कइसे बनल भोले शंकर?
(1) कृपा बांके बिहारी के
पिछला साल के बात हऽ. ढेर दिन से मन करत रहुवे बांके बिहारी के दर्शन करे के. साल में कम स कम एक हालि वृंदावन के माटी माथ पर चढ़ावे के कोशिश रहेला, से एक दिन बाल गोपालन का साथे बोल दिहनी छुट्टी ले के जय कन्हैया लाल की.
दिल्ली से वृंदावन ढेर दूर नइखे आ भाई हरेन्द्र चौधरी जी का सहयोग से बांके बिहारी के दर्शनो सुन्दर से हो गइल. भगवान का सोझा जाके पता ना काहे हमरा कुछ माँगे में संकोच हो जाला. आपन अनुभव कहेला कि जबो आदमी अपना अंतरात्मा से भगवान से कुछ मांगेला त मिलेला जरूर. एहसे मांगे के तब चाहीं जब राउर आत्मा एहमे राउर साथ देव. हँ भगवान कवनो वरदान देबे से पहिले एकरो परीक्षा लेबेलें कि सामने वाला ओकर पात्र बा कि ना. अधिकतर लोग एही परीक्षा का घड़ी में भगवान पर से आपन भरोसा छोड़ दे लें.
त बांके बिहारी के दर्शन करिके लवटला का बाद अगिला दिने दफ्तर में सब कुछ बरोबरे चलत रहे. (ओह समय हम जी न्यूज के स्पेशल डेस्क के प्रभारी रहीं आ चार गो दैनिक आ तीन गो हफ्तावार प्रोग्राम बनावे के जिम्मेदारी सम्हरले रहीं,) तलहीं एचआर से बोलावा आ गइल. कुछ फैसला जवन ले लिहल गइल रहुवे तवना का बारे में बतावल गइल. कबो मउका मिली त ओकरो खुलासा करेम. आजु बस अतने मान लीं कि बांके बिहारी के कृपा रहल होई जे ओहि दिने नौकरी से अलगा होखे के भूमिका बनि गइल.
जी न्युज में काम करे का दौरान सिनेमा के तीन गो शौकीनन के एगो तिकड़ी रहुवे, हम, गौरव द्विवेदी आ अश्वनी कुमार. एक दिन पता ना ईश्वर का प्रेरणा से भा कवनो दोसरा कारण से हम तय कर लिहनी कि २००७ में मुम्बई शिफ्ट होखे के बा आ एही साल फिलिमो बनावे के बा. जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू, सो तेहि मिले ना कुछ सन्देहू.
एक दिन एगो नया चैनल एमएच वन न्यूज के लांचिंग से निबटले रहीं कि हमार बेहद करीबी हरीश शर्मा के फोन आ गइल. होटल ली मेरिडियन में ऊ दिल्ली के बीजेपी सभासद गुलशन भाटिया से भेंट करवलन. भाटिया जी के बेटअ गौरव के फिल्म मेकिंग के पैशन रहल बा, आ ओह दिन पहिलके मुलाकात में भाटिया जी फिलिम भोलेशंकर खातिर हरी झण्डी देखा दिहलन. बाकिर ऊहाँ के सन्देह रहुवे कि एहग फिलिमखातिर जवन कम्बिनेशन हम बता रहल बानीं ऊ हमरा वशो में बा कि ना. भोले का रोल खातिर हम मनोज तिवारी के आ शंकर का रोल खातिर मिथुन चक्रवर्ती के नाम धइले रहीं.
मनोज तिवारी त खैर छोट भाई का तरह हउवन, कबो हमार कवनो आग्रह टारस ना. एके बोलावा पर दिल्ली अइलन, भाटिया जी से मिललन आ साइनिंग के चेक ले के अगिला बोलावा पर फेर आवे के कहि के चल गइलन. भाटिया जी एने बेकरार रहसु मिथुन दा से मिले के. जवना साँझ उनुका से मिले के तय भइल रहे भाटिया जी ओहि साँझ हमरा के लेके दिल्ली से चललन. फ्लाइट लेट हो गइल त मिथुन दा ओह दिन देर हो गइला का चलते भेंट करे से माफी माँग लिहलन. अगिला भोरे उनुका कोलकाता जाए के रहुवे से तय भइल कि हवाई अड्डा पर भेंट होखी.
भाटिया जी के भरोसा डोल गइल रहे. बाकिर जतना हम दादा के जानीलें ऊ ई कि ऊ बाति के पक्का हउवनॆ भोले शंकर के भूमिका ने से पहिलहीं दादा हमरा एगो भौजपुरी फिलिम में काम करे के वादा दे चुकल रहन, आ हमरा पूरा भरोसा रहुवे कि दुनिया भले एहर से ओहर हो जाव, मिथुन चक्रवर्ती अपना बात से ना डिगिहन. हवाईए अड्डा पर हम गुलशन भाटिया के मिथुन चक्रवर्ती से भेंट करववनी. मिथुन दा एके लाइन में पूरा बात खतम कर दिहलन कि शुक्लाजी के हम कह दिहले बानी कि फिलिम करूगां त करूंगा. से बात खतम हो गइल.बाकि बात रउरा विजय से कर लीहिं. (विजय उपाध्याय दादा के बरिसन पुरान अभिन्न हउवन, आ फिलिमन से जुड़ल मसला उहे देखेलन.)
बस दू मिनिट में हाथ मिला के मिथुन चक्रवर्ती हवाई अड्डा का भीतर दाखिल हो गइलन. गुलशन भाटिया जी के शायदे विश्वासे ना रहुवे कि ऊ मिथुन चक्रवर्ती के ले के बने वाली पहिल भोजपुरी फिलिम के प्रोड्युसर बने जारहल बाड़न. बस अँकवारी लगवलन आ आभार जतवलन कि ई सब हमरे चलते हो रहल बा. उनुका का पता रहुवे कि कृपा त बांके बिहारी के रहुवे.
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(2) कसौटी पर फेल विनय बिहारी
मिथुन दा आ मनोज तिवारी से मुलाक़ात आ दुनू के हां का बाद प्रोड्यूसर गुलशन भाटिया निश्चिंत हो गइलन। फिलिम के एगो मोटा मोटी बजट तय भइल आ भाटिया जी फिलिम के पूरा कमान हमरा हाथ में संउप दिहलन. हमहूं दिल्ली से विदा लिहनी आ आके ठौर जमा लिहनी मुंबई में। मनोज तिवारी का घर का बगले में भाटिया जी के दफ्तर खुलल आ बैठकी शुरू होतहीं सबसे पहिला काम हम शुरू कइनी फिलिम संगीत के.
लइकाइयें से हमरा रेडियो सुने के शौक बहुते रहल बा. तवना घरी एफएम त होत ना रहे आ हर समय रेडियो सुने के आजादिओ घर में ना रहे. हँ, रोज भोरे आठ बजे रेडियो चालू होखे आ नौ बजे ले हर कोई सुन सकत रहे. बाबूजी के दिलचस्पी सबेरे के खबर में आ साँझ का संगीत सरिता कार्यक्रम में रहे. संगीत सरिता में रोज कवनो ना कवनो शास्त्रीय राग का बारे में बतावल जाव आ फेर ओहि राग पर आधारित कवनो फिल्मी गाना सुनावल जाव. धीरे धीरे अतना त बुझाए लागल कि गाना कवनो होखे अगर ओकर आधार शास्त्रीय बा त कान के नीक लागबे करी. संगीत के राग मालो धीरे धीरे समुझ में आवे लागल रहे. कई हालि मन भइल कि हमरो संगीत सीखे के चाहीं बाकिर लालटेन का रोशनी में पढ़ाई का दिन में ई मुमकिन ना रहुवे. दोसरे पूरा जवार में कवनो संगीत के अइसन गुणी ना रहे जेकरा के गुरु बनावल जाय. से भइल ई कि तानसेन ना बनि के कानसेन बन गइनीं. लईकाईयें से साथी दोस्तन से चित्रलोक पर गाना बजते शर्त लाग जाव कि ई गाना हिट होखी कि ना. दस पइसा के ई शर्त छठवीं किलास से ले के आठवीं तकले लगातार तीन साल हम कबो हरनी ना.
अब लवटत बानीं वापस भोले शंकर का संगीत का तरफ. फिलिम के खाका दिमाग में रहबे कइल आ ईहो तय क लिहले रहीं कि फिलिम के कवनो गाना बस गाना खातिर ना होखी. हमार मानल रहे कि हर गाना के फिलिम के हिस्सा होखे के चाहीं आ गाना शुरू भइला से लेके खतम होखे का बीच कहानिओ कुछ आगा बढ़ चुकल चाहीं. ओह दिनन में निरहुआ के फिलिम 'निरहुआ रिक्शावाला' हिट हो चुकल रहुवे आ 'श्रीमान ड्राइवर बाबू' के हर ओर हल्ला होत रहुवे. कई हालि मन भइल कि माटी के एह लाल से मिले के चाहीं. बाकिर तबले सिनेमा के सियासत के हवा हमरो तक चहुँपे लागल रहे. मनोज तिवारी आ रविकिशन के खेमाबंदी का बारे में लोग बतावत रहे. इहो बतावत रहे लोग कि निरहुओ के अलगा खेमा तइयार हो रहल बा. फिलिम बनावे से पहिले हम पत्रकार रहीं आ अबहियों बानीं. अइसनका मामिला में निष्पक्ष रहे के आपन पुरान आदत बा. से पता लगवनी कि 'निरहुआ रिक्शावाला' के संगीतकार के हऽ. राजेश रजनीश नाम के दू गो नया संगीतकारन के पता चलल आ संपर्क होखते हम भेंट करे के ईच्छा जाहिर कइनीं. पहिलके मुलाकात में हम अपना फिलिम के सारा सिचुएशन ओह लोग का सोझा रखनी, त पता चलल कि भोजपुरी सिनेमा में शायद हम पहिलका निर्देशक रहीं ओह लोग खातिर जे सिचुएशन बताके संगीत बनावे के बात करत रहे. खैर, दुनू जने तबहियों कहलन कि काम हो जाई. हम अपना गाना के स्टोरी बोर्ड दुनू लोग के बतलवनीं आ कहनी कि गीतकार के नाम सुझाईं लोग. दुनू जने भोजपुरी सिनेमा के मशहूर गीतकार विनय बिहारी के नाम लिहलन आ अगिले दिने उनका के लेके हमरा आफिस में आ गइलन.
विनय बिहारी गुणी गीतकार हवन. उनकर गाना हिट होत रहेला आ उनुकर काबिलियतो पहिलके मुलाकात में समुझ में आ गइल. आ साथ हीं इहो बुझा गइल कि नयका संगीतकार विनय बिहारी के नाम के फायदा कवना तरह उठावे में लागल बाड़े. हम विनय बिहारी के सगरी गीतन के सिचुएशन समुझवलीं आ पहिलका गीत लिख के ले आवे के कहनीं. हम इहो वादा कइनीं कि गीत हमरा फिलिम का कसौटी पर खरा उतरल त जवन पइसा मंगिहन तवन मिली बाकिर बाकियो गाना ओहि तरे खरा होखे के चाहीं. राजेश रजनीश के अलगा से कहनीं कि रउरा लोग विनय बिहारी के सिचुएशन के मांग अनुसार ट्यून समूझा दीहिं जा जेहसे कि गाना ओहि हिसाब से लिखाव. ई सुनके राजेश रजनीश जवन रिएक्शन दिहल लोग ओकरा से हम हैरान हो गइनीं. बाकिर शान्त रहनीं आ अगिलका मीटिंग के इन्तजार करे लगनी.
दू तीन दिन बाद राजेश रजनीश दफ्तर में आइल लोग. कहल लोग कि आजु म्यूजिक सीटिंग होखी. बाकिर रहे लोग खाली हाथ. ना कवनो हारमोनियम ना रिद्म वाला. पुछलीं कि सीटिंग कइसे होखि त कहल लोग कि बस हो जाई. थोड़ देर बाद विनय बिहारीओ आ गइलन. आवते एगो सुन्दर फाइल बनवलन. अपना सुन्दर हस्तलिपी में आपन, हमार आ फिलिम के नाम एगो फाइल पर लिखलन आ भीतर से दू तीन गो पन्ना निकललन. होखेला त ई कि म्यूजिक सीटिंग में गाना के बोल संगीतकारे गा के सुनावेले आ गीतकार ओह पर आपन राय देबेला. एहिजा उल्टा भइल. गीतकार गावे शुरू कइलन, कवनो घिसल पिटल गाना से मिलत जुलत पैरोडीनुमा गाना के बोल उनका मुंह से निकलते संगीतकारन में से एक जाना टेबल बजावे लगलन आ दोसरकू अपना मुंह से रिद्म निकाले लगलन.
अपना फिल्म पत्रकारिता का जमाना में कई गो दिग्गज संगीतकारन से भेंट भइल रहे. गीतकारनो से बात होत रहल बा. तमाम म्यूजिक सीटिंग में बईठे के सौभाग्य मिलल बा. बाकिर जवन हमरा सोझा होत रहुवे ओकरा के देख के हम तय ना कर पावत रहीं कि का हऽ? खैर जइसे तइसे विनय बिहारी आपन पहिलका गाना खतम कइलन. कुछ आउरियो लिख के ले आइल रहन. कुछ चोली के पीछे का है टाइप के आ कुछ वइसनका जइसन मनोज तिवारी का अलबमन में अकसरहाँ सुने के मिलल करेला. आ ई सब एह बात के बाद कि, हम ओह लोग के सब कुछ बता चुकल रहीं आ इहो कह चुकल रहीं कि 'भोले शंकर' खातिर हमरा चालू माल ना चाहीं, विनय बिहारी के नाम बहुते सुनले रहीं. लिखबो ऊ निमने करत होईहन. शायद हमरे गलती रहुवे कि हम आपन बात ढंग से समुझा ना सकल होखेम. ना त गीतकार त चेतक का तरे होलें, डायरेक्टर के पुतली घूमे से पहिलहीं कलम दिल के हाल ना लिख देव त ऊ गीतकारे का? फिलिम 'भोले शंकर' के टेक्निकल टीम तइयार करे का दौरान ई हमार पहिलका बड़ा फैसला रहुवे कि विनय बिहारी से गीत नइखे लिखवावे के. राजेश रजनीश उनुका के ले के आइल रहे लोग से ओहू लोग के नमस्ते कहे के पड़ल.
मनोज तिवारी का बोलावा पर हम कई हालि उनुका किहां निजी समारोहन में शामिल भइल बानीं. ओहिजा अकसरहां एगो लड़िका बाल रंगले आ बैगी पैण्ट पहिरले लउकत रहे. बाद में मनोज तिवारी ओह लड़िका के परिचय विपिन बहार का तौर पर करवलन. कइसे लिखलन बिपिन बहार अपना कैरियर के बेहतरीन गाना, आ कइसे भइल धुरंधर संगीतकार धनंजय मिश्रा के लिटमस टेस्ट फिलिम भोले शंकर खातिर? ई अगिलका अंक में....
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(3) जिया तोसे लागा रे...
विनय बिहारी जवन काम ना कर सकलन, ऊ काम एगो उभरत गीतकार बिपिन बहार कर दिहलन. बिपिन अब अतनो नया गीतकार ना हउवन, बाकिर अब तक ले ऊ उहे लिखत रहलें जवन उनुका से मांगल गइल. भोले शंकर फिलिम के शुरुआत एगो गाना से होखत बा. गाना अइसन जे गांव देहात, ओहिजा के दस्तूर, रीति रिवाज आ ओहिजा के बेफिकिर जिनिगी के झाँकी पेश करत बा. बिपिन के हम गाना के ओपनिंग सिचुएशन बतवनी, कैमरा उग सूरज पर चार्ज हो रहल बा. अगिला सीन में फेंड़न का फुनुगी पर पड़त सूरज के किरिन के कैच करत कैमरा गुरुजी पर पड़त बा. गुरुजी गाना गा रहल बाड़न बाकिर कैमरा उनुका के छोड़ के आगे बढ़ जात बा. पानी भरत लड़िकीन, खुला में नहात नौजवान. पानी में नहात भैंसन का संगे अठखेली करत बच्चन के गिरोह, नदी, पानी, हरियाली, गांव के गोरी....
बिपिन गाना लिखलन -
रे बौराईल चंचल किरिनियाँ,
तनी हमसे कुछ बात कर ले.
उतर आव पेड़वा से नीचे
के बहियां में हम तोका भर ले.
बंधा कौन सा एसा धागा रे
जिया तोसे लागा रे.....
फेर हम बिपिन के एगो अइसन अंतरा लिखे के फरमाइश कइनी जवना के सुनिके गांव छोड़ शहर जा बसल आदमी का दिल में गांवे वापस लवटे के हूक जरुर जाग जाव. बिपिन लिखलन -
बिधाता जे बरदान देवें
त गउवां से दे ना जुदाई.
भले तन बसेला बिदेस में
मगर मनवा फिर लौट आई.
अगर स्वर्ग बाटे कहीं त
इ पक्का बाटे के यहीं बा
जेवन सुख बा गउवां देहात में
उ दुनिया में कतहूं नहीं बा.
निछावर जीवन एकरा आगा रे
जिया तोसे लागा रे....
आ गाना के हर बोल से पहिले बिपिन खातिर संजीवनी के काम करत रहलन संगीतकार धनंजय मिश्रा. धनंजय बड़ा नाम वाला संगीतकार हईं. राग रागिनी आ लोक गीतन के निमन जानकार हईं. ऊहां का हमर चेहरा का तरफ देखत जात रहीं आ झट से हारमोनियम पर कुछ बजा देत रहीं. सौ सौ साल जियसु बिपिन बहार, जे हारमोनियम के हर तान पर शब्दन के एगो नया कतार पिरो देत रहन. फिलिम के पहिलके गाना करीब पनरह दिन का मेहनत का बाद सामने आइल. हमरा त लागल कि पूरा फिलिम के गाने बनावे में हमार आधा साल गुजर जाई. बाकिर धन्य बानीं धनंजय मिश्रा. उहें के कमाल रहुवे कि बाकी के आठो गाना फटाफट तइयार होत चलि गइल.
पहिलका गाना खातिर हमरा दिमाग में राहत फतेह अली खान के नाम ना जाने कब से चलत रहुवे. राहत का बारे में पता लगावे अपना बेहद करीबी मुकेश भट्ट जी से मिले गइनीं त पता चलल कि राहत कहीं विदेश में टूर पर बाड़न. हमरा बुझाइल कि गाना अबहीं ना भइल त शूटिंग के पहिला शिड्यूल लेट हो सकेला. मन कइल कि एक हालि राजा हसन के आजमावे के चाहीं. धनंजयो हमरा बाति से सहमत हो गइलन. ऊ लाग गइलन संगीत तइयार करे में, आ हम लाग गइनी राजा हसन के तलाश में. पता चलल कि सारेगामा सीरियल के सगरी फाइनलिस्ट वर्ल्ड टूर पर जात बाड़े आ हमरा लगे गाना रिकार्ड करे खातिर बांचल रहे मोटे एक हफ्ता. एही सात दिन में धनंजय रात दिन मेहनत करिके गाना तइयार कइलन. जगजीत सिंह जी के स्टूडियो बुक करावल गइल. राजा हसन के बोलावल गइल आ बनल ऊ गाना जवना के सुनि के बिपिन बहारो भरल कंठ से कह उठलन, एहले सुन्नर गीत हमरा से अब के लिखवा पाई! ई हमरा केरियर के अइसनका मील के पत्थर बन गइल बा जवना के पार करे में हमरा पूरा जीवन लगा देबे के पड़ी. राजा हसन अपना गायिकी में पूरा दिल उड़ेल दिहले बाड़े एह गाना में. जे भी अबले एह गाना के सुनले बा, ओकरा भोजपुरी बुझात होखे भा ना, भावुक भइल बिना नइखे बांचल. कबो पंकज उधास के गावल .... चिट्ठी आई है.. सुनिके हम मुंम्बई छोड़ के गांव वापिस लवटि गइल रहीँ. अगर राजा हसन के गीत सुनि के एको भलमानुष गांव का इयाद में रोइओ दिही, त हमनी सभ के मेहनत के असली ईनाम उहे होखी.
क्रम चलत रही......
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(4) मिथुन के आवाज - शैलेन्द्र सिंह
फिलिम भोले शंकर में एगो बहुते मार्मिक छठ गीतो बाटे. ई गीत ओह घरी आवऽता जब शंकर (मिथुन चक्रवर्ती) बीस साल बाद अपना माई से मुंबई में भेंटाता आ माई छठी मईया से मांगल मनौती पूरा होखे के बात करत बारी. शंकर का माई से भेंट के सीन फिलिम के चुनिंदा सीन में बा. हम पहिलहीं से एह भावुक सीन खातिर माफी मांग लेत बानी काहे कि एकरा के देखला के बाद घर के महतारी बहिन ना रोवसु, ई होइये ना सके. मिथुन दा से जब फिलिम भोले शंकर के कहानी ले के चरचा होत रहुवे तबहियें उनुका के बतला दिहले रहीं कि फिलिम के एगो गाना उनुको पर पिक्चराइज होखे के बाटे. मिथुन दा वइसे त हिन्दी फिल्मन में अबहियों लटका झटका देखावत रहेलें, बाकिर भोले शंकर में उनुका पर फिल्मावल गाना बहुते साधारण तरीका से महतारी-बेटा के प्रेम दर्शावत फिल्मावल गइल बा.
गाना के भाव सुनिके मिथुन पुछलन, एकरा के गाई के? हमरा मुँह से तुरते जवाब निकलल शैलेन्द्र सिंह. फिल्म बॉबी (मैं शायर तो नहीं, मुझे कुछ कहना है...वगैरह बाबी के गाना उनुकर हिट गाना में आवेला) से हिन्दी सिनेमा में मशहूर भइल शैले्न्द्र सिंह बाद में मिथुन चक्रवर्ती खातिर ढेरे गीत गवलन. फिल्म तराना में मिथुन खातिर गावल शैलेन्द्र सिंह के सब गाना हिट भइल रहे. ओहमें से गुंजे लगे है कहने, फूलों से गीत चुना है तराना प्यार का, कहता है दिल आ के मिल ओ मेरी तनहा ना बीत जाए दिन बहार का गाना आजुओ मिथुन के चाहे वाला लोगन के इयाद होखी. मिथुन दा अपनहूँ शैलेन्द्र सिंह के आन खास मानेले. तुरते ऊ फोन निकललें आ शैलेन्द्र सिंह के फोन कइलन. फोन नालागल त मिथुन सोचलन शायद नम्बर बदल गइल होखी. फेर अपना करीबी शशि रंजन, जेकर फिल्म धूम धड़ाका हालही में रिलीज भइल बा, के फोन कइलन. शशि रंजन बतलवलन कि शैलेंन्द्र सिंह शायद दुबई गइल बाड़े. खैर, मिथुन दा संदेश छोड़ दिहलन कि ऊ एगो फिलिम कर रहल बाड़न आ ओहमें एगो बहुते इमोशनल गाना के सिचुएशन बा जेकराके फिल्म डायरेक्टर उनुका से गवाए के चाहत बाड़े.
दिन पर दिन बीत गइल. बाकिर शैलेन्द्र सिंह के पता ना चलल. एही बीचे संगीतकार धनंजय मिश्रो शैलेन्द्र्र सिंह के टोह लेत रहलन. एही बीच हमार एगो दोस्त बतलवलसि कि शैलेन्द्र सिंह लवटि आईल बाड़े आ आजुकाल्ह कवनो टीवी सीरियल में एक्टिंग करत बाड़न. पहिले हम धनंजये मिश्रा से फोन करे के कहनी. मिथुन के नाम सुनते शैले्न्द्र सिंह के बाँचै खिल गइल. फेर रिकार्डिंग के दिन तय भइल. शैलेन्द्र सिंह ठीक टाइम पर स्टूडियो अइलन आ गाना रिकार्ड करवलन. ओह गाना के बोल कुछ एह तरह से बा
माई के ममता एतना पावन
जइसे गंगा के पानी
माई के करजा कबहूं ना उतरे
बेद ओ ग्रंथ के बानी...
गावते गावत शैलेन्द्र सिहं भाव विभोर हो गइलन. ओह दिन हम मनोज तिवारी के खास तौर से स्टूडियो बोलवले रहीं. अपना अपना फन में माहिर दू गो दिग्गज गायकन के संगम भईल. शैलेन्द्र सिंह से भेंट करिके मनोजो तिवारी खूब खुश भइलन. कवनो भोजपुरी फिलिम खातिर शैले्न्द्र सिंह के ई पहिलका गाना रहुवे आ भगवान ना करसु कि आखिरियो हो के रहि जाव काहे कि ऊ गायकी के तकरीबन अलविदा कह चुकल बाड़न. फिल्म भोले शंकर खातिर ई गाना ऊ एही चलते गवलन कि ई मिथुन चक्रवर्ती पर फिल्माए के रहुवे. एह गाना में माई के आवाज उत्तर प्रदेश के मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी दिहले बानी. मालिनी अवस्थी के कवनो नेशनल चैनल पर लाइव गावे के मौका हम जी न्यूज मे रहत दिहले रहीं, आ ई उहाँ के प्रतिभा के सही सम्मानो रहुवे. मालिनी जी के सनेहे बा कि उहाँ का एह गाना खातिर खास तौर से दिल्ली से मुंबई अइनीं आ अपना पति अवनीश अवस्थी का संगे. अवनीश जी उत्तर प्रदेश शासन में बहुते सीनियर आईएएस अफसर बानीं. बाकिर मालिनी जी में एह बाति के इचिकियो भर अभिमान ना लऊके. जइसे बौर अईला पर पेड़ झुक जाले वइसहीं ख्याति अइला पर सांच कलाकार विनम्र होत जाला. मालिनी अवस्थी आ शैलेन्द्र सिंह दुनू एह बाति के मिसाल बाड़ें. कलाकारन के ई बड़प्पन आजु के कलाकारन खातिर सीख होखे के चाहीं जे तनिको नाम होखते अपना के दोसरा लोगन के नियंता मान बईठेलें.
फिलिम भोले शंकर के गीतन में मशहूर गायक मनोज तिवारी के 'योगदान' के चरचा अगिला कड़ी में करेम.
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
(5) अमेरिका से नेवता! बहुत बहुत धन्यवाद!
सबले पहिले धन्यवाद ओह सुधि पाठकन के जे अंजोरिया.कॉम पर फिलिम भोले शंकर के मेकिंग पढ़ि के हमरा के ईमेल कईल लोग. अमेरिका से शैलेश मिश्र जी के आ ब्रिटेन से जनाब रमजुद्दीन (वर्तनी में गलती होखे त पहिलहीं माफी मांग लेत बानी, काहे कि मेल से अधिका साफ बुझाइल ना) के नेवता आइल बा कि फिलिम भोलेशंकर ओहिजो रिलीज कइल जाव. एह बारे में हम अपना प्रोड्यूसर से जल्दिये बात करेम आ जवन तय होखी ओकरा से भोजपुरी प्रेमी लोग के अवगत कराएम. वइसहूं भोले शंकर के खास शो करे खातिर दुबई आ मॉरीशस से भोजपुरी प्रेमियन के नेह भरल निहोरा हमनी के मिल चुकल बा. जइसन कि रउरा सभे जानते बानीं, अइसनका हर आयोजन में प्रायोजक के भूमिका महत्वपूर्ण रहेला, आ बाति खालि आवे जाये के टिकट आ रहे के व्यवस्थे ना होले, बलुक आउरियो बहुत कुछ देखे के पड़ेला. ख्वाहिश त हमरो बा कि अपना फिलिम के मुख्य किरदारन के साथ हम दुनिया के हर ओह जगहा पर फिलिम भोले शंकर के खास शो करीं, जहाँ जहाँ भोजपुरी प्रेमियन के बस्ती बा, बाकी भोले भंडारी के मर्जी.
धन्यवाद ओह प्रकाशकन के, जे भोलेशंकर के मेकिंग के किताब का रुप में छापे के मंशा जाहिर कइले बाड़न. लोगन के जवन जानकारी चाहीं तवन हम एहिजा अँजोरिये के माध्यम से सार्वजनिक करल उचित समुझत बानी कि अइसनका कवनो प्रयास से हमार मकसद पईसा कमाईल कतई नइखे. कोशिश त ई बा कि बस भोजपुरी के अधिका से अधिका लोगन का करीब ले आवे के आ ई बतावे के कि भोजपुरीओ सिनेमा में अइसन काम कइल जा सकेला जवन अब तक ले, हि्दी के त बाते छोड़ दीं, दोसरो कवनो भाषा में अबहीं नइखे कईल गईल. वइसे हिंदी सिनेमा में कवनो फिलिम के मेकिंग पर किताब छापे के परंपरा रहल बा. अइसनका प्रयासन में शाहरुख खान के खास दिलचस्पी रहेला. बाकिर अबहीं ले भोजपुरी सिनेमा में अइसनका कवनो कोशिश नइखे भईल. हमरा पक्का भरोसा बा कि मेकिंग आफ भोले शंकर के जतना प्यार आ नेह छोह अंजोरिया पर मिल रहल बा, ओतने दुलार एकरा किताब रुप के भी जरुरे मिली. आखिर कवन भोजपुरी प्रेमी अइसन होखी जे भोजपुरी सिनेमा के पहिलका मेंकिंग के अपना काफी टेबल पर ना सजावे चाही.
बनारस से रवि शुक्ला लिखले बाड़न कि कवनो फिलिम के मेकिंग के शायद कवनो वेबसाइट पर दैनिक कालम का रुप में लिखे जाए के ई पहिलका कोशिश बा. रवि भाई, कोशिश के सराहे खातिर कोटि कोटि धन्यवाद. दरअसल एकर असली हकदार अँजोरिया के संपादक ओपी सिंह जी बाड़न, जेकर हौसला देखला का बादे हम अइसनका जिम्मेदारी लेबे के साहस जुटा पवनीं. दरअसल भोजपुरी का नाम पर मीडिया में एने अतना रायता फइल चुकल बा कि समझहीं में ना आवे कि का सांच बा आ का झूठ? मुंबई मे रहि के आ देश के पहिलका बालीवुड न्यूज चैनल ई-२४ पर फिल्मी खबरन के आउटपुट के जिम्मेदारी सम्हारला का बीचे फिलिम के मेकिंग खातिर रोज एगो कालम लिखे के वक्त निकालल मुश्किल काम बा. बाकिर कहाला नू कि हिम्मत करे इंसान तो क्या काम है मुश्किल! आ फेरू अपने फिलिम के संसस्मरण लिखला से अइसनका लागे लागल बा जइसे सब कुछ दोबारा आँखन का सोझा घटि रहल होखो. ओ पी जी, रउरा इतिहास लिखवा रहल बानीं.
हमरा इयाद बा पिछलका बिहार विधान सभा चुनाव का दौरान जब हम जी न्यूज खातिर वोट फार खदेरन आ वोट फार चौधरी नाम के दू गो कार्यक्रम बनावे के जिम्मेदारी लिहले रहीं त भोजपुरी सिनेमा के पुनर्जीवन बस भइलही रहे. दिल्ली के महादेव रोड स्थित फिल्म्स डिविजन आडिटोरियम में संयोगवश 'ससुरा बड़ा पइसा वाला' देखे के मौका मिलल त ई समुझ में आइल कि अगर लोक अंचलन में प्रचलित रीति रिवाजन के धेयान में राखत भोजपुरी में कोशिश कइल जाव त एह भाषा में मनोरंजन के बड़ बाजार बनि सकेला. 'वोट फार खदेरन' कवनो नेशनल चैनल पर बनल देश के पहिलका भोजपुरी कार्यक्रम हवे. एकर कार्यकारी निर्माता, लेखक आ सीरिज निर्देशक होखे के नाते ई हमरे तय करे के रहे कि एकरा के होस्ट के करे. 'वोट फार चौधरी' खातिर मनीष मखीजा (पूजा भट्ट के पति आ चैनल वी के पूर्व वीजे ऊधम सिंह) के नाम पहिलके बार में तय हो गइल रहे, बस तलाश रहे खदेरन के.
खदेरन दरअसल एगो मशहूर भोजपुरी नाटक लोहा सिंह के किरदार हऽ. एह किरदार के जिए खातिर जरुरत रहे अइसनका कलाकार के जे मासूम होखो आ लोगन के दिल के बाति ओह लोगन के चेहरा पढ़ि के बुझ लेत होखो. आ 'ससुरा बड़ा पइसा वाला' देखला का बाद हमरा एकरा खातिर बिल्कुल फिट लउकलन मनोज तिवारी. हम बनारस में अपना सहयोगी अजय मिश्रा के मनोज तिवारी के तलाश में लगवनी आ दू दिन का बादे हमरा लगे मनोज तिवारी के फोन आ गइल कि भैया कैसे याद किया? अपना कालेज का दिन में आकाशवाणी पर मनोज तिवारी के एगो गीत 'एमए मे ले के एडमिशन, कम्पटीसन दे ता' सुनि के हम उनुका गायकी के कद्रदान हो गइल रहीं. मनोज तिवारीओ के 'वोट फार खदेरन' के कान्सेप्ट निमन लागल. सब कुछ समुझा बुझा के मनोज तिवारी के बिहार का गांवन में भेजल गइल आ मनोज तिवारी अपना हुनर आ वाकपटुता से एह पूरा कर्यक्रम के एगो बहुते दिलचस्प कलेवर दे दिहलन. ओह दिनन में मनोज तिवारी के एगो फिलिम के गाना 'गाड़ के झंडा आइ गइल हो, जहाँ गये संसार में' हम मुंबई में सुनले रहीं. एही गाना के धुन के वोट फार खदेरन के मोंटाज ट्यून बनावल गइल. वोट फार खदेरन के असर ई भईल कि खालि गनवे सुपर हिट ना भइल, फिलिमवो सुपर हिट हो गइल. मोटे पचीस हजार रुपिया में 'ससुरा बड़ा पइसा वाला' करे वाला मनोज तिवारी एही प्रोग्राम का बाद सुपर स्टार बनि गइलन. आजु ऊ टीवी पर 'चक दे बच्चे' जइसन सुपर हिट शो करेले आ हर दिन के फीस कई लाख में लेबे ले. बाकिर आजु तक ले ना त ऊ वोट फार खदेरन के भुलाइल बाड़न, ना पंकज शुक्ला के. एगो सुपर स्टार के ई बड़प्पनो बा आ कृतज्ञता के पहिचानो. जे केहू भी अब तक ले फिलिम भोले शंकर के रशेज देखले बा, ऊ ईहे कहेला कि भोले शंकर मनोज तिवारी खातिर एगो आउर वोट फार खदेरन साबित होखी. बाकिर जब भोला शंकर का शूटिंग का दौरान छोट भाई का तरह मनोज तिवारी हमरा के तंग करत रहन त हमहूं बड़ भाई का नाता से उनुका कवनो शरारत के बुरा ना मननीं. हर कलाकार के आपन एगो मूड होला आ अपना शोहरत जिए के कुछ साल होला. आ शोहरत का शिखर पर चहुँपल सुपर स्टार अगर अपना सुपर स्टारी के अहसास ना करावे त शायद लोग ओकरा के सुपर स्टार मनबो ना करे. वइसे अपना गलती के अहसास भइला पर तुरते माफी मांग लिहल निमन इंसान के पहिलका निशानी होला, आ मनोज तिवारी कम स कम एह पैमाना पर भोजपुरी के दोसरा बाकी कलाकारन से कई दर्जा उपर के इंसान हउवन. आजु के वादा त रहुवे कि फिलिम भोले शंकर के संगीत में मनोज तिवारी के योगदान पर चर्चा करब, बाकिर बाति कहवाँ से शुरू भइल आ कहवाँ चहुँप गईल. खैर वादा त वाद होला आ निबाहलो पड़ेला. त एह विषय पर चरचा अगिलका अंक में.... आजु बस अतने.
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(6) मनोज तिवारी के मृदुलता
गायकन के अभिनेता बने के परम्परा भारतीय सिनेमा में बहुत पुरान हऽ. के एल सहगल होखसु भा किशोर कुमार, सुरैया होखसु भा मुकेश, कैमरा का सामने आवे के नारद मोह से अपना के केहू बचा ना पावल. नयका पीढ़ी के बात करीं त सोनू निगम से ले के पलाश सेन, लकी अली, वसुंधरा दास, हरभजन मान आ अब ईहा तक कि अदनान सामिओ हीरो बने खातिर तइयार बाड़न. भोजपुरी गायक मनोज तिवारी, निरहुआ, छोटू छलिया वगैरह के नामो एही कड़ी में आवेला. मनोज तिवाड़ी जवन भी कमइले बाड़न अपना मिहनत आ अपना काबिलियत का बल पर पर कमइले बाड़न. गांव देहात के रीति रिवाज ऊ अबहियों माने लें. बड़न के पैलगी कइल आ सम्मान कइल त एह कलाकार के सबले बड़हन खासियत हऽ. भोजपुरी सिनेमा के दोबारा जीवन दान के दिहल एह पर त बड़ बड़ दावा होत रहेला, बाकिर एक बात त सबका मानहीं के पड़ी कि ससुरा बड़ा पइसावाला के कमाईये ऊ दांव रहुवे जवन बड़ बड़ निर्मातन के तिजोरी भोजपुरी सिनेमा खातिर खोलवा दिहलसि. हिन्दी सिनेमा के बड़ बड़ हीरो ओहि फिलिमन में काम करे खातिर तइयार भईलन जवना का अधिकतर में मनोज तिवारी हीरो रहलन. ई फिलिम मनोज तिवारी के कइसे मिलली सन ? एह पर नाहियो जाइल जाव त कम से कम भोजपुरी सिनेमा के विकास में मनोज तिवारी के योगदान के नकारल ना जा सके.
फिलिम भोले शंकर के मेंकिंग के शुरआत हम एकरा म्यूजिक का बाति से कइले रहीं पूरा फिलिम में नौ गो गाना बा आ शायद ईहो पहिलके हाल भईल बा कि मनोज तिवारी के फिलिम में आधा से अधिका गाना में दोसरा कलाकारन के मौका मिलल होखो. आ रउरा सभे के ईहो जानि के अचरज हो सकेला कि भोले शंकर के गाना के लेके मनोज तिवारी का संगे बस एगो आ बस एकही सीटिंग भईल. वइसे त गीतकार बिपिन बहार के भोजपुरी सिनेमा में मनोज तिवारी के हनुमान मानल जाला, बाकिर फिलिम भोले शंकर में विपिन बहारो खिसक के डायरेक्टर का पाला में आ गइलन. फिलिम का एक एक गाना पर बिपिन बहार खूब कसल गइलन आ कहल जाला कि तबला भा ढोलक जतने कसल जाला आवाजो ओकर ओतने दमदार निकलेला. मनोज तिवारी के सुपरहिट गाना एम ए में ले के एडमिशन, कम्पटीसन दे ता के हम ढिलिम भोले शंकर में शामिल करे के योजना तबे सबनवले रहीं जब एकर कहानी अबहीं बस फाइनले भइल रहे. बाकिर एह गाना के सिचुषशन आ सीन के मूड देखि के मनोज तिवारी एकरा बजाय आपन एगो दोसर गाना सूझऽवलन. मनोज तिवारी के मान हम राख लिहनी आ अपना पसन्द का गाना राखे का जगहा मनोजे तिवारी के पसन्द के गाना फिलिम मे राख लिहनी. हालांकि बाद में हमरा पता चलल कि जवना गाना के सिफारिश हम अपना फिलिम खातिर कइले रहीं ऊ गाना ऊ कवनो दोसरा फिलिम खातिर दे दिहले बाड़े, ओह दिन हमरा आत्मा के बहुत कष्ट चहुँपल. हम एह बाति के अपना एकाध दू करीबी दोस्तन से साझा भी कइनीं. बाकिर जब मनोज तिवारी के सुझावल दूसरका गाना बनि के तइयार भईल त दिल के तसल्ली भईल. आ ऊ एह बदे कि गाना इहे बेहतर बनल बा!
नौकरी खातिर भटकत नौजवानन के एह पसंदीदा गाना दउड़त धूपत चप्पल जूता फाट गइले भअईजी, नौकरिया नाहीं मिलल मन उदास भइले भाईजी से जुड़ल हर बाति दिलचस्प बा. वइसे त जब एह गाना के रउरा सुनेम त लागी कि एकर म्यूजिक वाकई शानदार बा आ गाना सुनिके लागी कि एकर रिकार्डिंग लाइव, माने फुल आर्केस्ट्रा का साथे कइल गइल बा. बाकिर रउरा ई जानि के हैरत होखी कि जबमनोज तिवारी ई गाना रिका्डकरवलन तवना घरी एकर म्यूजिक तइयारे ना भईल रहे! संगीतकार धनंजय मिश्रा पूरा गाना क्लिक पर रिकार्ड कइलन आ मनिज तिवारी के रिकार्डिग हो गइला का बाद एकर संगीत तइयार कइलन. अतने ना, एह गाना के शूटिंगो के किस्सा बहुते दिलचस्प बा. जवना दिने लखनऊ के इंटरनेशमल सेंटर फार स्पेशल एजुकेशन में ई गाना शूट होखे के रहुवे, ओह दिन कवनो बाति पर मनोज तिवारी के मूड खराब हो गइल रहे. हमनी का रात का धुप्प अन्हारा का बाद होस्टल में ओह गीत के शूट करे वाला रहीं. पाला ओह दिन कड़क परत रहुवे जबकि कनटिन्यूटि का हिसाब से मनोज के खालि शर्टपैंट पहिर के गाना रिकार्ड करावे के रहे. लाइटिंग हो गइल, साथी कलाकारो तइयार हो गइलन त मनोज तिवारी के बोलावल गइल. मनोज अइलन आ आवते कह दिहलन कि अतना पाला में शूटिंग ना करा पाएम. तुरते उनका खातिर थर्मल वियर के इंतजाम करावल गइल. ई इंस्टिच्यूट लखनऊ से बिलकुल बहरा बा आ रात का दस बजे एकर इंतजाम कइसे भइल, ई बाति बस हमनिये का जानत बानीं.
अब बारी आइल शूटिंग के, कैमरा मैन राजू केजी पहिलका शाट खातिर क्रेन वगैरह लगाके पूरा तइयारी कर चुकल रहन. कोरियोग्राफर रिक्किओ बाकायदा अपना स्टेप्स वगैरह का साथ तइयार रहलन. तबहियें हमरा आ मनोज तिवारी का बी एगो आइडिया ऊपजल. हमार मानल रहे कि ई गाना पूरा फ्री स्टाइल होखे के चाहीं, बेलकुल कैम्पसिया रॉ अपील का साथ. बाकिर एकरा खातिर सटेडीकैम के जरुरत पड़ित आ ऊ ओह समय लखनऊ में मिलल मुमकिने ना रहे. एरी ३ जइसन वजनी कैमरा के कान्ह पर राख के शूटिंग कइल आसान ना होला आ शायद एकरा खातिर कोरियोग्राफर आ कैमरामैन तइयारो ना होखितन. बाकिर हमरा परेशानी के मनिज तिवारी तुरते भाँप लिहलन. भोजपुरी सिनेमा के शायेद ई पहिलका गाना होखी जेकर कोरियोग्राफी मनोज तिवारी खुदे कइलन. मनोज तिवारी हमरा से मानिटर पर जा के बईठे केकहलन आ पूरा गाना के कमान अपना हाथ में ले लिहलन. कोरियोग्राफर रिक्की के बुझाते ना रहे कि का हो रहल बा. हम कहनी कि बस जवन हो रहल बा ओकरा के शूट करत जा. यूनिट के हर सदस्य परेशान रहे कि मनोज तिवारी के का हो गइल बा? ऊ कोरयोग्राफर के सुनत काहे नईखन? जवन होत रहे ऊ बस हम जानत रहीं आ जानत रहलन मनोज तिवारी.
गाना के शूटिंग खतम भईल. अगिला दिन से मनोज तिवारी के लखनऊ में काम खतम रहेॆ यूनिट के अधिकतर लोग ईहे चरचा करत रहुवे कि मनोज तिवारी जवन कइलन तवन ठीक ना कइलन. हम तब जाके सभके बतलवनी कि ई सब पूरा प्लानिंग का तहत भइल. मुंबई आके हमनी का गाना के एडिट कइनी आ फिलिम के तकनीकि टीम जब एकर फाइनल वर्सन देखलसि त हर कोई दंग रहि गइल. अइसन कैंपस सांग अब तक ले भोजपुरी त का हिन्दिओ सिनेमा में कमहीं देखे के मिलल बा. आज बस अतने, काल्हु बात होखी मौली, पूनम यादव आ उज्जयिनी के.
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(7) तोरी मरजी है क्या, बता दे बिधना रे....
मनोज तिवारी 'भोले शंकर' में कुछ आउरियो उम्दा गीत गवले बाड़े. बाकिर, मनोज तिवारी आ मोनालिसा पर फिल्मावल रोमांटिक गीत 'केहू सपना में अचके जगा के' प्यार में डूबल प्रेमियन खातिर सावन के फुहार ले के आई. आ एह गीत में मनोज तिवारी खातिर आपन आवाज दिहले बाड़े मशहूर गायक उदित नारायण. अगर हमरा से एह फिलिम के हमार फेवरिट गाना का बारे में पूछल जाव त हमरा ऊ विरह गाना पसन्द बा जवन पूनम गवले बाड़ी. सारेगामा फाइनलिस्ट रहल पूनम का निजी जिनिगी का बारे में सुनके हम अपना पत्नी के घर में कई हालि रोवत देखले बानीं. पूनम के प्लेबैक सिंगिग खातिर वादा त कई लोग कईल बाकिर कतना पूरा भईल, एह बारे में ना त जी टीवी कबो कुछ बतलवलसि, ना मीडिया में कतहूँ कवनो चरचा सुनाईल बा. पूनम का आवाज में दर्द बहुत बा, कुछ त जीवन के संघर्ष के आ कुछ ओह आवाज पर ऋचा शर्मा के असर के. 'भोले शंकर' के संगीत पर चर्चा का दौरान हम संगीतकार धनंजय मिश्रा से पूनम के नाम ओह गाना खातिर सुझवनीं जवन कि फिलिम के टर्निंग प्वाएंट बावे. भोले के बचपन के दोस्त पार्वती के पूरा जवानी के कहानी एह गाना का दौरान दूसरा छोर तक ले चहुँप जात बा. पूनम का गायिकी का बारे में बतावे से पहिले एह गीत के लिखला का बारे में बतावत चलीं.गीतकार बिपिन बहार जतना मेहनत फिलिम के ओपनिंग सांग, शुरुआती गीत, 'रे बौराई चंचल किरिनिया' खातिर कइलन ओह ले कम मेहनत एहू गीत पर ना भईल. हम बिपिन के समुझावत रहीं आ धनंजय हमार मुँह देखत रहुवन. हम बिपिन के बतलवनीं, "पारवती बस अबहिंये भोले के कई साल बाद देखले बिया. भोले बचपन में शहर जात घरी लड़िकई में कहि जात बा, 'ए पारवती, जब हम पढ़ लिख लेम त तोहरे से बिआह करब.' बस पारवती ओहि दिन से भोले का इयाद में डूबल बाड़ी. भोले लवटत बाड़न त पारवती का घर में ओकर कहीं अउर शादी के बाति चल रहल बा. दुनू संस्कारी घर से हउवन, आ जइसन अकसरहाँ गांव में होला, दुनू में से केहू घर वालन के विरोध नइखे करि पावत. पारवती के शादी तय हो जात बा. ऊ रात का अन्हरिया में भगवान से आपन दर्द सुना रहल बाड़ी. गाना के ई पहिलका हिस्सा हऽ. दूसरा हिस्सा आवत-आवत हमनी का पारवती के शादी होत देखाएम जा आ तीसरका हिस्सा में पारवती के बिदाई देखावल जाई. शॉट कुछ अइसन होखी कि कैमरा गाँव से बहरी निकलत पारवती के डोली के कैच करत ओकरा के फॉलो करत आगे बढ़त बा आ जइसहीं डोली कैमरा फ्रेम से आउट होखत बा कैमरा पैन करत दूर एगो टीला पर खाड़ भोला के कैच करत बा. भोले ओहिजा पारवती के दिलासा देबे वाला गाना गा रहल बा."
पूरा नरेशन सुनला का बाद बिपिन बहार आध घण्टा ले कुछ ना बोललन. फेर कहलन, 'भईया ई कइसे होई!' हम कहनीं, 'काहे ना होई'. हम पूरा गाना के स्टोरी बोर्ड बिपिन के फेरु से समुझवनीं. अबकी बेर एक एक एक्शन आ ओकरा भाव का साथ. अबले शांत बईठल धनंजय मिश्रा के चेहरा के भाव अबकी बेर बदले लागल. उनुका हाथ में जुंबिश भईल आ मुँह से कुछ राग निकलल, आ साथहीं निकलल गाना के पहिलका बोल 'तोरी मरजी है क्या, बता दे बिधना रे... काहे मोरा पिया ना मिला... ना मिला रे... काहे मोरा पिया ना मिला.' बस एकरा बाद त जइसे बिपिन के राह लउक गईल. भाई तीन दिन में गाना लिख दिहलसि. बाकिर अबहिंयो आखिरी हिस्सा पर ऊ कुछ अटकल रहुवन. बोललन, 'भईया ई बताईं, भोले के पारवती से प्यार रहुवे कि ना?' हम कहनीं. 'जवना उमिर में हमनी का भोले आ पारवती के साथ खेलत देखवले बानीं जा, ओह उमिर में बचवा सब प्यार के मतलब जानेलन स का? गाँव के लड़की हियऽ, बस कवनो सयान पर दिल हार बईठल. बाकिर भोले के एकर पतो तक नइखे. हँ माई जब कुछ इशारा करत बिया त बात ओकरा समुझ में आवत बा. बाकिर तबले त देर हो चुकल बा. त भोले का गईहन?' बिपिन बहार फेर चुप, 'भोले का गईहन?'
दू दिन ले मगजपच्ची चलत रहल आ फेर निकलल गाना के बोल - 'किस्मत ना बा अपना हाथ में, खुश रहे तू सजनवां का साथ में.' मनोज तिवारी वइसे त उछल कूद वाला गाने ढेरि गावेलें, बाकिर एह फिलिम में हम उनुका से दू जगहा दर्द भरल नगमा गववले बानीं. पहिलका त ईहे आ दूसरका जब ऊ मुंबई में होखत बाड़े आ जिनिगी का सबले बड़हन इम्तिहान से दू चार होत बाड़े. आ हमार वादा बा कि मनोज तिवारी के आवाज के अतना बेहतरीन इस्तेमाल अब तक ले उनुका कवनो फिलिम में नइखे भईल. जवना गाना के बाति हमनी का ऊपर कर रहल बानी ओकर शुरुआत पूनम के गाना से होत बा. लखनऊ के एह लड़की के अपना फिलिम में मउका दे के एक तरह से हम आ धनंजय उत्तर प्रदेश के कलाकारन के बढ़ावा देबे के राहि पर आगा बढ़ल बानीं जा. पूनम त एह गीत में आपन करेजा परोस दिहले बाड़ी. गाना के बोल बहुते मार्मिक बा आ ओतने मार्मिक बा एह गाना के पिक्चराइजेशन. पूनम तू एही तरे जगमगात रहऽ. वइसे एगो दिलचस्प बात बता देबे चाहत बानीं. जइसन कि गांव देहात के लड़िकियन का साथे अकसरहां होला वइसहीं पूनम अबहीं ले मुंबई के चकाचौंध देखि के घबरा जाली. स्टूडियो में रिकार्डिग के बाति चलते नर्वस हो जाली. अइसनका में संगीतकार के हाथ गोड़ फूले लागे ला. हम दुनू के हिम्मत बन्हवलीं आ तब जा के ई गाना रिकार्ड भईल. मौली आ उज्जयिनी के बात त अबहियों रहि गईल. खेर एह दुनू नगीना के बाति अगिला बेर पक्का रहल.कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(8) मौली की मस्ती, उज्जयनी की उड़ान
गायक से अभिनेता बनल कवनो कलाकार के फिलिम के संगीत के बाति होखो आ ओकरा से बेसी चरचा दोसरा गायकन के कईल जाव, त कई हालि ई अजीबो लागेला आ फिलिम के हीरो के मूड खराबो करि सकेला. बाकिर 'भोले शंकर' का हीरो मनोज तिवारी का साथे अइसन बाति नइखे. मनोज हमेशा से नया कलाकारन के बढ़ावा दिहले बाड़न आ अभी हाले में त बतावत रहलन कि कईसे किंग फिशर एयरलाइन्स के एगो एयर होस्टेस के मंशा जाहिर कइला पर ऊ ओकरा के भोजपुरी फिलिम में काम करे के नेवत दिहलन. अपना हनुमान बिपिन बहार के अभिनेता बनाइये चुकल बाड़न. नीमन चेहरा के उनुका नीमन पहिचान बा. खैर फिलहाल हम बाति करत बानीं फिलिम 'भोले शंकर' के संगीत के. वइसे हिन्दिओ फिलिम में अइसनका होला, बाकिर भोजपुरी फिलिम के बात करते सामने वाला गीतकार आ संगीतकार लोग पूछ बईठेला कि 'आइटम सांग में केकरा के ले रहल बानीं?' आ ई पूछत घरी उनुका चेहरा के भाव अइसन होखी कि अगर रउरा लजगर भइनीं त तुरते जमीन का चार फीट नीचे चलि जाएम, लाज का मारे. अइसनका एकहूँ शख्स हमरा अब ले मिलल बाकी बा जे भोजपुरी फिलिम के बाति चलला पर आइटम सांग के बाति ना छेड़ले होखे. जइसे कि भोजपुरी फिलिम आ आइटम सांग एक दूसरा के जुड़वां होखे. मानऽतानी कि सिनेमा मनोरंजने खातिर होखेला बाकिर मनोरंजन का नाम पर भँड़ैती आ फूहड़पन हमरा ना घोंटाव. हमार मानल हऽ कि सही फिलिम उहे हऽ, अगर रउरा यू सर्टिफिकेट ले के बनावत बानीं, जवना के ससुर पतोह आ बाप बेटी एक साथ बईठ के देखि सको.
'भोले शंकर' बनावत घरी एक दिन पहिलहीं हम तय कर लिहले रहनीं कि ई फिलिम राजश्री संस्कृति का नियरा अधिका होखी आ भलहीं मस्ती खातिर एहमें गाना होखो बाकिर ऊ आईटम सांग त कतई ना होखी. फिलिम 'भोले शंकर' में मनोज तिवारी का साथे तीन गो लड़की बाड़ी स. मेन लीड में मोनालिसा, पैरलल लीड में लवी रोहतगी, आ स्पेशल अपियरेंस में निराली नामदेव. मोनालिसा के, जेकर हिन्दी फिलिमन में एगो बोल्ड अभिनेत्री के छवि बा, फिलिम 'भोले शंकर' में एगो मिडिल क्लास के घरेलू लड़की का रुप में पेश कइल गईल बा आ मिर्च मसाला खातिर फिलिम में बाड़ी लवी रोहतगी. लवी के किरदार ओह होस्टल के वार्डन का बेटी के बा जहवाँ रहि के भोले शहर में पढ़ाई करत बाड़े. आ लवी का हिस्सा में आइल बा फिलिम के सबले मस्ती भरल गाना. ई आइटम सांग एहले नइखे काहे कि लवी एह फिलिम में खाली एह गाना खातिर नइखी. पूरा फिलिम में उनुकर एगो खास रोल बा आ ई रोल बा रंभा के, जे पहिलके नजर में भोले पर मर मिटत बाड़ी. कालेज फंक्शन में भोले के रिगावे खातिर रंभा गाना गावत बाड़ी आ एकर बोल बा 'दिल के हाल बताईं कइसे, किस्मत के मारी, अनाड़ी हमका मिला रे बालमा.' गाना के बोल आ एकर पिक्चराइजेशन में हम एह बाति के पूरा खयाल रखले बानी कि ई गाना कवनो तरफ से फूहड़ ना लागो. एक त गाना सिचुएसन का हिसाब से कालेज में सगरी विद्यार्थी आ कालेज स्टाफ का सोझा हो रहल बा आ दोसरके बेजरुरत हीरोइन के देह देखवला से बचावहूं के रहे.
एह गाना के बोल का लिहाज से हमरा सारेगामा फाइनलिस्ट मौली दवे के आवाज बिल्कुल फिट बुझाइल.गाना के रिकार्डिंग जब हम शुरू कइनीं त मौली भारत में ना रहली. उनुका घर के कवनो संवाग के मउत भइल रहे आ ऊ मातम मे शरीक होखे अमेरिका गइल रही. मौली के जल्दिए वर्ल्ड टूर पर निकले के रहे आ हमरा जल्दी से जल्दी गाना सब के रिकार्डिंग करवावे के रहे जेहसे शूटिंग पर निकालल जा सके. 'भोले शंकर' के गाना गावे खातिर मौली अमेरिका से अइली, आ शाबासी देबे के होखी एह कलाकार के जे रिकार्डिंग का दौरान एको बेर ना लागे दिहली कि उनुका घर में अबहीं हालही में कवनो हादसा भइल बा. मौली का आवाज में एगो खास अलग कशिश बा. उनुकर आवाज रेशमी बा आ हमरा एह गाना खातिर इहे चाहतो रहे. जवना दिने मौली 'भोले शंकर' के गाना गावे स्टूडियो में अइली ओह दिन जगजीतो सिंह अपना स्टूडियो में आइल रहलन. मौली के देखि के ऊहो खुश भइलन आ उनुका गाना के खुल के तारीफ कइलन. हमरा पूरा भरोसा बा कि जब 'भोले शंकर' में रउरा मौली के आवाज सुनेम त रउरो लागि कि वाकई लड़की हीरा बिया. जरुरत बा कुछ जौहरियन के जे उनका के तनी आउरी तराश सकसु. 'भोले शंकर' में हम मौका दिहनी त ओकरा बाद मौली के कई गो दोसरो भोजपुरी फिलिमन में गावेके मौका मिलल आ अब त ऊ भोजपुरी खातिर नियमित रुप से गावत बाड़ी.
सारेगामा के एगो आउरि दोसर फाइनलिस्ट उज्जयनिओ फिलिम 'भोले शंकर' का एगो गाना में आपन आवाज दिहले बाड़ी. आ हम उज्जयनी खातिर एक हफ्ता के इंतजारो कइनीं. बाकिर उज्जयनी के मधुर गायिकी से एह इंतजार के फल मीठ निकलल. सारेगामापा के चार गो कलाकारन के एह फिलिम में मौका देके हम एह बचवन खातिर एगो नया राह खोल दिहले बानीं. 'भोले शंकर' शायद पहिलका फिलिम बन गइल बा जवना में सारेगामापा के अतना कलाकार एक साथ गा रहल बाड़े. एह बचवन के उड़ान के शुरुआत त सही हो गइल बा. अब बस एह लोग के लगातार उड़त रहे के बा आ नजर जमावल राखे के बा नीमन संगीत आ नीमन गीतन पर. 'भोले शंकर' के संगीत यात्रा आजु सातवां दिन विराम ले रहल बा. संगीतो के सात गो सुर होला आ इहो एगो संजोगे कहाई कि फिलिम का संगीत का बारे में हमार बातो साते दिन चलल. अब बात शुरु होखी कैमरा के कारीगरन के कमाल के. बस पढ़त रहीं, कइसे बनल भोले शंकर
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
(9) तइयारी शूटिंग के
गाना के रेकार्डिंग खतम होखते हमनी का लाग गइनीं स फिलिम के शूटिंग का तइयारी में. एह पूरा फिलिम में अगर कवनो एक शख्स रात दिन लगातार हमरा कान्ह से कान्ह मिला के साथ दिहलसि त ऊ हउवन हमार सहायक मनोज सती. मनोज से परिचय करवलन हमार अभिन्न दोस्त श्रीनिवासन रामचन्द्रन, जिनका के हमनी का प्यार से रामा कहि के बोलावेनी सन. रामा ओह घरी टीवी चैनल जूम के चेहरा मोहरा ठीक करे में अझूराइल रहलन आ जवना फिलिम पर ऊ काम करत रहलन ओकरा शुरु होखे में अबहीं देरी रहे. मनोज सती ओह घरी रामा का साथ ही रहलन आ रामा के कहला पर हमरा साथे आ गइलन. मनोज सती जतने नीमन तकनीशियन हउवन ओकरो ले नीमन इंसान हउवन. यश चोपड़ा के संपादक रहल नरेश मल्होत्रा जब निर्देशक बनलन त मनोज सती उनकरे साथ रहलन. आ मनोजे का सलाह पर फिलिम में अइलन कैमरामैन राजू केजी. राजू केजी के पिताजी यश चोपड़ा के खास कैमरामैन रहल बाड़न आ राजूओ यशराज बैनर में रहिके कैमरा के कीमियागिरी करीब से सीखले बाड़े. एह दुनू का साथ आ गइला से हमार बोझा काफी हलुक हो गइल. जी न्यूज में बतौर प्रोड्यूसर काम करत अजय आजादो तबले फिलिमन से जुड़ चुकल रहलन. अजय का जिम्मे एके गो काम रहे आ ऊ ई कि फिलिम के कलाकारन के भोजपुरी पर धेयान राखल. रउरा शायद ई पढ़ के हैरान होखम कि शूटिंग से बहुते पहिले एक दिन जब मनोज तिवारी हमरा आफिस में आइल रहलन त अजय ओहिजे रहलन. उनकर पहिलका प्रतिक्रिया इहे रहे कि मनोज के भोजपुरी शुद्ध भोजपुरी नइखे आ हमनी के अपना फिलिम में भोजपुरी भाषा के शुद्धे राखे के चाहीं. एही का बाद अजय का जिम्मा सगरी कलाकारन का बोली पर नजर राखे के काम सँउपल गइल जवना के ऊ बखूबी अंजामो दिहलन. हम फिलिम में अजय के एगो छोटहन रोलो दिहले बानीं. अजय काबिल कलाकार हउवन आ मौका मिले त राजपाल यादब जइसन कलाकारन के छूट्टी करा देसु.
फिलिम के तकनीकि टीम के सेलेक्शन के जिम्मेदारी कार्यकारी निर्देशक के होखेला आ एकरा खातिर मनोज सती अपना एगो करीबी दोस्त मुकेश शर्मा के नाम सुझवलन. मुकेश शूटिंग शुरु होखे से पहिले आ शूटिंग का दौरान जवन काम कइलन ओकरा बारे में हम बाद में कबो विस्तार से लिखेम. फिलहाल अतने काफी बा कि ऊ अकेला अइसन शख्स रहलन जेकरा के फिलिम के शूटिंग खतम होखते हम सबसे पहिले बाहर के रास्ता देखवनीं. एक हालि तकनीकि टीम सेट हो गइल त काम शूरु भइल फिलिम के कास्टिंग पर. ओह घरी आफिस में कलाकारन के ताँता लागल रहत रहुवे बाकिर हमरा दिमाग में फिलिम के किरदारन खातिर कुछ नाम पहिलहीं से रहुवे. भोले का रोल में मनोज तिवारी के आ शंकर का रोल में मिथुन चक्रवर्ती के नाम त पहिलके दिन से तय रहुवे. बाकी किरदारन में फिलिम के हीरोइन गौरी, भोले से एकतरफा प्यार करे वाली रंभा, भोले के दोस्त संतराम, भोले आ शंकर के महतारी, भोले के गुरुजी आ भोले के बचपन के दोस्त पार्वती
सबसे पहिले तलाश शूरू भईल गौरी के. गौरी खातिर हमरा अइसन लड़की चाहत रहुवे जे देखे में बिल्कुल मिडिल क्लास के लागे बाकिर जेकरा चेहरा पर तेज होखो. अइसन एह चलते कि फिलिम में ओकर किरदार दमदार बा. भोले शंकर के हर किरदार अपना आप में मुकम्मल किरदार बा आ ओकरा के कहानी में स्थापित होखे खातिर हीरो के सहारा के जरुरत ना होखे. गौरी एगो आत्मसम्मानी लड़की हउवे, नौकरीपेशा बिया आ अपना भाई आ अपना माई के जिम्मेदारी सम्हारत बिया. निरहुआ रिक्शावाला के सिक्वेल बतावल जा रहल श्रीमान ड्राइवर बाबू में निरहुआ का अपोजिट दू गो लड़की बाड़ी सन मोनालिसा आ वृषाली वांभरे जे शायद कवनो दोसरा नाम से भोजपुरी फिलिम करेली. वृषाली के पर्सनैलिटी करीब करीब गौरी के किरदार जइसन बा. वृषाली बतवली कि ऊ श्रीमान ड्राइवर बाबू में लीड रोल कर रहल बाड़ी. औकरा बाद उनुकर आडिशन भइल आ हम उनुकर सेलेक्शनो कर लिहनी. एग्रीमेण्ट तकले साइन हो गइल. बाकिर फिलिम रिलीज होखते पता चलल कि फिलिम में मेन लीड वृषाली के ना हो के मोनालिसा के बा. ई पता चलला पर हम वृषाली के फोन कइनी. वृषाली फोन पर तमाम तरह के दलील दिहली, बाकिर हमरा झूठ बोलेवालन से शुरुवे से नफरत रहल बा. बिना कवनो देर कइले हम वृषाली के बाहर कर दिहनी आ मोनालिसा के भेंट करे खातिर बोलवनीं. मोनालिसा का बारे में हिन्डी फिलिम वाला लोग जवन कहत होखे, हमरा त पहिलके भेंट में लागल कि ई लड़की अदाकार नीमन बिया. आ वक्त के पाबंदो. एही मीटिंग का बाद फिलिम भोले शंकर के हीरोइन हो गइली मोनालिसा. गुरुजी का किरदार में हम राजेश विवेक के लिहनी जिनका के हम जी न्यूज का कार्यक्रम होनी अनहोनी में बतौर टीवी एंकर मौका दिहले रहलीं. राजेश विवेक आपन करियर शेखर कपूर के फिलिम बैंडिट क्वीन से शुरु कइले रहलन. फिलिम जोशीला में ऊ मुख्य खलनायक रहलन. बाद का दिनन में उनुका के रउरा सभे लगान आ स्वदेश जइसन फिलिमन में देखले होखम. फिलिम ट्रेफिक सिग्नल में ऊ ओह भिखारी के रोल कइले बाड़न जवन कि वइसे त नीमन कपड़ा पहिर के घूमेला आ अपना गर्ल फ्रेण्ड का साथे मल्टीप्लेक्स में सिनेमा देखेला बाकिर सिगनल पर कपड़ा उतारि के भीख माँगेला. माई का रोल खातिर शबनम कपूर के नाम फाइनल भइल. पारवती खातिर कवनो लड़की के सेलेक्शन अबहीं ले ना हो पावल रहुवे. हमनी का चाहत रहे एगो अइसन लड़खी जे देखे में एकदमे गांव के लागे. बहुते माथा पच्ची का बाद मेघना पटेल आ निराली नामदेव पर आके बाति अटक गइल रहे आ तब फिलिम के हीरो मनोज तिवारी के वोट पड़ल निराली का पक्ष में.
सबकुछ तय हो गइल त हमनी का बईठ गइनीं जा फिलिम के शेड्यूल बनावे खातिर. तय भइल कि फिलिम के मुहुर्त सेटे पर २१ नवम्बर २००७ के मुंबई के कमालिस्तान स्टूडियो में करावल जाई. पहिलका शाट मनोज तिवारी आ मिथुन चक्रवर्ती पर लहल जाए वाला रहे. दुनू कलाकार करीब महीना पर पहिलहीं आपन डेटो फाइनल कर दिहले रहलन. आ हमनी का ओही हिसाब से स्टूडियो, लाइट्स, कैमरा, गाड़ी, आ बाकी सबकुछ बुक कर दिहले रहीं जा. सभकर कास्ट्युमो बनि के आ गइल रहे. सीनवार शिफ्टवार शेड्यूलो बनि गइल रहे. शूटिंग के दिन जइसे जइसे करीब आवत जात रहे हमरा दिल के धड़कन बढ़ल जात रहुवे. आखिर टीवी खातिर भलहीं दू हजार घण्टा से अधिका के प्रग्राम बनवा चुकल रहीं, बाकिर फिलिमवा त पहिलके रहे! आ फेर १५ नवम्बर के आइल मिथुन चक्रवर्ती के फोन. दादा बतलवलन कि ऊ १९ नवम्बर के मुंबई चहुँप रहल बाड़न. शूटिंग खातिर ऊ अपना तरफ से पूरा तइयारी बतवलन बाकिर एगो पुछल्ला जोड़ दिहलन कि शायद कुछ दिक्कत आ सकेला. का रहुवे ऊ दिक्कत? आ कवना विवाद में नवम्बर महीना में मुंबई मे भोजपुरी फिलिमन के शूटिंग पर पाबन्दी लगा दिहल गइल? एह पर पढ़ी अगिलका कड़ी में. पढ़त रहीँ कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(10) ऊ करिया राति
फिलिम भोले शंकर का क्लाइमेक्स का ठीक पहिले भोले आ शंकर दुनू भाई में जमके तनातनी होत बा आ एह धमाकेदार सीन में भोले (मनोज तिवारी) एगो डायलाग बोलत बा, 'भईया ऊ करिया राती हमहूं नइखी भुला पइनी. हम इहो मानऽ तानी कि ओकर मार सबसे ज्यादा तहरा भुगते के पड़ल. लेकिन भईया, तू जवन रास्ता पर चलऽ तारऽ ओकर अंत त फेन ओइसने नू होई. भईया बस तू छोड़ द, हमहूं ई गीत संगीत के विदा ले तानी, चलऽ गांवे खेती कइल जाई. चलऽ छोड़ऽ इ सब.'
बाकिर, रउरा लोग के एगो राज के बात बतावल चाहेम आ ऊ ई कि एह फिलिम सका शूटिंग से पहिले एगो करिया रात हमरो जागते बितावल पड़ल आ ऊ राति रहुवे २० नवम्बर के राति. दरअसल भईल अइसन कि हमनी का २१ नवम्बर के से फिलिम भोले शंकर के शूटिंग मुंबई का कमालिस्तान स्टूडियो में रखले रहीं. सब तइयारियो ओहि लिहाज से चलत रहुवे. लाखों रुपिया ड्रेस आ बाकी चीजन पर खरच हो चुकल रहुवे आ १९ नवम्बर के मुंबई चहुँपते मिथुन चक्रवर्ती धमाका कइलन कि ऊ फिलिम के शूटिंग नइखन करि सकत. रउरा अन्दाज लगा सकीले कि अइसनका में फिलिम के प्रोड्यूसर आ डायरेक्टर के का हलात हो सकेला? गलती मिथुनो दा के ना रहुवे, पूर्वी भारत के जवना फिल्म संस्था के ओ सम्मानित पदाधिकारी रहलन, ओही संस्था से कवनो बंगाली कलाकार पर भोजपुरी भा मैथिली फिलिम में काम ना करे के आदेश जारी हो गइल रहुवे.
पूरा गड़बड़ी दरअसल ओही समय शुरु हो गइल रहे जब मिथुन चक्रवर्ती के एगो हिट बांगला फिल्म के भोजपुरी में डब करिके रिलीज कर दिहल गइल रहे. झगड़ा बढ़त गइल. पहिले निर्माता आ वितरकन के एगो बिहारी संस्था मिथुन दा आ उनुका परिजनन के फिलिमन के बिहार आ झारखण्ड में रिलीज ना होखे देबे के एलान कइलसि आ बदला में निकलल पूर्वी भारत के संस्था के फरमान. आ एह दुनू संस्था के नाक के लड़ाई के पहिलका शिकार बनल फिलिम भोले शंकर. २० नवम्बर के पूरा दिन हमनी का शूटिंग के तइयारी छोड़ मिथुन चक्रवर्ती के शूटिंग खातिर मनावे में अझूराइल रहि गइनी सन. मथुन दा ऊह दिन एम्पायर स्टूडियो में अपना बेटा मिमोह के फिलिम जिमी के कवनो गाना के रिकार्डिंग में व्यस्त रहलन. हमनी का ओहिजे पहुंचनी सन. दादा बस एगो शर्त लगवलन कि बिहार आ झारखण्ड के संस्था उनुका पर लगावल प्रतिबन्ध बिना शर्त वापिस ले ले त ऊहो कोलकाता के संस्था से बाति करिके मामला खतम करा दिहन आ अगिला दिन से भोले शंकर के शूटिंग शुरु हो जाई.
बिहार आ झारखण्ड मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन के माई बाप हाए वाला डाक्टर सुनीले अइसन करि सकत रहन आ हमार पहिले से उनुका से कवनो तरह के परिचय ना रहे. एगो दू गो शुभचिंतक लोग सलाह दिहल कि सीधे डाक्टर सुनील के फोन करीं. ऊ अतना नेक इंसान हउवन किकवनो निर्माता केनुकसान ना होखे दीहें. बाकिर हम एह मामिला में मनोज तिवारी के मदद लिहल उचित समुझलीं. मनोज तिवारी मामिला के गम्हीरता देखत पूरा किस्सा अपना हाथ में ले लिहलन. डाक्टर सुनील के ऊ फोनो कइलन आ इहो कहलन कि सांझ तक ले मिथुन दा आ उनुका परिजनन पर बिहार झारखण्ड में लागल प्रतिबन्ध ऊ हटवा दिहन आ एह बारे में फैक्सो मंगवा लिहन. हम इहे बाति मिथुन दा के बतवनीं. ऊ आपन काम खतम करिके घरे जा चुकल रहलन, बाकिर जाए से पहिले ऊ अपना करीबी विजय उपाध्याय के हमरा दफ्तर में बईठअ गइलन, ई कहि के कि अगर हमरा लगे फैक्स आ जाउ त विजय उनुका के खबर करि दिहन आ ऊ अगिला दिने आठ बजे कामालिस्तान स्टूडियो चहुँप जइहन शूटिंग करावे.
किरिन डूब गइल, राति हो गइल. आसमान पर जोन्हि छिटिक गइली सन बाकिर फैक्स ना आइल. थोड़ देर बाद मनोज तिवारीओ दफ्तर में आ गइलन. उहो हमरा परेशानी में बरोबर के परेशान लउकलन. गुलशन भाटिया जी कहाँ त अपना पहिलका फिलिम के पहिलका दिन के शूटिंग देखे खातिर दिल्ली से आइल रहलन, आ कहाँ से गरदन पर ई मुसीबत लदा गइल. मनोज तिवारी एकाध फोन आउरियो कइलन आ तब तकले हमरो लागे लागल कि बाति बनि ना पाई. से हम भाटिया जी से सलाह लिहनी कि हमनी का काल्हु के मुंबई के शिड्युल कैंसिल कर दिहल जाव आ अगिला शूटिंग के तइयारी कइल जाव. फिलिम के अगिला शेड्यूल मुंबई के शेड्यूल खतम करते एक दिसम्बर से लखनऊ में रहुवे. हम कहनी कि जबले हमनी का लखनऊ के शिड्यूल पूरा करम तबले शायद ई मामिला निपट जाव. भाटिया जी आ मनोज तिवारी दुनु आदमी के हमार बाति ठीक बुझाइल आ अधरतिया में करीब दू बजे हमनी का दफ्तर से बहरी निकलनी सुबह के शूटिंग कैंसिल करे के फैसला करि के. घरे चहुँपियो के नीन्द कहाँ आवे के रहुवे? बस सोचत रह गइनी कि आखिर का कारण बा? का भगवान इम्तिहान ले रहल बाड़न? कहल जाला कि कुछ देबे का पहिले ईश्वर परीक्षा जरुर लेबे लें. अब लागत बा कि शायद अइसने कुछ रहुवे. हरिवंश राय बच्चन अपना बेटा अमिताभ के नैनीताल के शेरवुड स्कुल में एगो सीख दिहले रहले, 'मन का हो तो अच्छा, ना हो तो और भी अच्छा.' एह लाइन के फलसफा समुझे के वक्त एक हालि फेरु सामने रहे. ऊ करिया राति हम शायद हम कबहियों ना भुला पाएम. अँजोरिया होखे रहे, बाकिर नींद ना जाने कहाँ भुला गइल रहे. आजु बस अतने. अगिला अंक में भोले शंकर का शूटिंग के पहिलका दिन का बारे में कुछ आउरीओ बाति ...
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(11) लखनऊ खातिर रवानगी
मुंबा देवी के नाराजगिए वजह रहल होखी कि हमनी का फिलिम भोलेशंकर के शूटिंग २१ नवम्बर से मुंबई में ना कर पवलीं. ओह दिन फिलिम के निर्माता गुलशन भाटिया अपना बेटा गौरव आ हमरा साथे मिथुन दा से भेंट करे उनुका घरे मड आइलैण्ड गइलन. मिथुनो दा दुखी रहलन कि ऊ चाहियो के शूटिंग नइखन कर पावत. ऊ अपना आ डाक्टर सुनील का बीच भईल करार के सगरी पेपर देखवलन, हालांकि ओकर कवनो जरूरत ना रहे. बाकिर मिथुन दा इहे चाहत रहलन कि हमनी का उनुका के गलत मत समझीं जा. ऊ पूरा मामिला से जूड़ल एक ह एक गो पुर्जा देखवलन. अब चुंकि ओह बातन के फिलिम भोले शंकर के मेंकिंग से कवनो खास लेना देना नइखे, एहसे ओकरा विस्तार में गइला के जरुरत नईखे. भाटिया जी तनी परेशान रहलन काहे कि तब ले हम मिथुन दा का साथे कवनो लिखित करार ना कइले रहीं. हमरा त मिथुन दा के जुबान के अहमियत मालूम रहे बाकरि तबहियो हम भाटिया जी के दिल के बात उनुका से कह दिहनी. भाटिया जी के कहला पर हम पहिलहीं से लिखित करार बनवा के ले आइल रहीं. मिथुन दा के महानता देखीं कि एसोसिएशन का बैन का बावजूद ऊहां के एग्रीमेंट पर तुरते साइन कर दिहनी आ उहो बिना एको लाइन पढ़ले. हम भाटिया जी का तरफ देखनी त उनुका चेहरा पर संतोष आ हैरानी के मिलल जुलल भाव रहुवे. बाद में मिथुन दा का घर से निकलला पर उनुका के बतलवनी कि इंडस्ट्री में जुबान के कीमत अधिका होखेला आ कागज के कम. आ अब ई बाति भाटियो जी माने लागल बानी.
मिथुन का घर से बहरी निकलनी स त अगिला काम रहुवे लखनऊ शेड्यूल के सही समय पर शुरु करे के. जी न्यूज में हमार एगो सहयोगी के लखनऊ में एगो दोस्त बाड़े विशाल कोहली. आ कोहली जी के दोस्त पांडे जी के लखनऊ का करीब के एगो गांव लुधमऊ में एगो बड़हन फार्म हाउस बाटे. एकर विशालता के अंदाजा एही से लगा लीं कि गोमती नदी एह फार्म हाउस का बीच से बहेले. पांडेजी इटावा के रहे वाला हउवन आ बड़ा मानवतावादी इंसान हउवन. उनहीं के सेवा एग्रीकल्चरल फार्म आ आसपास का गांवन में भोले शंकर फिलिम के शूटिंग पहिला दिसम्बर से होखे वाला रहल. से मिथुन दा का घर से निकल के भाटिया जी आ गौरव त अपना घरे चल गइल लोग, आ हम जा बईठनी आफिस में. करीब सत्तर लोग के टीम के लखनऊ चहुँपावल, ओह लोग के रहे के इंतजाम कईल आ फेर लखनऊ में सभ काम सुबहित चलत रहो एकर सरंजाम करे के रहे. आगे बढ़े से पहिले एगो बाति आउर बता दीं कि अगर रउरा फिलिम मेंकिग में तनिको रुचि बा त एगो बाति गांठ बान्ह के राख लीं, एहिजा बिना मरले स्वर्ग ना भेंटाव! मतलब कि जवन कुछ करे के बा रउरे करे के बा, बाकी लोग बुझला काम बिगाड़हीं खातिर आइल रही. खास करिके अगर प्रोडक्शन देखे वाला बेइमान निकल जाव त फेर भगवाने बेड़ा पार कर सकेले. हर केहू एहिजा मौका का ताड़ में रहेला. मुंबई में आटो में सफर करे वाला शूटिंग पर एसी गाड़ी मांगी आ घर में चाहे पंखो ना लागल होखे शूटिंग पर रहे खातिर एयरेकंडीशन्ड कमरा मांगी. अब ई बुराई धीरे धीरे भोजपुरिओ सिनेमा में घुसल जा रहल बा.
खैर, शूटिंग से दू दिन पहिले हम लखनऊ चहुंप गइनी. गड़बड़ ई हो गईल कि रहे का जगहा आ शूटिंग का लोकेशन का बीच क दूरी तनी अधिका रहे आ जब हमनी का शुटिंग करत रहीं त कोहरा पड़ल शुरु हो जाव त सबेरे सातो बजे के शिफ्ट नौ बजे ले शूरु करे खातिर सूरज देवता के इंतजार करे के पड़े. पहिलका दिन के शूटिंग में कुछ स्थानीय कलाकारन के जरूरत रहुवे. गाँव के सरपंच खातिर हम कन्हैयालाल जइसन कमीनापन देखा सके लायक कलाकार नरेन्द्र पजवानी से मिलनी आ भोले आ शंकर के बचपन का रोल खातिर तय भईल शिवेन्दु आ उज्जवल के नाम. पारवती के बचपन के रोल करे के काम लखनऊवे के एगो बाल कलाकार बेबी निष्ठा सकार लिहली.
वइसे त हम तय कइले रहीं कि शूटिंग १ दिसम्बर के शुरू करेम आ ऊ एह चलते कि ३० नवम्बर तकले यूनिट हर हाल में लखनऊ चहुँपिए जाई. बाकिर बलिहारी रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कि आजुकाल्ह ट्रेन राइट टाइम पर चले लागल बाड़ी सन. पूरा यूनिट ३० नवम्बर के फजीरहीं चहुँप गईल त हम आनन फानन में तय कइनी कि शूटिंग एक दिन पहिलहीं शुरु कर देत बानी. फिलिम के शूटिंग के दिन आगे घसके के किस्सा त मुंबई से आईल क्रू खूब सुनले रहुवे, बाकिर शूटिंग तय तारीख से पहिले शुरु होखे के मउका ऊ लोग पहिलके हालि देख रहल रहे. हमहूं तारीफ करेम पूरा यूनिट के, एक एक लाइन मैन आ एक एक स्पाट ब्वाय के, कि ऊ लोग रात दिन कान्ह से कान्ह मिला के फिलिम के शूटिंग में मदद कईल.
भोले शंकर के पहिलका शॉट गांव लुधमऊ में लोक विश्राम के पावन काल में ३० नवम्बर के नरेन्द्र पजवानी, शबनम कपूर, मास्टर शिवेन्दु आ मास्टर उज्जवल पर फिल्मावल गईल. संयोग से फिलिमो के ई पहिलके सीन हऽ. पहिलका सीन के अधिकतर शॉट्स हम पहिलके दिने फिल्मवनी. भोजपुरी फिलिमन में शॉट डिवीजन के ढेर भाव ना दिहल जाव. आ निर्माता निर्देशकन के कोशिश इहे रहेला कि फिलिम जतने कम से कम शॉट में फिल्मा दिहल जाव ओतने बढ़िया. कलाकारो एहमें खुश रहेले काहे कि ओह लोग के मेहनत कम करे के पड़ेला. बाकिर निर्देशक के एह बाति के हरमेसा खयाल राखे के चाहीं कि भाषा हिन्दी होखे, भोजपुरी होखे भा कवनो दोसर, ओकरा अपना कला का साथे कवनो समझौता ना करे के चाहीं. का कवनो गायक खाली एही चलते बेसुरा गाई कि ऊ हिन्दी फिलिम के ना भोजपुरी फिलिमके गीत गावत बा? भोले शंकर के मेकिंग कवनो मामिला में कवनो हिन्दी फिलिम से अनइस ना राखे के फैसला हम शूटिंग का दिन से पहिलहीं से ले रखले रहीं. अब एह पर अमल करे के वक्त आ चहुँपल रहे. बाकी अगिला अंक में, पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर ?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(12) सालगिरह मुबारक ! मिथुन दा.
अगर हमरा शंकर का रोल खातिर मिथुन दा के साथ ना मिलल रहित त हम भोले शंकर कहियो ना बनईतीं. मिथुन दा आजु ५८ साल के हो गईलन. मिथुन दा के सालगिरह का चलते आजु भोले शंकर के मेकिंग लिखे का बजाय हमार मन करऽ ता मेकिंग आफ ए रियल स्टार लिखे के. जिनिगी के चुनौतियन के आपन कामयाबी बनाए वाला गौरांग चक्रवर्ती के मायानगरी नाम दिहलसि मिथुन. कबो पुलिस का मोस्ट वांटेड लिस्ट में रहल ई नक्सलाइट अब डॉनो बनेला त लोग ताली बजावेलें. आ अब भलहीं मिथुन दा आपन हेयर स्टाइल बदलि दिहले होखसु, बाकिर ई बाति केहू से छुपल नइखे कि अगर राजेश खन्ना आ अमिताभ बच्चन का बाद केहू के हेयर स्टाइल हिन्दुस्तान का लोगन का बीच क्रेज बनल रहे त ऊ मिथुने हउवन.
कमे लोग ई बाति जाने ला कि कवनो देश का दोसरा भाषा में सबले बेसी फिलिम करे के विश्व रिकार्ड मिथुन चक्रवर्ती बनवले बाड़न. लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में एह बाति के जिक्र बा. मिथुन दा ई रिकार्ड हिन्दी फिलिम करिके बनवले बाड़न. आ बहुते कम लोग के एह बाति के जानकारी होखी कि मिथुन देश के सबले बड़हन इन्कम टैक्स पेयर, आयकर दाता, रह चुकल बाड़न आ उहो लगातार पांच साल, १९९४ से ले के १९९९ तक. आ ई उहे मिथुन हउवन जे आपन पहिलके फिलिम मृगया में बेस्ट एक्टर के नेशनल अवार्ड मिलला का बाद दिल्ली से निकले वाली एगो फिल्मी पत्रिका के अपना जिनिगी के पहिलका इन्टरव्यू एगो बिरयानी का एवज में दिहले रहलन. जी हँ, तब फिल्म मेगजीन मायापुरी खातिर मुंबई से जेड ए जौहर साहब इंटरव्यू भेजल करत रहलन. १९७६ के नेशनल फिल्म एवार्ड के घोषणा भईला का बाद दिल्ली दफ्तर से फोन गईल रहे कि कवनो नया लड़िका मिथुन के बेस्ट एक्टर के अवार्ड मिलल बा, ओकर इंटरव्यू करि के भेजऽ. जौहर साहब सबेरे से मिथुन का तलाश में भटकत रहलन आ उनुका मिथुन भेंटइलन एगो प्रोड्यूसर का दफ्तर का बाहर भेंट करे के इन्तजार में बईठल. बेस्ट एक्टर के अवार्ड मिले के खबर जौहरे साहब मिथुन के दिहलन आ कहलन कि उनुका इटरव्यू चाहीं. मिथुन दू दिन से कुछ खइले ना रहलन. फाकाकशी के अइसनो दिन देखले बा ई सुपर स्टार. मिथुन कहलन कि इंटरव्यू ऊ तबे दीहन जब जौहर साहब पहिले उनुका के खाना खियावसु. जौहर साहब का पाकिट में जतना पइसा रहे ओकरा से ऊ बिरयानी मँगवलन. मिथुन का मुँह में कउर गईल तब जाके जौहर साहेब के मिलल मिथुन के इंटरव्यू. ऊ मिथुन के करियर के पहिलका इंटरव्यू रहे.
कहल जाला कि किस्मत मेहनत करे वाला के साथ देबे ले आ मिथुन एकर जियत जागत मिसाल बाड़न. कबहीं मुंबई का सड़कन पर गाड़ीयन पर स्टीकर चिपकावे वाला ई इंसान आजु सैकड़न लोगन के अपना होटलन में रोजगार दे रहल बा. बत्तीस साल हो गइल मिथुन के फिल्म इंडस्ट्री में अईला बाकिर किंग्स सर्किल का अपना दोस्तन के ऊ अबहियों याद करेलन. किंग्से सर्किल ऊ इलाका रहुवे जहाँ मिथुन मुंबई अइला का बाद के शुरुआती दिन गुजरलन. ओहिजा एगो इरानी होटल चलावे वाला का बेटा से मिथुन के दोस्ती रहे. आ मिथुन के दोस्त इंतजार करे कि कब ओकर बाप लंच खातिर घरे जासु आ जईसहीं ऊ जासु तईसहीं मिथुन आ उनुका दोस्तन के चौकड़ी जा जमे, एह रेस्टोरेण्ट में फोकट के माल जिमे खातिर. हिन्दी सिनेमा के डिस्को से दोस्ती करावे वाला एह बंगाल टाइगर के कल्ट स्टार कहल जाला. आ ऊ ह बदे कि कवनो कलाकार के नाम अपना नाम का साथे जोड़े के मिसाल आउरी कहीं ना मिले. हम अपनहूं अइसनका ढेर लोग के जानत बानी जे अस्सी का दशक में अपना नाम का आगा मिथुन लिखल शुरु कर दिहले रहे. जइसे कि सुरेश मिश्रा मिथुन वगैरह. मिथुन का तरह के बबड़ी राखल, उनुके तरह केकपड़ा पहिरल आ नान चाकू लेके घूमल ओह घरी के नवजवानन के शगल बनि गईल रहे.
राजकपूर का बाद अगर कवनो कलाकार के रूस में डंका बाजल त ऊ मिथुने रहलन. अबहियों मिथुन दा जब ओहिजा जालन त लोग उनुका के जिमी कहि के बोलावेला. दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज अबे हालहीं में फिलिम भोलेशंकर का डबिंग का दौरान हमरा के एगो दिलचस्प कथा सुनवलन. अजय जी जब चीन गईल रहलन त ओहिजा एगो लड़िका के मैंडोलिन पर फिलिम डिस्को डांसर के धुन बजावत सुनलन. ओह लड़िका के हिन्दीओ समुझ में ना आवत रहे. अजय जी जब ओह लड़िका से केहू तरे बात कईलन त ऊ ख्वाहिश जतवलसि एह फिल्मी हीरो मिथुन चक्रवर्ती से भेंट करे के. ओह घड़ी मिथुनो दा हमनिए का साथे बईठल रहलन. अजय जी एह पूरा वाकिया के सुना के हमरा के एगो आइडियो दे दिहलन इन सर्च आफ मिथुन नाम के फिलिम बनावे के. अजय जी राउर आइडिया जोरदार बा आ हो सकेला कि कबहूँ एह पर फिलिम बनावे के मउको मिल जाव. वइसे कमर्शियल सिनेमा के ई सुपर स्टार जबो कबो आफ बीट फिलिम में कामकईलसि त अवार्ड उनुका पाछा लाग गइल. तहादेर कथा आ स्वामी विवेकानंद जइसन फिलिम एह बात के साबित करत बाड़ि सन जे दू गो आउरी अवार्ड दिलववली सन. अपना दोसरका पारी में फिलिम गुरु से मिथुन एक हालि फेन से लंबा रेस के शुरूआत कर चुकल बाड़न. युवराज आ वीर जइसन फिलिम अबहीं आवल बाकी बाड़ी सन आ ऊ मुकबिलो होखल बाकी बा जे अग्निपथ का बाद अधूरा छूट गइल रहे. मिथुन दा के डिस्को डांसर आ सुरक्षा जइसन फिलिमन में कइल किरदारन से प्रेरणा ले के एगो विदेशी कामिक्स कंपनी वर्जिन जल्दियेएगो कामिक सीरीज शुरु करे वाली बा. एकरे के कहल जाला लिविंग लीजेन्ड होखल. दादा, रउरा हमेशा सलामत रहीं. रउरा प्रशंसकन आ दोस्तन के इहे दुआ बाटे.
फिलिम भोले शंकर के मेंकिग पढ़ला का बाद हमरा ढेरे शुभचिंतकन के मेल आ रहल बा. ओह सब लोग के एक हालि फेर से धन्यवाद. ओहमें से कुछ लोग हमार फोन नम्बर आ पता पुछले बाड़े. हमार पता हऽ पंकज शुक्ल, डी ७०४, भूमि क्लासिक, इन आरबिट मॉल का सामने, मलाड वेस्ट, मुंबई ४०००६४. काल्ह फेन लिखब, कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(13) असल बनाम बनावटी
भोले शंकर के शूटिंग जइसहीं लखनऊ के नियरा लुधमऊ गांव में शुरू भईल कि पूरा जवार में हल्ला मचि गईल. शूटिंग देखे आवे वाला लोगन के भीड़ जुटल शूरु हो गईल. मुंबई से चहुँपल क्रू ओ पहिलका दू दिन ले खूब सवाल कईलसि के आखिर अहिजा शूटिंग काहे? ई काम त हमनी का कतहियों कर सकत रहीं जा. कतहियों से ओह लोग के मतलब रहे ओह जगहन से जहवां आजुकाल्ह अधिकतर फिलिमन के शूटिंग होत बा. मुंबई का लगे कहीं वसई के कवनो तालाब, भा विरार में हाईवे से तनी हटि के कवनो गांव, बहुते भईल त गुजरात के राजपीपला आ ओहूसे अधिका भईल त ओकरा से तनी आउरी आगा निकल गइनीं.
हम भोले शंकर बनावे के फैसला लिहला का बाद आ फिलिम के शूटिंग शूरु करे से पहिले लगातार बिना नागा करीब बीसेक गो भोजपुरी फिलिम देख लिहनीं. हम फिलिम देखीं त किरदारन पर कम ओकरा आसपास का माहौल पर हमार बेसी धेयान रहत रहे. हम देख के हैरान रहि जाई कि आखिर भोजपुरी के नाम पर ई का हो रहल बा? हीरो धोती पेन्हले बा त ओकरा ईहो नइखे मालूम कि पोंछिटा कइसे बन्हाला. जनेऊ डलले बा त ई मालूम नईखे कि जनेऊ कवना कान्ह पर रही आ कवना का नीचे. देवाल पर स्वस्तिक के निशना बनल बा त उल्टा. जेकरा के पूरब के गांव बतावल जा रहल बा ओकरा देवाल पर गुजराती में नारा लिखल बा. हीरोइन कांदो कीचड़ से हो के भागत बिया त गांव में बिया आ जब गाना गावत बिया त अइसनका जगहा आ जात बिया जहाँ पेड़ पौधा सब पहिलके नजर में देखावटी लउकत बा. उहे राजपीपला के हवेली, हवेली का आगा के उहे अहाता, उहे पार्क, उहे झील आ पहाड़. कतहीं कवनो छोर से नईखे लऊकत यूपी के रहन सहन, भा पटना छपरा के रहन सहन. घासो लमहर पतई वाली लउकत बा. ना जमीन पर दूब बा ना गलियन में नीम निमकौरा. सिनेमा में वातावरण भा कहीं कि एम्बिएन्से दर्शकन के बान्हेला.बाकिर भोजपुरी में सब चलेला नू, इहे सब फिलिमन के बेड़ा गर्क कर दिहलसि. कहानी में दम ना होखे, संगीत का नाम पर बस शोर शराबा होखे त कतनो बड़ हीरो होखसु फिलिम चलेला ना.
खैर हम बात करत रहीं लुधमऊ गांव के, जहाँ हम ढिलिम भोले शंकर के शूटिंग शूरू कइले रहीं. फिलिम में भोले मनोज तिवारी आ शंकर मिथुन चक्रवर्ती के बचपन के रोल दू गो बाल कलाकार शिवेन्दु आ उज्ज्वल कइले बाड़े. दिसम्बर का शुरूआत में कतना पाला पड़ेला ई त बिहार यूपी के बच्चा बच्चा जाने ला. दू दिसम्बर के के हमनी के ऊ सीन शूट करे के रहे जवना में सरपंच रात गइले एह लड़िकन का महतारी पर खराब नजर डालऽता. ओह जाड़ पाला में हो रहल शूटिंग मे दुनू बच्चा बस एगो पैंट शर्ट पेन्हले रहले आ खाली गोड़ रहले. हमनी का सभ जने दू दू गो स्वेटर आ जैकेट पेन्हले रहीं जा बाकिर गरीबी के हालात देखावे का गरजे दुनू बचवन केहम ऊनी कपड़ा ना पेन्हा सकत रहीं. बगले में अलाव फूंकाइल रहे आ दुनू बच्चा शुरु में शॉट दे के सोझे आग का लगे जा बईठत रहले. बाकिर हर शॉट का बाद कैमरा मैन के मानीटर का लगे आके कुछ देखल शिवेन्दु के खींच लिहलसि. अगिला हालि जब सॉट ओके भईल त ई बच्चा आग का लगे ना जाके सोझे मानीटर का लगे आइल. बिना केहू से कुछ बोलले सीन के फेर से देखत रहल. अगिला सीन लागल. कैमरामैन राजू केजी फ्रेम सम्हरलन. असिस्टेंट करन त्रिपाठी क्लैप बोर्ड हाथ मे लिहले. हम शबनम कपूर, नरेन्द्र पजवानी आ दुनू बच्चन के आखिरी हालि बेर फ्रेम में एन्ट्री आ एक्जिट समुझवनी आ आके अपना कुर्सी पर बईठ गइनी. सगरी कलाकारन के आपन काम मालूम रहुवे बाकिर जसन कि अमूमन फिलिमन का शूटिंग में होखेला, केहू ना केहू चीफ असिस्टेंट डायरेक्टर भा कैमरामैन कलाकारन के फेर से ज्ञान देबे लागेला, ई देखावे खातिर कि देखऽ डायरेक्टर जवन बतलवलन ऊ त ठीक बा, बाकिर जब ले हम ना बताएब तबले काम नइखे होखे वाला. बाकिर एहिजा गोटी उल्टा पड़ गइल.
भईल ई कि हमेशा अपना रौ में रहे वाला राजू केजी दुनू बचवन के फ्रेम में जवन एंट्री समुझवलन ऊ हमरा बतावल एंट्री से ठीक उल्टा रहुवे. आ एहिजे शिवे्नदु उनुका के पकड़ि लिहलसि. कहलसि, अंकल, पिछलका बेर हम राइट तू कैमरा एक्जिट भईल रहीं से एह बेर एंट्री लेफ्ट टू कैमरा होखी ना कि राइट टू कैमरा! एह बारह साल के लड़िका जवन कहलसि ऊ सुनते पूरा माहौल में सन्नाटा पसरि गईल. एतना तकनीकि बोली त नीमनो कलाकार सालन का बाद बोलेलें आ ऊहो शूटिंग के पूरा ग्राफ समुझ के. एह लड़िका के त अबहीं तीसरके दिन शूटिंग के हऽ आ ऊ राजू केजी जइसन कैमरामैन के चूक पकड़ लिहलसि. राजू भअई खुदे हरान रहलन कि यार, ई लड़िका कतना होशियार बा. सीन खतम भईला पर सभ तकनीशियन शिवेन्दु के अपना लगे बोला के बतियावल शुरू कइलन आ बाते बाति में बूझ गईलन कि शिवेन्दु के फिल्ममेंकिग सीखे के बड़ा शीक बा. शिवेन्दु अबहीं छठवीं क्लास में बा आ एनिमेशन बनावे के शौकीन हऽ. कंप्यूटर के कैमरा से शूट करिके आ कंप्यूटर पर अपने से एडिट करिके टीन मिनिट के फिलिम ऊ अपना आपे बना चुकल बा. कहल जाला पूत के पांव सोइरिये में चिन्हा जाला. ईहो लड़िका आगा चलिके कमाल कर सकेला.
शूटिंग का अगिला दिन भईल कवन कमाल, एकरा जाने खातिर पढ़त रहा, कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
(14) नौटंकी आ नटकौरा
फिलिम भोले शंकर के कहानी के कई गो एंगल बा. ई एगो विधवा, राँड़, माई के संघर्षो के कहानी हऽ. भोले शंकर के महतारी असल में एगो नाचवाली हई, जेकरा एगो जमींदार का बेटा से मुहब्बत हो जात बा आ ऊ ओकरा के आपन मेहरारू बना के अपना घरे ले के आ जात बा. फिलिम में ई कहानी फ्लैशबैक में देखलावल जात बा. आ अमूमन महतारी का रोल में लउके वाली शबनम कपूर पर एगो धमाकेदार नौटंकी गाना पर नाचतो देखलावल बा. पहिलका हालि जब हम शबनम कपूर से कहनी कि रउरा पर दू गो गानो फिल्मावल जाई त ऊ इहे समुझली कि महतारी बेटा का रिश्ता पर के कवनो गाना होइहें सन. हम उनुका के बतलवनी कि एगो गाना फिलिम में तब होखी जब भोले आ शंकर बड़ हो गईल बाड़ें आ महतारी ओह लोग का साथे छठ पूजा के तईयारी करत बाड़ी. शबनम कपूर खुश भईली कि उनुका मिथुन आ मनोज तिवारी दुनू का संगे एह फिलिम में गावे के मउका मिल रहल बा. फेन हम उनुका के बतवनी कि एगो आउरी गाना फिलिम में बा आ ई गाना तब होखऽता जब भोले आ शंकर के जनमो नइखे भईल. शबनम कपूर ई सुनि के चउँक गइली.
लखनऊ चहुँपला का बाद एक ओरि त विधवा महतारी का रोल खातिर शबनम कपूर के तईयारी चलत रहे आ दोसरा तरफ हम तईयारी में लागल रहीं शबनम कपूर के एगो जवान औरत का रूप मे पेश करे के. वइसे त कवनो कलाकार आपन उमिर ना बतावे आ कवनो कलाकार के ओकरा असल उमिर से बेसी देखावे में कवनो खास दिक्कतो ना आवे. बस तनी गाढ़ मेक अप, केश में तनी सफेदी आ सादा कपड़ा पहिरावते कलाकार बुजुर्ग लउके लागेले. बाकिर कवनो कलाकार के ओकरा असली उमिर से कम उमिर के देखावल आ उहो जवानी के पूरा जोश का साथ, त मामिला तनी सीरियस हो जाला. फिलिम में शबनम कपूर पर नौटंकी के गाना फिल्मावे के बा. ई उहे गाना जवना के रिकार्ड करे खातिर संगीतकार धनंजय मिश्रा बनारस से खास तौर से नगड़ची आ नगाड़अ मँगवलन. वइसे त ऊ कहत रहले कि जवन वाद्ययंत्र आजुकाल्ह चलन में बावे ओहनिये से ऊ नगाड़ा के आवाज निकलवा दीहें, बाकिर हमरा त असल नगाड़ा के आवाज चाहत रहे, चोप का चोट से कड़कत. आ नगड़िया के ऊ आवाज जवन जवन आग में सेंकला का बाद चोप पड़ला से होखेला. हमनी का जब मुंबई से लखनऊ खातिर निकलल रहीं जा त धनंजय के एह गाना पर काम चालू रहे. वादा ई रहे कि ई गाना ऊ दू तारीख ले लखनऊ भेजवा दीहें. बाकिर अइसन हो ना सकल.
अब साँझ के शूटिंग आ हमरा हाथ में गाना नइखे. खास गाँवन में लागे वाला शमियाना लाग चुकल रहे. नौटंकी में लागे वाला बाजा आ गइल रहले स. गाँव का नौटंकी मे जवन हारमोनियम बाजेला तवना में गोड़ से हवा भरल जाला आ बजावे वाला दुनू हाथ से बजावेला. वइसनका हारमोनियम खोजवावल गईल. नौटंकी में शबनम कपूर का साथ नाचे वाला कलाकारो खास नौटंकी वाला बोलवावल गईलें. गाना किरिन डूबला पर शूट होखे वाला रहे, बाकिर हेयर ड्रेसर मानसी आ मेकअप मैन बाबू १२ बजे दूपहरिये से शबनम कपूर के उमिर घटावे में लाग गइले. उत्तर भारत में जाड़ा का दिन में साँझ के चारे बजे से रोशनी कम होखे लागेला. थोड़ही देर में गाना शुरु होखे वाला रहे आ गाना हाथ में ना रहे. ओह पर से तुर्रा ई कि हमनी के कोरियोग्राफर रिक्की ओ तबले लखनऊ ना चहुँपल रहले. मुंबई से उनुकर फ्लाइट लेट हो चुकल रहे. तुरते धनंजय से कहि के रिक्की का लगे गाना के स्पूल भेजवावल गईल. तय भईल कि रिक्की गाना ले के जईसहीं सेट पर चहुँपिहे, शूटिंग शुरू कर दिहल जाई. बाकिर शूटिंग का समय गाना के बोल आ आ बोल से पहिले बाद में बाजे वाला म्यूजिक के बीट्सो के एगो कागज पर नोट कर लिहल जाला जेहसे कि पता लागत रहे कि कवना हिस्सा के सीन शूट कईल जा चुकल बा आ कवना के ना. कैमरा के मूवमेंटो एह कागज पर हाथ के हाथ लिख लिहल जाला. थोड़ देर बाद रिक्की के फोन आइल कि उनुकर फ्लाइट रनवे का तरफ बढ़ चुकल बा आ फोन बंद भईला का तीन घंटा का भीतर ऊ सेट पर होखिहन. चलऽ एगो टेंसन कम भईल. अब चुनौती ई रहुवे कि रिक्की के आवते गाना के शूटिंग शुरू हो जाये के चाहीं.
बाकिर ई तबहियें हो सकत रहे कि गाना कागज पर पहिले से लिकल रहो. अगर रिक्की का अइला का बाद ई काम शुरू होखत बा त कम से कम दू घंटा के बरबादी होखे के खतरा रहे. त हम धनंजय के फोन लगवनी आ कहनी कि ऊ गाना ओने से बजावस आ हम एने मोबाइल पर गाना रिकार्ड कर लेम. जवना से कि जबले रिक्की चहुँपस हम कागज पर गाना लिख के पूरा तईयारी कर लीं. धनंजय अपना हनुमान राजभर के एह काम पर लगवलन. हम मुंबई में बाजत गाना के लखनऊ में अपना मोबाइल पर रिकार्ड कइनी आ सहायक निर्देशकन के टीम बईठ गईल गाना लिखे. रिक्की के गाड़ी सेट पर आवते हल्ला मच गईल कि बोलावऽ, शबनम कपूर के बोलावऽ. शबनम कपूर जब मेकअप रूम से बहरी निकलली त पहिलका नजर में उनुका के केहू ना पहिचान पावल. ऊ एकदमे कवनो शोख आ कातिल नौटंकी वाली लेखा लागत रहुवी. गजब के ड्रेस आ कमाल के मेकअप. खाली उनुका एह ड्रेस में कड़क जाड़ लागत रहुवे. रिक्की सेट पर चहुँपते बिना कुछ खइले पियले सोझे पहिलका शॉट लगवले आ शुरू हो गईल शूटिंग ओह गाना के जेकर बोल हवे,..' पिया मोरे गइले रामा पूरबी बनिजिया.....'
शबनम कपूर शायद कबो सपनो में ना सोचले होखीहन कि एक दिन उनुका के केहू फिलिमन में कवनो सोलो गाना दीहि. बाकिर कवनो फिलिम तबे कामयाब होला जब ओकर हर किरदार अपना आप में पूरा होखे. आ शबनम कपूर के किरदार खातिर ई गाना जरूरी रहे. आमतौर पर का हिन्डी आ का भोजपुरी, गाना हीरो आ हीरोइन के सोचिये के लिखाला. ऊ जमाना अउर रहे जब कबहीं प्राण परदा पर 'कसमे वादे प्यार वफा सब बातें हैं बातों का क्या' गावत लउक जासु त कबो बलराज साहनी गावत लउकस - 'ए मेरी ज़ोहरा जबीं, तुझे मालूम नहीं'. बालीवुड पता ना का सोचि के सिनेमा से चरित्र कलाकारन के सफाया कईल शुरू कइलसि आ अब एह बेमारी के वायरस अब दोसरो भाषा का फिलिमन तक चहुँपे लागल बा. बाकिर कवनो कहानी में अगर हर उमिर के किरदार ना होखसु त हर उमिर के दर्शक भेंटाये के चाहतो निर्माता के ना करे के चाही. शबनम कपूर ओह रात चार डिग्री का पाला में ऊ गाना पूरा कइली. बेचारी शॉट लागे तकले आगि कालगे शाल ओढ़ के बईठल रहसु आ जइसहीं शॉट लागे ऊ चहुँप जासु पूरा जोश का साथ आपन कमर थिरकावे. बाकी अगिला अंक में, पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर ?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(15) मनोज तिवारी के एंट्री
लखनऊ में शूटिंग करत हमनी के पाँच दिन बीत गईल रहे आ अब बारी रहुवे मनोज तिवारी के सीन शूट करे के. ओह घरी मनोज तिवारी इलाहाबाद में कवनो फिलिम के शूटिंग करत रहलन. मनोज तिवारी के ५ दिसम्बर के भोले शंकर का शूटिंग में शामिल होखे के रहे त चार दिसम्बर के दूपहरिआ हम मनोज तिवारी के फोन लगवनी. फोन पर बतियावत मनोज तिवारी कहलन कि ओहू दिन उनुकर शूटिंग इलाहाबाद में जारी बा. बाकिर ऊ वादा कईलन कि ५ दिसम्बर के भोले शंकर का शूटिंग में जरुरे हाजिर हो जईहन. फिलिम इंडस्ट्री में कहल जाला कि जब ले हीरो सेट पर आ ना जाव तब ले शूटिंग भईल मत मनीहऽ. मनोज तिवारी के हम व्यक्तिगत तौर पर त वोट फार खदेरने का समय से जानत बानी आ उनुका सुभावो के. मनोज इंसानियत के कद्र करेवाला इंसान हउवन आ ऊ इहो जानेलन कि केकरा के कतना भाव देबे के बा. ऊ केहू के दिल से चाह लेसु त ओकरा खातिर सभ कुछ निछावर कर दिहन, बाकिर केहू उनुका से पंगा ले लेव त फेन.....
भोले शंकर का यूनिट में अइसनका ढेरे लोग रहे जे पहिलहूं मनोज तिवारी का फिलिमन का शूटिंग में शामिल रह चुकल रहे. सभका लगे मनोज तिवारी से जुड़ल आपन आपन किस्सा रहुवे. फिलिम इंडस्ट्री में लोग मनोज तिवारी के भईयाजी कहिके बोलावेला. सेट पर हीरो के ईज्जत होखहूँ के चाही. वइसे त भोले शंकर खातिर मनोज तिवारी के साइन करे से पहिले हम उनुका के मनोजे कहि के बोलावत रहीं बाकिर जइसहीं उनुका से एगो कलाकार आ निर्देशक वाला रिश्ता रस्मी भईल तब से हम मनोज के मनोज जी कहल शुरु कर दिहनी. मनोजो का शायद आनन्द आवत होखी कि काल्हु तक ले जवन शख्स फोन पर उनका के निमन बाउर सभ सुनावत रहे, ऊहो आजु उनुका के मनोज जी कहिके बोलावत बा. बाकिर हम अइसन एह से कइनी कि हीरो के हीरो वाला इज्जत मिलो आ फिलिम के सेट पर उनुका कुछ अटपटा ना बुझाव. खैर, हमनी का चार दिसम्बर के शूटिंग खतम करिके अपना होटल लवटनीं जा आ तईयारी करे लगनी जा अगिला दिन के शूटिंग के. अगिला दिने हमनी के भोले के बड़ भईला का बाद गाँवे लवटे के, माई गुरुजी से भेंट करे के, आ पारवती से बतियावे के सीन शूट करे के रहुवे. आ राति में करे के रहुवे एगो गाना के शूटिंग. बाकिर एह सीन खातिर जरूरी मनोज तिवारी आ निराली अबहीं ले होटल ना चहुँपल रहे लोग. फेन एक हालि फोन कइनी त मनोज वादा कइलन कि अगिला दिन ऊ लखनऊ में होखिहन आ शूटिंग हो के रही. एने हम मने मन सोचत रहीं कि अतना कोहरा पड़त बा, ई लोग काल्हु आई कइसे?
सब लोग खाना खा के अपना अपना कमरा में सूते चलि गउवे बाकिर हमरा नींद ना आवत रहे. होत भिनुसारे करीब पाँच बजे हॉर्न के आवाज सुनाइल. दू गो गाड़ी होटल का हाता में आ के रुकली सन. मनोज तिवारी, मोनालिसा, निराली नामदेव सभ केहू इलाहाबाद से सड़क मार्ग से घना कोहरा का बावजूदो लखनऊ चहुँप गइल रहे. एकरा के कहल जाला समय के पाबन्दी! मनोज तिवारी का बारे में भोजपुरी फिलिम इंडस्ट्री में मशहूर हवे कि ऊ समय के पाबन्द ना हउवन. बाकिर भोले शंकर का शूटिंग का पहिलके दिने जवना हिम्मत का साथे गाड़ी में रतजगा करत ऊ इलाहाबाद से लखणऊ अइलन, ओहसे हम मनोज के कायल हो गइनी. मनोज तिवारी का बारे में भोजपुरी फिलिम इंडस्ट्री में आउरियो कई तरह के मिथक चलेला, ओह पर कबहीं बात होखी. तीनो कलाकार सीधे अपना अपना कमरा में गईलन. होटल के स्टाफन के पहिलहीं से हिदायत दिहल रहे कि एह लोग के तनिको डिस्टर्ब ना कईल जाव. अगिला दिन भोर होखला पर यूनिट के सीनियर लोग जागल त ई जानि के दंग रहि गईल कि मनोज तिवारी पूरा राति घना कोहरा का बीच सड़क मार्ग से इलाहाबाद से लखनऊ आ चुकल बाड़न.
हम सभका से तुरते तईयार हो के लोकेशन पर चहुँपे के कहनी. प्रोड्युसर के बेटा गौरव के होटल पर छोड़नी आ निकल लिहनी लोकेशन पर सभ तईयारी ठीक करे खातिर. लोकेशन पर सभ कुछ ठीक हो गइल करीब करीब तबहियें मनोज तिवारी तईयार होके लोकेशन पर चहुँप गइलन. फिल्म भोले शंकर के जवन पहिला सीन मनोज तिवारी शूट कइलन ऊ रहे उनुका बस से उतरि के माई आ गुरुजी से भेंट करे के. गुरुजी बनल राजेश विवेक आ माई के रोल करत शबनम कपूर के हम पूरा काम समुझा चुकल रहीं. मनोज तिवारी का आवते हम उनुका साथे सीन डिस्कस करे बईठले रहलीं कि लुधमऊ गाँव के प्रधान हंगामा कर दिहलन. प्रधान के कहनाम रहे कि बिना उनुका इजाजत के गांव में शूटिंग ना हो सके. पंचायती राज के ई एगो नया नमूना रहे. हमरो बाबूजी करीब पनरह साल ले अपना गांव के प्रधान रहलन बाकिर ना त गाँव पर, ना गाँव का तालाब पर, ना ही गाँव का स्कूल पर ऊ कबहियों आपन हक समुझलन. पालक में जब मलिकांव के भावना आवे लागे तब अइसने होखेला. प्रधान पूरा कोशिश कइलन शूटिंग रोके के. कहाँ त हम शूटिंग में बिजी रहनी आ कहाँ ई नया बवाल खाड़ हो गईल. हम लोकेशन से उठ के ओहिजा गईनी जहाँ प्रधान बईठल रहलन. पहिले त हम प्यार से समुझावत रहनी. उनुका बुझाइल कि कवनो मुंबईया डायरेक्टर हऽ, घुड़की में आ जाई आ शूटिंग रूकत देखि के तुरते टेंट ढील कर दी. बाद में हमरा मालूम चलल कि प्रधान के पूरा घुट्टी फिलिमे के एगो प्रोडक्शन वाला बन्दा पियवले रहुवे. सोझ अंगुरी से घीव ना निकलत देखि, हम प्रधान से अवधी में बतियावे के शूरु कईनी. हमार घर बगले के जिला उन्नाव में हऽ, ईहो प्रधान के तबहियें पता चलल. एकरा आगा प्रधान का साथ का भईल ऊ एहिजा लिखे लायक नइखे.
हम वापिस लोकेशन पर लवटनीं त सहायक निर्देशक अजय आजाद मनोज तिवारी के सीन समुझा चुकल रहलन. आदतन मनोज का कुछ लाइन ठीक ना लागत रहुवे. त हम उनुका से कहनी कि सीन रउरा समुझ लीं आ जवन भाव हमरा चाहीं तवन दे दीं. लाइन पर अटकला के जरुरत नईखे. वइसहूं मनोज का ओह सीन में ढेर डायलाग रहुवे ना. मनोज का एगो बाति खटकत रहुवे कि अगर फिलिम में ई उनुकर पहिलका सीन हऽ त ढेरे हलुक बा. हीरो के एंट्री त तनी दमदार होखे के चाहीं. मनोज का बात में दम रहे, बाकिर हमहूँ पहिलहीं से सोच रखले रहीं भोजपुरी के सुपर सितारा के धमाकेदार एंट्री. जाने खातिर पढ़त रहीं, कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(16) पाला पड़त रात में जगरम
अकसरहाँ हमनी का सिनेमा देखे जानी सन आ तीन घण्टा बाद हॉल से बहरी निकलते आपन फैसला सुना देनी सन. पता ना कतना लोग के मेहनत आ कतना लोग के अरमानन के फैसला एही तीन घणटन में हो जाला. बड़ से बड़ सुपर स्टारो देखनिहारन के ई फैसला ना बदलवा पावे. सगरी अभिनेता देखनिहारन के नाड़ी पकड़े के दावा करेलन. ऊ इहो दावा करेलन कि लगातार फिलिम कइला से उनुका मालूम बा कि का चली आ का ना चली. अगर अइसने रहित त फेन कवनो फिलिम फ्लापे काहे करीत? काहे केहू भला अतना मेहनत करीत? बस कवनो महानायक से हिट होखे के रामबाण दवा ले लिहित आ बना लिहित फटाफट से एगो फिलिम. हिन्दी सिनेमा के तरे भोजपुरिओ सिनेमा में स्टार सिस्टम के कीड़ा घुस चुकल बा. हर स्टार अपना मरजी से भोजपुरी सिनेमा के चलावल चाहऽता. साथी कलाकारन के दोयम दरजा के गिनल त खैर कवनो नया बाति नइखे, ऊ लोग प्रोड्यूसर आ डायरेक्टरनो के अपना अंगुरी पर नचावल चाहऽता. शूटिंग का समय निर्देशक का कहल ना मानल आ बाद में सीन में दम ना होखे के रोना रोवल अइसनका स्टारन के आदत होला.
एह मामिलन में फिलिम के सहयोगी कलाकार अधिका मिहनती साबित होखेले. भोले शंकर का मेकिंग का दौरान हमरा निराली नामदेव के साथ गाना के शूटिंग का समय अइसने अनुभव भईल. निराली भोले शंकर का शूटिंग पर इलाहाबाद से सीधे चहुँपल रही. मोनालिसा के त अगिला दिन रेस्ट रहुवे, निराली लाग गइली सीधे शूटिंग पर. वइसे त आजु फिलिम भोले शंकर में मनोज तिवारी के एंट्री के बाति होखे वाला रहे, बाकिर हमरा लागल कि पहिले ओह दिन के किस्सवे पूरा कर लिहल जाव. त ओह दिन मनोज तिवारी के गांवे वापिस लवटला के सीन का बाद हमनी का पारवती के रोल करत निराली का संगे मनोज तिवारी के मुलाकात शूट कइनी सन आ फेर मनोज तिवारी के पैकअप हो गईल. बाकिर बाकी पूरा यूनिट के काम अबहीं बाकिये रहे. गाँव मे हमनी के ई आखिरी दिन रहे आ हमनी का शूरु कर दिहनी पारवती के दिल क हाल बतावे वाला गाना के शूटिंग के.
पारवती के घर जवना मकान के हमनी का बनवले रही सन, ओकर मालिक बड़ा सहृदय इंसान रहलन. उनुका घर का बाहर ओह साँझि अइसन सजावट रहुवे कि जइसे सचमुचे उनुका घरे बारात आइल होखे. पूरा रास्ता के झालर आ लाइट्स से सजावल गइल. शादी के गेटो बनावल गईल. बारात आवे के सीन शूट कइला का बाद हमनी आ गइनी मकान का भीतरी. तबले आठ बज चुकल रहे. हमनी का तय कइनी सन कि आजुवे का राति गाना के शूटिंग पूरा करिके गाँव से विदाई ले लिहल जाव. अब समस्या ई रहुवे कि दिसम्बर के रात, कड़ाका के पाला का बीच अगर हमनी का घर का भीतरी शूटिंग करमे सन त बेचारा घरवईया कहवाँ जईहन सन. अपना दिल के ई बाति हम घर के मालिक से बतलवनी. ऊ दस मिनिट के टाइम माँगि के घर का भीतरी गईलन आ हम बहरी उनुका वापिस आवे के इंतजार करे लगनी.
थोरिके देर बाद ऊ वापिस अइलन आ कहलन कि घर वाला मान गईल बा लोग. अब सीन कुछ अइसन बनल कि घर के सभ लोग एगो छप्पर का नीचे कउरा तापे लागल आ हमनी का घर के सगरी सामान खटिया वगैरह समेट के बहरी कर दिहनी जा. लाइट्समैन घर का भीतरी लाइट चहुंपावे लगलन आ कोरियोग्राफर सम्हार लिहलन मोर्चा ट्रैक आ ट्राली लगवावे के. थोड़हीं देर में घर का हर कोना में हमनी के सामान छितरा चुकल रहे. निराली पर ई गाना फिल्मावे के रहे आ गाना का जरुरत से ओकरा बस एगो देसी सलवार सूटे पहिरे के रहे. हाड़ जमा देबे वाला पाला में बस एगो सलवार सूट पहिर के शूटिंग खातिर कहल कवनो अन्याय से कम त ना रहे बाकिर फिलिम मेकिंग के अइसने मजबूरी होली सन. निरालीओ एको बेर उफ तक ले ना कइली. अइसनका जाड़ा में जब हाथ के रजाई से बहरी निकाललो पहाड़ हटावे जइसन काम लागत होखो, निराली बिना आस्तीन वाला कुर्ता पहिर के खुला आसमान का नीचे शूटिंग शूरु कइली.
कोरियोग्राफर रिक्की पूरा जोश में रहलन, आ हर लाइन का बाद शॉट बदलत जात रहलन. हमनी के थर्मल इनर वियर आ जैकेट वगैरह का बादो कंपकपी छूटत रहुवे आ निराली बिना उफ कइले शॉट पर शॉट दिहले चलल जात रहुवी. गाना के बोल रहे, तोरी मरजी है क्या बता दे बिधना रे.. काहे मिरा पिया ना मिला. फिलिम में ई हमार सबसे पसंदीदा गाना बनल बा आ हमरा पूरा उम्मिद बा जे ई गाना रउरो लोगन के बहुते पसन्द आई. पिछला दिन हमनी का कोई नव बजे सबेरे शूटिंग शुरु कले रहीं जा आ अब अधरतिया होखे आइल रहे आ शूटिंग चालू रहे. एह गाना के शूटिंग भोरे चार बजे ले चलल, आ हमनी का लगातार करीब अनईस घंटा शूटिंग करे के रिकार्ड बना डलनी सन. बाकरि यूनिट के कवनो मेंबर उफ तक ले ना कइलन. मनोज तिवारी के फिलिम भोले शंकर में एंट्री के बात अब काल्हु होखी, पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर ?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(17) कॉलेज में हुड़दंग
लखनऊ में कुर्सी रोड से तनिका आगा जा के उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी गिरीश बिहारी सक्सेना के चलावल एगो बहुते बड़हन इंस्टीच्यूट बा - इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजूकेशन. एही कैंपस में मीडियो के पढ़ाई होखेला आ छात्रन के कैमरा के आगा आ पाछा के तकनीक सिखावल जाला. शहर से दूर भईला का चलते आ कैंपसे में सभ सुविधो मौजूद रहला का चलते हम एह इंस्टीच्यूट के फिलिम के शूटिंग खातिर चुन लिहनी. जी न्यूज में हमार एगो अभिन्न सहयोगी बाड़े अश्वनी कुमार, आ अश्वनी कुमार के पुरान दोस्त सुधीर रिंटेन आईआईएसई में बड़हन पोस्ट पर बाड़े आ सक्सेना जी उनुका के बहुते माने ले. रिंटेन से हम शूटिंग का ढेरे पहिले भेंट कर आइल रहनी आ उँहा के शूटिंग का समय सभ तरह के सहूलियत देबे के वायदा कऽ दिहनी त हम फिलिम के कैंपस सीन एहिजे शूट करे के मन बना लिहनी.
लुधमऊ गाँव से सगरी माल असबाब समेट के हमनी का आईआईएसई चहुँप गईनी आ ओहिजा रिंटेन हमनी के भेंट अपना कुछ सहयोगियन से करवा दिहनी. ओहमें से एगो त रहले मामाजी आ दोसर राजेश गौर. राजेश खुदो एगो भोजपुरी फिलिम में काम कर चुकल बाड़े आ लखनऊ का कलाकारन का सीधा संपर्क में रहेले. राजेश का साथे मिलि के हम लखनऊ के तमाम कलाकारन के आडीशन पहिलहीं ले चुकल रहीं आ भोले के दादा के रोल खातिर डा॰ मुजम्मिल खान, सरपंच का रोल खातिर नरेन्द्र पजवानी, गौरी के माई के रोल खातिर नीतू पाण्डेय, पारवती के माई के रोल खातिर अर्चना शुक्ल, भोले के पिताजी के रोल खातिर राजेश गौर आ पार्वती के पिताजी के रोल खातिर इलाहाबाद के मिश्रा जी के फाइनल कइनी.
खैर, जब हमनी का इंस्टिच्यूट चहुंपनी जा त ओहिजा के छात्रन में हंगामा मचि गईल. ई पहिलका मउका रहुवे जब ओहिजा कवनो फीचर फिलिम के यूनिट चहुँपल रहुवे. आईआईएसई का भीतर दू गो बड़हन हॉलो बा जहाँ हमरा फिलिम के दू गो खास गाना शूट करे के रहुवे. जईसन कि अमूमन हर जगहा होला, हर कॉलेज में दबंग लड़िकन के एगो समूह होला जे हर हालत में कैंपस पर आपन दबदबा कायम राखे चाहेला. अइसनके हमरो साथे भईल. कोई पांच छह गो छात्र शूटिंग में रुचि देखावल शुरु कईलन बाकिर ओह लोग के ज्यादे दिलचस्पी फिलिम का हीरो मनोज तिवारी का अधिका से अधिका करीब रहे में रहे. ओह लोग का वजह से शूटिंग में दिक्कतो होत रहे त हम अपना कॉलेज के दिनन के ईयाद करिके एगो फैसला कईनी. गाँवो में कहल जाला कि चोर का हाथ में चाभी दे दऽ त सामान अधिका सुरक्षित रहेला. त हमहूँ एह छात्रन के हवाले कैंपस में चीजन के देखरेख के जिम्मा दे दिहनी आ सुधीर रिंटनो एह काम में हमार ढेर मदद कईले. छात्रन के एह ग्रूप के फिलिम में मनोज तिवारी के दोस्तन के किरदारो दे दिहल गईल त अब ऊ सभ कबहीं पासिंग शॉट देत लऊकस त कबहीं कवनो गाना में हिस्सा लेत. जवानी के जोश आ उर्जा के सही राह पर लगा दिहल जाव त का कमाल हो सकेला, एकर मिसाल हम फिलिम भोले शंकर के शूटिंग का दौरान अपना सहयोगियन के समुझवनी.
फिलिम भोले शंकर का क्लाइमेक्स में भोले के एगो टकाटक भोजपुरी रैप पर परफारमेंस देबे के रहे. वईसे त भोजपुरी रैप कवनो नया चीज नईखे रह गईल आ चटनी म्यूजिक का तौर पर एकरा आगहूँ के चीज सामने आ चुकल बा. बाकिर कवनो मेन हीरो पर भोजपुरी फिलिम में रैप के प्रयोग पहिलका हालि फिलिम भोले शंकरे में होखे जा रहल बा. एह रैप सांग के शूटिंग हमनी का तीन दिन में पूरा कईनी जा. गाना आजु के फैशन पर कटाक्ष करत बा - नांक के नथिया नाभ में आई, अब का छेदाई आह दादा. आ एह गाना का दौरान भोले के दोस्त संतराम, गौरी, माई आ गुरुओजी के रहल कहानी का लिहाज से जरुरी रहे. बाकिर एह चारो के डेट्स तीनो दिन खातिर हमनी के ना मिल पावत रहे. से हमनी का पहिले माई आ गुरूजी के काम निपटवनी. फिलिम में जब रउरा लोग ई गाना देखब त रउरा लोग के ई पतो ना चल पाई कि जब माई आ गुरुजी अपना खुशी के इजहार करत बाड़न त ओह समय में मनोज तिवारी गाना गावते नइखन. दुनू हिस्सा अलगा अलगा शूट भईल बा आ एडीटिंग का समय में दुनू के एह तरह से मिलावल बा कि परदा पर देखत घरी पते नईखे चलत कि एह सीन्स के शूटिंग अलगा अलगा दिन में भईल बा. ईहे सिनेमा हऽ आ ईहे हऽ सिनेमा के मायाजाल. बाकी अगिला अंक में. पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर ?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(18) फिरंगियन के फेर
लखनऊ का जवना इंस्टीच्यूट में हमनी का फिलिम भोले शंकर के शूटिंग करत रहीं ओकरा लगहीं एगो बड़हन फार्म हाउस बा. फार्म हाउस में खेती होखेले आ एकर पूरा पैदवार विदेश भेज दिहल जाला. आ एह खेती के नाम दिहल गईल बा आर्गेनिक फार्मिंग. गाँव देहात का लोगन के एकर मतलब समुझा दिहल जाव त जाहिर बा हर केहू ठट्ठा मार के हँसी. तीसेक साल पहिले तक गांव के हर किसान का कूवत में ना रहत रहे कि ऊ रासायनिक खाद खरीद सको. ऊ त बस गोबर आ घूरा के खादे से काम चलावत रहुवे. आ अब ओही गोबर का खाद के खेती के नाम दे दिहल गईल आर्गेनिक फार्मिंग. आ विदेशन में अइसनका खेती से होखेवाला फसल के बहुते पूछ बाटे. खैर, एह फार्म हाउस के जिकिर हम कर रहल बानी ओह गाना खातिर जवना के शूटिंग हमनी का एहिजा कईनी जा. भईल ई कि मामाजी, जिनकर जिकिर हम पिछलका लेख में कर चुकल बानी, एह फार्म हाउस के बहुते गुणगान कईलन आ कहलन कि ऊ एहिजा शूटिंग करे के परमिशन चुटकी बजावत में दिलवा दिहन. ऊ आपन वादा निभइबो कईलन. उनुका कहला मोताबिक हमनी का अगिला दिने फार्म हाउस में डेरा डाल दिहनी. लोकेशन वाकई दिलफरेब रहुवे आ गाना खातिर एकदमे मुफीद. ई गाना फिलिम भोले शंकर मे ओह जगहा आवत बा जहाँ भोला अपना एगो गलती खातिर गौरी से माफी मांगे आवत बा आ बदला में गौरी आपन दिल भोला के दे बईठत बाड़ी.
कोरियोग्राफर रिक्की आ कैमरा मैन राजू केजी का साथे रात में बईठका भईल आ तय भईल कि सबेरे आठ बजे से शूटिंग शूरु कर दिहल जाई. हीरोईन के तईयार होखे में अमूमन अधिका वक्त लागेला, लिहाजन मोनालिसा लोकेशन पर पहिले चहुँपली. फार्म हाईस के एगो छोटहन झोपड़ी के मोनालिसा के मेकअप रूम बना दिहल गईल. मनोज तिवारी का आठ बजे तक ले होटल से तईयार हो के आवे के रहे. मोनालिसा के त हमरा पूरा भरोसा रहे कि समय पर तईयार हो जईहन, बस तनी हिचक रहुवे त मनोज तिवारी का बारे में कि पता ना ऊ आठ बजेले आ पईहन कि ना ? मनोज के आदत हऽ रात में देर से सूते के आ भोरे देर से उठे के, आ हमरा एह बाति के अन्दाजा रहुवे. एही अनेसा का चलते हम शूटिंग सात बजे का बजाय आठ बजे से रखनी बाकिर मनोज आठ बजे ले त होटले से निकललन. एही बीच मोनालिसा के मेकअपमैन महेश भागत आइल कि मोना हमरा के बोलावत बाड़ी. हम सोचनी कि पता ना का दिक्कत आ खाड़ भईल बा. तुरते मोना का मेकअप रूम में चहुँपनी त देखनी कि मोनालिसा के मुँह उतरल बा. मानसी के हेयरस्टाइल आ बाबू का मेकअप से मोनालिसा ओह दिन कवनो अप्सरा लेखा सजल रहली बाकिर चेहरा के परेशानी बतावत रहुवे कि ओकरा कवनो दिक्कत बा. हम सभ केहू के बाहर जाए के कहनी त मोनालिसा आपन दिक्कत बतवली. दरअसल ड्रेस डिजाइनर मोनालिसा खातिर जवन ब्लाउज सियले रहले ऊ अतना बड़ बन गईल रहे कि टुनटुनो के ढील पड़े. परेशानी के कारण सुनते हमरा एकदम से हँसी आ गईल, बाकि मोनालिसा एकदमे उदास हो गईली. बोलली कि ईहे त एगो रोमांटिक गाना रउरा हमरा के फिलिम में दिहले बानी आ ओकरो ड्रेस गड़बड़ सिया गईल. मोना से ई बाति सुनि के हमहूँ सीरियस भईनी बाकिर शहर से अतना दूर ना त दर्जी मिल सकत रहे आ ना ही नया ब्लाउज.
अब बारी आईल ड्रेसमैन समीर के इम्तिहान के. हम समीर के अकेला में बोलवनी. परेशानी के वजह समुझवनी आ मोनालिसा से कहनी कि ऊ थोड़ देर इंतजार कर लेसु, हम इंतजाम करत बानी. समीर ब्लाउज ले के स्टोर रूम में गईल आ बेचारा सूई धागा से पनरह मिनट का भीतर ब्लाउज के फिटिंग दुरुस्त कर दिहलसि. जवना काम खातिर पटेल ड्रेसवाला दू हफ्ता गंववले, ऊहे काम समीर पनरह मिनिट में कर ले अईलन. बाकिर दाहिना तरफ का आस्तीन में अबहियों कुछ गड़बड़ रहुवे त कोरियोग्राफर रिक्की के अनुभव कामे आईल. रिक्की मोनालिसा खातिर नया स्टाइल सोच लिहलन जवना में उनका दाहिना बाजू पर आपन साड़ी पाछा का ओर से ले आवे के रहे. तब ले मनोजो तिवारी आ गईलन आ शुरु हो गईल गाना के शूटिंग. हम राजू केजी आ रिक्की गुप्ता के गाना के स्टोरी बोर्ड समुझवनी आ अपना कुछ मेहमानन से बतियावे लगनी. गाना के दू अंतरा शूटो ना हो पावल रहे तले एकदम से फार्म हाउस में कुछ बेचैनी जईसन बुझाये लागल. पता लगवनी त मालूम भईल कि फार्म हाउस के मलकिनी आवे वाली बाड़ी आ फार्म हाउस के मैनेजर शायद मामाजी के दुपहरिया दूइये बजे ले के टाइम दिहले रहे. हम अपनहूँ जा के मैनेजर से बात कइनी बाकि ऊ माने खातिर तईयार ना भईलन. उनकर कहनाम रहे कि उनकर विदेशी मालकिन के कुछ विदेशी मेहमान आवे वाला बाड़न आ ऊ लोग फार्म हाईस पर लंच करे वाला बा लोग. एह फिरंगियन के अपना आसपास में हिन्दुस्तानियन के लऊकल शायद पसन्द ना रहे आ ऊ सब पूरा तसल्ली का साथ अकेलहीं में मस्ती करे के सोचले रहलन स.
हमार परेशानी ई रहे कि हम दोसरा अंतरा के बीचे में आधा ना छोड़ सकत रहीं. तिसरका अंतरा त पहिलहीं दोसरा लोकेशन पर करे के सोचले रहीं, बाकिर दिक्कत ई रहे कि फार्म हाउस के मैनेजर हमरा के ई अंतरो शूट ना करे देत रहे. ऊ तुरते पैकअप चाहत रहे त हम समुझवनी कि भईया, सौ आदमी पुरा सामान का साथे फार्म हाउस से एकदमे से त बाहर नाहिये निकल पाई, सबुर राखऽ, हमनी का काम बन्द कर दिहले बानी जा, बस सामान निकाले में जवन समय लागो. ऊ आश्वस्तो रहस आ शूटिंग से दूरो त हम एगो प्रोडक्शन वाला कि बोलवनी आ उनुका साथे लगा दिहनी आ कहनी कि इनका के लेके गेट पर जा ताकि इनिका सामान बहरी निकलत लउकत रहो. अब सुनीं कमाल के बाति, फार्म हाउस के मैनेजर के गेट पर खड़ा करिके हम भगनी ओहिजा जहवाँ शूटिंग चलत रहे. हम रिक्की आ राजू केजी दुनू के समुझवनी कि जबले ओने से सामान उठ रहल बा तब ले रउरा सभे एने फटाफट अन्तरा के शूटिंग पूरा कर लीं. अब ई हो रहल रहे कि फार्म हाउस का एक कोना से लाइट्स आ क्रेन वगैरह ट्रक में लोड होत रहे आ दोसरा कोना पर हमनी का ट्राली, रिफ्लेक्टर आ कैमरा लेके अंतरा निपटावे में लागल रहीं जा. आ जबले सामान हटावत हटावत लोग हमनी तक ले चहुँपल हमनी का दूसरका अंतरा शूट कर चुकल रहीं. गाना के दूसरका अंतरा में फिरगियन के फेर हमनी के परेशानी में डललसि त तीसरका अंतरा में सूरज देवता हमनी के इम्तिहान ले लिहलन. बाकिर एकरा पर बाति अगिला बेर में. पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर ?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(19) लखनऊ में कश्मीर
फिलिम भोले शंकर का मेंकिग का दौरान कई हालि अईसन कुछ भईल कि यूनिट से जुड़ल सभ लोग के माथ ईश्वर का सोझा धन्यवाद खातिर झुक गईल. कहल जाला कि तकदीर ओही लोग के साथ देला जे हौसला राखेला आ भोले शंकर के पूरा लखनऊ शेड्यूल एही हौसला का साथ चलल. अईसनका कमे होला कि कवनो फिलिम के शेड्यूल तय समय से एक दिन पहिलहीं खतम हो जाव बाकिर हमनी का भोले शंकर का मेंकिग का दौरान अईसनको कइनी जा. फिलिमन का गाना का शूटिंग का दौरान अकसर देखल जाला कि गाछन का पाछा एगो खास तरह के धुंध लउकत रहेला. साफ मौसम में एकरा खातिर ना जाने कतना जतन करे के पड़ेला. फॉग मशीन मंगावऽ, बड़ बड़ पंखा चलावऽ, पूरा लाइटिंग ओही हिसाब से सेट करऽ आ एह सब का बावजूद भरोसा ना रहेला कि जइसन असर आदमी चाहत बा वइसने असर आई कि ना.
फिरंगियन का चक्कर में जवन गाना हमनी का दू अंतरा करिके चल आइल रहीं स ओकर बांचल अंतरा अगिलका दिने लखनऊवे में दोसरा जगहा शूट करे के फैसला कइनी जा. कोरियोग्राफर रिक्की, जे आदतन घुमक्कड़ टाइप के हउवन, लखनऊ में जहाँ हमनी का ठहरल रहली जा ओही रिसार्ट का दोसरा तरफ एगो नायाब लोकेशन ओह गाना खातिर खोज लिहलन. ई लोकेशन अईसन रहे कि परदा पर फिलिम देखत घरी रउरा बुझाई कि गाना काश्मीर में शूट भईल बा. आ, एह अंतरा का शूटिंग में हमनी पर कुदरतो पूरा मेहरबान रहल. साफ मौसम अचके में अँगड़ाई लिहलसि आ पूरा आसमान के बादल से तोप दिहलसि. पूरा मौसम अपने आप बिल्कुल गाना का मूड का हिसाब से बनि गईल. छिटपुट बरखो शुरू हो गईल आ लाइट बस अतने रहल कि गाना शूट हो जाव. एह दिन ईश्वर त ढेरे साथ दिहलन बाकिर हमनी के हीरो मनोज तिवारी दोसरा के खुश करे का चक्कर में हमनिये के परेशान कर दिहलन.
दरअसल मनोज तिवारी जल्दी से केहू के ना ना कहि पावसु. कहल जाला कि ना कहलो एगो कला हऽ आ कामयाबी खातिर एकरा के सीखल बहुते जरूरी होला. एगो स्टार आ चमकत सिक्का में ढेर अन्तर ना होले. सिक्का जतने कम चली ओकर चमक ओतने अधिका दिन ले बनल रही. ठीक ओही तरह स्टारो जतना सोच समुझि के कम फिलिम करी ओकरा करियर के गाड़ीओ ओतने लमहर चली. मनोज तिवारी के शुरू के दू गो फिलिम 'ससुरा बड़ा पइसा वाला' आ 'दारोगा बाबू आई लव यू' जईसहीं हिट भईली स, धन कुबेर उनुका खातिर आपन तिजोरी खोलि दिहलन स. टी सीरीज का आफिस का कैंटीन में भर-भर दिन गुजार देबे वाला कवनो गायक कलाकार के अपना नाम के अइसन दाम मिले लागो त जाहिर बा कि ऊ मुश्किले से अपना पर काबू राख पाई. मनोजो तिवारी कुछ त रिश्ता निभावे खातिर, कुछ बॉलीवुड के बड़-बड़ नामन से अपना के जोड़े खातिर आ कुछ बस पईसा कमाये का फेर में एक के बाद एक दनादन फिलिम साइन कर लिहलन. चार साल में पैंतीस फिलिम कईल कवनो कलाकार खातिर फख्र के बाति हो सकेला बाकिर मनोज तिवारी के एकर नुकसानो भईल बा. मनोज तिवारी के नाम कैश करावे खातिर कुछ लोग मार्केट में बेसिर पैर के फिलिमन के लाईन लगा दिहल. अब भोजपुरी फिलिम देखेवाला बहरी से त अईहन ना आ बिहार, यूपी, मुम्बई, पंजाब आ दिल्ली में लोग फिलिम देखे जाला मनबहलाव खातिर. आ ई लोग अईसन हऽ कि एह लोग के रउरा अमिताभो बच्चन के नाम ले के बेवकूफ ना बना सकीं.
खैर हमनी का बतियावत रहनी जा केहू सपना में अचके जगा के गाना के तीसरका अंतरा के. ई अंतरा हमनी का दूपहरिया बाद शूट करे के प्लान बनवले रहीं जा, लिहाजन एक दिन पहिलहीं साँझ के हम मनोज तिवारी के बता दिहले रहीं कि अगिला दिने दूपहरिया में दू बजे उनुकर जरूरत पड़ी. हम अपना कमरा से सबेरे आठ बजे बहरी निकलनी त मनोज तिवारी सूतल रहलन. मनोज तिवारी के स्पॉट ब्वॉय विकास के हम समुझा दिहनी कि ऊ मनोज के सूते देसु आ करीब एगारहे बजे जगावसु जेहसे कि ऊ तईयार हो के दू बजे ले लोकेशन पर चहुँप जासु. करीब १२ बजे से हम अंतरा के शूटिंग खातिर शॉट लगवावल शुरू कइनी आ संगही मनोज के फोन कइनी. पता चलल कि ऊ त कबके तईयार हो के लखनऊ का कवनो थियेटर में अपना कवनो फिलिम के प्रचार करे निकल गईल बाड़न. पूरा यूनिट के त हाथ के तोते उड़ि गईले स. दूपहरिया दू बजे खातिर लागत शॉट त एके घंटा में तईयार हो गईल बाकिर ओह दिन मनोज तिवारी सेट पर तय समय से पूरा दू घण्टा लेट से चहुँपलन. लोकेशन पर आवते मनोज तिवारी के त हमरा खीस के अन्दाजा लाग गइल रहुवे. से बड़ी देर तक चुहलबाजी कइलन. हमार मूड ठीक करे का कोशिश में ऊ सभकरा सोझा अपना हाथ के विदेशी घड़ी निकाल के एलानिया तौर पर हमरा के गिफ्ट कर दिहलन. घड़ी कम से कम एक लाख रुपिया के त रहले होखी. गलती मनोज तिवारी के रहबो ना कईल, अइसनका में गलती त होखेला ओह लोगन के जे बीच शूटिंग में चहुँप के कवनो सितारा के अपना रिश्ता से तउले बईठ जालन. अब हीरो एह लोगन से बात ना करे त ऊ नाराज आ बात करे का दौरान अगर शूटिंग रुकल रहल त फिलिम के प्रोड्यूसर डायरेक्टर नाराज.
हमहूं कह दिहनी कि अगर किरिन डूबे से पहिले ई अंतरा शूट ना भईल त फिलिम में गाना दूइये अंतरा के जाई आ ई तीसरका अंतरा दुबारा कतहीं आउरी शूट ना होखी. रुसा-रुसी के एह माहौल के हलुक करे के काम कईलसि मौसम. सूरज बादलन का बीच से आँख मिचौली कईल शुरु कर दिहलन आ रिक्की मनोज तिवारी के चापलूसी कईल. बाद में हमरा पता चलल कि मनोज तिवारी के देरी से आवे खातिर रिक्किये कहले रहलन आ ई काम रिक्की मनोज तिवारी के दोसरा जगह के व्यस्तता के देखत कहले रहलन आ कि अपना फिलिम 'छूटका भईया जिन्दाबाद' खातिर डेट्स निकलवावे खातिर उनुका के खुश करे खातिर, ई बाति ना त हम जाने के कोशिश कईनीं ना एकर जरुरते समुझनी. रिक्की जवन कइले रहले ऊ कतई प्रोफेशनल काम ना रहे आ हम रिक्की के एह बात के बिना लाग-लपेट के कहियो दिहनी. एकरा बाद रिक्की आ मनोज तिवारी मिल के समय के नुकसान के भरपाई करे खातिर एड़ी चोटी के जोर लगा दिहलन जा. कवनो तरह जल्दी-जल्दी में हमनी का गाना शूट कर लिहनी जा. कैमरा मैन राजू केजी आखिर आखिर ले कन्फ्यूज्ड रहलन कि उनुका सही लाईट मिलल कि ना. हम तबहिये राजू भाई से कह दिहनी कि ऊ निश्चिन्त रहसु, आखिरी फैसला हमनिये का हक में जाई. बाकिर शूटिंग का बाद फिलिम जब एडिटिंग टेबल पर चहुँपल त मुंबई मे सबले पहिले राजू केजी एही अंतरा के आ के देखलन आ जब रिजल्ट सही मिलल त उनुको जान में जान आईल. मनोज तिवारी आ मोनालिसा पर हमनी का ई अंतरा त दूपहरिया दू बजे का बाद फिल्मवनी जा, बाकिर हमनी के शूटिंग त भोरे आठे बजे से जारी रहे. एह दिन सुबह सबेरे मोनालिसा कवन कमाल कईली आ दोसरकी हीरोईन लवी रोहतगी का कवना बात पर होटल में मचल बवाल? ई जाने खातिर पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(20) जब जब आवे याद तोहार...
लखनऊ के आनन्दी रिसॉर्ट में मोनालिसा आ मनोज तिवारी का ऊपर जवन दिन हमनी का - केहू सपना में अचके जगाके - गाना के तीसरका अंतरा के शूटिंग कईनी सन ओही दिने सबेरे से ले के दूपहरिया ले हमनी का एगो दोसरो गाना के दू गो अंतरा शूट कईनी जा. एहमें से एगो अंतरा मोनालिसा पर आ दूसरका अंतरा लवी रोहतगी पर फिल्मावल गईल. एह गाना के बोल हऽ - जब जब आवे याद तोहार, ई मनवा तरसे ला..... ई गाना फिलिम में ओह घरी आवत बा जब भोले म्यूजिक कंपनी में आपन आडिशन दे रहल बा. गाना के शुरूआत म्यूजिक कंपनी के स्टूडियो से होत बा आ पहिलका अंतरा भोले आडिशन देत गावत बा. एह गाना के गावत घरी ओकरा बार बार गौरी के इयाद आवत बा. गाना मुंबई में शुरू होत बा आ दूसरका अंतरा में हमनी का गौरी का लगे चहुँप जात बानी जा. तीसरका अंतरा लवी पर फिल्मावल गईल जवना में ऊ भोले के इयाद करत बिया.
एह गाना के पहिलका अंतरा के शूटिंग हमनी का बाद में मुंबई में करे वाला रहीं सन. से हमनी का लखनऊ में दूसरका आ तीसरका अंतरा के शूट पूरा कर लिहनी जा. गाना के दूसरका अंतरा में गौरी के विरह वेदना देखावल गईल बा आ एकरा खातिर हमनी का मोनालिसा के पूरा गेटअप वइसने रखनी जा. उज्जर कपड़ा में लपिटाईल मोनालिसा जब गौरी के रूप धरुवी त पूरा यूनिट के लोग ओकरा के देखते रहि गईल. सबेरे के आठ बजत रहुवे आ एने यूनिट अबहीं चाये पियत रहुवे जब मोनालिसा पूरा तरे तईयार हो के लोकेशन पर आ गईली. कैमरामैन राजू केजी आ कोरियोग्राफर रिक्की आपन आपन मोर्चा सम्हार लिहलन आ हम ओह लोग के स्टोरी बोर्ड समुझावल शुरू कईनी. एह गाना के जवन अंतरा मोनालिसा पर फिल्मावल गईल बा, ऊ हमरा कल्पना के हिसाब से राजू केजी आ रिक्की उमेद से कहीं बढ़िया फिल्मावल. मौसम सबेरहीं से खुशगवार रहे आ मोनालिसा गाना के बोल सुन के पूरा जोश में रहली. अरसा बाद उनुका कवनो ढंग के गाना बड़का परदा पर मिलल रहे, जवना में उनुका चेहरा के भाव के पेश करे के रहुवे. मोना मन ही मन बहुत खुश रहुवी बाकिर गाना के हिसाब से उनुका करे के रहे रोवे के अभिनय. पूरा अंतरा के हमनी का छह हिस्सा में बँटनी सन आ रिसॉर्ट के एक हिस्सा में इनार का आसपास खाड़ यूक्लिप्टस के गाछन के धेयान में राखत गाना के शूटिंग पूरा कईनी सन. मोनालिसा एह गाना में बहुते मेहनत कईले बाड़ी आ उनुका अभिनय के कमाल रउरा लोग के बड़का परदा पर जल्दिये देखे के मिली.
एही गाना के दूसरका अंतरा खातिर हमनी का लोकेशन बदलनी सन आ आ गईनी जा रिसॉर्ट का भीतरी वाटर पार्क में. रिसॉर्ट के एह हिस्सा में अलगा अलगा जगहा पर हमनी का गाना के तीसरका अंतरा शूट करे के रहे. दूसरका अंतरा में भोले के ईयाद करत गौरी जहाँ विरह वेदना से दूखी बाड़ी, ओहिजे तीसरका अंतरा में हमनी के भोले का बारे में सोच सोच के रंभा के मन के भीतर उमड़त काम इच्छा देखावे के रहुवे. बैकग्राउण्ड के खुशनुमा बनावे खातिर वाटर पार्क के सारा राइड्स चालू करा दिहनी जा आ हर राइड पर पानियो बहे लागल. एही बीच पता चलल कि लवी रोहतगी नखरा देखावल शुरू कर दिहले बाड़ी. यूनिट के कुछ सीनियर लोग के कहनाम रहे कि हम लवी के जरुरत से बेसी माथ पर चढ़ा लिहले बानी आ ऊ एही से नखरो देखावत बाड़ी.
वइसे भोले शंकर खातिर मिथुन चक्रवर्ती आ मनोज तिवारी के नाम फाइनल भईला का बाद हीरोइन्स के बात निकलला पर हमनी का सबले पहिले लवी रोहतगिये से मिलल रहीं सन आ ऊ एह खातिर कि हम अधिका से अधिका कलाकार यूपी से ताल्लुक राखे वालन के लेबे चाहत रहनी. लवी आगरा के रहे वाली हई, एह चलते हमनी का मन में उनुका खातिर तनी साफ्ट कार्नरो रहे. बाकिर लवी गाना का शूटिंग से ठीक पहिले आपन मुंबईया रंग देखावल शूरु क दिहली. ऊ आपन पेमेंट कैश में चाहत रहली जबकि हमनी का पूरा फिलिम के हिसाब किताब आन पेपर राखे के तय कइले रहीं. से उनुका के कैश दिहल मुश्किल रहे आ ऊ चेकलेबेखातिर तईयार ना भईली. कवनो तरह प्रोड्यूसर के बेटा गौरव भाटिया उनुका खातिर नगदी के इंतजाम कईलन तब जा के ऊ शूटिंग खातिर तईयार भइली. गाना का लिहाजन लवी के तनी मॉडर्न कपड़ा पहिरे के रहे. बड़ा मुश्किल से ऊ लोकेशन पर अईली आ उनुका अतना नाटक कईला का बादो हमनी का उनुका के परदा पर खूबसूरती से पेश करे में कवन कसर ना छोड़नी सन. लवी एह अंतरा के शूटिंग का बाद गो गलती आउरी कर दिहली, आ ऊ गलती अइसन कि ओकरा के माफ कईल कवनो प्रोड्यूसर खातिर मुश्किल रहित. दोसर कवनो प्रोड्यूसर रहित त उनुका खिलाफ तगड़ा कानूनी कदम उठा सकत रहे, बाकिर हमरा समुझऽला पर गौरव भाटिया बात के रफा दफा कर दिहलन. बाकिर लवी के नादानगी हमरा के ई सोचे खातिर मजबूर कर दिहलसि कि कहीं ओकरा के चुन के हम कवनो गलती त ना कर दिहनी? अगिला अंक में जानीं कि फिलिम के क्लाइमेक्स से ठीक पहिले वाला सीन के शूटिंग के ले के काहे भईल हमरा आ मनोज तिवारी में तकरार ? पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
(21) बेरोज़गारी से दू दू हाथ...
रऊरा लोग खातिर अबले त फिलिम भोले शंकर के कहानी बहुत कुछ साफ हो गईल होखी. ई कहानी एगो विधवा महतारी आ ओकर दू गो बेटन के हऽ. कहानी बतावत बिया कि कइसे एगो विधवा माँ अपना लड़िकन के अपने बूते पाल पोस के बड़ करऽतिया. कहानी बतावत बिया कि कइसे समाज के उसूल एगो औरत से ओकर शादीशुदा जिनिगी के सुख छीन लेले. आ कहानी इहो बतावत बिया कि अगर इंसान चाह ले आ परिवार ओकर साथ दे दे त गांवो के लड़िका पढ़ लिख के अपना बूते कुछ बनि सकेला. एकरा खातिर जरूरी नईखे कि ऊ सरकारिये नौकरी करो. बेरोजगारी अपन देश के बड़हन समस्या बा आ देश के कवनो कोना में रहत युवावर्ग एकरा से बाँचल नईखे. बाकिर आजु के नवजवान सरकारी नीकरी का फेर में ना पड़ि के अपना कवनो हुनर में हाथ साफ करे त रोजगार के मउका आजुवो कम नइखे. मेहनत के रास्ता कठिन आ परेशान करे वाला होला, से कई हालि शंकर जईसन लोग खराब संगति में पड़ि के गलत रास्ता पर चल देलें. बाकिर भोला जईसन लोग चाह लेव त भटकलो लोग के फेर से सही राह पर लिआ के विकास के मुख्यधारा से जोड़ सकेले.
एने कुछ दिन से भोले शंकर के मेकिंग हर दिन रउरा सभे तक नईखे चहुँप पावत. एकरा खातिर हम रउरा सभे से माफी चाहत बानी. कुछ रो रोजाना के जिनिगीके उठापटक आ कुछ माई के अगो दुर्घटना में चुटहल हो गईला का चलते हमार समय दोसरा जगहा लाग गईल रहल हा. मुंबई से मीलो दूर लखनऊ का लगे एगो छोटहन गांव फतेहपुर चौरासी में हमार माई बाबूजी रहे ला लोग. दुनू जने से कई हालि निहोरा करि चुकल बानी कि चलीं हमरा साथे मुंबई में रही बाकिर अपना माटी से एहन लोग के लगाव का आगा हमार हर जिद हार जाला. एने कई दिन से हम माईये का लगे रहनी हा आ हमार गांव अइसनका जगहा बा जहाँ हर प्रोडक्ट के दावेदारी कसौटी पर कसा जाले. रिलायंस वाले भलहीं अपना नेटवर्क के हवा आ पानी का तरहा हर जगहा मौजूद मिले के दावा करसु बाकिर हमरा गांव आवतहीं ई दावा खोखला साबित हो जाला. आ अँजोरिया तक हमार आलेख इंटरनेटे का जरिये चहुँप सकेले. से नात रिलायंस के नेटवर्क मिलल ना हम अँजोरिया खातिर आलेख भेजि पवनी.
वइसे एहबेरि सुनली कि गांवे का कगरी गंगाजी का किनार से सटले गंगा एक्सप्रेवे निकले वाली बिया. हो सकेला कि गंगा कटरी के दिन एही बहाने बहुरि जाव. ई ऊ गांव हऽ जहवां इक्कीसवींओ सदी में मूलभूत सुविधा कवनो सपना का तरह बनल बा. चुनाव आवेला, वादा होला, बाकिर नेता लोग के गाड़ी का पाछा का गुबार का तरह हर बेरि पाछा रहि जाला आम लोगन के सपना. अइसनके एगो सपना फिलिम भोले शंकर के भोले देखले बाड़े. बाकिर संगीत से दूर रहे के महतारी का जिद्द का आगा ऊ आपन सपना कुरबान कर देत बाड़रे. दोस्त यार सभे जानेला कि भोले बढ़िया गावेला. भोले के गुरओजी चाहेले कि कवनो दफ्तर में क्लर्की भा खेत में किसानी कईला का बजाय भोले अपना एह हुनर के रियाज से माँजे आ अपना गाँव के नाँव पूरा दुनिया में रौशन करे. बाकिर, जब ले माई के मर्जी ना होखी ऊ मीलन दूर मुंबई कइसे जा सकेला?
तमाम असमंजस का बाद माई भोले के मुंबई जाये के इजाजत देइयो देत बिया बाकिर शोहरत का शिखर पर चहुँपल आसान त होला ना. जइसन कि हम पहिलहूं कह चुकल बानी कि भगवान कवनो ईनाम देबे से पहिले हमनी के काबिलियत के इम्तिहान जरूर लेबेले. भोलहूं के अइसने इम्तिहान होत बा. आ लखनऊ में सब गाना के शूटिंग बाद हमनी के करे के रहे ओह सीन के शूटिंग जवना में भोले के सबुर के ई इम्तिहान होखे वाला बा. भोले अॡना गायिकी के गुण देखा के म्यूजिक कंपनी के अफसरान के दिल त जीत लिहले बा बाकिर कंपनी चाहत बिया कि भोले भोजपुरी रैप तईयार करसु. दोसरा लोक भाषा से रैप के संगम हो चुकल बा. ई ऊ विधा हऽ जवना जरिया आजुके पीढ़ी अपना जड़न से जुड़े के कोशिश करेले. पंजाबी के विदेशन में लोकप्रियता के अगो बड़ वजह इहे बा कि ओहिजा के पुरनका पीढ़ी अपना नवही पीढ़ी के अपना लोकगीतन के अपना हिसाब से ढाल लेबे के मोहलत दे दिहले बा. कनाडा आ ब्रिटेन जइसन देशन में पंजाबी पॉप आ रैप के संगीत के भरप पूरल बाजार बा. आ अब समय आ गईल बा कि भोजपुरीओ के विदेश में पलल बसल नयका पीढ़ी से जोड़ल जाव. एही सोच का मद्देनजर हम फिलिम भोले शंकर में एगो भोजपुरी रैप सांगो डलले बानी.
आ, आजु जवना दृश्य के बात हम करे जात बानी ऊ फिलिम में एह भोजपुरी रैप का ठीक पहिले आवऽता. ई ऊ सीन हऽ जब भोले मुंबई में शंकर का घर से तईयार हो के निकलत बा आ ओकरा शो का पहिले रिहर्सल करे के बा. रिहर्सल का ठीक पहिले कईसे शंकर के असलियत भोला का सोझा खुलत बा, एकर चर्चा बाद में कबहीं होखी. आजु एह सीन के बात. त भोले घर से निकलि के हॉल में चहुँप गईल बा. ना माई के मालूम बा की भाईयन का बीच का भईल, ना गुरुजीजानत बाड़ै कि भोले परेशान काहे बा? ई पूरा सीन करीब १८ शाट्स में पूरा भईल. जईसन कि हम पहिलहूं कह चुकल बानी को भोजपुरी सिनेमा में कवनो सीन के कम से कम शाट्स में पूरा करे के परंपरा चलल आवऽता आ शयद एहि चलते भोजपुरी सिनेमा के आजु ले ऊ दर्जा ना हासिल हो सकल जवन बस एके प्रदेश के भाषा होखला का बावजूद तमिल, तेलुगू आ मलयालम सिनेमा के हासिल हो चुकल बा. भोजपुरी सिनेमा के अधिकतर कलाकारन से ले के तकनीशीयन तकले काम के कवनो तरहा निपटा देबे में लागल रहेले. हमार आ मनोज तिवारी का बीच के तकरारो के वजह इहे रहल.
एह पूरा सीन में गौरी का आवे से पहिले तक मनोज तिवारी के बस एकाधे लाइन के संवाद बोले के रहुवे, बाकी पूरा अभिनय बस उनुका चेहरा पर सगरी भावन के प्रकटीकरणे रहे. सीन शुरु होखत बा आ हम माइक पर शंकर के ओह संवादन के बोले लागऽतानी जवन भोले का अवचेतन मस्तिष्क में घुमड़त बा. शंकर के बाति इयाद करि करिके भोले परेशान बा. ऊ गीत नइखे गा पावत. गुरूजीआवत बाड़ै आ भोले के हौसला बन्हावत बाड़े, बाकिर भोले गा नइखे पावत. एह सारा सीनन में भोले के अपना चेहरा पर परेशानी के भाव देखावे के रहे आ मनोज तिवारी के मूड ओह दिन ढेरे खुशनुमा रहुवे. बाकिर एक दू हालि सीन के ले के हमरा आ मनोज तिवारी के तकरार भईल त हमहूं तनी तनाव में आ गईनी आ मनोजो तिवारी. पर हम ई बाति जाहिर ना होखे दिहनी काहे कि हमरा त वइसहूं मनोज तिवारी का चेहरा पर तनावे चाहत रहे. अब सिचुएशन ई बनल कि मनोज तिवारी हमरा कवनो बाति पर चिढ़ के तनाव में रहलन आ हम शॉट पर शॉट लिहले जात रहीं काहे कि उनुका चेहरा पर ठीक वईसने भाव आ चुकल रहे, जईसन हमरा अपना सीन खातिर चाहत रहे.
तनाव के सीन खतम भईल त एंट्री होखे के रहुवे गौरी यानि कि मोनालिसा के. मोनालिसा के एक्टिंग त वईसहीं परफेक्ट होखेला. उनुका ओह सीन में भोले के हौसला बढ़ावे के रहुवे आ भोले के तबहियों ना गा पवला पर रोवत हॉल से बहरी भाग जाए के रहुवे. महज दूईये तीन रिहर्सल में सगरी शॉट ओके हो गईली स, हालाँकि एहू सीन के हम छह शॉट्स में बँटले रहीं. मोनालिसा एहू शॉटन में कमाल के एक्टिंग कइले बाड़ी. अगिला दिने मनोज तिवारी के पैकअप रहुवे. हम मनोज तिवारी से चार दिसंबर से पनरह दिसंबर तकलहीं के समय लिहले रहुवीं आ ओह दिन १३ दिसंबर रहुवे. अगिला दिन सुबहे सुबह हम मनोज के कुछ सीन ओह गाना खातिर ले लिहनी जवना में रंभा स्टेज शो का दौरान भोले के रिझावे के कोशिश करत बाड़ी. गाना हम पहिलहीं शूट कर चुकल रहीं, बस अगिला दिने सुबहे सुबह हम मनोज तिवारी, गोपाल के सिंह आ अजय आजाद के बईठअ के तीनों के रिएक्शन शूट कईनीं आ हो गईल हमनी के लखनऊ से रवानगी के वक्त. तय शेड्यूल से एक दिन पहिलहीं हमार लखनऊ शेड्यूल पूरा हो गईल. अगिला अंक में हम लवटेम मुंबई आ जानेल जाई कि फिलिम भोले शंकर खातिर मिथुन चक्रवर्ती के पहिलका दिन का शूटिंग से पहिले कतना भाग दौड़ भईल? रउरा पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(22) दादा की दरियादिली
लखनऊ में फिलिम भोले शंकर के पहिलका शेड्यूल खतम होखला का बाद पूरा यूनिट मुंबई लवटे के तईयारी शुरु कर दिहलसि. फिलिम उद्योग के सरकारी लापरवाही के शिकार कईसे होखे के पड़ेला एकर एगो मिसाल हमनियो के एही दौरान देखे के मिलल. रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के नजर आजुकाल्हु पूर्वी उत्तरप्रदेश पर टिकल बा. अपना पार्टी के अधिवेशनो ऊ हालही में एहिजा कर चुकल बाड़न. मंशा ई बतलावत जात बा कि पश्चिमी बिहार आ पूर्वी उत्तर प्रदेश के मिला के बन सके वाला भोजपुरी बहुल इलाका के एगो नया राज्य के शकल दे दिहल जाव आ कम से कम एगो त प्रदेश अइसन होखो जहवाँ आरजेडी के सत्ता फेरु से कायम कईल जा सके. कबहीं जीटीवी त कबहीं स्टार प्लस के टीआरपी बढ़ावे खातिर इनका शोज में चहुँपे वाला लालू प्रसाद यादव के भोजपुरी फिल्म जगत से एकर दसवों हिस्सा लगाव हो जाव त भोजपुरी सिनेमा के बेड़ा पार लाग जाव. भोजपुरी सिनेमा के केहू माई बाप नईखे. मुट्ठी भर लोग आ के मुंबई का सिनेमाघर से भोजपुरी फिलिम उतरवा जालें आ मुंबई से दिल्ली तकले सब कुछ बयानबाजी का बाद शांत हो जाला.
जहाँ के भाषा भोजपुरी हऽ ओहिजा के लोगन के एकर परवाह नइखे आ जहवाँ एह सिनेमा के परवरिश हो रहल बा ओहिजा एकरा के घुसपैठिया करार दिहल जा चुकल बा. खैर, हम बात करत रहीं फिलिम भोले शंकर के यूनिट के मुंबई लवटे के. करीब सत्तर आदमी के क्रू के एक संगे कवनो ट्रेन में रिजर्वेशन मिल ना सकत रहे, लिहाजन रेलमंत्री के कार्यालय से संपर्क कईल गईल. भरोसा मिलल कि काम हो जाई. अब कवनो आदमी अगर सत्तर गो टिकट लखनऊ से मुंबई खातिर खरीदे त रेल मंत्रालय चाहे त ट्रेन में एगो आउरी बोगियो जोड़ सकेला. आ बाति जब भोजपुरी सिनेमा के होखो त लालू के मंत्रालय के त एकरा तरफ खास तवज्जो देबे के चाहीं. बाकिर, रेल मंत्रालय से एन मौका पर जवाब आईल कि काम ना हो पावल. अब एहमे केकर कतना गलती रहुवे ओह पर बहस करे के समय ना रहुवे. समय रहुवे जमीनी धरातल के असलियत के समुझे के. जवना रेलमंत्री के कार्यालय से एन मौका पर एगो भोजपुरी फिलिम के तकनीशियनन के अपना रेल मे जगहा देबे से हाथ खाड़ कर दिहल गईल रहे ओही रेल विभाग के कर्माचारी हमनी के मजबूरी के फायदा उठावत हमनी से लखनऊ स्टेशन पर मोटहन घूस लिहलन आ ओही ट्रेन में जगह दिलवा दिलहन जवना में जगहा ना होखे के रोना थोड़िके देर पहिले रेल मंत्रालय के अफसरान हमनी से रो चुकल रहले.
खैर केहू तरे हमनी का मुंबई चहुँपनी जा. सारा माल असबाब करीना से लगा दिहल गईल. अब तकले के शूटिंग के रिजल्टो हमनी का लैब में जा के देख लिहनी जा. अब चुनौती रहे, मुंबई शेड्यूल शुरु करे के, जवना खातिर रोज जरुरत रहे हिंदी सिनेमा के कल्ट स्टार मिथुन चक्रवर्ती के. बाकिर उनुका आ बिहार झारखण्ड के वितरक डा॰ सुनील का बीच के विवाद तबले काफी तूल धर लिहले रहुवे. ईहां तकले कि भोजपुरी सिनेमा के दू खेमा में बँटला के अनेसा बन गईल रहे. मुंबई से ले के पटना तक ले बयानबाजी के दौर शूरु हो गईल रहे, आ अइसनका में मिथुन चक्रवर्ती सब कुछ फेडरेशन पर छोड़ देबे के फैसला कर लिहलन. उनुकर कहनाम रहे कि अब जे भी फैसला होखी फेडरेशने करी आ फिलिम भोलेशंकर के शूटिंगो ओकरा बादे होखी. एही बीच मिथुन के समर्थक लॉबी अपना हीरो का नजर में चढ़े खातिर कुछ अजबे हरकत शुरु कर दिहलन. उ लोग कमालिस्तान आ दोसरा स्टूडियोज में जा के भोजपुरी फिलिमन के शूटिंग बन्न करा दिहल. ई बाति हमरा पता चलल त हम दादा के बतलवनी. ओह दिन दादा पुणे में कवनो फिलिम के शूटिंग करत रहलन. दादा के दरियादिली देखीं कि ओहिजे से फोन करिके ओह फिलिमन के निर्माता लोगन से बात कईलन आ कहलन कि उनुका विवाद के चलते भोजपुरी सिनेमा के नुकसान करावल ऊ तनिको नईखन चाहत. अगिला दिने निजी दिलचस्पी ले के मिथुन चक्रवर्ती हर यूनियन के भोजपुरी सिनेमा के कवनो शूटिंग से फरकहीं रहे के कहलें ताकि कवनो तरह के बाधा ना होखे. बाकिर फिलिम भोले शंकर में उनुकर एक्टिंग के ले के असमंजस अबहियों कायमे रहे.
दू तीन बाद मिथुन वापिस मुंबई लवटलन, पता चलल कि ऊ फिल्म सिटी में शूटिंग कर रहल बाड़े. हम ओहिजा जा के भेंट कईनी त महसूस भईल कि बे बाति के बतंगड़ से ई भलमानुस कलाकार कतना दुखी बा. मिथुन हरमेसा से दोसरा के मदद खातिर आगे आवत रहेलें बाकिर फिलिम भोलेशंकर का शूटिंग में चाहियो के शरीक ना हो पावत रहलन. ओह दिन ऊ ईहां तक कहि दिहलन कि अगर राउर प्रोड्यूसर परेशान होखसु त साईनिंगो अमाउन्ट वापिस करे के तईयार बानी. बाकिर हमहूं दादा से कह दिहनी कि फिलिम भोले शंकर में अगर केहू शंकर बनी त ऊ मिथुने होखिहन आ एकरा खातिर हमरा उनुकर झगड़ा खतम होखे तक ले इंतजार करे से गुरेज नईखे. अतना कहि के हम वापिस लवटि अइनी आ ओकरा करीब हफ्ता दस दिन बादे दादा के फोन आइल. बोललन, "शुक्लाजी, जवनो परेशानी भईल ओकरा खातिर माफी चाहत बानी. भोले शंकर के शूटिंग कब शुरु करे के बा?" भोले शंकर के शूटिंग करे चहुँपल मिथुन चक्रवर्ती के पहिलका दिन रहल कईसन? आ पहिलके दिने पूरा यूनिट के दादा आपन मुरीद कइसे बना लिहलन ? जाने खातिर पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(23) कठघरा में शंकर... ?
लोग अकसरहां हमरा से पूछेला कि आखिर दादा, मिथुन चक्रवर्ती, फिलिम भोले शंकर में काम करे के सकरलन कईसे? फिलिम भोले शंकर खातिर हँ कहे से पहिले मिथुन कम से कम दस गो भोजपुरी आफर्स ठुकरा चुकल रहलन. ईहां तकले कि बिहार के बड़हन वितरक आ निर्माता डा॰सुनील कुमार का साथे भईल झगड़ो का जड़ में एगो भोजपुरिये फिलिम बा. बाकिर ना त हमनी के एह झगड़ा का बारे में पहिले से पता रहुवे, आ ना ही हमरा एह बति में इचिको इमानदारी लउकत बा कि एगो कलाकार के फिलिम भारत के कवनो राज्य में खालि एही चलते ना प्रदर्शित होखे दिहल जाव कि ऊ ओह सूबा के एगो नेता के फिलिम में काम नईखे करे चाहत. फिलिम भोले शंकर पूरा हो चुकल बा. आजु काल्हु फिलिम के वितरण के बाति चलि रहल बा आ ब्लैकमेलिंग के पहिलका धमकी हमरा मिल चुकल बा. फिलिम भोले शंकर बिहार के दर्शकन तक चहुँपी कि ना, आ अगर चहुँपबो करी त कब ले, एकरा पर सवाल खड़ा कईल जा रहल बा. मिथुन चक्रवर्ती के हिन्दी फिलिमन के बिहार में रिलीज पर एक लाख रुपिया फाइन लगावे वाला लोग फिलिम भोले शंकर के बिहार में रिलीज होखे देबे खातिर दस लाख रुपिया मांग रहल बा. अब समुझ में ना आवे वाली बाति ई बा कि का भोजपुरी फिलिमन के बिहार में रिलीज होखला पर एतना कमाई हो जाला कि एगो प्रोड्यूसर खालि फिलिम रिलीज करावे खातिर दस लाख के चढ़ावा सूबे के नेता लोगन के चढ़ा सके? कवनो फिलिम के प्रोड्यूसर अपना खून पसीना के कमाई जोड़ के एगो फिलिम बनावे के हिम्मत करे ला त का ऊ कवनो गुनाह करेला? का भोजपुरी फिलिमन में मिथुन चक्रवर्ती के किरदार दिहल कवनो अपराध हऽ जे हमनी से कहल जा रहल बा कि हमनी का ई जहर जान बूझि के खईली बानी सन? भारत के संविधान हर नागरिक के देश का कवनो कोना में व्यापार करे के आजादी देबेला. कवनो अदालत में बिहार में मिथुन का फिलिमन पर लगावल पाबन्दी के कवनो अहमियत ना होखी. मुंबई के प्रोड्यूसर एकरा खातिर कोर्ट के दरवाजा नईखन खटखटावत त एहसे कि ऊ कारोबारी लोग हऽ आ कोर्ट कचहरी से दूरे रहे के चाहेला. बाकिर ई संयम, ई सबुर आ सांतावना कब ले? ई सवाल बिहार के बीजेपी जेडीयू सरकारो से बा कि उनुका राज में ई नाइंसाफी कब ले चली?
मिथुन चक्रवर्ती के ले के भोजपुरी फिलिम बनावे पर हमनी के वाहवाही होखे के चाहत रहल हा. एतना बड़ फिलिम के उत्तर प्रदेश का प्रादेशिक अंचलन में शूट कईला पर ओहिजा के सरकार से मदद मिले के चाहत रहुवे. बाकिर भोजपुरी के केहू माई बाप नईखे. ना लालू प्रसाद यादव के भोजपुरी सिनेमा से जुड़ल लोगन के कबो परवाह रहल ना उत्तर प्रदेश के सरकार के सूचना कार्यालय सरकारी सहायता के दरखास्त पर कवनो गौर कईलसि. आ अब बारी बिहार सरकार के बा. मिथुन चक्रवर्ती जब फिलिम भोले शंकर का शूटिंग खातिर पहिलका दिने अईलें तबो हमनी का देर तक ले एही पर बात होत रह गईल. हमहूं अब ले पेशा से पत्रकारे रहल बानी से अन्याय केहू का खिलाफ होखो भा कवनो तरह के होखो, सह ना पाइले. मिथुनो चक्रवर्ती गरम दिमाग के आदमी हउवन, अन्याय का खिलाफ अकसर ऊ मोर्चा खोलले बाड़े. जंग में जीत केकर होला, मसला ई ना होखे. मसला ई होला कि ई जंग कवना बाति पर लड़ल गईल आ ओहमें साँच का साथे के के खड़ा भईल. ईहो जरुरी नईखे कि हर बेर हक का लड़ाई में भगवान कृष्ण के मदद मिलिये जाव. बाकिर कौरवन का मनमरजी से मुचौटा लेबे खातिर अगर पाँचो गो पाण्डव बाँचल रहि गईलें त हस्तिना पुर पर कबहियो अन्यायी ताकतन के कबजा ना हो पाई.
फिलिम भोले शंकर के हम खाली निर्देशिते नईखी कईले, एकर एकहएक गो पुरजा जोड़ले बानी. आम तौर पर फिलिम के पहिलका कापी तईयार होखते निर्देशक के काम खतम हो जाला. बाकिर एह फिलिम के हमरा मंजिल तक, माने कि एकरा दर्शकन तक चहुँपावे के बा आ एकरा बीच में कवनो अड़चन भा कवनो दबंग का धमकी के कवनो काम नईखे. मिथुनो चक्रवर्ती फिलिम भोले शंकर के पहिलका सीन में ईहे कइलें. मिथुन एह फिलिम के पहिलका दिने उहे शॉट दिहले जवना में भोले के दोस्त संतराम उनका लगे गौरी के अपहरण हो जाए के खबर ले के आवत बा. कमालिस्तान के क्रिस्टल हाउस में एह सीन के शूटिंग होखे के रहल आ हमनी का तय समय पर सारा माल असबाब ले के ओहिजा चहुँप गइनी जा. मिथुन खातिर हम फिलिम गुलामी में उनुका कास्ट्यूम से मिलत जुलत ड्रेस तईयार करववले रहनी आ जब ऊ पीच कलर के ई ड्रेस पहिर के कैमरा का सोझा अइले त पूरा यूनिट दिल खोल के ताली बजवलसि. ईहे कहल जाला असली सितारा के चमक. मिथुन के बतौर कलाकारो आ बतौर एगो इंसानो बॉलीवुड के बच्चा बच्चा पसन्द करेला. ऊ भोजपुरी फिलिम में काम करे के राजी भईले, ई उनुकर बड़प्पन हऽ. पहिलका दिन के शूटिंग के कुछ आउरी किस्सा अगली बेर, तबले पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर...
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(24) अब त हमार तीसरका आंख खुल गइल
फिलिम भोले शंकर के रिलीज के वक्त जइसे जइसे नियरात जात बा काम के बोझा एक हालि फेर से बढ़े लागल बा. पिछला चार पाँच दिन से हम म्यूजिक रिलीज खातिर मुख्य कलाकारन आ मुख्य अतिथि के तारीख मिलान करे में व्यस्त रहली हा. तय भईल बा कि २५ जुलाई के फिलिम के म्यूजिक रिलीज फंक्शन मुंबई के टाइम एंड अगेन में रात के नौ बजे कईल जाई. मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट एह आयोजन के मुख्य अतिथि होखिहन. मनोज तिवारी अपना व्यस्त शेड्यूल से म्यूजिक रिलीज खातिर समय देबे के वादा कइले बाड़े आ फिलिम के हीरोइन मोनालिसो ओह दिन मुँबई चहुँप जाये के वादा कइले बाड़ी. भट्ट साहब का हिसाब से मनोज तिवारी आपन शेड्यूल उपरो नीचे कइले बाड़े. फलिम भोले शंकर में हम कई गो गायकन के मउका दिहले बानी, ई बाति हम पहिलहूं कह चुकल बानी. अब रिलीज का दिने राजा हसन, उज्जयनी, मौली दवे आ पूनम यादव के खास तौर पर बोलहटा दिहल गईल बा, काहे कि ई फंक्शन खास तौर पर एही नयका गायक लोग के बा. पूनम पहिलका हालि एही फिलिम में प्लेबैक दिहले बाड़ी, ऊ आजु लखनऊ में रहली हा. जीटीवी का नयका रियलटी शो में उनुका के शमिल नईखे कईल गईल, आ शायद एही चलते आजु काल्हु ऊ जीटीवी का दोसरा गायकनो का संपर्क में नईखी. पूनम के हम लखनऊ से मुंबई आये जाए के खरचा दे देबे के वादा कईले बानि जेहसे कि ऊ अपना करियर का पहिलका फिलिम का म्यूजिक रिलीज फ्क्शन में जरुरे मौजूद रहसु. इंडस्ट्री के कुछ दोसरो कलाकार एह दिने आपन आशीर्वाद देबे खातिर मोजूद रहिहन.
वापिस लवटऽतानी फिलिम भोले शंकर का मेकिंग का तरफ. त मिथुन चक्रवर्ती खातिर पहिलका शॉट लगावल गईल जवना में ऊ अपना बंगला में एंट्री कर रहत बाड़े आ संतराम उनुका लगे गौड़ी के अहरण केखभर ले के आवत बा. हम पहिलका शॉट क्रेन पर लगवनी आ मिथुन के बंगला से जीना में खड़ा अपना जीप तक आवे कहनी. एह शॉट में कवनो डाइलाग ना रहे. एकरा बाद शॉट जीना पर लागल जहाँ मिथुन के डायलाग बोले के रहे, कउन हऽ रे, हमरा दरवाजा पर भोले का नाम ले ता, आवे दे ओका के. मिथुन ई डायलाग झटके में बोल दिहलन आ फेर उनुका लिलार पर हमरा कुछ लकीर नजर आइल. ऊ सीन के अगिलका डायलाग पढ़त रहुवन. बोललन, शुक्ला जी ये भोजपुरी तो वो भोजपुरी नहीं है जो हम हिन्दी फिल्मों में बोलते हैं. हम उनुका के बतलवनी कि भोजपुरी या कहें कि उत्तर भारतीय देशज भाषा जो हिन्दी फिल्मों मे बोली जाती है, वो दरअसल उत्तर प्रदेश और बिहार के किसी भी ज़िले में नहीं बोली जाती. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ठेठ खड़ी बोली से ले के अवध के अवधी आ फेर प्रतापगढ़ से लेके पटना तक बोले जाए वाली भोजपुरी के हर जिला में बोले के आपन एगो अलगा पुट बा. भोजपुरी के अबहीं कवनो मानक व्याकरण तक ले नईखै बनल आ शायद एही से एकरा अब तक संविधान का आठवां अनुसूची में जगहो नईखे मिलल. वइसे भोजपुरी फिल्मनो में भोजपुरी अलग अलग तरह से बोलल जाले, बाकिर हम एगो सर्वमान्य भोजपुरी भाषा फिलिम में राखे के कोशिश कइले बानी आ ऊ गोरखपुर बनारसो के ओतने बा जतना कि पश्चिमी बिहार में बोले जाए वाला भोजपुरी के. एह काम खातिर दू गो गुणि लोगन के मदद लिहल गईल बा. पहिलका त हमार सहायक निर्देशक आ संवाद लेखन के सहयोगी अजय आजाद बाड़ै आ दोसर पुरनका मित्र गिरिजेश मिश्रा. अजय एह घरी जी न्यूज चैनल के न्यूज प्रोड्यूसर बाड़े आ गिरिजेश आजतक चैनल में विशेष डेस्क के प्रभारी.पहिलका ठेठ बिहारी हवे त दोसरका पकिया बनारसी. दुनू का सजग निगाहन से गुजरल भोजपुरी भाषा के बोले में मिथुन के थोड़ परेशानी होत रहे. हम उनुका के भोजपुरी के कुछ शब्दन के सही लहजा में उच्चारण बतलवनी आ असली कलाकार का तरह ऊहो एह नया स्टाइल के गाँठ बान्ह लिहलन.
मिथुन के एकरा बाद दू तीन गो शॉट आउरी देबे के रहुवे. एगो में उनुका अपना परिवार पर हाथ डाले वाला लोगन के खबर लेबे के रहे, शंकर के परिवार पर हाथ डाले वाला इ कवन जनम ले ले बा? लागऽता ओकर माई ठीक से जिवितिया नईखे कईलस. अरे जब दस साल में ना छोड़नी त अब त हमार तीसरका आँख खुल गईल. मिथुन जवना अंदाज में ई डायलाग बोललन, पूरा यूनिट खुल के ताली बजवलसि. कैमरा में मिथुन के देखे के आपन एगो अलगा स्टाइल हऽ, खीसि जब उनुका चेहरा पर आवेला त अगिला कतार से लेके पिछला कतार तक में बईठल दर्शक झूम उठेलें. ईंहा से सीन खतम कईला का बाद हमनी का कमालिस्तान के दोसरा हिस्सा में चहुँपनी सन. जहवां मिथुन के सरौता सेठ का कब्जा से गौरी के बचावे के रहे. एगो छुटभैया बदमाश सरौता सेठ के किरदार हम जी न्यूज परक्राइम रिपोर्टर कार्यक्रम के एंकरिंग करेवाला राघवेन्द्र मुद्गल के दिहले बानी. राघवेन्द्र थियेटर के मँजल कलाकार हउवन बाकिर सिनेमा खातिर ओह दिन ऊ उनुकर पहिलका शॉट रहुवे आ उहो मिथुन जइसन दिगगज कलाकार का सोझा. राघवेन्द्र के हालत हम समुझ सकत रहीं. उनुका के अलगा ले जाके हम उनुकर हौसला बढ़ऽवनी, बड़ कलाकार का सोझा संवाद बोले के खास टेकनिको बतलवनी. राघवेन्द्र भरोसा दिहलवलन कि ओकरा चलते दिक्कत ना होखी. बाकिर जइसहीं साउंड, कैमरा आ एक्शन बोले के बारी आईल, राघवेन्द्र के पसीना छूटिये गईल. राघवेन्द्र ओह दिन फिलिम भोले शंकर में सबले अधिका ड़ीटेक देबे वाला कलाकार बनलन. तबहियो पहिलका फिलिम होखेका वजह से हम उनुकर हौसला बढ़ावते रहनी. ई त हम बहुते बाद राघवेन्दर के बतलवनी कि उनुका चलते कतना परेशानी आ कतना नुकसान भईल.
मिथुनो के ओह दिन राघवेन्द्र का नादानी का चलते घूंसा लागत लागत बाँचल. दरअसल राघवेन्द्र के फर्जी फाइट के आदत ना रहे. फिलिम में फाइटिंग का वक्त कालार आ फाइटर बस चेहरा का सोझा से आपन हाथ निकाल देबेलन आ बाद में जब साउंड इफेक्ट डालल जाला त लागेला कि वाह का करारा हाथ पड़ल बा. बाकिर राघवेन्द्र सीधे सीधे मिथुन का चेहरा पर मुक्का चला दिहलन. ऊ त मिथुन एलर्ट रहलन आ आपन चेहरा एन मउका पर पाछा कर लिहलन ना त ओह दिन त अनर्थे हो जाईत. मिथुन आ राघवेन्द्र के कॉम्बिनेशन सीन लिहला का बाद हम सरौता सेठ का बदमाशन का साथ मिथुन के फइट शूट कइनी आ दादा के विदा कर दिहनी. ओकरा बाद अन्हार होखते शुर ु कर दिहनी राघवेन्द्र के फिलिम में एन्ट्री के सीन. राघवेन्द्र के एन्ट्री फिलिम में बड़ा नाटकीय अन्दाज में होखत बा, उनका ओही पुरनका डायलाग का साथ जवन ऊ कभि क्राइम रिपोर्टर में बोलल करसु, चैन से सूते के बा त जाग जा लोगिन. रउरा पढ़त रहीं कइसे बनल भोले शंकर...
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(25) भोजपुरी फिल्म भोले शंकर का संगीत रिलीज़
अब तकले के सबले बड़हन भोजपुरी फिलिम भोले शंकर के संगीत २५ जुलाई के मुंबई में तमाम सितारन आ मशहूर हस्तियन का मौजूदगी में रिलीज कईल गईल. मशहूर फिल्म साप्ताहिक रंगायन के संपादन कर चुकल आ जी न्यूज के डिप्टी एक्जेक्यूटिव प्रोड्यूसर रह चुकल पंकज शुक्ल के निर्देशित आ मिथुन चक्रवर्ती, मनोज तिवारी, मोनालिसा, राजेश विवेकम गोपाल सिंह, शबनम कपूर आ मास्टर शिवेन्दू जईसन सितारन से सजल फिलिम भोले शंकर के संगीत मशहूर फिल्म अभिनेता मुकेश ऋषि जारी कईलन.
सारेगामा के फाइनलिस्ट रह चुकल राजा हसन, मौली दवे, उज्जयनी आ पूनम यादव के एह फिलिम में पार्श्व गायन के मउका मिलल बा. निर्देशक पंकज शुक्ल एह मउका पर कहलन कि, " हम फिलिम भोले शंकर का जरिये भोजपुरी संस्कृति के सिनेमा का परदा पर फेर से पुनर्जीवित करे के कोशिश कईले बानी. भोले शंकर एगो संपूर्ण पारिवारिक फिलिम हऽ आ एकरा के बाप बटी आ ससुर पतोहु एक साथे बईठ के सिनमा हॉल में देख सकेले.
निर्माता गुलशन भाटिया के पारिवारिक फिलम भोले शंकर में ढेरे नया कलाकारन के मउका दिहल गईल बा. अभिनय का क्षेत्र में एकरा में लखनऊ के स्थानीय कलाकार नरेन्द्र पंजवानी, डॉ॰मुजम्मिल खान, अर्चना शुक्ल, नीतू पान्डेय वगैरह के मउका मिलल बा. ओहीजे मशहूर क्राइम रिपोर्टर के एकर राघवेन्द्र मुद्गलो एह फिलिम से आपन पारी शुरु करे जा रहल बाड़न. फिलिम के संगीत करीब तीन महीना के तीन राति के मेहनत का बाद तईयार भईल बा आ मशहूर गायक शैलेन्द्रो सिंह के एह फिलिम से सिनेमा में वापसी हो रहल बा. फिल्म के गीत बिपिन बहार के लिखल बाड़ी सन आ संगीत धनंजय मिश्रा के दिहल हऽ. फलिम में कुल नौ गाना बाड़ी सन.
१. रे बौराई चंचल किरिनिया. गायक - राजा हसन
ई गाना शहर में बसल लोगन के गाँव के ईयाद दिआवत बा आ अपना मातृभूमि के तुलना स्वर्ग से कर रहल बा. गाना के बोल आ संगीत काफी भावुक बा आ एकरा के सुन के अपना अपना गांव से दूर जा बसल लोगन के आँख जरुर नम हो जाई. भोजपुरी संगीत में सूफी परंपरा के ई पहिलका गाना हऽ.
२. तोरी मरजी है क्या बता दे बिधना रे. गायक-गायिका - मनोज तिवारी आ पूनम यादव
ई एगो विरह गीत हऽ जवना में नायिका भगवान से अपना प्यार ना मिलला के शिकायत कर रहल बाड़ी. सारेगामा के फाइनलिस्ट रहल पूनम यादव का कवनो फिलिम में गावल ई पहिलका गीत ऽ आ ई मउका पूनम के सारेगामा के परफारमेंस देखि के दिहल गईल.
३. नौकरी ना मिली, मन उदास भईल भाई जी. गायक - मनोज तिवारी
बेरोजगारी के दर्द बयान करत ई गीत दरअसल हॉस्टल में नायक के अपना दोस्तन के फुल धमाला मस्तीवाला गाना हऽ.
४. केहू सपना में अचके जगा के. गायक - उदित नारायण आ कल्पना
मशहूर गायिका कल्पना आ गायक उदित नारायण का आवाजन से सजल ई गाना फिलिम के कहानी के आगा बढ़ावत जबरदस्त रोमांतिक गाना बा. गाना में गायिका अपना प्रेम के इजहार करत बारी आ नायक ओकरा के प्यार के खतरा समुझावत बा.
५. दिल के हाल बताईं कैसे. गायिका - मौली दवे.
इण्डियन शकीरा का नाम से मशहूर मौली दवे ई गाना अपना पूरा मस्ती में गवले बाड़ी. एह गाना में नायिका के अदाज शिकायत वाला बा आ ऊ अपना जवानी के मूस्किल पूरा दुनियाके बतावत बाड़ी.
६. पिया मोरा गईले रामा पूरबी बनिजिया. गायिका - इंदु सोनाली
बिहार के नौटंकी में अकसर सुनाई देबे वाला एह पारंपरिक गीत के एह बार इंदु सोनाली अपने अंदाज में गवले बाड़ी. एह गीत खातिर नौटंकी मे बाजेवाला नगाड़ा खास करिके बनारस से मुंबई मंगावल गईल रहे. गाना फ्लैशबैक में बा जवना में भोले आ शंकर के महतारी अपना जवानी के दिन ईयाद कर रहल बाड़ी.
७. जब जब आवे याद तोहार. गायक - मनोज तिवारी, उज्जयनि, इंदु सोनाली
ई गाना फिलिम में ओह मउका पर आवत बा जब नायक मुंबई में अपना जिनिगी के सबले बड़ इम्तिहान से दू चार होखे वाला बा. नायक तनी नरवस बा आ अपना प्रेमिका के ईयाद कर रहल बा.
८. जय हो जय हो छठ मईया. गायक - शैलेन्द्र सिंह आ मालिनी अवस्थी
फिल्म जगत में शोमैन राजकपूर के खोज समझल जाए वाला गायक शैलेन्द्र सिंह मिथुन चक्रवर्ती खातिर तराना आ सुरक्षा जइसन फिलिमन में तमामा गाना गवले बाड़न. करीब बीस साल बाद शैलेन्द्र सिंह एक हालि फेर मिथुन खातिर गाना गवले बाड़े. मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी एह गाना में माँ के ममता के शब्दन में पिरो के पूरा भावुकता का साथे पेश कईले बाड़ी.
९. ओम हरि ओम. गायक - मनोज तिवारी
भोजपुरी संगीत मे रैप के ई पहिलका प्रयोग हऽ. एह भोजपुरी रैप में मनोज तिवारी का साथे कुछ रैपर्सो के आवाज बा. मस्ती आ शूम के संगीत से सजावत ई गाना जल्दिये भोजपुरिहा जवानन के पसंीदा गीत बने वाला बा.
फिल्म के कथा सार
पूरब के एगो छोटहन गाँव केकहानी कहत भोले शंकर दू गो भाईयन केकहानी बा. अपना विधवा महतारी का साथ गांव में गुजर बसर करत भोले आ शंकर पर तकदीर के कहर बरपऽता आ शंकर के घर चोड़े के पड़ जात बा. भोले अपना महतारी का साथे रहिके किसानी में हाथ बँटावत बा. घर में इकलौता बच्चा रहला का बावजूद माँ ओकरा के आगा पढ़ाई करे खातिर शहर भेज देत बिया.
भोले पढ़ लिख के गांव लवटत बा तमहतारी के ओकरा नौकरी आ बिआह के फिकिर लेस देत बा. संगीट भोले के घुट्टी में पिआवल बा, बाकिर महतारी नइखे चाहत कि ऊ संगीत में संगत करे आ ओकरा बेटो के उहे तकलीफ झेले के पड़े जवन ऊ संगीत का चलते उठवले रहे. भोले के गुरुजी, राजेश विवेक, चाहत बाड़े कि भोले संगीते के आपन कैरियर बनावे आ एकरा खातिर कोशिश करिके एगो संगी कंपनी में भोले के आडीशन के जोगाड़ करा देत बाड़े. नौकरी का तलाश में भोले मुंबई आवत बा आ एहिजा ओकरा ओकर बिछुड़ल भाई शंकर, मिथुन चक्रवर्ती, मिल जात बा. भोले आपन आशियान शंकरे का घर में बना लेत बा बाकिर ऊ शंकर के काला कारोबर से अनजान बा. महतारी आ गुरूओजी कुछ दिन बाद मुंबई आ जात बा लोग. भोले शोहरत का शिखर से बस अब थोड़ही दूर बा, जब तकदीर एक हालि फे आपन कहर बरपावत बिया. अपराध के दुनिया के करिया चादर भोले के अपना आगोश में लेबे खातिर बेचैन बा. का एक हालि फेर दूनू भाई अक दोसरा से जुदा हो जईहन? आ कि महतारी का आशिर्वाद सब मुसीबतन के अंत कर दीहि. भोले शंकर देखल मत भुलाईब.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(26) बरखा रानी तनी थम के बरिसऽ
कवनो फिलिम के संगीत ओह फिलिम का रिलीज से महीना भर पहिलहीं रिलीज होखेला, आ एह लिहाज से देखीं त भोले शंकर के म्यूजिक ईहे १५ जुलाई का आसपास में रिलीज होखेके चहत रहे, काहे कि हमनी के ईच्छा रहे कि फिलिम १५ अगस्त के रिलीज होखे. बाकिर, बुझाता कि भगवान म्यूजिक रिलीज के शगुन बनावते घरी फिलिमो के रिलीज के मुहूर्त तय कर दिहलें. भोले शंकर के बिना बिहार में रिलीज कइले हमनी का कहीं आउर रिलीज नईखीं करे के चाहत सन आ दोस्त लोग बतावत बा कि बिहार में फिलिम रिलीज करे के ई सही समय नईखे. हिन्दी फिलिमन के बिहार से अधिका कमाई के आस भले ना रहत होखो, बाकिर भोजपुरी सिनेमा के थियेटर से होखे वाला कमाई के बड़हन हिस्सा बिहारे से आवेला. फिलिम भोले शंकर के बिहार में रिलीज करे खातिर ओहिजा के बड़ बड़ वितरकन के लाइन जईसन लाग गईल बा. बाकिर फिलिम बेचल शायद प्रोड्यूसर के काम होखेला आ एकरा के दिल से ना दिमाग से करे के होला. वइसे फिलिम भोले शंकर के खाका बनावत घरी फिलिम के निर्माता गुलशन भाटिया हमरा से एके गो वादा लिहले रहलें कि फिलिम से मुनाफा होखो बा मत होखो, घर के रकम ना डूबे के चाहीं. ऊ फिलिम निर्माता बन गईलन आ उहो एगो अइसनका फिलिम के जवना के प्रोजेक्ट बनावे खातिर भोजपुरी के बड़ बड़ धुरंधर महीनन से लागल रहलें, लागल बाड़ें आ शाइद आगहूँ लागल रहीहें. भाटिया जी के भोले शंकर ईश्वर के दिहल तोहफा लेखा मिलल. पईसा जरूरे उनुकर लागल, बाकिर मुंबई में प्रोजेक्ट्स पईसा से ना रिश्ता से बनेला. आ भोले शंकर अगर बन पावल त एकरा खातिर मिथुन चक्रवर्ती के प्रोत्साहन आ सनेह हमरा सबसे बेसी कामे आइल. भोले शंकर फिलहाल १५ अगस्त के रिलीज नइखे होत, एकर वजह बिहार में बरखा आ बाढ़ का साथेसाथ बड़हन हिन्दी फिलिमन के रिलीजो का चलते थियेटर का ना मिललो बा. बिहार के जे जे वितरक, जइसे कि अभय सिन्हा, रमाकांत प्रसाद आ अजय धानुका वगैरह, भोले शंकर के वितरण में रूचि देखावल ओह लोग के बतौर डायरेक्टर हम तहेदिल से शुक्रगुजार बानी. कारपोरेट कंपनी पिरामिड सायमीरो के दिलचस्पी भोले शंकर में बनल बा, बाकिर जहवाँ बात रुपिया पईसा के होखे ओहिजा से क्रियेटिव लोग के खुद के अलगे राखे के चाहीं. पईसा लगावे वाला हर आदमी बिजनेस में मुनाफा खोजेला आ ई जायजो होला. पईसा के थैली खुलल त जाहिर बा कि जेकर थैली सबले बड़ रहल निर्माता ओकरे हक में फैसला सुनवलें. फेरु बिहार के माथा पर शोहरत कम आ बदनामी बेसी रहल बा. कहल जाला कि ओहिजा के सब ना त कुछ वितरक जरुरे अइसन बाड़े जे वादा करियो के मुकर जालन.
बाकिर, इहो कहल जाला कि मुंबई के फिलिम इंडस्ट्री लिखा पढ़ी पर कम आ जुबान पर अधिका भरोसा करे ले. आ ईहो साँच बा कि एहिजा काम नकल गईला का बाद मुँह घूमा लेबे वालनो केकमी नईखे. सरकार राज का डायलाग का शक्ल में कहीं त एहिजा हर आदमी हथौड़ा ले के घुमेला, एगो कील का तलाश में. भोले शंकर के म्यूजिक टी सीरीज जारी कर दिहले बा. म्यूजिक के भोजपुरी सिनेमा देखे वालन के तारीफो मिल रहल बा, बाकिर टी सीरीज एह फिलिम के आडियो सीडी निकाले से कतरा रहल बा. हमरा लगे ना जाने कहाँ कहाँ से सीडी खातिर फोन आ रहल बा आ टि सीरीज कहत बा कि कैसेटे खरीदऽ. मुंबई से ले के दिल्ली, बिहार आ पूर्वांचल में हर तरफ पानी बरिसत बा. लोग संगीत सरिता के आनन्द लिहल चाहऽता बाकिर टी सीरीज वालन के भोजपुरी सनेवालन के जेब पर भरोसा नईखे. ऊ कहत बा कि भोजपुरी के श्रोता सीडि ना खरीदऽसु. खेर ई उनुकर बिजनेस बा उहे निमन जनिहें. भोले शंकर के रिलीज अब शायद अगस्त के आकिसिये हफ्ता में होखी, अगर इन्द्र भगवान साथ दे दिहलन तऽ.
आजु के लेख शायद तरतीब से नइखे लिखा पावत. लिखे खातिर जवन बात होखे के चाहीं, ऊ ना जाने कुछ दिन से बनत काहे नईखे? अइसनका हमरा साथे कमही होखेला. बाकिर पत्नी के दस दिन बिस्तर पर पड़ल देखला का बाद शायद हम भीतर से हिल गईल बानी. हमरा जुनून के सजा हमरा परिवार केना मिले के चाहीं. स्कूल जात बचवन का हमेशा ई उमेद रहेला कि संडे के छुट्टी ऊ महतारी बाप का साथे मनईहें. बाकिर अपना दुनू बचवन का सोझा हम अपना के अपराधी महसूस करे लागल बानी. छोट रहनी त पापा घर के खरचा जुटावे खातिर दिन रात खरच कर दिहलन आ मम्मी का ऊपर दू गो परिवार के कुल नव गो बचवन के देखभाल के जिम्मेदारी रहल. बचपन कइसन होखेला शायद ई हम कबो समुझिये ना पवनी. अब चाहत बानी कि कम से कम हमार बचवा त ढंग से आपन बचपन जीअ सन. भोले शंकर में भोले के बचपन के रोल हमार बेटा शिवेन्दुए कइले बा. हमरा बुझाला कि ओकरा अंदर फिलिम मेकिंग के गुण भगवान के दिहल बा. कागज पर ड्राइंग बना के आपन पहिलका एनिमेशन फिलिम ऊ पिछलके साल बना दिहले रहे जब ऊ पाँचवी क्लास में रहे. वइसे हम चाहेम कि सिनेमा के संघर्ष के आपन साथी बनावे से पहिले ऊ पढ़ाई पूरा करे.
रउरा सभे से हम माफी माँगल चाहत बानी कि तय समय पर भोले शंकर के मेकिंग ना दे पवनी. पत्नी के सेहत अब ठीक हो चलल बा. मुंबई में केहू के पतो ना रहे कि जवना दिने हम अपना चेहरा पर खुशी लिहले फिलिम भोले शंकर के म्यूजिक रिलीज में व्यस्त रहनी, घर में हमार पत्नी जिन्दगी आ मौत के लड़ाई से जूझत रहली. दया बा बाबा भोले शंकर के कि अब सब कुछ ठीक हो गईल बा. ऊ फेर से घर के जिम्मेदारी सम्हार लिहले बाड़ी, हम मुंबई आ गईल बानी. आ रउरा सभे खातिर भोले शंकर के मेकिंग के सिलसिला फेर से शुरु हो चुकल बा.
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(27) मिथुन आ मनोज के आमना सामना.
फिलिम भोले शंकर में कमालिस्तान स्टूडियो में मिथुन चक्रवर्ती के शूटिंग का दौरान मनोज तिवारी शूटिंग में शामिल ना भइलन. ओह घरी उनुकर सीन मिथुन का साथे ना रहे. मिथुन का अगिला डेट्स पर अपना अपना क्षेत्र के एह दुनू दिग्गजन के आमना सामना होखे के रहे. जइसन कि हरमेसा होला जब दू गो बड़हन कलाकारन एके साथे काम करेले, फिलिम भोलहू शंकर में भोजपुरी के सुपर स्टार मनोज तिवारी आ बंगाल टाइगर मिथुन चक्रवर्ती के एके साथ समंहारल आसान काम ना रहल. मिथुन चक्रवर्ती वइसे त बहुत सुलझल आ जमीन से जुड़ल इंसान हउवन, बाकिर मेकअप कइला आ कैमरा के सोझा अइला का बाद हर कलाकार के भीतर के स्टार जाग जाला. कमालिस्तान के शेड्यूल खतम भईला का बाद हमार अगिला पड़ाव रहे परवनी हाउस. परवनी हाउस के दू फ्लोर के हमनी का मिथुन चक्रवर्ती के घर के अंदरुनी हिस्सा का तौर पर इस्तेमाल कइले रहीं. ओहिजा पहिलका सीन जवन होखे के रहल ऊ फिलिम में दुनू भाईयन के मिलला का बाद के रहे. सिलसिला का हिसाब से फिलिम में इ सीन इन्टरवल का तुरते बाद आवऽता. शंकर के इंट्री इंटरवल का पहिलहीं हो चुकल बा. ओकर दांव पेंच देखि के भोले के होश पहिलहीं से फाख्ता बा आ फेर शंकर ओकरा के ले आवऽता महल जइसन घर में. लालटेन का रोशनी में पलल बढ़ल गँवई जवान अतना दौलत आ ऐशोआराम देखि के भँउचक बा. ऊ परेशान बा कि ओकर भाई बीसे साल में करोड़न के ई दौलत कमइलसि कइसे? ओकरा जेहन में एके गो सवाल बा कि भईया तू धंधा का करेलऽ? आ बड़ भाई बा कि बतावे कइसे अपना भोला के कि ऊ धंधा का करे ला. वइसे एह सीन का पहिले शंकर का घर के करमचारियन का मार्फत ई साफ हो जात बा कि शंकर काला धंधा करे ला. आ भोले का मौजूदगिओ में शंकर के गुर्गन का लगे कबो सुपारी खातिर त कबो दुबई के काम खातिर फोन आवत रहत बा, बाकिर भोला सुपारी के पान सुपारी आ दुबई के दवाई से जोड़ के देखऽता.
ओह दिन कम से कम दू दफा अइसन भइल कि मनोज तिवारी का चलते मिथुन चक्रवर्ती नाराज भईलन आ हमरा उनका के मेकअप वैन में जा के मनावे के पड़ल. मिथुन हमरा से खुद त कुछ ना कहलन, बाकिर जवना शख्स के हम अतना करीब से जानऽतानी ओकर हाव भाव हमरा से छुपल थोड़े रह सकेला? पहिलका हालि मिथुन के तब खराब लागल जब हम भले आ शंकर का बीच एगो इमोशनल सीन शूट करत रहीं. जइसन कि हर पेशा में होला, सीनियर अपना सीनियरिटी के लिहाज चाहेला आ नवही लोग, चाहे जतना कामयाब होखो, के अपना सीनियर के आदर करहूं के चाहीं. हो सकेला कि मनोज तिवारी एह बाति के ना समुझ पइले होखसु आ उनुका से जवन भइल तवन अनजाने में भईल होखे, बाकिर फिलिम के यूनिटो के लोग के ऊ बात खराब लागल रहे. भईल अइसे कि महतारी के जिकिर अवते शंकर का आँख में लोर आ जात बा, आ बड़ भाई के रोवत देखि भोलो रोवे लागऽता. फिलिमन में लोर ले आवे खातिर कलाकार लोग ग्लिसरीन के उपयोग करे ला. एकरा छुवाते आँख से लोर छलके लागेला आ एकरा के देर तकले आँख का संपर्क में राखलो ना जा सके. लिहाजन कलाकार पूरा शॉट रेडी भईला का बाद आ एक्शन बोले जाये से ठीक पहिले एकर कुछ बूंद आँखिन का कोर पर राखे ले. अगर एके साथे दू गो भा बेसी कलाकारन के ग्लिसरीन के इस्तेमाल करे के होखे त परंपरा इहे बा कि सीनियर मोस्ट कलाकार सबले आखिर में ग्लिसरीन लगाई. हम सीन लगवनी, लाइटिंग फिक्स भईल. कलाकारन के पोजीशन तय भईल. सहायक निर्देशक करन त्रिपाठी क्लैप सम्हरलन. हमरा एक्शन बोले का मूड में आवते मिथुन मनोज का ओरि देखलन. मनोज अंगुरी पर ग्लिसरीन रखलन. मिथुनो अपना मेकअपमैन से ग्लिसरीन लिहलन आ अपना आँख में लगा लिहलन. ओने मनोज ग्लिसरीन लगइबे ना कइलन आ ककही से बाल ठीक करे लगलन. मनोज के ग्लिसरीन लगवले बगैर हम एक्शन बोल ना सकत रहीं आ मिथुनो बेसी देर ले आँख बन्द कर के ना राख सकत रहलन. देरी होत देख हम मिथुन से आँख खोल लेबे के कहनीं आ बहाना बनवनी कि लाइट के कुछ प्राब्लम से शॉट शुरु ना हो सकल. बाकिर जब हम जँघिया पेन्ह के घूमत रहीं मिथुन तब से एह इण्डस्ट्री में बाड़े. ऊ कनखी से मनोज का ओरि तकलन फेर हमरा ओरि. मनोज अबकी बेर झट से ग्लिसरीन लगा लिहलन. मिथुनो बिना कहले फेर से ग्लिसरीन लगवलन, हम तयरते रोल साउंड, कैमरा, एक्शन बोलनी. एके टेक में सीन ओके भईल आ मिथुन जाके अपना मेकअप वैन में बईठ गइलन.
अगिला शॉट लागल. दुनू के बोलावल गईल बाकिर केहू ना आईल. मनोज एह गुमान में रहलन कि ऊ आखिर में अईहन. मिथुन शायद तनी अपसेट हो गईल रहलन. पहिले असिटेंट डायरेक्टर बोलावे गइलन, फेर चीफ असिस्टेंट डायरेक्टर. बाकिर दुनू जाना ना अइलन. झक मार के हम बाहर निकलनी. पहिले मिथुन चक्रवर्ती के वैन के दरवाजा खोलनी. हमरा के देखते ऊ चट से ऊठ गईलन आ पलक झपकते बहरी आ के खड़ा हो गईलन. एकरे के कहल जाला डायरेक्टर के सम्मान. बगल में खड़ा मनोजो के वैन के दरवाजा हम ठोकनी. उहो बहरी निकललन. हमनी का सेट पर चहुँपली जा. हम दुनू जने के पोजीशन समुझवनी. लाईन एक हालि फेर से बतलवनी. सिचुएशन रहे कि भोले आडिशन दे के आइल बा आ अकेले शो करे का नाम पर घबड़ाइल बा. शंकर ह बात पर सभे घरवालन के बोलावे के बात करत बा. भोले का जुबान पर गौरी के नाम आवत आवत रहि जात बा आ शंकर छोट भाई के ई कलाकारी भाँप जात बा. ऊ बहाना से गौरी के नाम लेत बा त भोले का रोल में दम भरे खातिर मनोज तिवारी के चिहुँके के अदाकारी कुछ अइसन कइलन कि समे बदलि गईल. मनोज सीन पर हावी होत जात रहलन, बाकिर मिथुन जइसन कलाकार अइसन कइसे होखे दित? से शंकर के रोल के एकइस राखे खातिर मिथुनो कुछ खास अंदाज देखलवलन आ सीन ओ के हो गईल. मिथुन के ई दांव पूरा यूनिट के दिल जीत लिहलसि आ उनुका खातिर ताली बाजे लागल. अब मनोज के ई बात खटक गईलॆ त ऊ सीन में एगो पुछल्ला जोड़े के निहोरा कइलन. उनुकर मान राखत हम उनुकर उहो डायलाग शूट कइनी आ फिलिम में रखबो कइनी. बाकिर हमरा साफे लउकत रहे कि मनोज का तरफदारी कइला का चलते मिथुन के नजर बदलल ढंग से हमरा के देखत रहुवे. दादा के हम फेर मनवनी. ऊ मानिओ गईलन. मिथुन के एह सीन का बाद पैकअप रहुवे बाकिर मनोज तिवारी के काम अबहींबाकी रहे. ओह दिन सबेरे दस बजे से शुरू भईल शूटिंग रात के दस बजे ले चलत रह गइल आ एही दिन जोश में आइल मनोज तिवारी एगो सीन में देखा दिहलन आपन पूरा दमखम. हमरा अपना नजरिया से मनोज के एक्टिंग एह सीन में पूरा फिलिम में सबले बढ़िया बा. कवन सीन हऽवे ई आ कइसे भईल एकर शूटिंग? एह पर चर्चा काल्हु. पढ़त रहीं, कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(28) भोले शंकर, मनोज तिवारी आ डॉ सुनील...
भोजपुरी के सुपर स्टार मनोज तिवारी आपन सारा काम खुदे करे ले. डेट्स के मैनेजमेंट होखे. स्क्रिप्ट के सेलेक्शन होखे भा छोट बड़ कवनो बाति ले के प्रोड्यूसर से ले के पीआरओ तक के मीटिंग. एह बात में उनुकर बड़प्पनो छुपल बा आ लड़िकपनो! मनोज तिवारी भोजपुरी सिनेमा के नया चमक जरुरे दिहले बाकिर ऊ चहतन त इंडस्ट्री के एगो नया सिस्टम दे दिहले रहतन. जइसे कि हिन्दी सिनेमा के बड़ बैनर्स पर आरोप लागेला कि ऊ लोग सगरी बड़ बड़ सितारन के अपना शिकंजा में कर लिहले बा लोग जबकि ऊ लोग चाहे त नया चेहरा के अपना बैनर का बूता पर लांच कर सकेला. वइसहीं भोजपुरी सिनेमा के बड़ सितारन पर ई आरोप लाग सकेला कि ई लोग एह इंडस्ट्री के सुधारे बदे अब ले कुछुओ ना कईल. एहिजा सब कुछ राम भरोसे चलेला. एकर वजहा बा कलाकारन के एक्टिंग का अलावा दोसरा कामन में जरुरत से अधिका दिलचस्पी. ना त जवन टैलेंट एह इंडस्ट्री का लगे बा ओकरा बल पर ई लोग तमाम दोसरा रीजनल फिलिम इंडस्ट्री के छुट्टी कर सकेला. वइसे एह इंडस्ट्री के छुट्टी करावे में कुछ लोग आउरी दिल से लागल बा, ओकर बात तनी रुक के...
पिछलका लेख में हम बात करत रहनी कि कइसे ओह दिन सबेरे दस बजे से शुरू भइल शूटिंग रात के दस बजे ले चलत रह गइल आ ओहि दिन जोश में आइल मनोज तिवारी एगो सीन में आपन पूरा दमखम देखा दिहलन. हमार मानल बा कि फिलिम भोले शंकर में मनोज के एक्टिंग एह सीन में सबले उम्दा बाटे. ई सीन तब आवत बा जब मनोज तिवारी, यानि कि भोले, इंटरव्यू का दौरान गौरी के पहिचान के हाथे आइल नौकरी ओकरा के सँउप देत बा. देखे में बात छोटहन बा, बाकिर समुझे चलीं त बहुते गहीर. एह सीन के बाद भोले अपना के सहज करे खातिर यार दोस्तन का साथ गानो गावऽता, बाकिर गौरी के घर के बात ओकरा भुलाइलो नइखे भुलात. अगिला सीन में भोला अपना दोस्त, यानि कि गोपाल सिंह, के क्लास लेत बा. गाना बजाना का बाद संतराम आ के अपना बिछवना पर सूति जात बा, बाकि भोले बेचैन बा. ऊ संतराम के झिंझोड़त बा. ऊ कहत बा कि अगर कवनो मरद के बेइमानी करिके अन्न खाए के पड़े त ओकरा ले बड़हन पापी दोसर ना होई. ई चोट ओहन लोग पर बा जेकरा मुंहे हराम के कमाई के खून लाग गईल बा. ई पूरा सीन महज तीन शाट्स में आ दू घंटा में पूरा भईल बा. आ एह सीन में मनोज तिवारी का चेहरा पर झुंझलाहट, खीसि, आ लाचारगी तीनो के जवन मिलल जुलल भाव एके साथे आइल बा, ऊ काबिले तारीफ बा.
मनोज तिवारी बहुते बढ़िया गायक हउवन. अभिनेतो ऊ नीमन हउवनन बाकिर बेसी बढ़िया अभिनय ऊ तब करे ले जब कैमरा चालू ना रहे.कैमरा का सोझा ऊ कई हालि ऊ कतहीं आउरी खो जालन.हमार मानल बा कि मनोज तिवारी थोड़िका अपना सेहत पर आ थोड़िका अपना किरदार पर धेयान देबे लागसु त हिन्दीओ फिलिम में उनुका खातिर गुंजाइश कम नइखे. हमार अकसरहां एह विषय पर मनोज तिवारी से बात होखेला. मनोज के दिली ख्वाहिश बा सासाराम के नायक शेरशाह सूरी पर फिलिम बनावे के. हिन्दुस्तान में मुगलिया सल्तनत के पहिलका बेर चोट चहुँपावे वाला एह मुसलमान के कहानी में देशभक्ति आ दिलदारी के कई गो पेंच बा. ओकरा कहानी में ड्रामो बा, इमोशनो बा, एक्शनो बा, आ पैशनो बा. बाकिर शेरशाह सूरी के परदा पर उतारल आसान काम नइखे. एह किरदार पर हमहूँ बहुते काम कइले बानी आ अबहींओ बहुते काम बाकिये बा. मनोज तिवारी आ मिथुन चक्रवर्ती के अगिलको दिने परवनी हाउसे में शूटिंग रहुवे, बाकिर मनोज तिवारी ओह दिन शूटिंग ना कइलन. ऊ चल गइलन गुजरात के राजपीपला, एगो अइसन फिलिम के शूटिंग खातिर जवना के यूनिट ओहिजा एक हफ्ता से पड़ल रहुवे. बाद में मालूम भईल कि मनोज तिवारी ऊ फिलिम ना कइलन आ एने हमनी के पूरा एक दिन आ मिथुन चक्रवर्ती के पूरा एगो डेट बेकार हो गइल.
खैर, एक दिन नागा का बाद हम फेरु परवनी हाउस चहुँपनी. तय भइल कि पहिले छठ गीत के शूटिंग कर लिहल जाव, मिथुन चक्रवर्ती आ मनोज तिवारी दुनू जने एह गीत में दू भाईयन के आपसी सनेह देखलवलन त शबनम देखलवली महतारी के ममता. बिहार के वितरक रमाकांत प्रसाद जब इ गाना देखलन त कहलन कि ई रउरा फिलिम के प्लस प्वायंट बा. रमाकांत प्रसाद के दिली ईच्छा रहुवे कि भोले शंकर के उहे बिहार में वितरित करसु, बाकिर जइसन हम पहिलहूं कह चुकल बानी, निर्देशक के कारोबारी मामिला से अलगहीं रहे के चाहीं. मशहूर फिलिम निर्माता आ बिहार के बड़ वितरक अभय सिन्हा निर्माता के मुँहमाँगल शर्त पूरा करत भोले शंकर के बिहार में वितरण के अधिकार हासिल कइले बाड़न. बाकिर पेंच अब ई बा कि अभय सिन्हा आ बिहार के दबंग राजनीतिज्ञ डा॰सुनील के आपन आपन जवाबी खेमा बा आ डा॰ सुनील के भोजपुरी फिलिम में काम करे से मिथुन दा इन्कार कर चुकल बाड़न. डा॰ सुनील के फरमान बा कि पहिले भोले शंकर के निर्माता पांच लाख रुपिया, पहिले ऊ दस लाख रुपिया मंगले रहलें, उनुका संस्था का लगे जमा करस तबहियें ऊ भोले शंकर के बिहार में रिलीज होखे दीहें.
हम आजुवे, २० अगस्त के, पटना जा रहल बानी. मालूम त ईहे बाकि ओहिजा बीजेपी आ जेडीयू के लोकतांत्रिक सरकार बा. डा॰सुनीलो जेडीयू के नेता हउवन आ जेडीयू के अध्यक्ष शरद यादव से हमरा तमाम मित्रन के करीबी रिश्ता बा. बीजेपी आ जेडीयू सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के छवि एगो साफ सुथरा नेता के रहल बा आ उनुका शासन में रंगदारी का मामिलन में कमी आइल बा अइसन लोगो बतावत बा. वइसहूं जब महाराष्ट्रो तक में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भोजपुरी सिनेमा के विरोध बन्द कर दिहले बा त डा॰सुनील जइसन अनुभवी लोगन के भोजपुरी सिनेमा के प्रचार प्रसार में तन मन धन से सहयोग करे के चाहीं. ना कि अपना अहम भा निहित स्वार्थ का चलते एकरा तरक्की का राह में रुकावट बने के चाहीं.
हमहूँ कहाँ से कहाँ चहुँप गइनी. कहाँ त लिखत रहनी भोले शंकर के मेकिंग आ कहवां अझुरा गइनी एकर रिलीज होखे के ले के हो रहल परेशानियन में. दरअसल रचनाशील इंसान के दिल आ दिमाग में जवन होला, लिखत समय उहे कागज पर आ जाला. हरफ के कारीगरी में अझुराइल रहे वाला हमरा लेखा इंसान के अब सियासी गोटियन के गिनती करे के पड़ रहल बा,बचा लीहऽ ए भोले शंकर ! बाकी अगिलका अंक में...
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(29) शंकर के ताण्डव
परवनी हाउस के शूटिंग निपटवला का बाद हमार अगिलका पड़ाव रहुवे फिल्म सिटी स्टूडियो. एह दिन फिलिम के दू गो खास सीन शूट होखे वाला रहुवे. ए दुनू सीन का बारे में बतावे से पहिले हम अपना सगरी पाठकन के एगो खुशखबरी दे दिहल चाहत बानी. फिलिम भोले शंकर पांच सितम्बर के पूरा भारत में रिलीज होखे जा रहल बा. पहिले भयंकर बारिश आ कुछ तकनीकी कारणन से भोले शंकर १५ अगस्त भा २९ अगस्त के रिलीज ना हो पावल. दूसरका नीमन खबर ई बा कि मिथुन चक्रवर्ती का फिलिमन पर बिहार में लगावल प्रतिबन्ध उठा लिहल गइल बा. ओहिजा के एसोसिएशन निर्माता आ वितरकनके दिक्कत देखि के ई नियम बनवले बा कि जे भी निर्माता बिहार में मिथुन चक्रवर्ती के फिलिम रिलीज कइल चाही ओकरा मिथुन चक्रवर्ती का उपर कथित बकाया राशि के कुछ हिस्सा एसोसिएशन का खाता में जमा करे के पड़ी आ एही चन्दा का राशि से एसोसिएशन के अध्यक्ष डा॰ सुनील के बकाया कथित रकम के भरपाई कइल जाई.
हमनी का बिहार का राजधानी पटना में फिलिम भोले शंकर के म्यूजिको रिलीज कइनी सन आ एह मौका पर फिलिम के हीरो मनोज तिवारी का साथे फिलिम के निर्माता गुलशन भाटिया के बेटा गौरवओ भाटिया मौजूद रहलन. बिहार का लोगन में फिलिम भोले शंकर के लेके ढेरे उत्सुकता लउकल जवना खातिर भोले शंकर के पूरा टीम आभारी बा. हम भोजपुरी समाज से बस अतने अनुरोध आ आशा करत बानी कि सभे लोग अपना पूरा परिवार का साथे ई फिलिम देखो, काहे कि भोले शंकर जइसन फिलिमन के कामयाबिए में भोजपुरी फिलिमन के नया दिशा संकेत लुकाइल बा. भोजपुरी का नाम पर बीच में तमाम अइसन फिलिम बनली सन जवना के शायदे रउरा लोग अपना पूरा परिवार का साथ बईठ के देख सकीले. हमार इहे कहनाम बा कि भोले शंकर एगो अइसन फिलिम बा जवना के ससुर पतोह आ बाप बेटी एके साथे बईठ के देख सकेले आ पूरा फिलिम का दौरान अइसनका एकहू छन ना आई जवना में एक दोसरा से नजर चोरावे के जरुरत बुझाव. टी सीरिज का बैनर तले जारी फिलिम के संगीत भोजपुरी इलाकन में धूम मचा रहल बा. हर जगहा म्यूजिक कैसेटन के बहुत बढ़िया बिक्री हो रहल बा. रउरो एह फिलिम के संगीत सुनीं आ हर तरह के तनाव से मुक्ति पाईं.
त हम बात करत रहनी फिलिम सिटी मे ढिलिम भोले शंकर के शूटिंग के. ओह दिन घाम ढेरे तिक्खर रहुवे. हम त फिलिम के शेड्यूल बना लिहनी बाकिर रात में पता चलल कि मनोज तिवारी त मुंबई में हईये नइखन. मनोज से फोन पर बात भईल त ऊ कहलन कि सबेरहीं लखनऊ से फ्लाइट पकड़ के सोझे फिल्म सिटी चहुँपिहन. कैमरा मैन राजू के जी उनही का संगे रहलन. से हम राजू के जी के सहयोगी कैमरा मैन के ले के सबसे पहिले मिथुन के सीन्स लेबे के फइसला लिहनी. भोले से झगड़ के शंकर महतारी का साथे गाँव लवटे के फैसला करत बा. एह सीन में मिथुन खेत में बैलन का साथे हर चलऽवलन, बिया डललन, आ अपना महतारी का चेहरा पर बरिसन बाद मुस्कान देखि के धन्य हो गइलन. तिक्खर घाम में ठीक दुपहरिया जब बिना छाँह कतहीं खड़ो भईल दूभर रहे, मिथुन बिना उफ कइले ई सीन कइलन. ऊ बेर बेर पसीना पसीना हो जात रहलन, बाकिर सच्चा कलाकार का होला, मिथुन ई एक हालि फेरु से साबित कर देखवलन.
एह सीन के निपटत निपटत मनोजो तिवारी के सवारी फिल्म सिटी चहुँप गइल. जइसन कि हमेशा होखे ला, मनोज तिवारी जब सेट पर आवेलन त उनुका साथे एगो छोटहन मेलो रहेला. सभ केहू के कवनो ना कवनो काम रहेला आ अइसनका लोगन पर रूआब जमावे के मउका ऊ फिलिम शूटिंग का सेते पर खोजेलन. हिन्दीओ फिलिमन में ई बेमारी रहेला आ प्रोड्यूसर के पइसा जरे त जरे, हीरो अपना चमचन से बतियवला का बादे कैमरा का सोझा जाई. खैर, गनीमत बा कि ई बेमारी अबहियों ढेर नइखे पसरल.
मनोज तिवारी के मेकअप चालू भईल त ओहि बीच फाइट मास्टर आर पी यादव मिथुन के सोलो सीन लिहल शूरु कर दिहलन. ई सीन फिलिम में इन्टरवल का पहिले आवत बा आ एही सीन में दुनू भाईयन के मुंबई में मिलनो होत बा. लोकेशन पर जेतना फाइटर रहलन सभे हिन्दी फिलिम में काम करे वाला रहलन आ ओहमें से अधिकतर कवनो ना कवनो फिलिम में पहिलहूं मिथुन का साथे काम कर चुकल रहलन. मिथुन जइसन कलाकार के बड़प्पन इहे बा कि ऊ सेट पर यूनिट का हर सदस्य का साथे घुल मिल जालन. फाइटर होखे भा फाइट मास्टर, सभका खातिर उनुका हिरदया में बरोबरे प्यार रहेला. ओह दिन हमनी का एगो कार के शीशो तूड़े के रहुवे आ ओकरा खातिर मिथुन के एक ह एक करिके फाइटरन के कार का ऊपर फेंके के रहुवे. कार के शीशा तूड़त फाइटर के भीतरी घुसल आसान शॉट ना होला. विंडस्क्रीन का उपर सबसे पहिले फाइट मास्टर के भाई यादव के गिरे के रहुवे. सारा शॉट लाग गइल रहे. एगो कैमरा कार का बहरी आ एगो कार का भीतरी लगावल गइल. कांच तूड़े खातिर ब्लास्ट वगैरहो चिपका दिहल गइल रहे. फाइट मास्टर एक्शन बोललन, फाइटर मिथून पर हमला बोललसि, आ मिथुन मार्शल आर्ट के खास पंच के इस्तेमाल करत फाइटर के कार का ओरि उछाल दिहलन. फाइटर हवा में उछलल आ सीधे विन्डस्क्रीन पर आके गिरल. कार के शीशा टूटल, फाइटर कांच का ऊपर गिरल. फाइट मास्टर ओके बोललन आ सभ केहू रिलैक्स हो गइल. बाकिर, ई का? फाइटर त अपना जगहा से उठबे ना कइलसि! सब केहू ओकरा ओर दउड़ल. देखल गइल त कांच के एगो मोटहन टुकड़ा फाइटर का कपार में धँस गइल रहे.मिथुन खुदे दउड़ के मौका पर अइलन. पूरा लोकेशन पर हल्ला मच गइल. फाइटर के उठा के किनारे राखल गइल. एने ओकर मरहम पट्टी शुरु भइल, ओने अगिलका शॉट के तईयारी होखे लागल. मनोज तिवारी अबहीं ले अपना मेकअपे वैन में रहलन. अगिलका शॉट मिथुन आ मनोज तिवारी के काम्बिनेशन फाइट के रहे लिहाजन दुनू जाना के फ्रेम में रहल जरुरी रहे. मनोज तिवारी आ मिथुन चक्रवर्ती के कांबिनेशन फाइट के सीन शूट होखते मिथुन के पैकअप हो गइल. बाकी बचल रहे मनोज तिवारी के सोलो फाइट शॉट्स, उहो बेरा गिरत गिरत हमनी का शूट कर लिहनी. अब बसएक दिनके शूटिंग बाकी रह गइल रहे. ओकरा बारे में बात काल्हु. पढ़त रहीं, कइसे बनल भोले शंकर?
कहल सुनल माफ.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(30) कोसी के कहर
रहिमन विपदा वो भली जो....
स्कूल में रहनी त पढ़ले रहीं कि करमनाशा नदिये के कोसी कहल जाला आ बिहार में एकर जइसनका कहर एह साल दिखाई दिहलसि वइसनका शायद पहिले कबहूँ ना देखल गइल.दुख एह बाति के बा कि एकइसवीं सदी में चहुँपला का बादो हमनी का प्राकृतिक विपदा से निपटे खातिर तनिकि तइयार नइखीं जा. केन्द्र सरकार जइसनका कि अमूमन बम विस्फोटन का बाद करे ले, अबकियो बेर कोसी नदी के कहल का बाद ऊ वइसने कुछ कइले बिया. ओकर कहनाम इहे रहेला कि हम त राज्य सरकार के पहिलहीं चेता दिहले रहीं.
अब भाई रउरा लगे जब सूचना रहबे करुवे, आ रउरा मालूम रहुवे कि सूचना दिहला का बादो राज्य सरकार कुछ ना कइलसि त रउरे का कर लिहनी? फिलिम भोले शंकर के पूरा टीम के बिहार के बाशिंदन साथे हार्दिक सहानुभूति बा. आजुवे साँझ हम भोले शंकर के हीरो मनोज तिवारी का आफिस में रहनी. साथ में फिलिम भोले शंकर के बिहार के वितरक अभयो सिन्हा रहुवन. सभका मन में इहे ख्याल घुमत रहुवे कि कोसी के कहर झेलत लोगन के मदद कइसे कइल जा सकेला. हमनी का पांच सितम्बर के पटना जाये वाला रहीं काहे कि ओही दिने भोले शंकर रिलीज होखे वाला रहे बाकिर बिहार में बाढ़ का दौरान अइसनका कवनो कार्यक्रम कइल ठीक ना रहित. अभये जी सुझाव दिहलन कि हमनी के एक हफ्ता आउरी इंतजार कर लेबे के चाहीँ. त फैसला इहे भईल बा कि भोले शंकर फिलहाल पांच सितम्बर के रिलीज ना कइल जाई. आधा से बेसी बिहार जब बाढ़ में डूबल होखे तो जश्न मनावलो जाय त कइसे?
बिहार के बाढ़ से मनोज तिवारिओ ढेर दुखी लउकलन. ऊ चाहत बाड़न कि भोजपुरी फिलिम इण्डस्ट्रीज का तरफ से एह बाढ़ पीड़ितन के मदद खातिर कुछ कइल जाव. हो सकेला कि आवे वाल दिन में ऊ बाढ़ पीड़ितन के मदद खातिर कुछ शोज वगैरह भी करस. आम तौर से त अँजोरिया खातिर एहिजा हम फिलिम भोले शंकर का मेकिंगे का बारे में कुछ लिखे आवेनी. बाकिर पिछला कुछ दिन से कोसी के कहर देख देख के मन बहुते दुखी बा.एह खातिर ना कि भोले शंकर के रिलीज एक हालि फेरु टर गइल, बलुक एह खातिर कि बिहार में आइल राष्ट्रीय आपदा का दौरान बिहार के मदद करे खअतिर जन भावना के उभार के कमी लउक रहल बा. हमार अपील बा कि भोजपुरी समाज के एह मौका पर पूरा दुनिया में बिहार के लोगन के मदद खातिर अभियान शुरू करे के चाहीँ. शायद एही दिन खातिर कहल गइल बा कि,
रहिमन विपदा वो भली,जो थोड़े दिन होय.
हित अनहित या जगत में जान पड़त सब कोय.
बाकी अगली बार..
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(31) निमन फिलिम बनल बा भोले शंकर, कहलन मिथुन चक्रवर्ती
हिन्दी सिनेमा के चर्चित कलाकार हउवन मिथुन चक्रवर्ती. लोग आदर से उनुका के मिथुन दा ओ कहेला.बंगला में दा भा दादा बड़ भाई के कहल जाला. नक्सल आन्दोलन का जमाना में बंगाल पुलिस का हिट लिस्ट में रहल मिथुन दा अब बंगाल टाइगर मानल जालें. अभिनयो का दुनिया में उनकर एगो अलगा दुनिया बा, जवना में उनका के चाहे वाला लोग उनुका के निमन अभिनेता से बेसी निमन आदमी का रुप में जाने ला. साफ दिल के आ राष्ट्रीय अवार्ड विजेता ई भोला अभिनेता पहिलका बेर कवनो भोजपुरी फिलिम में काम कईले बाड़े. उनुका अभिनय से सजल भोजपुरी फिलिम भोले शंकर १२ सितम्बर के रिलीज हो रहल बा. एह अवसर पर दुनिया में सबले बेसी बिकाये वाला अखबार दैनिक जागरण के मिथुन दा एगो खास इन्टरव्यू दिहलन जवना के मूल रुप में रउरा लिंक के क्लिक करिके पढ़ सकी ले.
इन्टरव्यू में मिथुन दा कहलें कि भोले शंकर एगो पारिवारिक फिलिम बा. आजु के नवजवानन के केन्द्र में राख के लिखल एकर कहानी पढ़ के हम एकरा के करे के मन बनवनी. कहानी में दू भाई बाड़े, भोले आ शंकर. एहमें भोले के किरदार मनोज तिवारी आ शंकरके किरदार हम कइले बानीं. फिलिम के संदेश बा कि बेरोजगारी दूर करे खातिर खाली नौकरिये अकेला राह नइखे. आदमी अपना हुनर के भी आपन रोजगार बना सके ला.
भोजपुरी बोले में होखे वाला परेशानी का सवाल पर मिथुन दा कहलन कि तनिको ना. आ एकर डबिंगो हम खुदे कइले बानी आ उहो बिना कवनो रिटेक के. लोग फिलिम देख के खुश होखी.
निर्देशक पंकज शुक्ल का साथ काम करे का सवाल पर मिथुन दा कहलन कि पंकज शुक्ला का साथे उनुकर पुरान पहिचान हवे. गुरु फिलिम का प्रोमोशन का दौरान जब ऊ भोले शंकर के स्क्रिप्ट ले के अइलन त हम चिहुँक गइनी कि गजब के काम बा. तहिये हम तय कर लिहनी कि एह फिलिम के जरुर करे के बा. आ बाद में काम का दौरान पंकज में भरोसा आउरि बढ़ गईल.
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(32) भोले शंकर बिहार में रिलीज, सुपरहिट बनावे खातिर देखवईयन के आभार....
१२ सितम्बर २००८, ई दिन हमरा हरमेस इयाद रही, एह खातिर ना कि एह दिन हमरा निर्देशन में बनल पहिलका भोजपुरी फिलिम रिलीज भईल, बलुक एह खातिर कि भोजपुरी समाज ई देखा दिहलसि कि ऊ नीमन फिलिम पसन्द करे ला आ अइसन फिलिम अगर रिश्तन के बाति ढंग से करे त बिना कवनो अश्लीलता भा फूहड़पनो के भोजपुरी फिलिम कामयाब हो सकेली सन. फिलिम भोले शंकर का निर्माण का दौरान बिहार के तमाम बुद्धिजीवियन से हमार भोजपुरी सिनेमा के शक्ल आ सूरत बदले खातिर केहू ना केहू के त पहल करहीं के पड़ी. आखिर कबले महिला देह के सुंदरता बयान करे खातिर गीतकार मिसाइल आ बम गोलन के इस्तेमाल करत रहीहन आ कब ऊ दिन आई जब पूरा परिवार एके संगे बईठ के बिना एक दोसरा से नजर चोरवले कवनो फिलिम फेर से देख पाई.फिलिम भोले शंकर पूरा बिहार में १२ सितम्बर के एके साथ करीब दू दर्जन से बेसी सिनेमाघरन में रिलीज भईल. एक दिन पहिले हम मुंबई में रहनी. फिलिम के वितरक अभय सिन्हा से रात में बात भईल त उनुका बात से लागल कि ऊहाँ के बिहार में फिलिम के प्रचार प्रसार में ढेर मेहनत कइले बानी. फिलिम निर्माता का तरफ से होर्डिंग वगैरह समय से ना मिल पवला से भलहीं निराश रहल होखसु, बाकिर फिलिम के बिहार में पर्चारक प्रशान्त निशान्त से बात भईल त पता चलल कि पूरा बिहार में भोले शंकर के हल्ला हो चुकल बा. हमरा आ फिलिम के हीरो मनोज तिवारी के १२ सितम्बर के भोरे साढ़े पांच बजे का फ्लाईट से पटना चहुँपे के रहे. हम त पूरा रात सूत ना पवनी. कुछ त फिलिम के रिलीज से पहिले वाली बेचैनी आ कुछ रात में देर से सूते के आदत. सबेरे मनोज तिवारी से मुंबई हवाई अड्डा पर भेंट भईल त ऊ गला मिल के फिलिम रिलीज के बधाई दिहलन. हमनी का दुनू जने हवाई जहाज में बईठनी जा त हमार त बईठते आँख लाग गईल. पटना हवाई अड्डा पर चहुँपनी जा त वितरक अभय सिन्हा के गाड़ी मौजूद ना रहुवे. हमरा लागल कि अबहीं त फिलिम रिलीजो ना भईल आ अभय जी अबहिंये से हाथ खींच लिहलन! मनोज तिवारी के एगो दोस्त के गाड़ी हमनी के ले जाये खातिर चहुँपल रहे. हमनी का जब एयरपोर्ट से निकलनी जा तबले अभय सिन्हा के भाई अरुण सिन्हा गाड़ी लेके चहुँपलन. हमनी का कुछ देर खातिर मौर्या होटल में आराम करे के कार्यक्रम रहे आ ओकरा बाद हमनी का जाये का रहे अपना साल भर के मेहनत के रिपोर्ट कार्ड लेबे पटना के एलफिन्स्टन थियेटर.
जइसे जइसे घड़ी के कांट आगा खिसकत रहुवे हमार बेचैनी बढ़ल जात रहुवे. पटने से पहिले पापा के फोन कइनी आ फेर माई से आशीर्वाद लिहनी. दिल में भरोसा रहुवे कि फिलिम के दर्शकन के प्यार जरुर मिली. बाकिर कहल जाला नू कि जबले होनी के होत देख ना लिहल जाव तब ले ऊ इतिहास में दर्ज ना हो पावे. साढ़े एगारह बजे से खबर आवे लागल कि एलफिन्स्टन में गोड़ो राखे के जगहा नइखे बाँचल. भोले शंकर के संवाद लिखे में हमार भोजपुरी ज्ञान बढ़ावे वाला अजय आजाद के तबहिये फोन अउवे कि बक्सर में भोले शंकर देखे वालन के अतना भीड़ जुट गइल बा कि पुलिस के लाठी भाँजे के पड़ल बा. निमन खबर के बोहनी हो गईल रहे. फेर एलफिन्स्टनो से खबर आईल कि भीड़ ओहिजो बेकाबू हो रहल बा. हमनी का करीब बारह बजे होटल से निकलनी स. अपना मेहनत के पोस्टर पूरा पटना में एयरपोर्ट से आवते घरी देख चुकल रहनी बाकिर एलफिन्स्टन थियेटर पर लागल भोले शंकर के पोस्टर आ थियेटर में कईल गईल जबरदस्त सजावट देख के मन भावुक हो उठल. भीतरी चहुँपनी जा त मीडीया के बड़हन जमावड़ा रहुवे.हमनी का फिलिम से बिहार में होखे वाली आमदनी के दस फीसदी बिहार में आईल बाढ़ से प्रभावित होखे वालन के मदद खातिर देबे के एलान कइनी जा. हॉल में फिलिम शुरु हो चुकल रहे. पूड़ा हाल खचाखच भरल रहुवे आ अगिला शो के टिकट बिकल शुरु हो गइल रहे. हमनी का दर्शकन के एह प्यार पर माथ झुका के आभार प्रकट कइनी जा. मनोज तिवारी का चेहरा पर के खुशी देखे लायक रहुवे. पिछला साल अक्टूबर में फिलिम जनम जनम के साथ का बाद ई उनुकर पहिलका फिलिम रहुवे जवना के शो हाउसफुल होत रहुवे. मनोज तिवारी खुशो रहुवन आ दर्शकन के आभारियो, जे लोग उनुका के फेर से माथ पर बईठा लिहले रहे. एलफिन्स्टन से बहरी निकल के हमनी का आरा के सपना थियेटर खातिर निकलनी जा. बीच में कुछ देर खातिर अभय सिन्हा जी का दफ्तर में रुकनी जा. पूरा बिहार से पहिलका शो के बुकिंग केनतीजा आ चुकल रहुवे. फिलिम हर जगहा हाउस फुल रहुवे.कहीं कहीं त थियेटर के क्षमता से डेढ़ा कलेक्शन भइल रहे.मतलब कि जतना लोग ओहिजा पहिले लागल सीटन पर बईठल रहे ओतने लोग टिकट ले के भीतरी खाड़ रहुवे भा अलगा से लागल कुर्सी पर बईठल रहे.
आरा चहुँपनी जा त पता चलल कि ओहिजा भीड़ के बेकाबू होखे से बचावे खातिर मैनजमेंट फिलिम के अगो शो सबेरे नवे बजे कर दिहले रहुवे. भोजपुरी सिनेमा में ईहो पहिलके हालि भईल कि कवनो फिलिम खातिर जुटल भीड़ के काबू करे खातिर थियेटर में एक्स्ट्रा शो करे के पड़ल. टिकट ब्लैको करे वालन का चेहरा पर महीनन बाद खुशी चमकत रहे. हर जगहा भोले शंकर के टिकट खूब ब्लैक में बेंचाईल. आरा में सबले बेसी खुशी हमरा फिलिम देखे आइल माई बहिनियन के देख के मिलल. ऊ लोग घर से निकली तबे भोजपुरी सिनेमा के शक्ल आ सूरत बदली.भोले शंकरएह दिशाईं आपन पहिलका डेग बढ़ा दिहले बा. अब बारि दोसरका निर्माता निर्देशकन के बा.
चलत चलत एक बात आउर. पटना में जुटल भीड़ देख के जब हम खुशी जतवनी त मनोज तिवारी कहलन कि पहिलका दिन के भीड़ के क्रेडिट फिलिम के हीरो के जाला. वइसे गंगोत्री जइसन फिलिमन में पहिलके दिन के सन्नाटा के उनुका लगे कवनो सफाई ना रहुवे. बाकिर मनोज तिवारी छोट भाई हउवन. अगर उनुका एह बात में खुशी मिलल त हमरा ना लागल कि एह पर हमरा कवनो एतराज होखे के चाहीं. मनोज तिवारी कहलन कि शुक हीरो के, शनिचर वितरक के पब्लिसिटी के, अतवार छुट्टी के होखेला. अगर फिलिम सोमारो के निमन करे तबे निर्देशक के खुश होखे के चाहीं. एहि चलते हम आजु सोमार का दिन के आंकड़ा मिलला का बादे अपना पाठकन खातिर ई लिख रहल बानी. पिछलका तीन दिन अलगा अलगा सिनेमाघरन में नब्बे से सौ फीसदी के कमाई भईल. आजुवो भोले शंकर कई सिनेमा हालन में हाउसफुल के बोर्ड लटकवले बा. फिलिम भोले शंकर हिट हो चुकल बा. हम आभार प्रकट करत बानी सबसे पहिले अपना निर्माता गुलशन भाटिया के जे एगो पारिवारिक कहानी पर फिलिम बनावे के बीड़ा उठवलन. फेर आभार जतावत बानी मिथुन चक्रवर्ती के, जे बिहारके फिलिम वितरक संस्था का ओर से मिलल तिरस्कार का बावजूद अपना चाहे वालन खातिर फिलिम भोले शंकर में काम कईलन आ एकरा बाद आभार भोजपुरी के शोमैन अभय सिन्हा के जे भोले शंकर के बिहार के कोना कोना तकले चहुँपावे में कवनो कोर कसर ना छोड़लन. आभार फिलिम के बाकी सभे कलाकारन के, मनोज तिवारी, मोनालिसा, लवी रोहतगी, राजेश विवेक,शबनम कपूर, गोपाल सिंह राघवेन्द्र मुद्गल, मास्टर शिवेन्दु, मास्टर उज्जवल आ बेबी निष्ठा वगैरह के, आ फिलिम के पूरा तकनीकि टीमो के.
आ अंत में अंजोरिये के आभार जेकरा बिना फिलिम भोले शंकर के मेकिंग रउरा लोग तकले ना चहुँपित. आ एक हालि फेर रउरा सभ से विनती कि भोले शंकर देखे आईं त अकेले ना, घर के सगरी मेहरारुवन के ले के आईं. विश्वास करीं, जेतना आनन्द ओह लोग के फिलिम भोले शंकर के देखत में आई ओहले कम रउरो ना आई.
कहल सुनल माफ,
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(33) आगे के सुधि लेहु...
हमरा से अकसरहां लोग ई पूछत बा कि हम भोजपुरी भाषी ना होखला का बावजूद पहिलका फिलिम भोजपुरिये में काहे बनवनी ? सांच पूछीं त एह सवाल के जवाब खुद हमरो अबले नइखे बुझाईल. जतना बजट में भोले शंकर बनल बा ओतना बजट में त खोसला का घोसंसला आ भेजा फ्राई जइसन फिलिम आसानी से बन जाइत. फेर भोले शंकर काहे ? शायद एह चलते कि जब हम फिलिम बनावेके फैसला लिहनी त ओह घरी हमरा सबसे सुलभ आ सस्ता सुपर स्टार मनोजे तिवारी लउकलन. पहिलके फिलिम अगर बिना कवनो सितारा के लिहले बना दिहलजाव त फिल्मी दुनिया में पहिचान बनावल मुश्किल हो जाला. इ अलगा बात बा कि भोले शंकर का मेकिंग का दौरान मनोज तिवारी के फिलिम एक एक करके लगातार नौ गो फिलिम फ्लॉप हो गइली सन आ अगर फिलिम भोले शंकर में मिथुन चक्रवर्ती ना रहतन त शायेद भोलहूं शंकर मनोज तिवारी का दूगो फिलिमन, ए भउजी के सिस्टर आ छुटका भईया जिन्दाबाद, लेखा रिलीज होखे के राहे तिकवत रहित. ई दुनू फिलिम भोले शंकर का पहिले से बनत रहली सन आ आजु ले सिनेमा हाल के मुँहना देख पवली सन त बस एही कारण कि मनोज तिवारी के टक्कर देबे खातिरअब खालि रविये किशन ना बलुक तीनचार गो आउरी तीसमार खाँ भोजपुरी सिनेमा में आ चुकल बाड़े. खैर, हम त इहे चाहेम कि मनोज तिवारी दिन दूनी आ रात चौगुनी तरक्की करस, शोहरत में सेहत में ना. बस अब समय आ गइल बा कि ऊ सोलो हीरो फिलिम करे के जिद्द छोड़ देस आ आपन फीस के व्यावहारिक धरातल पर ले आ के भोजपुरी सिनेमा के फेरसे वइसने सहारा देस जइसन फिलिम ससुरा बड़ा पइसा वाला से ऊ दिहले रहलन. भोले शंकर के चर्चा के एहिजे हम रोकत बानी आ अब आगा के बात...
भोले शंकर जब से बन के तईयार भइल बा आ टि सीरीज का मार्फत एकर प्रोमोज आ गाना टीवी चैनलन तक चहुँपल बा, हमरा कम से कम चार गो भोजपुरी फिलिमन के प्रोपोजल मिल चुकल बा. कम से कम दु गो निर्माता मिथुन चक्रवर्ती का साथे एगो आउरी भोजपुरी फिलिम बनावे के गुजारिश कइले बाड़न. दिल्ली के एगो निर्माता मनोज तिवारी आ निरहुआ के लेके कॉमेडी फिलिम बनावल चाहत बाड़न. बाकिर हम ना त केहू के हँये कहले बानी ना नाहिये. भोजपुरी सिनेमा चाहे त आपन कील कांटादुरुस्त कर के दोसरा क्षेत्रीय भाषावन के फिलिमन का लेखा सम्मानित सिनेमा का श्रेणी में आ सकेला. एह बात में दम बनल रही तबहिये मुंबई मंत्रा जइसन आउरी कंपनी एह भाषा में पइसा लगावे के हिम्मत जुटा पईहें सन. अभय सिन्हा जी के फिलिम हम बाहुबली के रशेज हम देखले बानी. रवि किशन एहमें मंटू गोप का किरदार में कमाल कइले बाड़े. फिलिम के फोटोग्राफिओ काबिले तारीफ बा आ संगीत में भोले शंकर का बाद धनंजय मिश्रा फेरु कमाल कइले बाड़े.
भोले शंकर आ हम बाहुबली दुनू के मेकिंग कवनो हिन्दी फिलिम से कम नइखे. निर्माण के लागतो कमोबेश बरोबरे बा. भोले शंकर के दाम अगर बाजार के दर पर लगावल जाव त दू करोड़ से कम ना बईठित, बाकिर अपना बेवहार का चलते हम अपना निर्माता के कम से कम तीस चालीस लाख रुपिया त बचाइये दिहले बानी. वइसे सांच पूछीं त भोजपुरी सिनेमा के देखनिहारन के अब निमन आ बाउर के फरक बुझाये लागल बा. ई अलगा बात बा कि बिहार के वितरकन के बही खाता अबहियों पुरनके ढर्रा पर चलत बा आ ओह लोग का झोरा से निकल के निर्माता के बगली तक पईसा पहुँचल दूरे के कौड़ी बनल बा. पूरा फिल्मी दुनिया बिहार के वितरकन का नाम पर जवन कहेले ऊ पूरा गलत ना होला ई अब कुछ कुछ हमरो लागे लागल बा. मुंबई में हिन्दी फिलिमन के चरचा होखत बेरा जब एकनी के लागत निकाले के बात आवेला त कवनो निर्माता बिहार से आमदनी के बात सोचबो ना करे. ई एह बात का बावजूद कि बिहार में करीब ६०० थियेटर बाड़ी सन आ एकनी में से कम से कम साढ़े चार सौ में अबहियों नियम से सिनेमा देखल जाला.
कहे के मतलब कि एगो ढंग के भोजपुरी फिलिम मरलो से मरल हालात में बिहार में छह महीना का भीतर कम से कम साठ से सत्तर लाख के कारोबार करेले. हँ शुरु के चार हफ्ता का बाद अइसनका कवनो फिलिम के बिहार के कवनो थियेटर में चले के जिकिर कवनो वितरक का बही खाता में ना होला. ई कमाई बस पर्चीये पर गिनाला आ वितरक का तिजोरी में सिमट के रह जाला. हम जब पिछला बेर बिहार गईल रहीं त देखुवीं कि निरहुआ रिक्शावाला अबहियों अंदरुनी इलाका में चलत बा. बाकिर शायदे निरहुआ रिक्शावाला के निर्माता के अब ओवरफ्लो का नाम पर बिहार से कुछ भेँटात होखी. समय आ गइल बा अब पेशेवर इमानदारी के आ बिहार के छवि मुंबई के निर्मातन का बीच संवारे के. वक्त बिहार के सिंगल स्क्रीन थियेटरन के दशा सुधारहूं के आ गइल बा. पसीना से तरबतर होखला का बावजूद फिलिम देखत लोगन के आरा में देखि के हमार मुड़ी श्रद्धा से झुक गइल. ईहे ऊ लोग बा जे सितारा बनावेलन. आ भोजपुरी के सितारा लोग बा कि एक हालि आसमान पर चढ़ गइल त फेर जमीन पर आवे के नामे ना लेबे.
कहल सुनल माफ,
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
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(34) मिथुन-मनोज तिवारी के भोजपुरी फिलिम भोलेशंकर सौ दिन पूरा कर लिहलसि.
बिहार में फिलिम के वितरण करे वाली कंपनी यशी फिल्म्स का आंकड़ा मुताबिक फिलिम के खाली बिहार से कमाई करीब पौन करोड़ हो गईल बा आ पांच गो सिनेमा हाल में अबहियों चल रहल बा. समुझ में ना आवे वाला बात ई बा कि भोजपुरी फिलिमन के बिहार में जवन कमाई होला ऊ प्रोड्यूसर तकले काहे ना चहुँपे. का भोजपुरी सिनेमा के रीढ़ तूड़े खातिर ऊ वितरक जिम्मेदार नईखन जे फिल्म बनावेवालन के वाजिब हक मार लेबे के किरिया जइसन खा लिहले बाड़न ? कवनो फिलिम के प्रोड्यूसर आपन खून पसीना के कमाई जोड़ के एगो फिलिम बनावे के हिम्मत करेला त का ऊ कवनो गुनाह करेला ? अईसनका ढेरे गैर भोजपुरी भाषी निर्माता बाड़ें जे भोजपुरी सिनेमा के अपनवले बाड़न आ दोसरोलोग अपनावल चाहत बा. बाकिर सबका मन में एके गो अनेसा बा कि बिहार के वितरक उनुका फिलिम से होखे वाली कमाई उनुका तक चहुँपे दीहें कि ना ? आ भोजपुरी सिनेमा में मंदी के दौर के सबले बड़ कारण इहे बा.
अपना वाजिब हक खातिर भोजपुरी फिलिम बनावे वाला निर्माता लोगन के एक मंच पर आवल बहुते जरूरी बा. भोजपुरी सिनेमा के आपन गौरव पावे के बा त एहमें से बिचौलियन के भूमिका खतम करहीं के पड़ी आ फिलिम के वितरण के अइसन कवनो सिस्टम बनावे के पड़ी जवना में पाई पाई के हिसाब निर्माता आ वितरक का बीचे पानी लेखा साफ होखे. आम आदमी के त बाते छोड़ दीं, फिलिम निर्माण से जुड़लो लोग के ई पता नइखे कि बिहार में कवनो बाहर के आदमी के फिलिम वितरण मेंघूसे पर अघोषित पाबन्दी बा. आ जबले बिहार सरकार एह पाबन्दी के दूर नईखै कर देत तबले फिल्म नगरी में बिहार के हमेशा शंका का नजर से देखल जात रही. आपन हक पावे खातिर निर्मतो लोग पहल करे आ बिहारो सरकार खाली जमीने दे के किनारे मत चलि जाव बलुक कोशिश करो कि सिनेमा कारोबार में पारदर्शिता आवे, तबहियें सबके आपनआपन वाजिब हक मिल पाई.
फिलिम भोलेशंकर में अपना पहिलका सीन में मिथुन चक्रवर्ती इहे कईलन. मिथुन एह फिलिम खातिर पहिलका दिने ऊ शाट दिहलन जवना में भोले के दोस्त संतराम उनुका लगे गौरी के अपहरण हो जाये के खबर ले के आवत बा. कमालिस्तान के क्रिस्टल हाउस में एह सीन के शूटिंग होखे के रहुवे आ हमनी का तय समय पर माल असबाब ले के चहुँप गईनी सन. मिथुन खातिर हम फिलिम गुलामी में उनुका कास्ट्यूम से मिलत जुलत ड्रेस तईयार करवले रहनी आ जब पीच कलर के ऊ ड्रेस पहिर के मिथुन कैमरा का सोझा अईलन त पूरा यूनिट दिल खोल के ताली बजवलसि. एकरेके कहल जाला असली सितारा के चमक. मिथुन के बतौर कलाकारो आ बतौर एगो इंसानो बालीवुड के बच्चा बच्चा पसन्द करे ला. ऊ भोजपुरी सिनेमा में काम करे खातिर तईयार भईलन ई उनुकर बड़प्पन रहे.
लोग हमरा से अबहियों पुछेला कि आखिर दादा मिथुन चक्रवर्ती फिलिम भोलेशंकर में काम करे खातिर तईयार कइसे भईलन ? फिलिम भोलेशंकर खातिर हँ कहे से पहिले मिथुन कम से कम दस गो फिलिमन के प्रस्ताव ठुकरा चुकल रहलन. ईहां तक कि बिहार के बड़ डिस्ट्रीब्यूटर आ प्रोड्युसर डाक्टर सुनील से भईल झगड़ा के जड़ो में एगो भोजपुरिये फिलिम रहुवे. बाकिर ना त हमनी के एकरा बारे में पहिले से पता रहे ना ही हमरा एह बात में इचिको इमानदारी लउकेला कि एगो कलाकार के फिलिम भारत के कवनो सूबा में एह चलते प्रदर्शित ना होखे दिहल जाव कि ऊ कलाकार सूबा के कवनो नेता के फिलिम में काम नइखे करे चाहत. मिथुन चक्रवर्ती के हिन्दी फिलिमन पर बिहार में रिलीज करे खातिर एक लाख के जुरमाना लगावे वाला लोग फिलिम भोले शंकर के बिहार में रिलीज होखे देबे खातिर दस लाख रुपिया माँगत रहलें. ई बा मिथुन के पहिलका भोजपुरी फिलिम के बिहार में क्रेज.
कहल सुनल माफ,
पंकज शु्क्ला
निर्देशक भोले शंकर
(समाप्त)
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