सोमवार, 13 जनवरी 2025

का हम खुशी मनाईं

 का हम खुशी मनाईं


- त्रिभुवन प्रसाद सिंह प्रीतम



स्वागत ए छब्बीस जनवरी तोहरा पर बलि जाईं.
ठाला में पाला मरले बा, का हम खुशी मनाईं ?

घर में भूंजल भांग ना लउके, छउके मूस चुहानी.
कुक्कुर सूंघे छूंछ कंहतरी, फेंकल फिरे मथानी .

खाली पेट खराइल, भूक्खन नारा कवन लगाईं ?
ठाला में पाला मरले बा, का हम खुशी मनाईं ?

मेहरी के तन फटही लुगरी, कतना पेवन साटे.
जेकर करजा बा कपार पर, टोके राहे घाटे.

बीया, पानी, खाद, लगान के कईसे जुगुत लगाईं ?
ठाला में पाला मरले बा, का हम खुशी मनाईं ?

बबुआ कहलसि बाबूहो, हमके डरेस बनवा दऽ.
किरमिच वाला चउचक जूता जल्दी से मंगवा दऽ.

टका टेट के टा टा कहलसि, कइसे के समुझाईं ?
ठाला में पाला मरले बा, का हम खुशी मनाईं ?

नेताजी त भासन में राशन के बिछिली कईलें .
आशाके झांसा दे दे के, ऊ अपने दिल्ली गइलें.

ऊ संसद में चानी काटसु, हम छछनी छिछिआईं.
ठाला में पाला मरले बा, का हम खुशी मनाईं ?
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शारदा सदन,
कृष्णानगर, बलिया 277 001
(दुनिया के भोजपुरी में पहिलका वेबसाइट अंजोरिया डॉटकॉम पर ई जनवरी 2004  में अंजोर भइल रहल)


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