शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024

अयनक में

 कविता

अयनक में

- रामनिवास वर्मा ‘शिशिर’



अयनक में
ना देखे
आपन कोई चेहरा.
देखेला ओकर चेहरा
जे दिल में
बइठल रहेला .
ना सवांरे
आपन सूरत,
सवांरेला
ओकर सूरत,
जे दिल में
बइठल रहेला .
झेल लेला दरद,
भूल जाला गम,
ओकरा खातिर,
जे दिल में
बइठल रहेला .
तनहाई में जिनिगी
गुजार लेला,
भीड़ लेखा
ओकरे खातिर
जे दिल में
बइठल रहेला .
रो के हंस लेला,
खो के पा लेला,
मर के जी लेला,
ओकरे खातिर
जे दिल में
बइठल रहेला .
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ब्रहमपुर, बक्सर, पिन - 802112

(भोजपुरी में दुनिया के पहिलका वेबसाइट अंजोरिया डॉटकॉम पर  नवम्बर 2003 में प्रकाशित भइल रहल.)

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