रविवार, 29 दिसंबर 2024

लोरी : चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला

 कविता

लोरी : चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला


- सुरेश कांटक



चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला,
राजा जी का राज में पड़ल बाटे पाला.

तेल चढ़ल ताड़ प, आकास में मसाला,
अदिमी बेकार, रोजगार ना भेंटाला.

टोपिया बा टप प, किसान जहर खाला,
चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.

चुप रहऽ, चुप रहऽ, मिलि गइल बालू,
सभ धन घोंटि गइल कालू जी के भालू.

हमनी के गुदड़ी, आ उनुका दोसाला,
चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.

बइठल निठाला, हमरा पंउवा में छाला.
पेटवा प पाला डाले, मुंहवा प ताला,

चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.
कांटक कहेले ओकर आका बाड़ें काका,

अपना सवादे बन करे नाका नाका.
लेबे खातिर धरती, मचवले बाटे हाला,

चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.
जलदी सयान होखऽ, नाग के नचईहऽ,

आरे मोरे बाबू एह बाग के बचईहऽ.
दईंता पाताल के ले जात बाटे खाला,

चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.
चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला,

राजा जी का राज में पड़ल बाटे पाला.
सउसे जिनिगिया विपतिये में कटल,

अणु बम छोड़े के बेचैन बाड़े पटल.
कहेले कि राम दोसर, दोसर हवे आला,

चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.
छम छम नाचेले मंहगिया बजार में,

नमरी के चीझुआ बेचात बा हजारमें.
कवन दो मुदईया लगावे मकड़जाला,

चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.
चुप रहऽ, चुप रहऽ, काल्हु भात खईब,

ढेर नधिअइब त मार लात खइब.
नेतवन के पूत मरे, कइलन स घोटाला,

चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.
परपी भगवनवा के आंखि बाटे फूटल,

हमनी के मूसरे से सीखले बा कूटल.
पछ करे पड़वन के पाके फूल माला,

चुप रहऽ, चुप रहऽ, आरे मोरे लाला.
दिनों दिन बढ़ता, जे काला धन खाला,
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कांट,
बक्सर - 802 112कविता
(दुनिया के भोजपुरी में पहिलका वेबसाइट अंजोरिया डॉटकॉम पर ई दिसम्बर 2003  में अंजोर भइल रहल)

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