिया चल गइल का? काम से छुट्टी मिलल बा का?
का भउजी? एक एक कर के पूछऽ!
रोटि जरल काहे? घोड़ा अड़ल काहे? पान सड़ल काहे? बेटा विगड़ल काहे?
फेरल ना गइल रहे. बुझ गइनी तहरा तीनो सवाल के एके मतलब रहुवे कि अतना दिन बाद कइसे आ गइनी.
चलीं ट्यूब लाइट का तरे भुकभुका के जर त गइनी. ठीके बुझनी हँ.
अरे भउजी तू त जनबे करेलू हमार रुटीन. ओही में केहू तरह काम सम्हरले रहीले. एने सम्हारिले तने ओने के अझुराये लागेला. लाख चाहेनी बाकिर नियमित होइये ना पाईं.
बेंवत से बेसी पसरा पसारब त इहे नू होई. अरे छोड़ दीं ऊ काम जवना से कवनो फायदा ना होत होखे.
का भउजी, अब तूहूँ इहे कहबू? सब काम पइसे का तराजू पर तउलाई का?
याद बा नू ऊ डायलाग, खुदा कसम, रुपया खुदा तो नहीं पर किसी से कम भी नहीं.
ना भउजी, कुछ काम स्वान्तः सुखायो कइल जाला. दिन भर के काम से हारल थाकल मन जब अपना मन चाहा काम में लागेला त थकान दूर हो जाला. अब छोड़ ई बात. का कहे आइल रहीं ऊ बतिये भुला गइनी. अब फेर कहियो. आ जल्दिये. तबले तू बरखा में जल्दी से तनी गरमा गरम पकौड़ी छान दऽ. तोहरा हाथ के पकौड़ी के जवाबे नइखे.
मस्का मारल त लोग रउरा से सीखे! चलीं.
(112)
भउजी हो
का बबुआ ? सरकार बना लिहनीं का? बड़ा टाइम लागल आवे में ?
का भउजी? एके हालि हतना सवाल!
महीनन मुँह ना देखायेम त इहे नू होखी. कहवां रहनी हँ ?
सोचत बानी कि राजनीति के बड़का नेता दू गो तीन गो बियाह कइसे भा काहे कर लेले.
बबुआ ई त भारत में जमाना से चलल आ रहल बा कि राजा के कई कई गो रानी रहेली.
त हमहूं नेता बन जाईं का? रोजे रोजे भात दाल खात मन अगुताइल बा.
ए बबुआ रोज रोज पोलाव सबका से ना पचे. बड़का नेता लोग करोड़ो पचा जाला आ ढकारो ना लेव. दू गो आ तीन गो मेहरारू त समाज का जानकारी में बा, बेजानकारी कतना होखी, केकरा मालूम?
हँ ए भऊजी. ठीके कहऽतारू. हमरा त एके गो नाकिन दम कइले रहेली. हमरा त ओह लोग पर करुणा आवेला जे तीन गो मेहरी के मार अकेले सहले बा.
आवे दीं कनिया के, कहतानी कि का का कहत रहेनी रउरा.
ना ए भउजी, अइसनका भुलाइयो के मत करीहऽ. ऊ मजाक बूझबे ना करसु. सब कुछ उनका साँचे लाग जाला.
(111)
भउजी हो
का बबुआ ? आज कइसे ? हम त सोचले रहीं कि अब रउरा बरिसे बरिसे दिन पर आइल करेम.
तोहार शिकायत जाइज बा भऊजी. बाकिर हमहूँ मजबूर बानी. तहरा के त एको पल खातिर बिसराइले ना, बाकिर भेंट करे ना आ पाईं. अब हनुमान जी त हईं ना कि करेजा चीर के देखा दीं.
बाप हो बाप ! आज अतना काहे ढरल बानी ?
का कहीं ए भउजी, आजु पहिलका हालि राहुल बबुआ के राजा के तरह पेश कइल गइल त सोचनी कि चलीं तोहरो राय ले लीं.
हँ बबुआ, हमहूं सुननीं हँ उनकर प्रेस वार्ता. बाकिर अबहीं ऊ एह लायक नइखन भईल कि उनुका बात पर कवनो टीका टिप्पणी कइल जाव. हम त रउरा से दोसरे कुछ सुने के चाहत रहीं.
का भऊजी ?
सुननी हँ कि देश भर के जुआड़ी कांग्रेस आ यूपीए का तरफ हो गइल बाड़न.
हँ ए भऊजी.बाकिर ओकनी के जुआ अइसन होला कि जीते वाला आदमी हार जाला आ हारे वाला त हरबे करेला.
मतलब ?
मान लऽ कि तू कांग्रेस पर सट्टा लगवलू कि ऊ जीत जाई. अब आजु जवन हालात बा तवना में तहार त पइसा डूबले बा. काहे कि अगर कांग्रेस जीत गइल त तहरा मिली रुपया का बदला चालीस पइसा. मतलब साठ फीसदी पूंजी गइल. अगर कांग्रेस हरलस त पूरा डूबहीं के बा. अब मान लऽ कि तूं कांग्रेस वाली हऊ बाकिर भाजपा पर दांव खेलत बाड़ू. अब अगर भाजपा जीतत बिया त तू त हरबे कइलू, अगर जीत गइल त पइसा हार गइलू.
बुझ गइनी. ई सब सटोरियन के चाल हऽ लोगन के अइसनका दांव में फंसावे के. रउरा दांव नइखी नू लगइले ?
ना भऊजी. अच्छा त अब चलत बानी.
अरे अइसे कइसे ? अतना दिन बाद आइल बानी बिना खियवले ना जाये देब.
मतलब आजु भईयो से डँटवइबू. हँ कि ना ?
(109)
भउजी हो
आईं. गुझिया बनावल हके लाग गईल. हमरा पक्का भरोसा रहुवे कि देवर अईसे आवसु भा ना फगुआ में ना भुलईहन.
भउजी तोहरा के का फगुआ का दीवाली हमेशा याद राखीलें. तू ही त बारू महतारी आ मेहरारू का बीच के. माई अस ममता, मेहरारू अस प्रेम, दुनू के मिलल जुलल रुप.
का बात हऽ बड़ा कविताई करे लागल बानीं ?
संगत के असर हऽ. ओहि दिना हमरा के पुलिस वाला पकड़ लिहलसि. कहलसि कि आत्महत्या के कोशिश करत रहीं.
से कइसे बबुआजी ?
कहलसि कि हतना कवियन का बीच में अकेला बईठल बाड़ऽ.
बड़ा मजेदार रहे ऊ. बुझाता कि कबो आलोचक रहल होखी.
खैर छोड़ऽ ई सब. कुछ अउरि सुनावऽ.
का सुनाईं, चीनी छब्बीस रुपया आ खोवा डेढ सौ रुपिया के बात ?
ना भउजी, ई त सभे भुगतत बा.
त ई कि मियां मुशर्रफ भारत आके भारते के धमका गईलन कि अगर काश्मीर समस्या के समाधान ना भईल त कई गो कारगिल होखी.
काहे पिछलका कारगिल भुला गईलें का ? जब अपना आका का गोड़धरिया करवले रहलन कि भारत के युद्ध रोके खातिर मना लेव.
ई त उहें बतइहन. चलीं रउरा गुझिया खा लीं.
भांग नइखू नू मिलवले ?
अपना भईया से पिटवायेब का ?
(109)
भउजी हो
आईं. आईं ए हमार वेलेन्टाइन !
का भउजी, फगुआ चढ़ि गइल बा का ?
फागुन में फगुआ ना चढ़ि त कहिया चढ़ी ? बाकिर रउरा त बार बार भुलाइये जात बानी कि दुनिया में भउजाइओ बाड़ी.
ना ए भउजी. तोहरा के हम कबो ना भुला सकीलां. अलगा बाति बा कि आजुकाल्हु अतना अजुराइल बानी कि मउके नइखे मिलत.
हँ गाना त खूब सुनत बानीं नू. कुछ हमरो के गा के सुनइतीं.
हमार गाना सुनके त भीड़ो भाग जाई. खैर छोड़ऽ एह सब के. कुछ आउरी बताव.
सुननी हाँ कि बुश के भारत रत्न दिहल जाई.
हँ बुझात त इहे बा.
आ बाद में नवीनो चावला के दिहल जाई का ?
तू कहबू त उनुको के दे दिहल जाई.
ए बबुआजी, ई भाजपा वाला काहे कांग्रेस के चाल में फँसल जात बाड़े सन
मतलब ?
मान लीं कि नवीन चावला के हटा दिहल जाव त फेर एगो नया आयुक्त बहाल होखी. कुछ दिन में गोपालास्वामी रिटायर हो जइहन त उनुको जगहा बहाल करे के पड़ी. अगर अइसनका हो गइल त कुरेशी मुख्य चुनाव आयुक्त बन जइहन आ पूरा आयोग पर कांग्रेसे के बहाल कइल आयुक्तन के कब्जा हो जाई
हँ ए भउजी. ठीके कहत बाड़ू. एहले त नवीने चावला बढ़िया. पहिले जवन कइले होखसु अब त नइखन करत.
(108)
भउजी हो
का बबुआ ?
अबकी का गणतन्त्र दिवस परेड पर कुछ कहबू ना ?
का सुनल चाहत बानी ?
हमरा चहला से का ? तू बतावऽ.
सूर्य ग्रहण लागल रहुवे. देश के प्रधानमंत्री अस्पताल में भरती रहलन, आफिस में प्रधानमंत्री के काम देखे वाला केहू और रहे, अमर जवान ज्योति पर फूल चढ़ावे वाला केहू और.
अतना से काम ना चली. कुछ अउरी कह ऽ
कहे के मतलब कि देश के सरकार चलावे वाली संप्रग में अतनो बात साफ ना रहे कि एक आदमी के कार्यकारी प्रधानमंत्री बना देव.
बाकिर सैन्य ताकत के प्रदर्शन कइसन लागल ?
जनता त उहे देखल जवन देखावल गइल बाकिर समुझदार ऊ देखलन जवन कि शर्मनाक रहे.
से का भउजी ?
सगरी कार्यक्रम तीन घंटा से घटा के डेढ़ घंटा के कर दिहल गइल रहे. अपने घर में वर्जिस ना कर सकऽ त देह बनवला से का फायदा ?
बात त ठीके कहत बाड़ू भउजी.
(107)
भउजी हो!
का बबुआ ? आजु कइसे ?
जब कवनो कुँआर लड़िका गांव के गरीब मेहरारूवन के झोपड़ी में रात बितावे लागे त ओकरा के का कहबू ?
लफंगा, चरित्रहीन आउर का ?
आ जब कवनो बड़का नेता आहे काम करे त ओकरा के का कहबू ?
दुनू के तुलना ना कइल जा सके. एगो अपना मतलब से रात बितावेला, दूसरका दोसरा का मतलब से. नियत नियत में फरक होला बबुआ जी.
बाकिर लोग के कहे सुने से कइसे रोक लेबू ?
कहे सुने के त लोग सीतो माई का बारे में कहल सुनल.
एहि से नू रामजी उनुका के जंगल भेज दिहलें. राजा के जनता के हिसाब से काम करे के चाहीं.
ओहि चलते नू राम जी का कहानी के ई सबसे कमजोर पहलू बन के रह गइल. जनमत हमेशा सही ना होखे. गलत सोचावट भा गलत जानकारी का आधार पर बनल जनमत के सुधारलो राजनीति के काम होला.
अच्छा भउजी, फेर आयब.
राउरे घर हऽ जब मन करे आ सकीले आ रात में ठहरियो सकीले. कनियो. कुछ ना कही.
प्रणाम भउजी, अब चले दऽ.
(106)
भउजी हो!
का बबुआ ? तीन हफ्ता बाद भउजी कइसे इयाद आ गइली ?
इयाद त तू हरमेस रहेलू भउजी. तोहरा के हम भुला सकीले का कबो ? आजु सोचनी कि तहरे हाथ से दही चिउड़ा खाईं.
बड़ा जतन से लाईओ बनवले बानी. सोचत रहनी कि का पता बबुआ जी अइहन कि ना. चलीं आ गइनीं निमन कइनी.
बाकिर भउजी लालू जी आज दही चिउड़ा कइसे खइहें ?
अरे ऊ जापानो में आपन इन्तजाम करा लिहन. गोटी फिट करे गइल बाड़े अतनो ना करिहन.
अइसन मत होखे कि कवनो जापानी उनुका से जोगाड़ टेक्नोलोजी खरीद लेव.
हमरा त दोसरे डर बा. दस दिन रहे के कह गईल बाड़न. देखम कहीं जापान के बिहार मत बना देसु. जापानियन के मालूम हो गइल उनुकर खासियत त जापान के एग बड़हन समस्या खतम हो जाई.
ऊ का भउजी ?
जनसंख्या के समस्या. ओहिजा लोग काम बेसी करेला बच्चा कम पैदा करेला. हमनी किहां लोग हर साले नया कैलेण्डर छापे का फेर मे रहेला.
(105)
भउजी हो!
का बबुआ ?
अंतुले आ नवाज शरीफ में का अन्तर बा ?
दुनू जने पाकिस्तान का हित के बात कईले बाड़न. एक जने हिन्दुस्तान में रह के पाकिस्तान का फायदा वाला बात कहलन त दोसरका पाकिस्तान में रहते पाकिस्तान के फायदा के बात कईलस. पहिलका के अपना देश के हित के चिन्ता नईखे आ दोसरका अपना देश के हित खातिर परेशान बा.
बाकिर भउजी करकरे के हत्या का पाछा कवनो षडयंत्र के जांच करवावे में परेशानी का बा ?
परेशानी इहे बा कि हमनीओ का मना लिहम जा कि मुंबई हमला का पाछा कवनो हिन्दुस्तानिये रहुवे. अंतुले के चिन्ता एह बात के बा कि दोष पाकिस्तानी हमलावरन पर काहे डालल जा रहल बा, कवनो हिन्दुत्ववादी बकरा काहे नइखे खोजल जात.
एही चलते बुझात बा कि कांग्रेस दुविधा में पड़ल बा.
कांग्रेस का लगे कवनो दुविधा नईखे. ऊ अंतुले के हटाई ना. बस मामिला ठंढा हो जाये के इंतजार कर रहल बिया. अपना वोट बैंक के नाराज करे के बेंवत कांग्रेस में नईखे.
जाड़ा त मौसमो के पड़त बा. चलऽ रजाई ओढ़ल जाव.
भागेम कि ना !
(104)
भउजी हो!
का बबुआ ?
कुछ कहबू ना का?
कहे सुने लायक रह गईल बानी का? ईयाद बा आजु कतना दिन बाद भउजी का लगे आईल बानीं?
सब इयाद भा भउजी. बाकिर आजु सफाइयो ना देहब. तूहूँ जानत बाड़ू कि घर सरिहावे में कतना दिन से लागल बानी. तहार वाली कोठरी पूरा ना भईल रहुवे से ना आवत रहनी हा.
हम त सोचत रही कि हमरा भज गोविन्दमे करे के पड़ी.
ना भउजी, गोविन्द के बात मत करऽ. ऊ अइलें त उनकर टिकट कट गईल केदारनाथ के.
से काहे बबुआ जी ?
कहले रहुवी कि अबकि का चुनाव में चूना ना लगवा दिहनी त केदारनाथ चल जायेम. अतना ताव में रहली कि अपने सहयोगी के चटकन मार दिहली. अब जब जनता चटकन लगवले बा त चुप हो गईल बाड़ी.
बबुआ जी, सन्यासी लोगन का बारे में बात ना करे के. सुनले नईखीं कि राँड़ साँढ़ सीढ़ी सन्यासी, एसे बचे त सेवे काशी. आ ऊ त साँढ़ जईसन सन्यासी हवी.
ठीक बा भउजी. हमहूं ना चाहेम कि हमार करकरे होखे.
(103)
भउजी हो!
का बबुआ ?
मार्गरेट अल्वा का संगे अइसनका काहे भईल?
अतना दिन से कांग्रेस में रहली आ अतनो ना जनली कि चमचागिरी कईल दोसर बात होला आ खखोरल दोसर. जवना थरिया में खईहन ओहि में थूकिहन त अइसनका होखहीं वाला रहुवे.
बाकिर भउजी ऊ त सोनिया गाँधी के बड़का चमचा में गिनात रहुवी.
चमचा कतनो बड़ होखे कड़ाही से बड़ ना हो सके. खैर, ई सब छोड़ी. आजुकाल्हु बड़ा झमकावत बानी, का बाति बा?
अरे भउजी ई त हमरा दर्जी के किरपा हऽ कि अइसनका झमकदार ड्रेस सिल दिहलसि. बाकिर हमार त बोखारे छूट गईल बा.
से काहे बबुआ जी ?
ऊपर से फिटफाट भीतर से मोकामा घाट ना नू चली भउजी. अब सब कपड़वा एहि मेले के नू बनवावे के पड़त बा.
चलीं, रउरा चाहे जवन परेशानी होखत बा, देखत में नीक लागत बानी.
कहे के मतलब हम पहिले बाउर लागत रहनी हा ?
रउवा कवनो कपड़ा में आभउजी हो!
का बबुआ ?
सरकार पिछड़ा वर्ग के क्रीमीलेयर के परिभाषा बदल दिहलसि.
त एहसे रउरा का ? पहिलहूं असली पिछड़ा के कवनो फायदा ना रहुवे, अबहियों ना रही.
बाकिर ई अब के केकर शोषण कर रहल बा ?.
पहिलहूं बरियरका कमजोरका के शोषण करत रहुवे, अबहियों उहे होखत बा. अलगा बात बा कि अब शोषण करे वाला दोसरा जात के ना अपने जात के रहत बा.
त अतने से शोषण के प्रकृति बदल जाला का ?
ना. बाकिर अतना संतोष रहेला कि अपने नोह से बखोरात बानी.
बाकिर भउजी बात त नाजायज बा ?
ना. पहिले जवन लेवल रहे करीब करीब तवने अबहियों रही. महँगाई का हिसाब से आ छठवाँ वेतन आयोग का बाद अइसनका कईल जरुरी हो गईल रहुवे.
ठीके कहत बाड़ू भउजी. हमहीं कबो कबो अनेरे परेशान हो जानी.ईं भा बे कपड़ा में, हम हमेशा राउर बड़ाईये करेम.
धत् भउजी.
(102)
भउजी हो!
का बबुआ ?
सरकार पिछड़ा वर्ग के क्रीमीलेयर के परिभाषा बदल दिहलसि.
त एहसे रउरा का ? पहिलहूं असली पिछड़ा के कवनो फायदा ना रहुवे, अबहियों ना रही.
बाकिर ई अब के केकर शोषण कर रहल बा ?.
पहिलहूं बरियरका कमजोरका के शोषण करत रहुवे, अबहियों उहे होखत बा. अलगा बात बा कि अब शोषण करे वाला दोसरा जात के ना अपने जात के रहत बा.
त अतने से शोषण के प्रकृति बदल जाला का ?
ना. बाकिर अतना संतोष रहेला कि अपने नोह से बखोरात बानी.
बाकिर भउजी बात त नाजायज बा ?
ना. पहिले जवन लेवल रहे करीब करीब तवने अबहियों रही. महँगाई का हिसाब से आ छठवाँ वेतन आयोग का बाद अइसनका कईल जरुरी हो गईल रहुवे.
ठीके कहत बाड़ू भउजी. हमहीं कबो कबो अनेरे परेशान हो जानी.
(101)
भउजी हो!
आईं आजु कइसे फेर ईयाद आ गईली भउजी?
एहि चलते त आजु तहरा के दुअरा पर बोला लिहनी. ओने कोना में पड़ल रहत रहलू हा त लउकते ना रहलू हा.
राउर मेहरबानी. हमनी के का, जेने राख दीं तेने रह लीहिलें सन.
छोड़ऽ ई सब ओरहना, पहिले हमार ऊलझन खतम करऽ.
का हो गईल. अब कहवाँ अझूड़ा गईनीं?
माई दुर्गा के सवारी का हऽ बाघ आ कि शेर ?
माई के त ढेरे लोग शेरावालिया कहे ला बाकिर हमरा हिसाब से बाघे होखे के चाहीं. बाकिर रउरा पूछत काहे बानीं ?
असल में कतहीं बाघ पर देखीलें कतहीं सिंह पर, एहिसे कन्फ्यूजिया गईल बानी.
बाकिर रहे दीं ई चरचा. बात बढ़ल आ सरकार का कान में पड़ गइल त बाघ के राष्ट्रीय पशु से हटा दिहल जाई.
से काहे भउजी ?
देश में हिन्दू प्रतीकन के कवनो तरह के ईज्जत देबे से एह सरकार के दिक्कत होला. देखनी ना कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन से मां सरस्वती के आसन कमल के फूल कइसे हटा दिहल गईल.
(100)
भउजी हो!
आईं आजु हम रउरा से बहुते खुश बानीं.
का भउजी आजु का बात बा? तीज का तरह देवरो खातिर कवनो व्रत निकल आईल का?
ढेर इतरइला के जरुरत नइखे. छछूनर के मुँह पर चमेली के तेल! हम खाली ई देख के खुश बानी कि सिनेमो का अलावे कुछ लउके लागल रउरा.
भउजी, तू ना नू बूझबू. चारो तरफ आजु काल्हु भोजपुरी सिनेमा के लहर चलत बा.
त रउरो ओहिमें दहा जायेम का ?
ना भउजी. असल में जबले कुछ मजगर मिल ना जाव तबले करतीं त का? असल में भोजपुरी के लिखनिहार इन्टरनेट पर ना आवसु आ जे आवेला ऊ पता ना काहे कुछ लिखे में घबड़ाला.
चलीं, कवनो बाति ना. लागल रहेम त धीरे धीरे सभकर राह मिल जाई.
से त ठीके कहत बाड़ू भउजी. एही आसरा त हमहूं जियत बानीं.
(99)
भउजी हो!
का बबुआ?
सोचत बानी कि हमहूं बाढ़ राहत खातिर कुछ करीं.
त करीं ना, के रोकले बा.
रोके के बात नइखे भउजी, केहू हमरा के पूछऽते नइखे.
वाह रे देवर जी, सब छँउड़ी झूमर पाड़े त लंगड़ी कहे हमहूं! साफ साफ बताईं, का करे के चाहत बानी?
सोचत बानी कि बिहार सरकार के हवाई जहाज एक दिन खातिर मिल जाव त बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के दौरा कर अईतीं. आ अगर कतहीँ से कवनो बड़ प्रमोटर मिल जाईत त जा के कुछ राहतो बाँट अईतीं. कहल जाला कि बहत गंगा में हाथ जरुर धोवे के चाहीं, बड़ा पुन्न होला!
हँ ए बबुआ! बड़ा नीक कहनी. बाकिर का करेम जब नौ मन तेल होखी तब नू राधा जी नचिहन!
हें... हें.... भउजी तहरा से पार पावल हमरा वश में नइखे. प्रणाम. फेर आएम.
(98)
भउजी हो.
का बबुआ जी?
काहे? आजु अतना मरुहाइल काहे बाड़ू?
बिहार के बाढ़ आ विपदा देखि के केकर करेजा ना फाटी, बबुआ जी?
से त बा भउजी, बाकिर जीवन के साँचो एहिजा के लोग निमन से देखले बा. देखीहऽ मार जेने तेने बिहार बाढ़ सहायता कोष खुलिहन स. राहत का काम में एनजीओ बना बना के लागी लोग. बाकिर मकसद सहायता चहुँपावल कम रही, माल बनावल अधिका रही.
हँ बबुआ जी , एही चलते नू लोग अब राहत अभियान में बढ़ चढ़ के हिस्सा ना लेबे. नेता अधिकारी समाजसेवक सभे में से अधिका लोग राहत का नाम पर अपने राह खोजे में लागल रही आ लोग चुपचाप तमाशा देखत रही.
त का कइल जाव? का एह विपदा में हाथ पर हाथ धर के बइठ रहल जाव?
ना बबुआ जी. जेकरा से जेतना हो सके ओतना करे. मुख्यमंत्री राहत कोष में जी भर के दान देव लोग खाली चन्दा लेबे देबे से परहेज करे लोग.
हमरा बुझात नइखे भउजी कि का कहीं, बाकिर तहरे बतिया ठीक बुझात बा.
(97)
भउजी हो!
का बबुआ?
एगो बात बतलइबू?
पूछे आइल बानीं त हम इन्कार कइसे कर सकीला?
मायावती अपना राजनीतिक वारिस के एलान कर दिहली.
चलीं, ठीके कइली. आरएसएस वाला तरीका अपनवले बाड़ी. ओहिजो संघचालक के नाम लिफाफा में बन्द करिके दू गो वरिष्ठ लोग के दे दिहल जाला. जवन कि तत्कालीन संघचालक का निढ़न का बाद खोलल जाला आ जेकर नाम रहेला ओकरा के संघ चालक बना दिहल जाला.
ई त तू दोसरे ओर खबर के मोड़ दिहलू.
रउरा का पुछल चाहत रहनी ह?
मायावती का एलान पर कांग्रेसी लोग खिसियाइल बा. एह पर कुछ कहबू?
देखीं कांग्रेस में जनम से वारिस तय होले से हो सकेला कि ऊ लोग चाहत होखो कि सब जगहा वइसनो होखो. बाकिर मायावती जी त कुँआर हई. जवाहर का बाद इन्दिरा, इन्दिरा का बाद राजीव, राजीव का बाद सोनिया, सोनिया का बाद राहुल, राहुल का बाद के अबहीं तय नइखे काहे कि राहुल के बिआह अबहीं नइखे भईल वाला सुविधा उनका लगे कहाँ से होखी?
अब हम भागत बानी. कवनो कांग्रेसिया सुन ली त खिसिया जाई.
त रउरा का चाहत रहनी हऽ? ऊँट के चोरी आ निहुरे निहुरे?
ना भउजी तहरा से पार पावल हमरा वश में नइखे. प्रणाम. फेर आएम.
(96)
भउजी हो!
आ गइनीं! फेर कहीं जाये के बा का?
हँ भउजी. तू त अगमजानी हो गईल बाड़ू.
रउरे संघत के असर हऽ.
रहे द भउजी. मन अइसहीं झुंझुवाइल बा.
से काहे? जम्मू के आन्दोलन का चलते ? आ कि नैना देवी मन्दिर में मचल भगदड़ का चलते? आ कि बेंगलूर अहमदाबाद में बम विस्फोटन का चलते ? आ कि संसद घूस काण्ड क बारे में स्टिंग वाला टेप प्रसारित ना होखला का चलते?
रहे दऽ. बुझाता कि तहरा नजर से कुछ बाँचल नइखे. आ हमनी का देखेनी स कि भर दिन घरे गिरहस्थी में लागल रहेलू.
हँ बबुआ जी. घरवा के काम के त रउरा लोग कामे ना बूझीं. आ घरनी के मोले ना जानी. अरे हमनी ए का चलते घर परिवार देश समाज व्यवस्थित रहेला. आधा दुनिया हमनीए का हईं सन आ रउरा हमनी का बारे में कबो सोचबो बोलबो ना करीं.
घूमा फिर के फेर शिकायत कर दिहलू नू भउजी. अब तूहीं बताव ना बाँड़ का जनिहे परसवति के पीड़ा? जवना आधी दुनिया के तू बात करत बाड़ू तवना के तहरे लोग का नजर से देखल जा सकेला. हम त खोजते बानी कि केहू मिल जाव.
अब हमरा से मत कहेम. हमरा पर अइसहीं छिहत्तर गो जंजाल बा.
त केकरा से कहीं, तूहीं सलाह दऽ ना..
चलीं कवनो तेज लड़की से चक्कर चला लीं..
फेर फेर सियार तरकुल तर जइहें ? माफ करऽ.
(95)
भउजी हो!
का हऽऽऽ?
बाप रे बाप. आजु अतना काहे झनकल बाड़ू?
मिलि गईल फुरसत सिनेमावालन से?
का कहीं भउजी, दुनिया के ऊहे चाहीं से ओकरा के सम्हारहीं के पड़त बा.
आ साहित्य संस्कृति भुला गईनीं. कतना दिन हो गईल, ना कवनो कविता, ना कहानी, ना लेख.
शिकायत त तहार जायजे बा. बाकिर ढेर दिन हो गईल कवनो नया लेख कविता भेंटईबे ना कईल हा.
बहानाबाजी दोसरा से, हमरा से ना. ना भेजल हऽ केहू त राउर भण्डार त भरल बा. ओहिमें से कुछ नया काहे नईखीं परोसत?
असल में भउजी सिनेमवे वाला आइटम आ टटका खबर में अतना समय लाग जात बा कि दोसर काम खातिर टाइमे नइखे बांचत. ओहूपर देखऽ कि राजनीति में कतना हंगामा हो रहल बा ओहू पर त कुछ नया ना लिख पवनी हँ.
एगो बात बताईं देवर जी. कवनो सब्जी में मसाला हिसाबे से पड़ेला. अगर एके मसाला बेसी हो जाई त सब सवाद बिगड़ि जाई.
ठीक बा भउजी, तहार बात के धेयान में राखब.चलऽ अब त चाय पिया दऽ...
(94)
भउजी हो!
का बबुआ जी?
आजु मन बहुते उदास बा.
का हो गईल? कनिया से कुछ कहासुनी हो गइल बा का?
ना भउजी. तहरा त हर समय कनिये दुलहा लागल रहेला. आजु हम भोजपुरी के लेके चिन्तित बानीं.
चिन्ता छोड़ दीं. भोजपुरी ना त रउरा सम्हरले सम्हरी, ना बिगड़ले बिगड़ी. आजुकाल्ह भोजपुरी का पोखरा में मार ढेला चल रहल बा त तरह तरह के लहरे उठबे करी. इयाद करीं आजु से छह सात साल पहिले के बाति. रहे कतहूं चरचा भोजपुरी के?
ना! बाकिर आजु जे हो रहल बा से ढेर लोग का नजर में अश्लीलता बा फूहड़पन बा.
देखीं, रउरा लेखा पढ़ल लिखल लोग से त हम अझूराएम ना. बाकिर भोजपुरी के मापे के बा त दोसरा भाषा दोसरा संस्कृति के चश्मा से देखल छोड़े पड़ी. जवन बाति एगो भाषा में अश्लील होखेला दोसरा में मान्य हो जाला. जहाँ तकले हम देखले बानी भोजपुरी में दोसरा भाषा का तुलना में खुलापन अधिका बा. जेकरा देखे सुने के होखे ऊ फगुआ का टाइम में गाँवे आ जाव आ देखो सुनो फगुआ के गीत जवन गांव भर के लोग झूमत गावत भर गाँव घूम घूम गावेला. भा बिआह का सीजन में बारात निकलला का बाद घर के मेहरारूअन के डोमकच देख लेव जवन सास पतोहु महतारी बेटी सभका सोझा होखेला.
वाह रे भउजी, तहरा के अइसहीं ना नू अतना मानी ला. तू चीजे गजब के हऊ! बाकिर एह बाति पर हम अतना आसानी से ना मानब. लोगो से जानब पूछब तब कुछ मानब.
राउर मरजी!
(93)
भउजी हो!
मिल गइल फुरसत, भउजी का लगे आवे के?
का भउजी, ओरहन दिहल ना छोड़बू?
त का कहीं? अतना अतना दिन हो जाला रउरा से भेंट भइले. भरसक ना कनियवो रउरा से खिसियाइल रहेले.
हो गईली नू गोतिनी का ओरि. खैर छोड़ऽ शिकवा शिकायत. एगो बाति बतलाव?
का ?
हिन्दू लोग के आत्मघाती जत्था बने के चाहीं कि ना?
ऊ त कहिये से बनवले बा लोग! कहल मुश्किल बा कि कतना आत्मघाती जत्था बाड़ी सन आ कतना रोज बन रहल बा.
का भउजी, हम त कहीं ना देखनी, ना सुननी. ऊ त बाल ठाकरे कहलन त सोचे लगनी कि ठीक कहत बाड़े कि गलत?
हिन्दू लोग त बुझाला कि जनमते आत्मघाती बनि जाला लोग. ना त हिन्दूवन के अइसन हालत होखित? ऊ त कहीं कि गनीमत बा कि कुछ लोग आत्मघाती ना बनि के हिन्दू समाज के बढ़ावे खातिर लागल बाड़े. नमस्कार करीं ओह लोग के!
वाह भउजी! कतना बढ़िया तरीका से तूं अपना मन के बात कह दिहलू.बाकिर तहार बतिया के पेच बूझी कव जाने!
(92)
(ई मिलल ना. पता ना मेटा गइल बा कि नम्बर देबे में गलती हो गइल.)
(91)
ए बबुआ!
अरे भउजी तूँ?
हँ, एगो जमाना हो गइल राउर मुँह देखले त सोचनीं कि हमहीं चलि चली. रउरा त बोलायब ना.
का भउजी, अब तुँहू शिकायत करबू? आ गइल बाड़ू त देख लऽ घर कइसन छितराइल बा. तहार गोतनी नइहर का गइली घर भकसावन हो गइल बा. एगो कर तानी तले दोसरका काम पाछा छूट जात बा. बुझाते नइखे कि कइसे का करीं!
से त देखते बानीं. अब बुझाइल नू कि हमनी घरवालिन पर का गुजरेला. रउरा लोग के त घर के काम कामे ना बुझाव.
हँ भउजी, से त ठीके कहत बाड़ू बाकिर बहरिओ के कमवा कवनो आसान ना होला.
काम केहू के आसान ना होला. काम ना करीं त काम कइसे कहाई. मरद मेहरारू परिवार के गाड़ी के दू गो पहिया लेखा होला. बाकिर एगो में डिफरेन्शियल लगावे के पड़ेला ना त गाड़ी चलबे ना करी. परिवार के गाड़ी के डिफरेन्शियल वाल पहिया हमनी का हँई सँ जे रउरा लोग का हिसाब से चलीलें जा.
चलऽ बात तो होते हवात रही. बईठ, आज हमरा हाथ के चाय पी के देखऽ. बाकिर पावडर वाला दूध के मिली.
त रहे दीं, हमरा से ऊ ना पियल जाई.
चलऽ देखत बानीं, शायद नींबू होखि त नींबूए पानी के शरबत बना देत बानीं.
(90)
भउजी हो!
का बबुआ?
मनमोहन सिंह मंत्रीमण्डल के नयका विस्तार में सात गो मंत्री जोड़ल गइले.
सात गो जोड़स भा सत्तर गो. उनकर मन. हम रउरा कुछ कहे वाला के हईं?
बाकिर राहुल गाँधी के अबहियों मंत्री ना बनावल गइल. से काहे?
मालिक भला बराहिल का नीचे काम करेला! अरे उनका जब बने के होखी त सोझे प्रधानमंत्री बनिहन. राजीव गाँधी लेखा.
उनकर परिस्थिति दोसर रहुवे. तब इन्दिरा जी के अचानक हत्या हो गइल रहुवे. सोनिया गाँधी इन्दिरा जी लेखा काहे नइखी करत?
का कहे चाहत बानीं, कहीं ना!
इन्दिरा जी प्रधानमंत्री का कुरसी पर जाए का पहिले सूचना मंत्री बन चुकल रही.
जमाना बदलि गइल बा बबुआ. ऊ विदेश से थोड़े आइल रही? एही देश का माटी के जनमल रही से कुछ संस्कार त रहबे करुवे. हम आजुवो ले उनकर इज्जत करीले.
एगो आउरी बाति सुनलू हऽ?
का? मायावती वाला?
हँ. कि राहुल गाँधी जब कवनो दलित का घरे से लवटे लें त गमकउवा साबुन से मल मल के नहालें कि देह से सगरी बास निकल जाव.
राजनीति में गिरहूं के एगो सीमा होखेला. बाति में बाथरुम तक चहुँपल नीक बात नइखे......
(89)
भउजी हो!
का बबुआ?
भोजपुरिहन में अइसनका कवन अएब बा कि ऊ मिल जुल के ना रह सकसु?
इगो.
इगो का कहाला भउजी?
इगो माने अहम्. जे बानीं से हमहीं बानीं, जवन कइनीं हमहीं कइनीं.
अगर हर कोई इहे कहीं त समाज आगे कइसे चली भउजी?
हमरा अनुसार चले के बा त चलीं ना त आपन रास्ता देखीं. इहे आजुकाल्हु के रीत हो गइल बा.
बाकिर भउजी, हमनी का त इहो कहीलें कि अबर बानीं, दुबर बानीं, भाई में बरोबर बानीं.
इहो एक तरह के अहमे हऽ बबुआ. हर कोई बरोबर कइसे हो जाई? घर परिवार समाज हर जगहा केहू आगा त केहू पाछा मिलेला. सबके एक दूसरा के सन्मान देबे के चाहीं.
ठीके कहत बाड़ू भउजी, देखिये ना लऽ भोजपुरी सिनेमा के त्रिमुर्ती एक जगहा एक साथे नइखन रहो पावत.
खाली सिनेमवे के बाति काहे करत बानीं? वेबसाइट वाला लोग एक जगहा बा? ग्रूप वाला लोग ग्रूपिज्म से उपर बा?
जाए द भउजी. बात मत बढ़ावऽ, तू त चुहानी में रहबू, हमरा देश दुनिया में सबका से मिल बेवहर के रहे के बा. जे बा से ठीक बा. जे जवन करत बा अपना हिसाब से ठीके करत बा. हम तू के हईं दोसरा के बुद्धि देब वाला?
त छोड़ीं ई सब बाति. कनिया के हाल चाल सुनाईं.......
(88)
भउजी हो!
का बबुआ?
तू अतना चाल्हाक कइसे हो गइलू?.
रउरा से दुगुना दुनिया देखले बानीं, एहसे.
अतना उमिर त तहार ना भइल.
उमिर से बुद्धि थोड़े बढ़ेला? अरे जम नइहर सासुर दू गो दुनिया देखले बानीं, रउरा एगो.
हँ, इहे त तहरा लोगिन के खासियत होला. अनका घर से आके दोसरा घर में मलकिनी बनि जालू लोग.
ई ना कहेम कि आपन बाप महतारी घर दुआर सब तेयाग के दोसरा घर खातिर बलिदान हो जाली सँ!
अइसनका बलिदानी बने के मउका मिलो त हमहूँ बन जाईं.
ठीके बा, त जाईं घर जमाई बनि जाईं.
रहे दऽ हम बुड़बके निमन...
(87)
भउजी हो, सुनऽतारू?
का बबुआ जी?
काल्हु त फगुवा हँसी खुशी बीत गइल. अब रात से चइता के धूम शुरु हो गइल बा. भर महीना अब जहाँ तहाँ चइती के प्रतियोगिता होखी.
से त हर साल होखेला. अबकी होली का दिने आडवाणी आ सोनिया का बीचे का भइल कुछ पता चलल?
ना भउजी. बाकिर आहे एगो बड़ खबर बा कि दुनू जने भेंट कइलन. कुछ त बरफ पिघलले होखी. बाकिर पाकिस्तान के मनमोहन का बारे में तोहार का विचार बा?
पाकिस्तान के मनमोहन ना हउअन गिलानी. ऊ पहिलहीं से राजनीति का खेल में बाड़न आ माटी का माधो का तरेह काम ना करिहन.
त क दिन चलिहन भउजी?
जव दिन चलसु. पाकिस्तान आ हिन्दुस्तान का राजनीति में बहुत अन्तर बा. हिन्दुस्तान के राजनीति में लोकतंत्र के जड़ जम चुकल बा. पाकिस्तान में जेकर सरकार रहो चलेला फौजे के.
ठीके कहतारू भउजी. चलऽ अब चलल जाव. मुहल्ला में चइता हो रहल बा.
हँ हँ जाईं, चईता के त बहाना बा. असल में त जवन लउण्डा नाच होखले ओकरे के देखे के बा!
धत् भउजी! तुहूँ त..
(86)
भउजी हो, सुनऽतारू?
अरे वाह रे देवरजी, आ गइनीं. हम त सोच लिहले रही कि अब रउरा ना आएब.
अइसनका होइये ना सके भउजी. फगुआ का दिने तहरा हाथ के बनावल गुझिया पिड़ुकिया आ दही बड़ा ना खाएम त फगुवा अधुरे नू रह जाई.
कनिया के काहे ना ले अइनी हँ?
ऊ ओने अझूराइल बाड़ी. हमहूं बाजार से सब सामान ले आ के दे दिहनी हँ. फेर कहनी कि जबले बनइबू तबले हम भउजी से भेंट कर आवत बानीं.
अच्छा चलीं जल्दी से रंग अबीर खेल लिहल जाव. फेर हमहूं साँझ के आएम कनिया के हाथ के पकवान खाए खातिर.
से त ठीक बा. भईया केने बाड़न? लउकत नइखन.
गइल बाड़न अपना पड़ोसन भउजाई से होली खेले.
बाकिर आव भउजी, आजु एगो आउरी बाति तय कर लिहल जाव.
का बबुआ जी? इहे कि हमनी का फेर पहिले का तरेह देश दुनिया समाज के बात विचार करत रहल जाई. ना त लोग कहत बा कि देवर भउजाई का झगड़ा हो गइल बा का?
झगड़ा होखो हमनी का दुश्मन में, हमनी में काहे?
(85)
भउजी हो, सुनऽतारू?
कइसे कइसे आजु भउजी इयाद पड़ गइली?
अइसन कहि के दिल मत दुखावऽ भउजी! तहरा के हम कहियो भुला सकीलां?
भुला ना सकीलां आ भुला गइल बानीं. आजु कतना दिन बाद लउकल बानीं.
खैर शिकवा शिकायत छोड़ऽ, चलऽ तनी गरमा गरम चाय का संगे पकौड़ी छान दऽ!
बुझात बा कि बसन्त पंचमी बीत गइल आ फगुआ कपारे आ गइल बा!
हँ भउजी, अब कई गो दिने रहि गइल बा? बाइसे के नू हऽ!
तब अबकी के फगुआ खेले ससुरारी जाए के बा, भउजी त फेर छूंछे रहि जइहन!
ना भउजी, जाए का पहिले तहरा संगे होरी खेल के जाएम!
त एही बात पर मनोज भावुक के कवनो दोहा सुना दीहिं.
गड़ी,छुहाड़ा,गोझिया भा रसगुल्ला तीन।
के तोहसे बा रसभरल, के तोहसे नमकीन॥
(84)
भउजी हो ! सुनलू ह?
का बबुआ?
मुम्बई में बिहार यूपी से आवे वाला रेलगाड़ी के रोके के एलान राज ठाकरे कइले बाड़न.
ई त गलत बाति कहले बाड़न. मुम्बई केहू के बाप के जागीर ना हऽ. बाकिर एगो बाति पूछीं?
पूछऽ ना भउजी!
रउरा लोग अतना छनकल काहे बानीं? अरे ऊनुका कहला से का होखेला? केन्द्र सरकार कहि दिहलसि कि राम काल्पनिक चरित्र हउवन, करुणानिधिआ कहलसि कि राम पिक्कड़ रहलें, काश्मीर में दोसर नियम कायदा चलेला. ओह सब बतिया पर रउरा लोग तनिको ना तिलमिलानीं, राज से कवनो पुरान दुश्मनी हऽ का?
काश्मीर कश्मिरियन खातिर कहेवाला पर त रउरा लोग का मुँह से बकारो ना निकलेला, महाराष्ट्र मराठीयन खातिर कहला पर काहे? अगर ई गलत बा त ऊहो गलत बा. उठाईं लोग संविधान के धारा ३७० हटावे के माँग!
तूँ त भउजी हँसुआ के बिआह में खुरपी के गीत नाध दिहलू!
नाँ! ई लालू, रामविलास, मुलायम सभे के राज ठाकरे के बतिया खराब लागल बा. काहे कि एहमें हिन्दू के हिन्दूवे से लड़ाई हो रहल बा. कवनो के वोट बैंक नइखे छितरात. बा केहू मरद त हर नाजायज के नाजायज कह के देखावे!
बतिया त तूँ ठीके कहत बाड़ू भउजी. हमहूँ सोचत बानीं कि राज ठाकरे के बाति पर अतना बवाल कइला के कवनो जरुरते ना रहल हा. ऊ कहलन, लोग चुपाइल रहि जाइत. त बतिया अपने मौत मर गइल रहित. अब त लहोक उठे लागल बा.
एहीसे नू कहीलें कि सेयान होखीं. कउवा कान लेके भागल सुनते कउवा का पाछा मत दउड़े लागीं. पहिले आपन कानवा त देख लीं.
(83)
भउजी हो ! सुनलू ह?
का बबुआ?
भोजपुरी के सुपर स्टार रविकिशन से हमार फोन पर बात भईल हऽ.
त एहमें उचले वाला कवन बाति बा?
कहुवन कि कुछ फोटो वगैरह भेज रहल बानी, आपन मोबाइल के नम्बरो लिखवा दिहलन.
रउरा लेखा कतना लोगन के ऊ आपन नम्बर देत रहत होइहें. फोटो वोटो कुछ आई ओई ना.
ना भउजी, ऊ अपना पीआरओ के भी नम्बर लिखववलन आ कहलन कि ओह लोग से ऊ कह दिहन कि जल्दी से भेज देव लोग.
रऊरा कहिया सयान होखब देवर जी! अरे नेता आ अभिनेता में कवनो ढेर फरक ना होला. दुनू अपना बाति से लोग के भरमा के राखेलन. रउरा देख लेम. रविकिशन के फोन करेम त ऊ उठइहें ना. पीआरओ के तबियत खराब हो जाई, फेर होखी कि बड़ा काम में अझूराइल बानीं, मउका मिलते भेज दिहल जाई. अन्त में हार थाक के रउरे महटिया देम.
जाए दऽ. ना भेजीहन त कवन हमार भोजन पानी रुक जाई.
चलीं अतना सन्तोष बा त ठीक बा.
(82)
भउजी हो ! सुनलू ह?
तेरी माँ की... आ मंकी वाली?
हँ, उहे भउजी!
हँ, बबुआ. सुनबो कइनी आ कपारो धुननीं.
से काहे भउजी?
कइसन जमाना आ गइल बा कि महतारी के गारी से खराब केहू के मंकी कहल हो गइल बा. एकरा से इहे मालूम भइल कि डारविन ठीके कहले रहुवे कि आदमी बानर के संतान हऽ.आ कतना आराम से ई लोग समुझा देहुवे जज के कि तेरी माँ की... भारत के लोग आइसहीं बोल देला! छीः
दोसरो कुछ सुनलू हऽ?
हँ इहे नू कि अँजोरिया आजु काल्हु एक नम्बर पर चलत बा?
हँ भउजी!
त तनी अँजोरिया वालू से कह देम कि अईंठस जनि! उपर चढ़ल आसान होला, बाकिर उपर बनल रहल बड़ा कठिन काम होला. सफलता का बाद आदमी के मोलायम हो जाए क चाहीं!
से त ठीक कहत बारू भउजी! बाकिर एकरा से ईहो साबित हो गइल कि अगर केहू सही दिशा में लगातार चलत रहे त ऊ कतनो धीरे चलो एक ना एक दिन अपना मंजिल पर जरुर चहुँप जाई.
बाकिर हमरो एगो बाति इयाद राखीं! कवनो मंजिल आखिरी पड़ाव ना होला! हर मंजिल का बाद एगो दोसर मंजिल लउके लागेला आ आदमी के लगातार प्रयास करत रहे के पड़ेला. जे पिछुआइल बा, से पाछा ना छोड़ी! पाछा लागल रही आ मउका मिलते पटकनिया देबे में ना संकोची!
हँ भउजी, इहो ठीके कहतारू!
(81)
भउजी हो ! सुनलू ह?
ना सुनले होखम त अब सुनि लेम. कहीं...
आडवाणी के राजग के लोग आपन नेता मान लिहल.
मानित लोग कइसे ना. अतना नौटंकी अनेरहीं भइल रहे का?
कवन नौटंकी भउजी?
भुला गइनी का जिन्ना प्रकरण?
तहरा कहला के मतलब ऊ चाल रहुवे?
एह सवाल के जवाब हम ना देम एगो छोट कहानी सुना देत बानीं. एक हालि मास्टर साहब स्लेट पर एगो लकीर खींचि के एगो लड़िका से कहलन कि अब एकरा के बिना कटले छँटले मोटवले छोट कर दऽ. लड़िका चट से ओकरा बगल में एगो बड़हन लकीर खिंचि दिहलस. राम रथ यात्रा वाला आडवाणी, अयोध्या वाला आडवाणी, हिन्दूत्व के पुरोधा आडवाणी के सर्वस्म्त नेता बनावे के आसान तरीका इहे रहुवे कि उनका के ढुलमुलिया बना दिहल जाव. बना दिहल गइलन त आजु नेतो बन गइलन!
वाह भउजी, का बाति कहलू!
संघ के कर्ता धर्ता अपना प्रचारकन से नाटक के पात्र लेखा काम लेबे लें. जेकरा जवन रोल मिलेला ऊ रोल ऊ बढ़िया से करेला. बाजपेयी भर जिनिगी आपन रोल निभवलन, आजुवो निभावत बाड़न आ आगहूँ निभावत रहिहन. वइसहीं आडवाणी आपन रोल कइलन, कर रहलबाड़न, करत रहिहन. हमनी का दर्शकन लेखा हर बात पर ताली बजावत रहि जाएम!
(80)
भउजी हो ! सुनलू ह?
हम बाद में सुनब. पहिले ई बताईं कि रउआ आजुकाल्हु केने रहत बानीं कि जमाना हो जात बा भेंट कइले?
तहरा से कवनो बात छिपल बा का भउजी? जवना मुसीबत में फँसल बानीं तवना से निकले खातिर हर जतन करे में लागल बानीं. एहि चलते आजु काल्हु टाइम नइखे मिलत कि तहरा से भेंटो करि पाईं.
जाए दीं. बस भउजी के भुलाएम जनि. हम त हरमेस चाहेम कि रउआ आबाद रहीं, ईहां रहीं चाहे इलाहाबाद रहीं!
वाह भउजी! खैर जाए द. एगो बाति बतावऽ. काल्हु एनडीटीवी का अहमदाबाद आफिस में जवन हंगामा भइल तवन ठीक भइल कि बेजाँए?
जवन काम बाति से हो जाव तवना खातिर लात चलवला के का जरुरत? भारत रत्न खातिर नीमन बाउर हर तरह के आदमी के नाम उठावल जा रहल बा. ऊ लोग अगर एमएफ हुसैन के नाम उठाईये दिहल त का हो गइल?
काल्हु त केहू बाबरो के नाम उठा सकेला?
भारत रत्न भारत सरकार के दीहल उपाधि हऽ. पहिले का जमाना में ब्रिटिश सरकार तरह तरह के उपाधि देत रहुवे. केकरा इयाद बा कि केकरा का मिलल रहुवे. साँच पूछीं त भारत रत्न दीहले बन्द कर देबे के चाहीं.
ईहे त हमहूं कहेम. बाकिर आडवाणी जवन बखेड़ा शुरु कइलन कि पूरा देश में जगहे जगहे भारत रत्न के दावेदार पैदा हो गइलन. हमरो मन करत बा कि तहरा खातिर एगो भारत रत्न माँग ले आईं. कतन नीक नीक बाति करेलू. घर गिरहस्थी सम्हरले बाड़ू. परिवार के एकजुट रखले बाड़ू.
मस्का जाके अपना कनियां के लगाईं. बीबी खातिर एगो गहना खरीदात नइखे, भउजाई खातिर भारत रत्न! कनियवा इहे कही.
(79)
भउजी हो ! सुनलू ह?
का बबुआ?
भारत सरकार के एगो मंत्री कहले बाड़न कि तसलीमा गलती कइले बाड़ी. उनुका चाहीं कि हाथ जोड़ के मुसलमान समुदाय से माफी माँग लेसु आ द्विखण्डितो में लिखल गलत बातन के निकाल फेंकसु.
कहवां रहुवन जब भारत सरकार कोर्ट में हलफनामा दाखिल क के कहलसि कि राम सांच ना हउवन, ऊ कवि के कल्पना हउवन? करुणानिधि भगवान राम के पियक्कड़ कहलन तवना घरी मुँह काहे ना खोललन कि हिन्दू समुदाय से हाथ जोड़ के माफी माँग लऽ?
काहे कहतन भउजी? हिन्दू लोग में बरदाश्त करे के अपार क्षमता बा. ऊ लोग सैकड़न बरिसन से लात जूता खात राजा आ सरकार के जय जयकार करत चलल आवत बा. अबहियों करिए रहल बा.
त सोझे काहे ना कह दिहलन तसलीमा से कि ऊ हिन्दूवन के गरियावे के शुरु करि देस. फेर उनका के सरकार महाभारत रत्न से सम्मानित कर दी. सेकूलरिज्म के नया मसीहा बनि जइति.
ई त ऊ जानसु भा उनकर मुखियाइन जानसु! हमरा से काहे पूछले बाड़ू?
बतिया के शुरु कइल हऽ? हम कि रउरा?
अतना अतना दिन प त आवत बानी. का करीं, तहरा से पूछलो जरुरी रहेला.
त छोड़ीं ई बतकुच्चन. जेकरा जवन करे के बा तवन करो. हमनी का चलि के चाय पियल जाय.
चलऽ भउजी.
(78)
भउजी हो ! सूनलू ह?
का बबुआ जी?
भारत आस्ट्रेलिया का साथे पहिलका टेस्ट हार गइल.
त एहमें खबर कहवाँ बा?
भाजपा हिमाचल में जीत गइल.
एहूमें खबर कहवाँ बा?
बलिया के चुनाव शान्ति से हो गइल.
कइसे ऐ बबुआ जी? अतना बड़हन बड़हन बलशाली लोग चुनाव लड़त रहल हा. सब कुछ शान्तिए से कइसे हो गइल?
अगिला साल फेर लड़े के मउका मिली इहे सोच के!
(77)
भउजी हो ! सूनलू ह?
ना पहिले ई बताईं कि अतना दिन ले कहवाँ रहनी हँ?
अपने सब कइलू, गरदन में ढोलक बन्हलू, आ अब पूछत बाड़ू कि कहवाँ रहनी हँ?
तबो बिआह का बाद भउजी के एकदमे भुलाइए जाएम का?
ना भुलाए के बाति कहाँ बा. ईहां त अब नून तेल लकड़ी के फिकिर मरले बा. बूझात बा जिनिगी अइसहीं कट जाई. सबेरे से रात ले धउते रह जात बानी. मेहरारू के गारी अलगे सुनत बानीं. पइसा आवे के पहलहीं जाए के जोगाड़ बना के राखत बा.
खैर चलीं, ई सब त लागले रही. तबो रोज ना त कबो कबो त आ जाइल करीं भेंट करे, हालचाल लेबे देबे.
ठीक बा भउजी कोशिश करेम, वादा ना करेम.
अतनो ठीक बा. अब चलीं कुछ चाय नाश्ता करलीं, ना त रउरा तुरते उदबेगो धर लेला!
चलऽ भउजी.
(76)
भउजी हो ! सुनलू ह?
का बबुआ?
सउदी अरब के ओह महिला के का दोष रहे जे बलात्कार के शिकार होखला का बाद ओकरा सजायो भुगते के पड़ल?
सीता जी के का गलती रहे जे उनका बनवास भुगते के पड़ल?
तू त नहला पर दहला मार दिहलू भउजी. देखिहऽ कही हिन्दुत्व ब्रिगेड मत टूट पड़े हमनी पर.
जवन होखि तवन देखल जाई. बाकिर सांच काहे छुपावल जाव? तरबूजा छूरी पर गिरो भा छूरी तरबूजा पर कटे के त तरबूजे के बा!
बाकिर एह बतकुच्चन में असल बतिया त जस के तस रहि गइल.
त पूरा सुन लीं. लड़की जात के हमेशा सम्हल के रहे के चाहीं. पहिलका गलती कइलस कि दोसरा का संगे फोटू खिंचलववलस. फेर ऊ फोटो वापस लेबे खातिर शेर के मांद में गइल. फेर ओकरा बाद कोर्ट कचहरी मीडिया का फेर में पड़ गइल. अपना मजहब का बारे मं जानत रहित त अइसनका गलती ना करित. ओकरा मजहब में मेहरारू के बात से अधिका वजन मरद के बात के दिआला. चाय पियला का बाद कप धोवल जाला मुँह ना!
(75)
भउजी हो ! सूनलू ह?
का बबुआ?
मनमोहन सिंह कहलन हा कि मोदी का डर से डराइल भाजपा आडवाणी के नेता बना लिहलसि.
त उनका पेट में दरद काहे होखत बा?
इ त ऊ जानसु भा तू, हमरा मालूमे रहित त तहरे से पूछतीं?
उनका के केकरा डरे प्रधान बनावल गइल, अतना त उनका मालूमे होखी. सीट गरमवले राखसु. अगिला हालि कांग्रेस जीती त उनका बइठे के ना मिली. हारी त फेर हरिनाम भजहीं के बा!
(74)
भउजी हो ! सूनलू ह?
का बबुआ?
कांग्रेस के लोग कहत बा कि सोनिया जी के नरेन्द्र मोदी से तुलना ना कइल जा सके.
ठीके त कहत बा लोग. एगो विधवा दोसर कुँआर. एगो विदेशी मूल के दोसर हिन्दुस्तानी. एगो औरत दोसर मरद. एगो अफजल के फाँसी देबे के फैसला से भागत सरकार के नेता, दोसर आतंकियन के पछाड़ेवाला सरकार के मुखिया. एगो लिखल भाषण पढ़ेवाला दोसर आपन भाषण देबे वाला. कइसे तुलना कइल जा सकेला दुनू के एके साथ?
बाप रे बाप, तहरा के टोकलो अब खतरनाक होखे लागल बा. एकसुरिये धर लेत बाड़ू.
हँ बबुआ, बात कहीले खर्रा, गोली लागे चाहे छर्रा!
(73)
भउजी हो ! सूनलू ह?
का बबुआ?
बलिया के संसदीय सीट खातिर परचा भराए लागल. ओहमें से बसपा के विनयशंकर तिवारी का लगे करोड़न के सम्पत्ति बा.
अइसहीं हाथी पर बइठे ला लोग का? विनयजी का लगे हाथी पर चढ़े के औकात बा, चढ़ गइलन.
बाकिर भउजी, उनका पर हत्या के कोशिश करे के मुकदमो चलत बा. मायावतीजी कहले बाड़ी कि ऊ अपराध के जड़ से उखाड़ फेंकिहन.
हाथी के खाए के दाँत अलग होला, देखावे के दाँत अलग. दोसरे अबले ऊनका के मुजरिम करार नइखे दिहल गइल. आरोप त केहुओ पर लाग सकेला!
भाजपा के वीरेन्द्र सिंह मस्त फेर से नामांकन काहे कईलन हा?.
सोचले होइहन कि पहिलका नामांकन भीड़ का पचड़ा का चलते रद्द हो जाई त दूसरका कामे आई!.
(72)
भउजी हो ! सूनलू ह?
का बबुआ?
मनमोहन सिंह कहलन हऽ कि गुजरात में मोदी के विरोध करे वाला लोग भगवान भरोसे हो जाला.
का मतलब? ऊ केकरा भरोसे बाड़न? तनि सोनिया के विरोध करिके देख लेसु! फेर भगवानो उनुका के ना बचा पईहन. मोदी के विरोधियन के बचावे खातिर त ढेरे लोग बा, मनमोहन सिंह, तीस्ता सीतलवाड, अफजाल, सोहराबुद्दीन के संगी साथी वगैरा.
भउजी अतना ना खिसियाए के! जमाना खराब हो चलल बा. अब बाभन के बाभन कहला पर बवाल हो सकेला.
त ओकरा डरे का करीं. बाभन के बाभन ना त का कहल जाई?
ई त तू जानऽ. अतना दिन से एही चलते तहरा लगे ना अइनी हऽ कि कवनो बवाल मत हो जाव. हँसीओ मजाक कइल गुनाह बन जाई.
त बईठ जाईं हमार चूड़ी पहिर के आ मुंह पर कपड़ा बान्हि लीं.
(71)
भउजी हो ! सूनलू ह?
का बबुआ?
दक्खिन के एगो हीरोइन खूशबू कहले बाड़ी के लड़कियन के सेक्स एजुकेशन दिहल जरुरी बा.
ओकर बाति हमरा से मत करीं. ओकरा लगे ना त तहजीब बा ना.लिहाज. पूजा में दुर्गाजी के मुर्ति का सामने चप्पल करिके बइठल रहुवे.
बाकिर भउजी अइसनके बाति खातिर लोग तसलीमा का खिलाफ फतवा निकलले बा त ओकर विरोध काहे होत बा?
तसलीमा कवनो मजहब ना मानसु त मत मानसु बाकिर जे मानेला ओकरा मजहब का खिलाफ मत बोलसु. अतना त हमहूँ कहेम. बाकिर ओह खातिर तसलीमा के जान का पाछा पड़ल ठीक नइखे. हमहूं खुशबू के जान का पाछा नइखीं पड़ल. अइसनका लोग के अनदेख कइल सबले निमन होला.
काहे भउजी?
तसलीमा का खिलाफ अतना लोग ना पड़ल रहित त उनकर उपन्यास लज्जा के अतना प्रचार ना होखित. अब त जे नाहियो पढ़ले रहुवे उहो पढ़े के मउका खोजी.
(70)
भउजी हो ! सूनलू ह?
ना! आजु रउवा हमार सुनीं.
कहिये द तब!
एक हालि हमरा सखी के प्रेमी ओकरा से डींग हाँके लगलसि कि हम तोहरा खातिर जान दे सकीलें.
बड़ा जानदार प्रेमी रहुवे.
बीचवा में बोलल जरुरी बा?
ओह हो गलती हो गइल. हँ तब तहार सखी का कहली?
सखी कहलसि कि रहे द, रहे द! तहरा के हम देख चुकल बानीं. याद बा ओह दिन के जब एके संगे सूते कि मिलल रहुवे आ तू बीच में तकिया राख के सूतल रहुवऽ. एगो तकिया त फानल पार ना लागल, जान देबऽ!
आ तू हमरा के आजु बतावत बाड़ू? पहिले बतलवले रहतू त ऊ गलति ना नू करतीं!
(69)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
तसलीमा का बारे में.
ए बबुआ गाछ से गिरल पतई, आ घर से निकलल मेहरारू के कवनो ठौर ठिकाना ना होला. हवा बेयार जेने मन करेला तेने उधिया ले जाला!
से त ठीक बा भउजी, बाकिर का इहे धरम हऽ कि शरणागत के रक्षा ना कइल जाव?
शरणागत के रक्षा खातिर त सांस्कारी लोग आपन जानो के बाजी लगा देबेला, बाकिर नेता लोग से सांस्कारिकता के उमेद कईल बेकार बा.
कहत बा लोग कि लिखल बन्द करि दऽ आ माफी माँग लऽ.
कहे खातिर त लोग इहो कहत बा कि आ के हमरे घर में रहि जा! मुहँझौंसन के आगि लागो!
(68)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
सरकार मान लिहलसि कि नन्दीग्राम पर संसद में चर्चा कइल जा सकेला.
त का चाहत बानीं? खाली ललमुँहवे अंगुरी करऽ स! मउका मिलल बा त सेर के सवा सेर देला में का हरज बा?
फेर गठबन्हन धरम के का होखी?
अब जमाना बदलि गइल. गठबन्हन के कवनो मोले ना रहि गइल. जब तू हमार खेयाल ना रखबऽ त हम तहार खेयाल काहे राखब?
ठीके बा भउजी, बाकिर देखलू हऽ ना, शेयर बाजार साढ़े तीन सौ अंक गिर गइल. जब जब झगड़ा बढ़ेला तब तब सेंसेक्स गिरे लागेला.
सट्टेबाजन के सेंसे इहे होला!
(67)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
कर्नाटक में सरकार गिर गइल.
खड़ा कहिया रहुवे? कहीं अपना पार्टी वालन से सांडा के तेल लगावे लोग.
काहे भउजी?
सुनले नइखीं सांडा के तेल बेचे वालन के? लकड़ी पर मारोगे ठक बोलेगा, लोहा पर मारोगे टन बोलेगा, धँसाओगे धँसता जायेगा, निकालोगे फँसता जायेगा. वइसनके ओहू लोग के बने के पड़ी कि जेने चाहे लोग ओने मैदान जीत लेव लोग. ना त थूकल चाटत रही लोग आ लोग ओह लोग के थुकियावत रही.
तू हूँ भउजी कबो कबो हमार बोलती बन्न कर देबेलू!
आदत बना लीं, बिआहे का बाद काम आई!
(66)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
मनोज कुमार खिसियाइल बाड़न. सूअर चण्डाल बदमाश का जाने का का ना बकले हँ?
केकरा पर आ काहे खातिर?
शाहरुख खान पर कि ऊ अपना फिलिम ओम शान्ति ओम में मनोज कुमार के नकल करि के उनुका इमेज से बलात्कार कइले बाड़न!
बाप रे बाप! इस देश की धरती सोना उगले वाला मुँह से अइसन अइसन बोली निकलल हा!
हँ भउजी! आ तुरते शाहरुख माफियो माँगि लहलन ह. ना त पता ना मनोज कुमार केस मुकदिमा कर देतन शायद.
एहि से कहल जाला बबुआ कि अपना से बड़का के मजाक ना उड़ावे के, रउरा बानीं कि हमेशा केहू ना केहू के छीछालेदर कइले रहीलें.
जाए दऽ भउजी, अब हमरो आपन आदत बदले के पड़ी.
(65)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
लेफ्ट फ्रन्ट कहत बा कि नन्दीग्राम का मामिला पर संसद में बहस ना हो सके. काहे कि ई राज्य के विषय हऽ.
गुजरात के विषय राज्य के ना रहेला! ओह पर त पूरा बवाल काटेला लोग. अपना बेरा काहे सुर बदल गईल?
दोसरा का आँखि के फूला लउकेला बाकिर अपना आँखि के माढ़ा ना लउके भउजी.
हँ बबुआ, खैर जाये दीं, अबकि बेर एगो नया बाति कइले बा लोग.
का भउजी?
छठ पर पहिलका हालि संसद में छुट्टी भइल बा, ई भोजपुरिहन के आ ओहू ले बढ़ के हिन्दूवन के वोट बैंक बनला के निशानी हऽ. छठ माई एह लोग के अइसने बुद्धि बनवले राखसु!
(64)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
लालूजी आ रामविलास पासवान माँग कइले बा लोग कि छठ का अवसर पर संसद में छुट्टी होखे क चाहीं.
ओह लोग के रोकले के बा?
केहू ना! तबे नू सुषमा स्वराज पूछली कि कैबिनेट का मीटिंग में इ सवाल काहे ना उठवनी सभे?
कहि दित लोग कि दिवाली में बाझल रहनी हँ जा.
ना भउजी. हथिया के दाँत देखावे वाला दोसर होले खाये वाला दोसर. लक्ष्मी जी के बटोरे में चाहे जतना लवसान होखे लोग, सकारी लोग थोड़े!
जायें दीं, अब कम सेकम अगिला साल से त होखे लागी.
देखल जाव, अगिलो साल इयाद पड़त बा कि ना लोगन के. ना त छठी माई ओह लोग के छठी के दूध इयाद दिया दिहन!
(63)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
आस्ट्रेलिया के लोग वइसनका आदमी के आपन प्रधानमंत्री चुने के ना चाही जे लंगटे में बढ़िया ना लउकत होखो.
छिः छीः. ई कवन बाति भइल. लँगटे उघार आदमी अकेला में होखेला कि पब्लिक का सोझा?
विदेशियन के इहे नू खासियत हऽ कि ऊ सब कुछ में साफगोई बरते ले स. ई ना कि नब्बे का उमिर में अपना अगल बगल जवान लडकियन के सुताईं आ ब्रह्मचर्य के गीत गाईं!
ए बबुआ, सब केहू जानेला कि दुलहा दुलहिन कोठरिया बन्द करिके का करेला. एकर मतलब ई थोड़े बा कि सबका सोझा शूरु हो जा.
का करबू भउजी, जमाना बदलल जा रहल बा. जमाना का संगे बदलहीं के पड़ी.
चलीं तबले हम बूढ़ा जाएम आ अँखिया से कम लउकी त आपनो इज्जति बाँचल रही.
(62)
भउजी हो ! सूनलू ह?
कवन बाति?
मदुराइ के एगो आदमी कुतिया से शादी क लिहलसि.
ए बबुआ शादी के बाद त पता ना कतना औरत के जिनिगी कुतियो से खराब हो जाले. बाकिर ई भइल काहे?
लइकाईं में ऊ अगो कुकुर के मार दिहले रहुवे जब ऊ जोड़ा बनवले रहुवे. ओकरा कुछेक साल बाद ओह आदमी के लकवा मारि दिहलसि. इलाज से कवनो फायदा ना भइल त हँड़िया में थरिया खोजे लागल. एगो पण्डितजी कहि दिहलन कि तहरा पर कुकुर श्राप बा. कवनो कुतिया से बिआह क के इ टोना मिटावे के पड़ी.
बाप हो बाप ई पण्डिजी लोग जवन ना करवा देसु! बाकिर एगो बाति जान लीं. शादी के बाद कतना आदमी कुकुर बनि जालें आ कतना औरत कुतिया ई कहल ना जाव देखे समुझे के बाति हऽ.
तूँ त भउजी अतना तेज बाउन्सर फेकले बाड़ू कि हमरा डक करहीं के पड़ी. हमरा त कुछ ना बुझाइल पता ना बाकि लोग के बुझाई कि ना?
(61)
भउजी हो ! सूनलू ह?
अब त बड़ा चमके लगनीं जी. अगुवा अइला पर अलगा से सिखावे के ना पड़ी.
तूहूँ भउजी खाली बुड़बके बनावेलू. तहरा नइहरा में एक से एक खूबसूरत आ रहनिदार लड़की बाड़ी स, बाकिर तू धेयाने नईखू देत.
ऐ देखीं, हमरा नइहरा के चक्कर मत काटीं. एक हालि हम आ गइनीं ऊहे ढेर बा. असल बतिया बताईं.
सुने में आईल हा कि रेलवे साढ़े सात हजार नया टीशन बनावत बा.
त बनावे दीं. रउरा पेट के पानी काहे नइखे पचत?
बतिया के मतलब समूझाव. अतना टीशन एके हालि काहे बनत बा?
अगिला चुनाव का तइयारी में, आउरी काहे?
चेनखींचवा टीशन के का होखी?
ऊ वइसहीं रहीहें स. टीशन बना दिहला का बादो लोग बीचे में चेन खींची. टीशन पर उतरे में ईज्जत ना चलि जाई?
(60)
भउजी हो ! एगो बात बतइबू?
पहिले रउरा बताईं. रउरा जम का दिया कहिया निकलवा दिहनी?
काहे ? धनतेरसे के नू निकले ला?
अरे भाई अपना जानकारी ना रहे त केहूसे पूछ लिहल जाला.
हम त चौबे जी पूछिये के लिखले रहीं.
चौबे जी भांग का तरंग में होखिहन.
तूहूं त ओह दिन हमरा के धनतेरस में घचपचा दिहले रहू!
एगो बाति गाँठ बान्ह ली आजु से, हिन्दु के परव बहुते विध विधान से तय होखेला. जबले कम से कम दूगो पण्डित से राय ना ले लीं तब ले कवनो परव त्यौहार पर कुछ मत लिखेम.
चलऽ तब तूही बता दऽ कि दलिदर कहिया भगावल जाला, दियरी के पहिले कि दियरीके बाद में?
दियरी के बाद में भिनुसार होखे से पहिले.
(59)
भउजी हो ! तू तऽ हमरा के फँसा दिहलू?
मार बढ़नी रे, हमरा रउरे मिलनी हँ का फँसावे खातिर. एके जाना हमरा खातिर ढेर बाड़न. बाकिर असल बतिया कहीं.
काल्हु काहे कह दिहलू कि आजु धनतेरस हऽ?
काम का भीड़ में हमरा अतना होश ना रहुवे कि हम का कहतानी ओहपर सोच विचार करीं. आ रउरो तो सोचे के चाहत रहे. एही से बूझाता कि घर बथान के कतना फिकिर बा रउरा!
लऽ, उल्टे हमरे पर लाद दिहलू! .
(58)
भउजी हो ! एगो बात बतइबू?
जानत होखम त बतायेम काहे ना?
लोग काहे अनका मेहरारू का तरफ भागेला जब घर में आपन मेहरारू बड़ले बा?
एहसे कि अपना मेहरारू का संगे कुछ कईला में बूझाला कि अपना रिश्तेदारी में कुछ करत बानीं.
भउजाई रहला कि इहे फायदा हऽ कि हर तरह के जानकारी लिहल जा सकेला. एगो आउरी बात बतइबू?
बूझात बा जे आजु मूड में बानीं. ऊहो पुछिये लीं.
सबले बढ़िया मेहरारू कवन होले?
जवन बहरी संघतिया, घर में महतारी, आ बिस्तर में वेश्या लेखा रहन करे!
(57)
भउजी हो ! सुनलू हऽ ?
रउरा संगही नू बइठल रहीं टीवी का सोझा!
त कुछ कहलू ह काहे ना?
कवना बाति पर?
अरे पाकिस्तान में इमरजेन्सी लाग गइल बा. भारत सरकार चिन्तित हो गइल बिया.
भारत सरकार त अनेरे में चिन्तित भइल बिया. इन्दिरो गाँधी के जब अपना कुर्सी पर खतरा लउकल रहुवे त उहो इमरजेन्सी लगवले रही. मियाँ मुशर्रफ लगा दिहलें त का हो गइल?
कवनो जरूरी बा कि सब केहू गलती करो?
कवनो जरूरी बा कि केहू आपन गद्दी छोड़ के निमन कहावो!
चलऽ हमहीं हार मान लिहनीं.
मरद औरत में लड़ाई होले त हर हालि मरदे हारेला, जान लीं!
(56)
भउजी हो ! सुनलू हऽ ?
बतायेम तब नू?
कर्नाटक के राज्यपाल भाजपा गठबन्हन के सरकार बनावे खातिर नइखन बोलावत.
कइसे बोलावसु? संविधान के राय लिहला बगैर ऊ का राष्ट्रपतियो कुछ ना करि सकेला.
संविधान के राय लेबे में कवन दिक्कत बा?
सुने में आइल हा कि अबहीं विदेश यात्रा पर गइल बाडी सविधान देवी. उनकरे इन्तजार होखत बा.
तहरा रहला से हमरा इहे आराम होला कि बतिया सोझ सोझ समुझवा देबेलू!
(55)
भउजी हो ! सुनलू हऽ ?
अबहीं अबके त आवत बानीं, ना बक्सा पेटि सरियवनी, ना सामान, तनी दम त धरीं!
दम का धरी? तू त जा के नईहर में बूझला बसिये गइलू, एहिजा लोग हमार कपार खइले बा, कहाँ गइली भउजी, ढेर दिन से लउकली ह ना?
चलीं केहू त पूछऽता. ना त रउरा भइया जी त आजो अइला का तुरते बाद आफिस खातिर चल दिहलन हँ. ई ना भइल कि अतना दिन पर आइल बानीं त दू शबद बतिया लेसु.
अतने में सँवरा गइलू?
अरे ना जी! साँवर त नइहरा में एह टोला से ओह टोला अपना सखि बहिनपा से भेंट करे में हो गइनी. खैर बतिया कहीं का कहत रहनी हाँ?
अब छोड़ काल्हु बतिया लेम, आजु रहे दऽ.
अरे वाह रे हमरा लहुरा देवर, कतना खयाल राखिलें रउरा हमार, काहे ना रउरे बड़ हो गइनीं?
त तूहीं काहे ना छोट हो गइलू?
(54)
भउजी हो !
सुनलू हऽ ?
केकरा के? आजुकाल्ह त अतना लोग बोलवइया हो गइल बा कि केकर सुनीं आ केकर महटियाईं!
तहलका डॉटकॉम एगो नया शिगूफा छोड़ले बा कि नरेन्द्र मोदी सन् २००२ का दंगा मे दंगाइयन के तीन दिन के छूट दिहले रहुवन.
आ सन् १९८४ में राजीव गाँधी कतना दिन के छूट दिहले रहुवन?
ना ओह पर ऊ ना बोलिहन, तबे नू भाजपा तहलका के सीआइए कहेला.
सीआईए कहे भा जवन कहे बाकिर अइसनके लोग का चलते भाजपा के फायदा चहुँपी. ई लोग जतने बे बाति के बाति बनाई लोग आ हिन्दूवन के गरिआई लोग, ओतने भाजपा के फायदा होखी. कहल जाला कि दुश्मन के चेहरा पर वार ना करे के आ कोना में ना घेरे के. ई लोग भाजपा के चेहरा पर हरमेशा वार करेला लोग आ कोशिश करेला लोग कि ऊ कोना में घेरा जाव.
(53)
भउजी हो !
सुनलू हऽ ?
हँ!
का ?
इहे कि बबुनी ससुरा ना जाली मने मने गाजेली!
कवना बाति पर भउजी? तनी खोल के बताव!
मनवा के पीड़ा बहरी निकसिये गइल. मनमोहन सिंह कहिये दिहलन कि देश में गठबन्हन राजनीति का चलते निमनो काम कइल मुश्किल हो गइल बा. इस्तीफा ना दिहन बाकिर फिलासफी बघरला से पाछहूँ ना हटिहन!
(52)
भउजी हो !
सुनलू हऽ ?
मनमोहन सिंह के बतिया नू?
हँ, सुने में अउवे कि ऊ ओरहना दिहलन कि केहू उनुका संगे खाड़ ना भइल.
अनेरे बुढ़ापा में दुर्गिज्जन करवले बाड़न! बाकी सब त नेता हउवन सऽ गारियो सुनि के मुस्कियात रहिहन सऽ. ई बेचारा सोझबउक आदमी सोनिया भक्ति में आपन फजीहत करवले बाड़न.
अतनो सोझबउक ना हउवन ऐ भउजी. कुरुसिया के मजा लेत बाड़न आ जानत बाड़न कि हटलन तऽ केहू फेर घासो डाले ना आई!
जइसे अतना एक्सपीएम देश में बाड़न वइसने एगो आउरी बढ़ि जाई त का हो जाई?
इहे नू कहल जाला कि, हम छोड़ीं त छोड़ीं कमरिया छोड़े तब नू?
(51)
भउजी हो !
सुनलू हऽ ?
हँ, आजु सेंसेक्स टूट गइल रहुवे.
ना, कुछ दोसर!
मुम्बई में भारत एकदिना मैच जीत लिहलसि.
इहो ना. कुछ आउर!
हम रउरे लेखा हरमेश टीवी से ना नू सटल रहेलीं.
कइसे सटल रहबू? फेर भइया से के सटी!
धत्! मजाक छोड़ीं, बतिया कहीं.
इहो मजाके हऽ आ उहो नवराति का बावजूद नानवेज!
तब रहे दीं.
अच्छा तब बाद में कहेम!
(50)
भउजी हो !
सुनलू हऽ ?
इहे नू कि भारत फेरू हारि गइल !
हँऽ !
त एहमें सुने सुनावे के कवन बाति बा ? बीसबीसा का जीत लिहल लोग कि इनाम दे दे के खेलाड़ियन के दिमाग खराब करि दिहल लोग. अब वसूलो लोग ना डाँड़ !
भउजी तू अतना जनि खिसिया. खेल में त हार जीत लगले रहेला.
तऽ जीतला पर अतना काहे फँउके लागिला सभे ?
जीतवा पचे ना एहिसे.
(49)
भउजी हो !
आजु फेर आ गइलीं ? हम तऽ सोचले रहीं कि नवरात में नव दिन आराम से रहे देम !
कहतारू तऽ चल जात बानीं.
अब अतनो मन अनसाईं. कहीं का कहत रहनीं हँऽ ?
सुने में आईल हऽ कि कुछ दिन पहिले मीटिंग में कम्युनिष्टवा अपना मनमोहन के घेर लिहले रहले हँ सऽ. धमकवले सँ कि परमाणु समझौता पर आगे बढ़लऽ तऽ हमनी का तहार सरकार गिरा देब जा.
का जी ? मीटिंगवा में आउरी लोग ना रहुवे का ?
रहबे करुवे लोग. बाकिर केहू कुछुवो ना बोलल. मध्यावधि चुनाव के सोचिये के सबके पैखाना सूखि गइल बा.
आ सोनिया जी कहवाँ रहली ? कहले रहुवी कि परमाणु समझौता के विरोधी देश के दुश्मन हवें.
ऊ तऽ ना रहली. बाकिर रहबो करती तऽ ऊहो चुपे लगा जइती. अब ओही देश के दुश्मनवन का संगे साल दू साल आउरी बितईहन.
हे माँ दुर्गा ! अब तूही रखवार बारू एह देश के ! महिषासुरन के वध खातिर फेरु से साक्षात हो जा !
(48)
भउजी हो !
अब नव दिन तनी शान्ति से रहे दीं. आजु से नवरात्र शुरु हो गइल बा. रउरा तऽ पूजा पाठ से कवनो मतलबे नइखे. हमरा के करे दीं.
हमहूँ त इहे कहे वाला रहीं कि भउजी नवरात्र में कुछ शान्ति राखल जाव. बाकिर का करबू ? जमाना अतना खराब हो गइल बा कि मत पूछऽ !
अब का हो गइल ?
काल्हु अजमेरशरीफ में बम फाटला से तीन आदमी मरा गइलें.
एकरा से अतने बूझे के चाहीं कि आतंकियन के कवनो दीन इमान मजहब ना होला.
(47)
भउजी हो !
का बबुआ ?
भइया तऽ साचहूँ मान गइलन. ऊहो वामपंथियन का तरह कह दिहलन कि अपना घरे आईल मेहमान से बतियावे में कवनो हरजा नईखे, बाकिर सीमे में रहीहऽ.
रउरो चारो तरफ लाले लाल लउकेला !
आखिर बजरंगी के भक्त हईं, भउजी.
जब आई नू तऽ सब भगतई निकल जाई.
(46)
भउजी हो !
का बबुआ ?
आजु हमार एगो संहतिया आये वाली बिया. भईया के कह दऽ कि तनी बीच में बिगड़िहें जनि. थोड़ देर बतिया के हम ओकरा के विदा करि देम.
रउरा तऽ कांग्रेस लेखा हिनहिनात बानीं. अरे मरद बनीं, मरद ! बाते नू करे के बा, कवनो पाप नइखे नू करे के ? तऽ भइया से डेरइला के का जरुरत बा ? भईया ना हो गइलन लेफ्ट के नेता हो गइलन कि खबरदार, भारत आइल अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष से बतियवल तऽ जनिहऽ.
भउजी तहरा लेखा हिम्मत रहित तऽ फेर बाते का रहल हऽ !
(45)
भउजी हो !
का बबुआ ?
सोमार का दिने लेफ्ट पार्टी के नेता लोग सोनिया गाँधी के बयान पर आपन बयानबाजी कइल लोग. कहल लोग कि भारत आपन काम अपने से चला सकेला.
काहे ना कही लोग. सोनिया विदेशी मूल के होखला का बादो अब भारत के रगढंग में ढल गइल बाड़ी जबकि ऊ लोग भारत में जनमला का बादो विदेशी विचारधारा के गुलाम हऽ. ओकनी का मुकाबला में सोनिया लाख दर्जा बढ़िया बाड़ी.
ठीक कहत बाड़ू भउजी. हमनी के घरो परिवार में तऽ इहे होला कि तू लोग अपना नइहरा से आवेलू आ ससुराल के मलकिनी बनि के बईठ जालू !
(44)
भउजी हो !
का बबुआ ?
सुनलू हऽ ?
हँ.
का ?
उहे जवन रउवा सुनली हँ.
बाति बनावत बाड़ू. हमरे बिलईया, हमरे से म्याऊँ !
हम कहिया से राउर बिलाई हो गइनीं ?
आजु का बाति बा ? एगो पर दू गो सुनावत बाड़ू.
रोज रउवा कहीं तऽ कुछ ना उहे बतिया हम कहतानीं त बाउर.
ना भउजी तहरा के बाउर नइखीं कहत. बाकिर बतिये भुला गइनीं कि का कहेके रहनी हँ.
इहे नू कि सोनिया जी कहले बाड़ी कि कम्युनिष्ट देश के दुश्मन हउवन, समाज के दुश्मन हउवन, आम आदमी के दुश्मन हउवन !
हँ, हँ. इहे बतिया हम सुनावे के रहनी हँ. तीन साल बितवला का बाद मालूम भइल हऽ कि कम्युनिष्ट का हउवन ?
मालूम तऽ पहिलहीं से रहुवे बाकिर आपन मतलब निकाले खातिर कबो कबो गदहो के बाप कहे के पड़ेला.
तू तऽ भउजी आजु कहाउत के भरमार कर दिहलू !
एही खातिर नू लोगवो हमनी के बतिया सुनेला. ना तऽ रउरा कहबे का करीलें जवन दोसरा भाषा में आराम से ना भेंटा जाव ?
(43)
भउजी हो !
का बबुआ ?
हरभजन सिंहवा तऽ आस्ट्रेलियन के गरियावे में भारी पड़ल.
ना बबुआ, गारी के जवाब गारी ना होला. आदमी के खराब से खराब माहौलो में आपन संस्कार बनवले राखे के चाहीं. कहल गइल बा
धीरज, धरम, मित्र, अउर नारी
आपद काल परखिये चारी॥
हँ भउजी, रहीमो कह गइल बाड़न
रहिमन विपदा वो भली जो थोड़े दिन होय.
एकरा से फायदा ई होखेला कि तू जान जालऽ कि के आपन बा के पराया. खराब दिन में आपन परछाइयों साथ छोड़ देला.
(42)
भउजी हो !
का बबुआ ?
कर्नाटक में कुमारस्वामी भाजपा का संगे भइल समझौता माने के तैयार नइखन.
गलत आदमी से संगति में ई भोगहीं के पड़ेला. राज भोगे का लालच में जेकरा तेकरा संगे समझौता करबऽ तऽ अन्त दुखदायी होखबे करी.
वाह भउजी, जीवन के कतना बड़ सीख दे दिहलू!
(41)
भउजी हो !
का बबुआ ?
आनन्द मोहन के तऽ फाँसी हो गइल !
अनेरे परेशान बानीं रउरा. बनल रहो इ सरकार, जब अफजाल के आजु ले फाँसी ना हो सकल तऽ आनन्द मोहन के कइसे हो जाई. आ अबहीं त हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट सब बाकिये बा. शिबू सोरेन का मुकदमा में ना देखनीं ?
से तऽ ठीक बा भउजी, बाकिर अफजाल से तुलना मति करऽ. अफजाल का लग वोट बा. एह लोग का लगे के बा ?
(40)
भउजी हो !
का बबुआ ?
कम्युनिष्टवा खिसियाइल बाड़न सऽ.
केकरा पर ?
अबकी बारी सोनिया गाँधी पर.
से काहे ?
न्यूयार्क में अपना भाषण में ऊ भारत के वामपंथ के विरोध के हलुका में लिहली, ऐह खातिर.
तब तऽ ठीके नू खिसियाइल बा लोग. अरे अकेले में बोला के चाय पिया के चपलिया लेती तऽ दोसर बाति रहित, सबका सोझा मजाक ना उड़ावे के चाहत रहुवे !
(39)
भउजी हो, सुनलू ह?
दिन भर तऽ कुछ ना कुछ सुनते रहीलें, बहिर थोड़हीं हईं.
खिसियाइल काहे बाड़ू ? जानेलू कि जब तब हम तहरा से सलाह माँगे चल आइलें.
चलीं, मक्खन पोतला के जरूरत नइखे सोझे बाति पर आईं.
लता मंगेशकर कहले बाड़ी कि ई टीवी प्रोग्राम वाला झुठहूँ के जज काहे बनावेलें जब फैसला जनता के एसएमएसे से करे के होला ?
सबले बड़ा रूपैया वाली बाति बा. जज बनेला लोग तऽ फीस मिलबे करेला. खरचवा कहवाँ से निकली ! एसएमएस के बिजनेस बड़ा चकमक बिजनेस बा. देखते देखत करोड़न के कारोबार हो जाति बा आ देबे वाला के पतो नइखे चलत. टीवी वालन के भेजे वाला हर एसएमएस पर मोटामोटी छह रुपिया लागेला. ई रुपिया के बाँट बखरा से ई सारा नौटंकी करचा निकल जाला आ उपर से मजेदार आमदनियो हो जाति बा. हम त एही चलते एह फेर में पड़बे ना करीं.
देखलू नू, तहरा से बतियवला पर एगो बड़का बिजनेस के थाह लागि गइल. रूक ऽ जमहूं प्लान बनावत बानी कवनो कम्टीशन खातिर एसएमएस मँगावे के.
ऐह फेर में पड़बो मत करेम. ई छोटका मोटका लोग लायक बिजनेस ना हऽ.
(38)
भउजी हो, सुनलू ह?
ना. आज पहिले रउरा सुनाईं.
का हो गईल ?
रउरा रहले रहल कहवाँ लपाता हो जात बानीं ?
भउजी हम कहाँ लापता होखत बानीं. कहल जाला कि भतुआ पर सतुहा चोख. उहे हाल हमार हो गइल बा. एक तऽ कड़की ओहपर से आटा गील. कबो हम ना तऽ कबो बिजली ना. कबो भईया के काम से कबो कवनो दोसरा के काम से. अस अझूराइल बानीं कि कुछ कहले नइखे बनत.
तबो टाइम कुटाइम आके खा तऽ लिहल करीं. एह बेरा के ओह बेरा हमरा सधावे के पड़त बा.
अच्छा भउजी, वादा तऽ ना बाकिर कोशिश जरुर करेम.
(37)
भउजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
ऊँटनी का दूध में बड़ा ताकत होला.
से कइसे मालूम भइल हा ?
जयपुर के एगो अस्सी साल के बुढ़वा के बेटा भईल बा. ऊ कहता कि ऊँटनी के दूध पीके ऊ अतना बरियार बा आ अबहीं आउरी बच्चा पैदा करी.
रउरो बबुवे रहि गइनीं. ओकरा टोला महाल में आउर केहू बा कि ना ! जनले नइखीं कि बूढ़ मरद के जवान मेहरारू भर गाँव के भउजाई लागेले.
(36)
भउजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
भारतीय बीसबीसा टीम खातिर बीस करोड़ के इनाम सुन के हाकी टीम के हाजमा खराब हो गइल बा. ऊ लोग भूख हड़ताल करे वाला बा. ओह लोग का मुताबिक हाकी टीम के कहियो अइसनका इनाम आ स्वागत ना भेंटाईल.
तऽ एह खातिर ऊ लोग अपना बोर्ड के कहो, दोसरा से का शिकायत ?
बाकिर भउजी ई अन्याय बा कि ना ?
हमरा देखे से तऽ ना. कौआ हंस के चाल चले के कोशिश करी तऽ आपनो चाल भुला जाई. हाकी में एक संगे बाईस खिलाड़ी खेलेलन. क्रिकेट में एक आदमी का खिलाफ एगारह आदमी खेलेला. कइसन बराबरी ? दोसर बात अनका के देख के जरे के ना चाहीं. हँसुआ के बिआह में खुरपी के गीत ना गवाव. जब सब लोग हँसी खुशी में झूमत बा तऽ उ लोग ओरहन लेके बईठ गइल. मंगल का मौका पर सियापा !
(35)
भउजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कैप्टेन सपोर्ट कइला खातिर दुनिया भर के मुसलमानन के शुक्रिया अदा कइले बाड़न.
आपन बाजा बजा दिहला खातिर युसूफ पठान, इरफान पठान के, आ मैदान में इण्डियन टीम के हौसला अफजाई करे वाला शाहरूख खान का बारे में उनुकर का खयाल बा ?
उनुकरा ऊ लोग ना नू लउकल !
भरसक लोग कहेला कि जुम्मा का दिने भारत पाकिस्तान के मैच ना होखे के चाहीं !
(34)
उजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
भाजपा अपना संगठन में एक तिहाई जगहा मेहरारुवन खातिर छोड़े के तइयार हो गइल बा.
भाजपा में अधिकालोग तऽ कुँवारे बा, मेहरारू कहवाँ से ले आई लोग ?
मेहरारू के मतलब खाली बीबी थोड़ होला.
से तऽ ठीक बा. हर जगहा पर मेहरारू रहिहें सऽ तऽ बईठक में कुछ व्यवस्थो लउकी. बाकिर संसद में ई लोग महिला आरक्षण विधेयक काहे ना पास करे दिहल ?
संसद में भाजपा नइखे रोकले, संप्रग रोकले बा. ओकरा लगे तऽ पूरा बहुमत बा.
संप्रग में के मेहरारू बा आ के मरद अबहीं ले एकर फैसला कहवाँ भईल बा !
(33)
भउजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
करुणानिधि सनक गइल बाड़न.
बूढ़ पुरनिया तऽ अकसरहाँ सनकि जालन, एहमें नया बाति का बा.
ना भउजी, करूणनिधि भगवान राम के पियक्कड़ कहले बाड़न.
पियक्कड़ ऊ अपने, उनुकर पूरा खानदान. सत्ता के नशा चढ़ल बा बूढ़वा पर. अपनहूँ डूबी आ कांग्रेसो के ले डूबाई.
हँ भउजी. कांग्रेस इहे बतिया समुझावे चाहत बिया बाकिर ऊ समझत नइखन.
तबे नू कहाला कि बुड़बक बुझावे से मरद!
(32)
भउजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
कम्युनिष्टवा कहत बाड़न सऽ कि सेतुसमुद्रम वाला काम रोकऽ मत. जल्दी जल्दी पूरा करऽ. आ ईहे लोग सरकार के धमकावतो बा कि परमाणु समझौता पर अगिला छह महीना तक कुछ मत करऽ. एहमें का राज बा भउजी ?
रामसेतु हिन्दूवन का छाती पर मूंग दरी, जबकि रमाणु समझौता मुसलमानन का ! बस एही चलते रामसेतु आ परमाणु समझौता दुनू तूड़े के बाति कहर बाड़न सऽ.
वाह भउजी, तहरा तऽ राजनीति में जाये के चाहीं.
आ चुहनियाँ में के करी ? ले आईं आपन तऽ हम राजनीतियो करिके देख लीं.
(31)
भउजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
भारतीय बीसबीस टीम खातिर बीस करोड़ के इनाम सुन के हाकी टीम के हाजमा खराब हो गइल बा. ऊ लोग भूख हड़ताल करे वाला बा. ओह लोग का मुताबिक हाकी टीम के कहियो अइसनका इनाम आ स्वागत ना भेंटाईल.
तऽ एह खातिर ऊ लोग अपना बोर्ड के कहो, दोसरा से का शिकायत ?
बाकिर भउजी ई अन्याय बा कि ना ?
हमरा देखे से तऽ ना. कौआ हंस के चाल चले के कोशिश करी तऽ आपनो चाल भुला जाई. हाकी में एक संगे बाईस खिलाड़ी खेलेलन. क्रिकेट में एक आदमी का खिलाफ एगारह आदमी खेलेला. कइसन बराबरी ? दोसर बात अनका के देख के जरे के ना चाहीं. हँसुआ के बिआह में खुरपी के गीत ना गवाव. जब सब लोग हँसी खुशी में झूमत बा तऽ उ लोग ओरहन लेके बईठ गइल. मंगल का मौका पर सियापा !
(30)
भउजी हो, सुनलू ह?
का बबुआ जी ?
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कैप्टेन सपोर्ट कइला खातिर दुनिया भर के मुसलमानन के शुक्रिया अदा कइले बाड़न.
आपन बाजा बजा दिहला खातिर युसूफ पठान, इरफान पठान के, आ मैदान में इण्डियन टीम के हौसला अफजाई करे वाला शाहरूख खान का बारे में उनुकर का खयाल बा ?
उनुकरा ऊ लोग ना नू लउकल !
भरसक लोग कहेला कि जुम्मा का दिने भारत पाकिस्तान के मैच ना होखे के चाहीं !
(29)
भउजी हो, सुनलू ह?
सुनाईं, हम तऽ हमेशा सुने खातिर तैयार रहेनीं !
अर्जून सिंह कुछुवो नईखन बोलत.
फालिज मार दिहलस का, बेचारा बुढ़ापा आ ब्लड प्रेशर के मरीज तऽ रहबे कइलन हँऽ.
धत्, तूहूँ सोझे बीबियेसी पकड़ लेबे लू. हमार कहे के मतलब रहल हऽ कि राम का मुद्दा पर कुछ नईखन बोलत.
जब कुछ बोलते नईखन तऽ हम सुनीं कइसे ?
इहे तऽ कहाला कि कबो कबो चुप्पी कानफाड़ू आवाज पैदा करेला. अल्पसंख्यक भा उर्दू के बात रहित तऽ अब ले उनुकर बयान आ गईल रहित.
जाये दीं, बूढ़ पुरनिया के तनी बरदाश्तो कर लिहल जाला.
(28)
भउजी हो, सुनलू ह?
ना आजु ना सुनेम. पहिले इ बताईं कि काल्हु कहवाँ रहलीं ?
काल्हु तऽ एहसे तहरा के परेशान ना कईनी कि तू तीज भूखल रहु.
ओह ओह कतना कयाल राखिलें रउरा हमार ! एहिसे आजुओ देरी से अइनी हँ कि पहिले भउजी पाँयत कर लेसु. खैर, सुनाईं. का कहत रहनी हँ ?
बुध ले हलफनामा पर टिकल सरकार बियफे के कहलसि कि पूरक हलफनामा पेश करिके रामजी के अस्तित्व पर उठावल सवाल वापस ले लिआई. शुक का दिने पूरा हलफनामे वापिस ले लिहल लोग. ई चमत्कार कईसे भईल ?
सोनिया जी के रफू मास्टर लोग बुड़बक ना. पहिले तऽ तीर चलावेला लोग कि देखल जाव केहू के लागत बा कि ना. फेर लाग गईला का बाद कहेला लोग कि गलती से लाग गईल हऽ आ सोनिया जी का कहला से माफी माँग लेत बानी सऽ. चल गईल तऽ तीर हऽ ना चलल त तुक्का ! चित्त भी मेरी पट्ट भी मेरी, अण्टा मेरे बाप का ! बढ़िया लाग गईल तऽ सोनियाजी के नेतृत्व के कमाल, उल्टा पड़ल तऽ कुर्बानी के बकरा खोजाये लागेला. अबहियो खोजाई ! देखत जाईं.
(27)
भउजी हो, सुनलू ह?
बूझात बा कि आजु कवनो निमन मसाला मिलल बा ?
हँ, बड़ा मजादार चुटकुला सुननी हँ ! सुनबू ?
आईल बानीं सुनावे, बिना सुनवले तऽ मानेम ना, त फेर ई भूमिका बन्हला के का जरूरत ?
तऽ सुनऽ. राबड़ी देवी यमराज का दरबार में चहुँपलि तऽ देखली कि यमराज तरह तरह का घड़ियन से घेराईल बईठल बाड़न. सब में सूई अलगा अलगा जगहा पर रहुवे. पूछली कि अइसभउजी हो, सुनलू ह?
बूझात बा कि आजु कवनो निमन मसाला मिलल बा ?
हँ, बड़ा मजादार चुटकुला सुननी हँ ! सुनबू ?
आईल बानीं सुनावे, बिना सुनवले तऽ मानेम ना, त फेर ई भूमिका बन्हला के का जरूरत ?
तऽ सुनऽ. राबड़ी देवी यमराज का दरबार में चहुँपलि तऽ देखली कि यमराज तरह तरह का घड़ियन से घेराईल बईठल बाड़न. सब में सूई अलगा अलगा जगहा पर रहुवे. पूछली कि अइसन काहे ? यमराज बतवलन कि ई सब घड़ी अलग अलगा आदमियन के झूठ बतावेले. हई देख गौतम बुद्ध के घड़ी, तनिको नईखे हिलल. हई युद्धिष्ठिर के घड़ी हऽ तनी मनी खिसकल बा, हई फलनवा के हऽ... राबड़ी देवी कहली छोड़ीं दोसरा घड़ियन के, लालू जी वाली घड़ी देखाईं. यमराज जी कहलन कि ऊ तऽ एहिजा नइखे. ओकरा के हम अपना कोठरी में सीलिंग फैन लेखा टंगले बानी.
तब तऽ राउर घड़ी ऊ एक्झास्ट फैन का तरह लगईहें ! रउरो कम झूठ थोड़े बोलेनीं !
न काहे ? यमराज बतवलन कि ई सब घड़ी अलग अलगा आदमियन के झूठ बतावेले. हई देख गौतम बुद्ध के घड़ी, तनिको नईखे हिलल. हई युद्धिष्ठिर के घड़ी हऽ तनी मनी खिसकल बा, हई फलनवा के हऽ... राबड़ी देवी कहली छोड़ीं दोसरा घड़ियन के, लालू जी वाली घड़ी देखाईं. यमराज जी कहलन कि ऊ तऽ एहिजा नइखे. ओकरा के हम अपना कोठरी में सीलिंग फैन लेखा टंगले बानी.
तब तऽ राउर घड़ी ऊ एक्झास्ट फैन का तरह लगईहें ! रउरो कम झूठ थोड़े बोलेनीं !
(26)
भउजी हो, सुनलू ह?
सुनाय॓म तब नू सुनीं ?
घोसी कोतवाली के कटिहारी गाँव में एगो मरद दमाद बनि के चहुँप गईल. दूराति रहलसि, खईलसि, पिअलसि, सूतलसि सब कइलसि. फेर चलि गईल. बाद में पता चलल कि ऊ दमाद ना रहुवे.
हाय राम ! आ लड़कियो ना चिन्हलसि ?
ऊ का चिन्हित ? बिआह का दोसरके दिन विदा करा के लेके चलि आइल रहे लोग.
जाये दीं. जवन भईल तवन भइल. अब एह बाति के बढ़ाई सभे जनि.
अरे ना भउजी, बतिया तऽ ऊ ससुरा अपनहीं बढ़ा दिहलसि. दू दिन बाद फेर चहुँप गइल मेहरारू के विदाई करावे खातिर ! अबकि बारी जम के स्वागत भईल आ भर पेट पिटाई का बाद पुलिस के दिहल गईल.
इहे कहल जाला कि परिके के ना ! परिकऽ हो बिलार, एक दिन खईबऽ मूसली के मार !
(25)
भउजी हो, एगो बात बतईबू ?
आजु काल्ह रोज कुछ ना कुछ पूछते बानीं, सुनावत नइखीं ?
का कहीं. आजुकाल्ह हमार दिन खराब चलत बाटे. जे भेंटाता उहे कुछ सुना के चल जात बा.
से काहे ?
मत पूछऽ ! हमरा सवाल के जवाब दऽ.
पूछीं.
तहरा चाय में आ सोनिया जी का चाय में का फरक बा?
हमरा चाय से केहू के मन खुश ना होखे, जबकि सोनिया जी के चाय पीके फूंफकारत कम्युनिष्टो लोग शान्त हो जाला.
(24)
भउजी हो, एगो बात बतईबू ?
जानत होखम तऽ काहे ना बतायेब ?
लोग प्यार के भगवान कहेला, त करे वाला के खराब काहे कहेला ?
जरतवाही से !
कहेला लोग कि पत्थर रोवे ना, त पहाड़े से झरना काहे फूटेला ?
काठकरेजो लोग का भीतर एगो मुलायम कोना होखेला बबुआ. झरना इहे बतावेला.
वाह भउजी तू तऽ आजु मन खुश कर दिहलू.
(23)
भउजी हो, हम तऽ घन चक्कर में पड़ गईल बानीं !
का हो गईल ?
काल्हु एगो लड़की फोन पर हमरा के ढेरे निमन बाउर कहलसि.
काहे खातिर ?
बिअहवा खातिर तू लोग जेकरा तेकरा से फोटउवा मंगावेलू लोग आ कुछ अबहीं ले लवटल नईखे.
तऽ एहमें का बा. भेज दीं.
कवन फोटो भेज दीं ? केकरा के ? मालूम तऽ होखे कि ओकर नाम पता का ह? से तऽ बतईब ना कइलसि.
(22)
भउजी हो, एगो बाति सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
लालू भाई से पत्रकार लोग पूछल कि राउर पार्टी के सरकार बिहार में सतरह साल ले रहल. तवना घरी रउरा गरीबी काहे ना हटवनीं ?
लालू भाई उल्टे ओही लोग से पूछलन कि फैशन टीवी देखले बाड़ लोग ?
कुछ लोग सकारल कि हँ देखले बानी सऽ !
लालू भाई बोललन कि देखलऽ लोग नू कि पइसा हो गईला पर लोग कइसन कइसन तन उघारू कपड़ा पहिरेला लोग. हमरा इहाँ लोग पहिलहीं से वइसन पहिरत बा !
(21)
भउजी हो, एगो बाति बतईबू ?
का बबुआ ?
अगर मरद अपना मेहरारू से कवनो बहस जीत जाव तऽ ओकरा का करे के चाहीं ?
चैन से जिये के मन होखे तऽ माफी माँग लेबे के चाहीं !
(20)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
नेपाल के राजा खातिर अब दू गो सिपाहियो राखल दुलम हो गईल बा.
जस करनी तस भोगहीं तापा, नरक जाति नर क्यों पछिताता ! करनी के फल त भोगहीं के पड़ी.
ना भउजी, ऊ अपना करनी के फल ना दोसरा के करनी के फल भोगत बाड़न. पूरा दुनिया में अकेला हिन्दु राष्ट्र रहुवे नेपाल. से माओवादियन आ सत्ता का लालचियन का फेर में सेकुलर घोषित हो गईल. हिन्दुस्तानो में जवन हाल बा, एकदिन अइसनके होखि कि हिन्दू लोग मुगल काल लेखा जान आ माल बचावे खातिर धरम बदले लगीहें.
ओहसे का ? राजपाट बचावे खातिर तऽ लोग आपन बहिन बेटी ले बिआह दिहल लोग मुगलन से.
संप्रगो वाला इहे करिहन सऽ का ?
ई हम का जानत बानीं.
(19)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
मनमोहन सिंह जी काल्हु कहलन कि ऊ अबहियों स्वभाव से मास्टरे बाड़न आ मन करत बा कि फेर से पढ़ावे का काम में लाग जइतीं.
लेफ्ट का विरोध का चलते अतना उदास हो गईल बाड़न का कि राजपाट छोड़ि के मास्टरी करिहन !
ना अइसनका बाति तऽ नइखे बूझात. उनुका पीठ पर सोनिया के हाथ अबहियों बा आ सरकार चुनाव का तइयारी में लागल लउकत बिया.
रउरा कइसे बूझनी हँ ?
सच्चर कमिटी का रिपोर्ट पर अमल शुरु हो गईल बा, एहसे.
(18)
भउजी हो, सुनत बाड़ू ?
हँऽऽऽऽ. बोलीं.
हम मन्दिर जात बानीं. आजु जन्माष्टमी नू हवे. तनी पूजा पाठ करि आईं.
हँ हमहूं जानीले कि रउवा कवन पूजा पाठ करे जाइलें. ओहिजा रउरा श्रद्धा, भावना, पूजा, आरती, शान्ति, लक्ष्मी वगैरह सब मिल जाला.
हें हें भउजी तू तऽ हमेशा हमार लंगोटे खोले पर भिड़ल रहेलू. कम से कम आजु का दिन तऽ रहे दऽ.
(17)
भउजी हो, एगो बात बतइबू ?
पूछीं ना. हमरा बतावे लायक होखि तऽ काहे ना बतायेब ?
अइसनका कवन धंधा शुरु करीं जवना में लड़की सब हमरा के घेरले रहऽ स ?
चाट के ठेला लगा लीं ! चारो ओरि से लड़किये मेहरारू घेरले रहिहन सऽ.
(16)
भउजी हो !
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
लालू भाई कहले हँ कि भागलपुर में एगो अपराधी के लोग आ पुलिस एही चलते पिटलसि कि ऊ मुसलमान रहुवे.
ई ना बतलवलन कि कहवाँ हिन्दू पाकेटमारन के लोग हलुआ पूड़ी खिआवे ला ?
ना भउजी, हिन्दूवन का बाति पर के बोलेला. हमनी का अतना गोलबन्द नइखि सऽ नू कि सड़क दुर्घटना का चलते पूरा शहर जरा दीं सऽ.
हँ बबुआ, एगो उर्दू शायर के शेर हऽ कि हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती. लालू बाबू तऽ अजुकाल्ह भारत सरकार के बड़हन मंत्री बाड़न. काहे नइखन कानूने बनवा देत कि एह देश में अब दू तरह के कानून चली.
(15)
भउजी हो !
कहीं ना, का कहत बानी ?
आजु अतना झनकि के काहे खाना परोसत बाड़ू. खनवे आजु बेमने के बनवले बाड़ू.
त का करीं ? अतना मेहनत से बनाइले, परोसिले. कहियो कहले बानी कि कईसन लागल ! दू घण्टा तीन घण्टा देह खपा के खाना बनाइलें, रउरा लोग आयेम चटपट खायेम आ सरकि जायेम. का मन लागि खाना बनावे पकावे में. निमन बाउर कांच पांक जवन होखे तवन थरिया में डालि दऽ. ऊहे ठीक बा.
तू तऽ भउजी अंजोरिया के सम्पादक जी लेखा खिसियाईल बूझात बाड़ू. उहो अक्सरहाँ शिकायत करेला कि रोज पचासन लोग आवेला अँजोरिया पर, बाकिर केहू ई ना कहेला कि कईसन लागत बा. का परोसीं का ना उनुका ई समुझे में ना आवे. विजिट का रिपोर्ट से अन्दाजा लगावेलें कि लोग के का नीक लागत बा, का बाउर.
तऽ हर जगहा रउरा लोग के इहे आदति बा. अँजोरिया पर तऽ फीडबैक फारम बा नू. ओहमें तऽ इहो जरुरी नईखे कि रउरा आपन नामपता भा इमेल दीहीं. तऽ गुमनामे रहि के आपन मन के बाति बता दिहला में का हरज बा. आ नामे पतवा बता देम तऽ ऊ का करिहन. हद से हद रउरा लोग के धन्यवादे नू दे सकेलें. आ घर में भा बहरा कतहीं खाईं खाना के बारे में बनावे परोसे वाला के जरुर बताईं. टिप दिहला से अधिका खुशी रउरा बाति से मिली.
ठीक कहत बाड़ू भउजी. अब से कोशिश करेम. आ फीडबैक तऽ आजु जरुरे दे देम.
(14)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
लालू भाई कहले हँ कि भागलपुर में एगो अपराधी के लोग आ पुलिस एही चलते पिटलसि कि ऊ मुसलमान रहुवे.
ई ना बतलवलन कि कहवाँ हिन्दू पाकेटमारन के लोग हलुआ पूड़ी खिआवे ला ?
ना भउजी, हिन्दूवन का बाति पर के बोलेला. हमनी का अतना गोलबन्द नइखि सऽ नू कि सड़क दुर्घटना का चलते पूरा शहर जरा दीं सऽ.
हँ बबुआ, एगो उर्दू शायर के शेर हऽ कि हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती. लालू बाबू तऽ अजुकाल्ह भारत सरकार के बड़हन मंत्री बाड़न. काहे नइखन कानूने बनवा देत कि एह देश में अब दू तरह के कानून चली.
(13)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
अमर सिंह कहले हऽ कि आगरा में मुसलमान लोग जवन बवाल कईल तवन स्वाभाविक रहुवे. पुलिस का मामिला में धीरज राखे के चाहत रहुवे.
भईल का रहुवे ?
शबे बारात से लवटत चार गो आदमी अगो ट्रक से कचरा गईल रहुवन. ओकरा बादे बवाल मचि गईल. बीसन ट्रक जरा दिहल गईल. हालात पर काबू पावे खातिर पुलिस के गोली चलावे के पड़ गईल.
एह साल कतना कांवरिया कचरईले सऽ ओहमें तऽ अमर सिंह के कवनो बयान कहियो ना आईल. बाकिर जाये दीं. अईसनका आदमी के बाति पर धियान ना दीहल जाला से भोज मे बे बोलवले खाये चहुँप जावऽ.
(12)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
कांग्रेस के प्रवक्ता बोलले बाड़न कि मरद मेहरारू का झगड़ा में बीच में बोले वाली भाजपा के हैसियत पति पत्नी का बीच में वो के बा.
पहिले ऊ ई तऽ बता देसु कि कांग्रेस आ वाम में के मरद हऽ के मेहरारू. ई शादी हेटरो सेक्सुअल हऽ कि होमोसेक्सुअल आ कि लेस्बियन. एक जमाना से बिआह, तलाक, हनीमून का बाति करत करत लोग अब ईहवाँ तकले चहुँप गईल बा कि पूछल जरूरी हो गईल बा.
एह मामिला में तऽ हमरो दिमाग काम नईखे करत कि केकरा के मरद कहीं, केकरा के मेहरारू !
एही से तऽ कहत बानीं कि या त मनु सिंघवी बतावसु भा प्रकाश करात. हमनीं का कुछ कहब जा तऽ झूठहीं के बवाल हो जाई.
(11)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
काल्हे नू राखी हऽ. खरीद लिहलू अपना भाई खातिर राखी ?
हँ चोरउका के धन नू गाड़ि के रखले बानीं हम ! अपना भईया से ना पूछनी हँ ?
खैर जाये दऽ, रखिया भेजि दिहलू हऽ नू ?
भेजनी हँ ना. काल्हु अपनहीं लेके जायेम राखी बाँधे.
राखी में तऽ भाई लोग नू आवेला राखी बन्हवावे. ऊ ना अईंहन ?
आके रउरा लोग से गारी सुने खातिर !
सारन के साथ गाली गलौज तऽ होखते रहेला. ओहसे ना अनसाईल जाला.
(10)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
मायावती केन्द्रीय वित्त मंत्री से आठ हजार करोड़ रुपिया जल्दी से यूपी के दे देबे के मांग कईले बाड़ी.
करहीं के चाहीं. कतना जरूरी जरूरी काम पड़ल बा पईसा के बिना. लखनऊ आ दिल्ली में कांसीराम के भव्य स्मारक बनवावे के बा. जहाँ तहाँ अम्बेदकर पार्क बनावावे के बा. अगिला लोकसभा चुनाव खातिर इन्तजाम करे के बा. लोग के खुश करे के बा कि लोग मायावती के देश के प्रधानमंत्री बना देव लोग.
तुहूँ चाहत बाड़ू का कि ऊ प्रधानमंत्री बन जासु ?
हम काहे ना चाहेम ? खाली यूपिये के लोग उनुकरा शासन के आनन्द लीही ? बाकियो देश के तऽ ई सुशासन भेंटाये के चाहीं !
हँ भउजी तहरा बाति में दम बा. हमहूँ जोड़तोड़ लगा के बसपा में शामिल हो जात बानी.
(9)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
अब सलमान के जेल होखे वाला बा.
होखे दींहीं, हमरा का ? सब जाना के ठीका लिहले बानी का ?
का बात बा ? आजु काहे गरम बाड़ू ?
राखी कपारे आ गईल बा. कई दिन से कहत बानीं कि चलीं राखी कीन दिहीं तऽ राउर भाई सुनते नईखन.
तऽ अकेलहीं जाके काहे नईखू खरीद लेत ?
एगो तऽ भाई बा. अबकी बारी सोना के राखी बान्हे के सोचले बानीं. ओकर दामवा के दीही ?
का भउजी, राखी सोना के होखे के भा डोरा के, असली चीज तऽ भाई बहिन के प्यार हऽ. नेह का बन्धन में बान्ह के राख अपना भाई के.
कंजूसी करे के बा तऽ करीं, सिद्धान्त मत बघारीं.
(8)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
गया के राजद सांसद राजेश कुमार माँझी दोसरा मेहरारूके आपन मेहरारू बता के सांसदन के टीम में घूमावे के दोषी पावल गईल बाड़न.
नेतवन के चरित्र का बारे में जब तब अईसनका सुनहीं के मिलेला. एगो आउरी बड़का नेता अपना पहिलका मेहरारू के गाँव का गरीबी में छोड़ि के दोसरा औरत के पत्नी बनाके रखले बाड़न. कुछ नेता तऽ अपने संगी साथी के औरत के अपना घर में रखैल बना के रखले बाड़न. केकर नाम लीहीं. मुसीबत खाड़ हो जाई.
तबो भउजी नाजायज बाति के नाजायज कहे के हिम्मत तऽ करहीं के पड़ी.
से तऽ ठीक कहतबानी बबुआजी, बाकिर जब इनारे में भाँग पड़ल होखे तऽ होश में कई गो आदमी रहि जाई.
(7)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
लेफ्ट पार्टी वाला लोग बहाना खोजे लागल बा. देख लिहल लोग कि सरदार जी अब जिद्द पर आ गईल बाड़न आ मनिहन ना.
तऽ अब का कहत बा लोग ?
कहतऽ बा लोग कि नदी नारे ना जईहो. आ जईहो तऽ जइहो बाकिर बीच धारे ना जइहो !
मतलब ?
मीटिंग मे मत जईहऽ. जाहीं के पड़े त बतियईहऽ मत. बतियावे के पड़े त मनीह मत. मानहीं के पड़े त कहीह मत.
आ कहहीं के पड़े तऽ हमनी के लतियही जन !
(6)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
भाजपा सरकार का खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ना ले आई.
अतना बुद्धि आ गईल एकरा खातिर हमरा तरफ से ओह लोग के बधाई दे देम.
से तऽ ठीके बा भउजी बाकिर ऊ लोग अविश्वास प्रस्ताव ले आईत तऽ सरकारी गठबन्धन फेर मजबूत हो जाईत.
शेयर बाजार में पईसा लगवले बानीं का ?
छोड़ बहुत. बाकिर ओकर चर्चा अबहीं मत छेड़ऽ. जरला पर निमक ना छिरकाला.
(5)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
मिठाई खिआवऽ मिठाई.
कवना खुशी में ?
तहरा संजय दत्त के सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलि गईल.
रउरा तऽ अईसे कहतानी जईसे ऊ हमार इयार होखसु आ पियवा के चोरी चोरी इयरवा से इयारी लागल होखे हमार. छूटसु चाहे जेल में रहसु, हमरा का ?
अब अतना जनि कड़ा होखऽ. हमनी हिन्दुस्तानियन के इहे तऽ खासियत हऽ कि फिल्मी हीरो हीरोईन से मनहीं मने ईश्क लड़ा लिहिला जा.
तबे नू रउरा कोठरी में मलिका शेरावत के फोटो लागल बा. जले ले बिअवहा नईखे हो जात तले ले सपना देख लीं.
(4)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
यूपी में वकील लोग आजुकाल्ह बवाल कईले बा लोग.
ऐहमें नया कवन बाति बा ?
त तूँ कुछु ना कहबू एहबारे में ?
रउरा काहे हमरा के अवमानना का केस में फँसावे पर लागल रहीलें ? कहहीं के होखि तऽ हम त ईहे कहम कि जहाँ प्रशासन अव्यवस्था फईलावे, वकील कानून तूड़े, डाक्टर मरीज मारे, नेता चारा खाये, मास्टर नकल सिखावे ऊहे हमार महान देश हऽ.
हँ भउजी, तबे देखिलें कवनो कवनो ट्रकवा का पाछे लिखल रहेला - सौ में पंचानबे बेईमान, तबो हमार देश महान !
(3)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
आपन मनमोहन सिंह जी कहले बाड़न कि उनुका के मुआवे खातिर भाजपा के लोग हवन करावल लोग.
हवन मुआवे खातिर होला का ? ऊ ई नइखन जानत का कि हिन्दू धर्म में हवन एगो पवित्र कर्म हऽ आ व्यक्ति भा समाज के कल्यान खातिर करावल जाला ?
जनतन तऽ अईसही कहतन !
का करेम, बेचारा के हालत सतभतरी वाला हो गईल बा. सातो भतार के एके संगे खुश ना राखल जा सके ! सब कहतारन सऽ कि हनीमून खतम हो गईल. ऐ मुँह झँउसा, तोरा का मालूम कि हनीमून का कहाला ? बिआह कइले बाड़िस ?
ना भउजी सब कम्युनिष्ट नेतवा कुआँर थोड़े हउवन सऽ. प्रकाश करात शादी शुदा हउवन.
तबे नू ऊ कहत बाड़न कि हनीमून भलहीं खतम हो गईल होखे बिअवहा बरकरार रही. बोलचाल भलहीं बन्द हो जाव, चुम्मा चाटी चलत रही !
तू आ गईलू अपना रंग में, हम चलनी अब.
(2)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
तामिलनाडू सरकार के वकील के॰परासरन काल्हु सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के पक्ष में दलील दिहले कि अगड़ी जाति के लोग सैकड़न साल ले अपना खातिर रिजर्वेशन राखल, अब ओह लोग के भुगते के बारी बा.
ई तऽ कवनो बाति ना भईल ! ऊ लोग गलती कईल तऽ ओकर सजाय ओह लोग के बाल बच्चा काहे भोगी ?
सम्पत्ति ऊ लोग भोगी तऽ टैक्सवा के भरी ? देखऽ भउजी, रिजर्वेशन अपना में खराब नइखे, खराब एह लोग के नीयत बा. कुछ विभाग जवन श्रम प्रधान होखे ओहमें तऽ आरक्षण देव लोग बाकिर ज्ञानप्रधान क्षेत्रन में प्रतिभा का संगे खेलवाड़ ना होखे के चाहीं.
प्रतिभा जी का संगे के खेलवाड़ करत बा ?
तूहूँ भउजी हदे हऊ, अरे प्रतिभा पाटिल के ना हम प्रतिभा ज्ञान का बारे में कहनी हँ. अब जब प्रतिभाजी के बात लेईये अईलू तऽ इहो सुनि लऽ. अबकी बारी राष्ट्रपति भवन में भोज में मंत्री लोग के अलगा बाड़ा में बईठावल गउवे. कुछ लोग तऽ खीसीया गईल रहुवे बाकिर मजबूरी रहे से बर्दाश्त करि गउवे.
(1)
भउजी हो, सुनलू हऽ ?
का बबुआ ?
इंलैण्ड में रहेवाला एगो जीजा बेंगलूर में रहे वाली आपन बिआहल साली का पाछा अईसन लागल बाड़न कि बेचारी केस करि दिहलसि.
अतना काहे बबुआजी ?
मजाके ले रहीत तऽ बर्दाश्तो कर लिहती. बाकिर ऊ मरदवा अपना साली के बाल बच्चन का लगहूं अपना एसएमएस के भेज के साली के बेइज्जत करे पर उतरि गइल तऽ सालियो केस ठोक दिहली.
हँ बबुआजी, हँसी मजाक हँसिये मजाक लेखा होखे के चाहीं. अतना ना कि आदमी के सामाजिक सरोकार भूला जाव. मजाक आ अभद्रता का बीचे एगो महीन लकीर रहेला जवना के पालन कईल जरूरी बा.
हँ भउजी, तबे तऽ पुरनका जमाना के ऊ गाना बड़ा मशहूर भईल रहुवे मोर भउजी तोरा बहिनिया के दूतल्ला मकान !
जाईं ना, ऊ सीढ़िये से फेंक दीही.