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बुधवार, 11 दिसंबर 2024

सम्पादकीय का बहाने

सम्पादक के पन्ना

सम्पादकीय का बहाने

- डॉ. राजेन्द्र भारती

 ‘अंजोरिया डाट काम’ भोजपुरी भाषा के साहित्य, संस्कृति, भोजपुरी माटी आ तीज-तेवहार का संगे से दूर बसल भोजपुरिया  भाई-बहीन के आपन देस आ भोजपुरी माटी के  गमक, साहित्य, संस्कृति, आ तीज-तेवहार के  ईयाद दिवावल आपन कर्तव्य बूझत बा. भोजपुरिया लोग सगरे संसार में फइलल बा.  ओह सबलोग का लगे पंहुचे खातिर इन्टरनेट से  नीमन कवनो दोसर माध्यम नइखे. ई अलगा  बाति बा कि इन्टरनेट पर देवनागरी फान्ट के  समस्या एगो बड़हन समस्या बा. कुछ हद तक  एहकर आसान समाधान करे के कोशिश कइले  बानी जा बाकिर कुछ अक्षर दिहला में तबो  दिक्कत बा. जइसे कि ट आ र आउर ड आ  र के संयुक्ताक्षर. आशा बा कि रउरा सभे ए ह दिक्कत के समुझब आ हो सके त एहकर  कवनो आसान समाधान बताएम.

भोजपुरिया संस्कृति के रक्षा आ भोजपुरी  साहित्य के समृद्धी बदे इन्टरनेट के माध्यम से  आप सभे तक पहुंचेे के भरसक प्रयास  ‘अंजोरिया डॉट कॉम’ करि रहल बा. एह काम
 खतिर अपना तन-मन से जुटल प्रकाशक के  हम धन्यवाद देबे चाहत बानी जे सिर्फ भोजपुरी  के प्रति अपना प्रेम का चलते इ काम करत  बानी.

श्रद्धेय रचनाकारो लोग से निहोरा बा कि विदेश में बसल भोजपुरी भाई लोगन के  धेयान में  राखि के विशेष रूप से भोजपुरी  संस्कृति के उजागर करे वाली रचना, लेख, निबन्ध, ललितनिबन्ध, आलेख, निकष, फीचर,  कहानी, लघुकथा, लोककथा, कविता, गीत, लघु  नाटक, नाटिका, एकांकी अविलम्ब एगो रंगीन  पासपोर्ट साइज फोटो आ आपन संक्षिप्त परिचय  का संगे भेजीं आ अउरू रचनाकार मित्र लोगन  से भिजवाई.

‘अंजोरिया डॉटकॉम’ देखीं आ देखे के  सलाह दीं. नीक लागे त प्रिन्ट निकाल के सुरक्षित करीं.  रचनाकार के प्रकाशित प्रिन्ट  कापी डाक से अवश्य भेजल जाला. आप सभे के प्रतिक्रिया के इन्तजार बा.

राउरे,
डॉ राजेन्द्र भारती
कदम चौराहा, बलिया - 277001
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( डॉ राजेन्द्र भारती जी अंजोरिया डॉटकॉम के संस्थापक संपादक रहीं. उहां के लिखल ई सम्पादकीय भोजपुरी में दुनिया के पहिलका वेबसाइट अंजोरिया डॉटकॉम पर  अक्टूबर 2003 में प्रकाशित भइल रहल.)


रविवार, 3 नवंबर 2024

Before I say good bye .....

As Anjoria.com, the first website in  Bhojpuri on the net is going to be taken off due to financial constraints, important posts from Anjoria is going to be preserved here. 

During 21 years of its existance Anjoria published more than 17000 posts but only a selected few will be presented here. 

I do regret my inability to continue with self hosted site and deletion of many, or almost all posts related with news, films, and music. 

But you will find all the valuable posts if you are interested in Bhojpuri or going to write some research paper.

I need no more from you than a basic thanks.

रविवार, 27 अक्टूबर 2024

प्रकाशक का ओर से

Anjoria.com, was ( though it is still online when I am writting this ) the first website in Bhojpuri. Anjoria dot com was started in year 2003 and is (should I say was ) regularly updated. Anjoria.com has its maximum content in Bhojpuri but to keep this site in searches this pages is written in English. During this long period of 21 years Anjoria was supported by many writers with their articles and even some financial help from a few wellwishers. Unfortunately, it is not financially feasible to continue its online presence and even the support from writers/readers was not conducive to continue the same. So it has been decided to discontinue the original website in near future. But to keep the articles online I have decided to move on Blogger. This blog will continue to present you novels, stories, essays, quotes, and everything which has a lasting value. But some news, film articles, time barred posts etc. will be dropped. All the contents will be recategorized with new tags. Hope in the coming days and years when I may not be here readers will continue enjoying Bhojpuri articles. It is not a boast but 21 years of its publications has accumulated a great literary wealth which should remain available for our coming generations. This was and still is a one man effort and I do all the job single handed without any staff or infrastructure. I am also not formaly educated in web publishing. It was a trial and error from the beginning. Fortunately, with support of content management systems my workload has reduced, but my own age is catching up. I have crossed 70 years and will not be here for long. This is my final service to my mother tongue Bhojpuri and I do wish that the future generation of Bhojpurias will continue using Bhojpuri. Now as I have moved to a public platform, the minimal support expected from you is relevant comments. Thanking you all, OP Singh, Editor-Publisher email : anjoria@outlook.com