शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024

भोजपुरी के भलाई खातिर

 सम्पादक के कलम

भोजपुरी के भलाई खातिर

 - डा. राजेन्द्र भारती



आजु-काल्हु भोजपुरी के नांव पर जगहे-जगह सम्मेलन, गोष्ठी के आयोजन के चलन बढ़ि गइल बा. गोष्ठी, सम्मेलन त ‘भोजन’ के बाद खतम हो जात बा, बाकिर भोजपुरी जहां के तहां बा. विकास भा बढ़न्ती कतहूं नइखे लउकत. भोजपुरी के भलाई का नांव पर आपन नांव उछाले में लोग लागल बा. अभी एही साले फरवरी में दूगो बड़हन सम्मेलन भइल. एगो अखिल भारतीय सम्मेलन बिहार में आ एगो विश्व सम्मेलन कलकत्ता में. दूनो जगह आयोजक / प्रायोजक लोग बांहि पूजवावे में रहि गइलन. एको दिन संसद में एहकर गूंज ना उठ पावल.

भोजपुरी के शुभेच्छु लोगन के चाहीं कि भोजपुरी के पुस्तकालय अपना-अपना नगर, गांव में खोलस. भोजपुरी के पत्र-पत्रिकन आ किताबन के पढ़े के चाव लोगन में जगावसु. भोजपुरी में रचनिहारन के उछाह बढ़ावसु. लोकगीतन का नांव पर छिछिला स्तर के आडियो, विडियो, सीडी, कैसेट ओगैरह के नकारे के आन्दोलन खड़ा करसु.

भोजपुरी के मान प्रतिष्ठा खातिर सबके एक होके, एक मंच से भोजपुरी के अलख जगावे के पड़ी. भोजपुरिया क्षेत्र के सांसदन आ विधायकन के चेतावे के पड़ी कि भोजपुरी के मान सम्मान के लड़ाई ओह लोगन के लड़हीं के पड़ी. भोजपुरी के बोलवईया कम नइखन. एहसे कम बोलवईयन के कईगो भाषन के आठवीं सूची में जगहा मिल गइल बाकिर भोजपुरी आजु ले मान्यता खातिर तरसत बा. संसद आ विधानसभा में भोजपुरी के लड़ाई चलावल जरूरी बा. जवन सांसद आ विधायक एह खातिर तैयार होखसु उहे लोग हमनी के वोटन के हकदार हो सकेला.

भोजपुरी भाषा के व्याकरण भा एकरूपता के बाति बतियावे वाला लोगन के सतरहंवी शताब्दी में अंगरेजी के इतिहास देखावल जरूरी बा. जइसे जइसे भोजपुरी में लिखनिहार पढ़निहार बढ़िहन ओइसंही ओइसंही भोजपुरी के एकरूपता बढ़ी. एहसे भोजपुरी साहित्य के मान सम्मान बढ़ावल जरूरी बा.

आकाशवाणी आ दूरदर्शन पर भोजपुरी में प्रसारण बढ़ावल जरूरी बा. साथही इहो देखल जरूरी बा कि ओह प्रसारण में सही भोजपुरी होखो, भोजपुरी का नांव पर चटकलिहा बोली ना. एह खातिर भोजपुरिहा लिखनिहार लोग के आगे आके कमान सम्हाले के पड़ी. मुंह फुलवला से काम नइखे चले वाला.
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कदम चौराहा, बलिया - 277001

(भोजपुरी में दुनिया के पहिलका वेबसाइट अंजोरिया डॉटकॉम पर  दिसम्बर 2003 में प्रकाशित भइल रहल.)

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